R B Chavda stories download free PDF

दिल ने जिसे चाहा - 6

by R. B. Chavda

रुशाली अब अस्पताल से घर लौट आई थी। जिस तरह से ज़िन्दगी ने उसे झकझोरा था, उसके बाद अब ...

दिल ने जिसे चाहा - 5

by R. B. Chavda
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रुशाली का वह दिन भी पिछली रात की ही तरह बीता – मन में वही डॉक्टर लड़का छाया रहा ...

दिल ने जिसे चाहा - 4

by R. B. Chavda
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रुशाली उस अस्पताल के जनरल वार्ड में रात के लगभग तीन से साढ़े तीन बजे अपनी माँ के पास ...

दिल ने जिसे चाहा - 3

by R. B. Chavda
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रुशाली की ज़िंदगी ठीक-ठाक चल रही थी। वह एक खुशमिजाज लड़की थी, जिसे अब तक न तो किसी से ...

दिल ने जिसे चाहा - 2

by R. B. Chavda
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रुशाली की ज़िंदगी उतनी ही सादी थी, जितनी उसकी सोच। न उसे बनावटी खूबसूरती की फिक्र थी, न ही ...

दिल ने जिसे चाहा - 1

by R. B. Chavda
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मैं यह कहानी दोबारा लिख रही हूँ, लेकिन इस बार बिल्कुल वैसे, जैसे मैंने इसे अपने दिल में महसूस ...

નવો દિવસ, નવી નોકરી, નવી તક

by R. B. Chavda
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હું મારી વર્તમાન નોકરી છોડી દેવા માગતી હતી, કારણ કે ત્યાં મારા કામની કદર નહોતી. મને કામ કરવું ગમે ...

जिंदगी के पन्ने - 9

by R. B. Chavda
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रागिनी के परदादी को गुज़रे कुछ महीने ही हुए थे कि उसके छोटे से शहर में हर साल की ...

આંખોની ભાષા: એક અનોખી પ્રેમકથા - (અંતિમ ભાગ)

by R. B. Chavda
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અનાયા અને રિધમ વચ્ચેનો સંબંધ હવે માત્ર મિત્રતા નહીં, પણ પ્રેમમાં બદલાઈ ગયો હતો. પણ અનાયા એ હજી સુધી ...

આંખોની ભાષા: એક અનોખી પ્રેમકથા - 3

by R. B. Chavda
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રિધમ અને અનાયા ની મુલાકાતો હવે નિયમિત બની ગઈ હતી. અનાયા પોતાનું દુઃખ વંચાવી રહી હતી, અને રિધમ એની ...