Dr. Suryapal Singh stories download free PDF

नकल से कहीं क्रान्ति नहीं हुई - 2

by Dr. Suryapal Singh

जीतेशकान्त पाण्डेय- आप बचपन की तीन महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र करते रहे हैं। वह घटनाएं कौन सी थी?डॉ0 सूर्यपाल ...

नकल से कहीं क्रान्ति नहीं हुई - 1

by Dr. Suryapal Singh
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नकल से कहीं क्रान्ति नहीं हुई डॉ0 सूर्यपाल सिंह साक्षात्कार ...

कोइयाँ के फूल - 3

by Dr. Suryapal Singh
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ग़ज़ल खण्ड1हाशिये पर जो यहाँ औंधे पड़े हैं।घर उन्हीं के बारहा क्योंकर जले हैं?हर किसी की ज़िन्दगी उत्सव न ...

कोइयाँ के फूल - 2

by Dr. Suryapal Singh
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कविताएँ/गीत/मुक्तक11कहकर गया थाकहकर गया थालौटकर आऊँगाकजरी तीज का दिन था।गाँव के उस पारकजरी गाने वालेगा रहे थे कजरी-लछिमन कहाँजानकी ...

कोइयाँ के फूल - 1

by Dr. Suryapal Singh
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कविताएं/गीत/मुक्तक1कोइयाँ के फूलताल में खिले हैंकोइयाँ के फूलआना तुम साथ-साथ खेलेंगे,साथ-साथ उछलेंगे-कूदेंगे,नीले पानी में आसमान देखेंगे।आना तुम साथ-साथ खेलेंगे।बेर्रा ...

कारवाॅं - 10(3)

by Dr. Suryapal Singh
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वंशीधर का दिमाग़ घूम फिरकर हठीपुरवा पर ही अँटक जाता है। वही नन्दू, हरवंश, तन्नी, ओर अंजलीधर का चेहरा ...

कारवाॅं - 10(2)

by Dr. Suryapal Singh
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वंशीधर का दिमाग उलझता जा रहा है। मानवाधिकार आयोग और हठीपुरवा उन्हें परेशान कर रहा है। निरंजन प्रसाद भी ...

कारवाॅं - 10(1)

by Dr. Suryapal Singh
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अनुच्छेद-दसप्रधान जी करुना और रामकरन के साथ अपने दरवाज़े पर अलाव पर चर्चा कर रहे थे। रात के ग्यारह ...

कारवाॅं - 9

by Dr. Suryapal Singh
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अनुच्छेद-नौगाँव में प्रधान पद को लेकर तरह तरह की अफवाहें। प्रधान, बीडीसी एवं जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए ...

कारवाॅं - 8

by Dr. Suryapal Singh
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अनुच्छेद- आठजब से ग्राम पंचायतों को सीधे विभिन्न मदों में धन मिलने लगा है, ग्राम प्रधान के चुनाव में ...