भाग 13 समय व्यतीत होता जा रहा था। आजकल मुझे माँ के घर की बहुत याद आ रही थी। ...
भाग 12 इस समय मेरी सारी जद्दोजहद बच्चों का भविष्य बनाने व अपनी गृहस्थी बचाने के लिए थी। प्रेम ...
भाग 11 मेरा भाई नौकरी के लिए प्रयत्न कर रहा था। माँ ने बताया कि इन्द्रेश पुनः टिकट पाने ...
भाग 10 वो मेरी सबसे अच्छी मित्र थी। कॉलेज के दिनों में हमारी मित्रता के चर्चे हुआ करते थे। ...
भाग 9 " बिटिया तू कब ले रूकबू? " दादी ने मेरी ओर देखकर पूछा। " हम..? दो-चार दिन ...
भाग 8 आज लगभग दो वर्षों के पश्चात् मैं माँ के घर आयी थी। अन्तराल पश्चात् आयी थी, अतः ...
भाग 7 यही तो हमारे समाज की परम्परा है। यही तो शिक्षा देता है हमारा समाज? हमारे माता- पिता ...
भाग 6 समय व्यतीत होता जा रहा था। दीदी का ग्रेजुएशन पूरा हो चुका था। उन्होंने स्नातकोत्तर की कक्षा ...
भाग 5 उस समय के पडरौना से अब का पडरौना भिन्न हो चुका है। अब यहाँ उतनी कट्टरता से ...
भाग 4 समय का पहिया अपनी गति से चलता जा रहा था। मैंने इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली ...