पुराने किले में हलचल.....गामाक्ष के जाते ही सब तरफ सन्नाटा छा जाता है, , सब बेसुध इधर उधर पड़े ...
आज पिशाच की जीत हुई.....अब आगे................अघोरी बाबा अदिति से कहते हैं...." बेटी उस त्रिशूल का उपयोग करो , , ...
तक्ष ने बदला अपना रुप....अब आगे..............तेज तेज हवाएं चलने से खिड़कियां जोरों से खड़खड़ की आवाज करने लगी जिससे ...
अदिति के हाथ में है सबकी किस्मत.....अब आगे.............अघोरी बाबा के भभूत डालने से उबांक तड़प उठता है और फिर ...
अदिति ने सब सुन लिया.....अब आगे.........दूसरी तरफ अघोरी बाबा जैसे ही विवेक के अलमारी के दरवाजे को खोलते हैं ...
आदित्य बेसुध हो चुका है...अब आगे..........आदित्य तक्ष को देखकर हैरान रह जाता है उसे देखकर वो भूल गया कि ...
विवेक की सुरक्षा किसने की.....अब आगे.............विवेक उससे बचने के लिए भागने की बजाय उस खंजर को उसकी तरफ करते ...
अधीराज के सामने कई चुनौती है.....अब आगे.............विक्रम हाॅस्पिटल के अंदर दाखिल होता है ,, ,।************दूसरी तरफ अधिराज के होश ...
मौत का तांडव....अब आगे..............." तुमने उसे लड़के को रुम से बाहर निकाला था...."विवेक हां में सिर हिलाता है..... फारेस्ट ...
राघव ने विक्रम को धमकी दी....अब आगे..................एकांक्षी बेहोशी में ही बड़बडा रही थी....." अधिराज तुम्हें कुछ नहीं होगा , ...