Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
Imaran

रह जाएगी दिल में एक कसक सारी उम्र, रह जाएगी ज़िन्दगी में तेरी कमी सारी उम्र, कट तो जायेगा यह ज़िन्दगी का सफर लेकिन रह जाएगी ख्वाहिश तुझे पाने की सारी उम्र 🤝 imran 🤝

Dada Bhagwan

Do you know that emotional agitation is very dangerous? One loses his consciousness during emotional agitation and so many karmas get bound. To know more visit here: https://dbf.adalaj.org/xqjFCNpC #angermanagement #angerissue #selfhelp #selfimprovement #DadaBhagwanFoundation

jighnasa solanki

GOOD MORNING EVERYONE 🌻☕🌻

soni

*"बेटे ने बाप को एक घड़ी गिफ्ट दी* *बाप ने एक गहरी बात कही* *बेटा कभी 'समय' भी दे दो" * *"एक समझदार व्यक्ति को* *उम्र भर केवल एक ही बात से ठगा जाता है...* *'तुम तो समझदार हो,* *तुम्हें तो समझना चाहिए'"*

વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા

महफ़िलमे यूं आप नजर आए और पसंद आ गए ये एक इत्तफाक है, और हर महफ़िलमे नज़र आपको ढूंढे ये मेरा इश्क है। - स्पंदन

kajal jha

दिल को ताक़त देने वाली एक मजबूत मोटिवेशनल शायरी पेश है — हौसलों की उड़ान रख, मंज़िलें ख़ुद झुक जाएँगी, तू बस एक क़दम बढ़ा… राहें अपने आप बन जाएँगी। गिरकर उठना ही असली जीत है, जो ठहर जाए वो कभी सफ़र पूरा नहीं करता। उम्मीद का एक चिराग़ दिल में जलाए रखना, अँधेरा कितना भी हो… रास्ता दिख ही जाता है। जो लोग तुझ पर हँसते हैं, उन्हें हँसने दे, अक्सर वही लोग कल तेरी कामयाबी के क़िस्से सुनाते हैं। तू बस मेहनत कर, लगन रख, खुद पर विश्वास रख— क्योंकि किस्मत भी वहीं झुकती है, जहाँ हौसलों का क़द बड़ा हो। - kajal jha

soni

*गहरी बात.. मोह खत्म होते ही खोने का डर भी निकल जाता है.. चाहे वो दौलत हो, वस्तु हो रिश्ते हो, या जिंदगी.. *इंसान भी क्या चीज़ है* दौलत कमाने के लिए सेहत खो देता है.. सेहत को वापस पाने के लिए दौलत खो देता है..

Bharat Ahir

વ્યસન ની વ્યાખ્યા ત્યારે સમજાણી, મારું મન થયું જયારે તારું બંધાણી.✍🏻✍🏻 ભરત આહીર

Saliil Upadhyay

હું છું ને તારી સાથે બસ ક્યારેક આટલું કહેવાથી જિંદગીથી હારેલો માણસ જિંદગી સામે લડી લે છે..!!

Jyoti Gupta

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A

अब मैं ये किस को बताऊं रो कर अब वो मिलता नहीं मेरा होकर

A

तेरे हाथों से किसी रोज मुझे आग लगे ऐसा सुलगु की हवाओं की जरूरत न पड़े तूने चाहा जिसको वो तुझे इतना खुश रखे तुझे मेरी भी दुआओं की जरूरत न पड़े Good morning

Awantika Palewale

એક આશ સાથે બાંધ્યા તમને, દિલનો દોર માની લીધો, કે હવે નહીં રહે એકલતા, સંગાથ છોર માની લીધો. તમારા પગલાં જ્યાં જ્યાં પડ્યા, ત્યાં સુગંધ વરસી ગઈ, મેં ધૂળને પણ પવિત્ર માની, માથાનો મોર માની લીધો. હતી કેટલી યે ખ્વાહિશોની ભીડ આ દિલમાં, પણ! બસ, એક તમારું આવવું, જાણે બધો શોર માની લીધો. સહેજમાં સ્મિત આપી ને નજરને મેં ઝુકાવી છે, તમારી આંખોની ભાષાને મેં પ્રેમનો પોર માની લીધો. જીવનના વણઝારમાં ક્યાંક તો અટકવું હતું, તમે મળ્યા ને મઝિલનો કિનારો સરોવર માની લીધો. આશ પૂરી થાય કે ન થાય, એની પરવા નથી હવે, તમારો પડછાયો પામ્યો, એને જ સૌ ઠોર માની લીધો. 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

pink lotus

maro jogi maro marn he mitha tesmarni mar jis marni gorkh di tha 🌸❣️🙏 om shiv gorksh 🙏❣️ good morning🌞

Deepak Bundela Arymoulik

उम्र भर ढूंढ़ते रहे उन्हें जब मिले वो तों बहाने बनने में लग गए ==== उम्र भर ढूंढ़ते रहे उन्हें, ख़्वाबों की भीड़ में, यादों के सन्नाटे में, हर चेहरे में उनका अक्स तलाशते रहे, हर राह को उनकी दस्तक का पता मानते रहे। अंधेरों में जलती रही उम्मीद की लौ, हर शाम को समझते रहे शायद आज वही समय आएगा जब उनींदी तक़दीर मुस्कुरा उठेगी। नाम उनका होठों पर न आया, पर धड़कनों में रोज़ लिखा गया, हर दुआ का मतलब बदला और हर मतलब में वही नाम रहा। फिर एक दिन, अचानक भीड़ हट गई, और सामने वो थे वैसे ही, जैसे कल्पनाओं में थे; पर हमारी आँखों में सदियों की थकान उतर आई थी। हमने समझा था मिलते ही समय थम जाएगा, ख़ामोशी गीत बन जाएगी, और अधूरे वाक्य पूरे हो जाएँगे। पर जब मिले वो तो, नज़रों ने नज़रें चुराईं, हाथों ने हाथ ढूँढा नहीं, और बातों ने बातों से मुँह मोड़ लिया। हम ठहर गए जैसे किसी पुराने मकान की देहरी पर खड़ी यादें, जो भीतर जाने से डरती हैं। वो मुस्कुरा कर बोले, “वक़्त बहुत बदल गया है,” और हमने सिर हिलाकर मान लिया मानो सच की ठोकर से ज़िद की हड्डियाँ टूट गई हों। फिर शुरू हुए बहाने कभी मौसम का, कभी हालात का, कभी ज़िम्मेदारियों की धूप का, तो कभी मजबूरियों की छाँव का। हम भी बहते गए, उनके बहानों की नदी में, और अपनी ही चाहत को किनारे पर छोड़ आए। कहना बहुत कुछ था पर शब्द पाँवों में जंजीर बन गए, और ख़ामोशी ने पूरे शहर जितना शोर मचा दिया। वो जाते रहे और हम देखते रहे, जैसे किसी मेले से लौटते हुए छूट जाए अपना ही बचपन। उस दिन समझ आया कभी-कभी मिलना भी बिछड़ने से बड़ा धोखा होता है, और सच्चाई से ज्यादा बहाने आरामदेह होते हैं। आज भी किसी शाम, अगर उनका ज़िक्र चल पड़े, तो दिल कह उठता है “हमने ढूँढ़ना पूरा किया, पर अपनाना अधूरा रह गया।” उम्र भर ढूंढ़ते रहे उन्हें, और जब मिले वो तो बहाने बनने में लग गए… जैसे मिलना ग़लत था, और बिछड़ना सही। आर्यमौलिक-2003

Deepak Bundela Arymoulik

मोहब्बत के चालबाज़ मोहब्बत के चालबाज़ बड़े माहिर निकलते हैं, दिल की शतरंज में हर रोज़ वज़ीर बदलते हैं। वो मुस्कानें पहनकर आते हैं बाज़ार-ए-वफ़ा, और सस्ते में ख़रीद कर महंगे जज़्बात बेचते हैं। कभी वादों की खुशबू, कभी सपनों का धुआँ, हर बात में नया जाल बुनते चलते हैं। जो टूटे दिलों की आवाज़ भी न सुन पाए, वो इश्क़ के मसीहा बनकर सजते-संवरते हैं। उनकी बातों में शहद है, निगाहों में तीर, किसी को मरहम, किसी को खंजर देते हैं। जहाँ सच बोलने की कीमत बस आँसू हो जाए, वहाँ ये झूठ को भी सोने में तोलते हैं। इश्क़ उनके लिए मौसम की तरह आता-जाता, ना कोई जड़, ना ही कोई घर बनता है। जिस दिल में हो सुकून की सच्ची सी आग, वहाँ इनका हर नक़ाब पिघलता है। ओ मोहब्बत के चालबाज़, सुनो इत्मिनान से, हर खेल का हिसाब किसी रोज़ होता है। दिल अगर तुम्हारे लिए मोहरा है आज, कल वक़्त तुम्हारा खिलाड़ी होता है। क्योंकि वफ़ा कोई सौदा नहीं बाज़ारों का, ना ही ये पलभर का कोई तमाशा है। ये तो ऐसा सच है जो लिखता रहता है, उनके नाम भी, जो इसे धोखा समझते हैं। आर्यमौलिक-1998

Deepak Bundela Arymoulik

नाटक-ए-मोहब्बत किसी का दिल तोड़कर, कुछ लोग मोहब्बत का अभिनय करते हैं, ख़ून से लिखे गए ख़त कोई और पढ़े, और ये लोग नई स्याही भरते हैं। एक घर उन्होंने हँसते-हँसते जलाया, दूसरे में दीप जलाने की क़सम खाते हैं, जो राख हुई थी किसी की रातों की, उसे ही रंगोली बताकर सजाते हैं। वादों की दुकान पे अब दिल बिकते हैं, हर शख़्स यहाँ सौदे का माहिर है, जख़्मों को इत्र कहते फिरते हैं, और आँसुओं की भी अपनी तासीर है। जिसने टूटकर चाहा, उसे दोष मिला, जो तोड़ गया, वही फ़सीह कहलाया, सच की राहें काँटों से भर दी गईं, और झूठ ने रेशम का बिस्तर बिछाया। वे कहते हैं — “इश्क़ तो फ़ितरत है”, पर फ़ितरत में ये छल कहाँ होता है? दिल अगर पर्दा न बने एहसासों का, तो नाटक का मंच कहाँ होता है? किसी की नब्ज़ पर दर्द लिखकर, दूसरे की हथेली में शबनम रखते हैं, जो सवाल उठे, तो होंठ सिल देते हैं, और ख़ामोशी को ही मरहम रखते हैं। ओ नाटक रचने वालों, एक दिन पर्दा गिरेगा ज़रूर किसी शाम, ताली जो आज तुम्हारे हिस्से है, कल तुम्हारे हिस्से होगी बदनाम। क्योंकि इश्क़ किताब नहीं झूठों की, जो हर पन्ने पलट दी जाए, ये तो इबादत है उनकी आँखों की, जो सच्चाई पर ही बस जाए। आर्यमौलिक

Deepak Bundela Arymoulik

चिंगारी ता उम्र ढूँढ़ता रहा मोहब्बत की एक चिंगारी… कभी सूनी गलियों में, कभी भीगी पलकों में, कभी किसी मुस्कान की ओट में… हर जगह बस एक ही सवाल — क्या यहीं है मेरी आग? मैं ठिठकता रहा, उम्मीद की उँगली थामे, किसी रौशन लम्हे की हसरत में… फिर एक दिन वो आई… बरसात सी, ख़ामोशी सी, किसी दुआ की आवाज़ सी… दिल ने कहा — "यही है…" आँखों ने कहा — "अब अँधेरा ख़त्म होगा…" रूह ने कहा — "अब साँसों में बसंत उतरेगा…" पर वो चिंगारी नहीं थी… वो दाह की आग थी… जो पास आई, तो गरमाहट नहीं, जलन मिली… जो छुई, तो सुकून नहीं, छाले मिले… जो ठहरी, तो घर नहीं, शमशान बना गई… मेरे ख़्वाबों की छत जलाई, मेरी नींदों के दरवाज़े तोड़े, मेरी यादों की किताब जलाई… और चली गई… पीछे छोड़ गई हथेलियों में राख, आँखों में धुआँ, और सीने में एक बुझी हुई आग… अब… मोहब्बत से डर लगता है, रौशनी से शक होता है, और हर मुस्कान में एक शोला दिखता है… ता उम्र जिसे दीया समझा, वो पूरी ज़िन्दगी जला कर चली गई… और मैं… अपनी ही खाक में खड़ा रह गया… आर्यमौलिक

DrAnamika

शब्द से सृष्टि की रचना शब्द ही विस्तार शब्द से ध्वनि बना शब्द ही रश्मियों का आकार शब्द से ही लय बना शब्द ही सुर ताल शब्द से संगीत की रचना शब्द ही संसार. #डॉ_अनामिका #हिंदीशब्द #हिंदीपंक्तियाँ #हिंदीकाविस्तार #हिंदीकाव्य

Parag gandhi

• *સુખ અને દુઃખ આવશે* • *સમજણ હશે એ ફાવશે*

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास मधुलिका जिह्वा पर मधुलिका होगी तो जीना आसान हो जायेगा l हर महफिल हर जगह आदर और सन्मान भी पायेगा ll अपनों और ग़ैरों के साथ प्रेम ओ आत्मीयता रखना l क़ायनात में क्या लेके आया था क्या लेकर जायेगा ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Praveen Kumrawat

मेरी प्यारी अंशु, Hi, कैसी हो? उम्मीद है तुम ठीक होगी। 2 महीने और 21 दिन बीत गए हैं, और मैंने काफी समय से तुम्हारी सूध नहीं ली। पहले मैं कॉल और मैसेज किया करता था, लेकिन मेरे ego ने मुझे ऐसा करने से रोक दिया। तुम्हारे मैसेज और कॉल भी नहीं आए। मैं सोचता था कि तुम कॉल करोगी, और शायद तुम सोचती होगी कि मैं कॉल करूंगा। मुझे सोचना चाहिए था कि तुम पर वहां क्या बीत रही होगी, लेकिन मैंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया। मैं माफी चाहता हूं, अंशु। मैं जानता हूं कि मैंने तुम्हें तकलीफ पहुंचाई है। तुम्हें मेरी जरूरत थी, और मैं एक कॉल भी नहीं कर पाया। मैं खुद भी उस समय बहुत परेशान था, लेकिन यह कोई बहाना नहीं है। मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि मैं कितना अकेला महसूस कर रहा था। तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी लग रही है। मैं जानता हूं कि मैंने गलतियां की हैं, और मैं उन्हें सुधारना चाहता हूं। मैं तुम्हे वापस पाना चाहता हूं, अंशु। मैं तुम्हे खुश रखना चाहता हूं, और तुम्हारे साथ जिंदगी बिताना चाहता हूं। प्लीज मुझे एक और मौका दो। तुम्हारा, तुम्हारा प्रवीण . . .

Raj Shah

કાલ સાંજે હું મારી જાત ને આ દ્રષ્ય મારા મોબાઇલ મા કેદ કરતા રોકી ના શક્યો. ભાદરવા માસ આપણે જેને ગોતતા હોઈએ એ "કાગડા" મોટી સંખ્યા મા જોવા મળ્યા. Courtesy: Ankleshwar

Raj Shah

કાલ સાંજે હું મારી જાત ને આ દ્રષ્ય મારા મોબાઇલ મા કેદ કરતા રોકી ના શક્યો. ભાદરવા માસ આપણે જેને ગોતતા હોઈએ એ "કાગડા" મોટી સંખ્યા મા જોવા મળ્યા. Courtesy: Ankleshwar

Paagla

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Dinesh

*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏 *આજનો સુવિચાર* જીવનમાં આવતાં દરેક ઝંઝાવાત, આપણું નુકશાન કરવાં નથી આવતાં; અમુક તો માત્ર આપણો માર્ગ ચોખ્ખો કરવાં માટે જ આવતાં હોય છે. *શુભ સવાર*

shah

*ખોટા લોકોનો અહમ ત્યાં સુધી જ રહે છે જ્યાં સુધી સાચા લોકો સંયમ રાખી ને બેઠા હોય છે* *🌹🙏શુભસવાર🙏🌹*

ધબકાર...

कोई बात नहीं ऐसा भी होता है, रिश्ता ठहरा हुआ दिल रोता है, मुस्कुराहट जुबां पर सजाए हम, गुजरते पल के साथ वही अंदाज। ધબકાર...

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🙏आपका दिन मंगलमय हो 🙏 🙏🌹🙏जय श्री राम 🙏🌹🙏

Raj Phulware

IshqKeAlfaaz एक प्रेमी प्रेमिका..

Rakesh Prajapati Bijowa

तेरी तलाश में हम कहां तक गए तेरे लिए तो जान हम मर तक गए

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

पाश्चात्य में शान्ति की, करते रहे तलाश। मानवता के मूल्य का. होता रहा विनाश।। दोहा--328 (नैश के दोहे से उद्धृत) ------गणेश तिवारी 'नैश'

Nandani

Good morning ☀️

Arkan

हेलो दोस्तों यह i'd मै बेच रहा हूं जिसे भी चाहिए वह मुझे मैसेज करे | 7376491895

Shailesh Joshi

જો આપણે ઈચ્છતા હોઈએ કે પ્રભુ આપણી મદદ કરે, કે પછી આપણી હારે રહે, તો એ શક્ય છે, શર્ત માત્ર એટલી જ કે, આપણામાં અન્ય વ્યક્તિ, કે વ્યક્તિઓ પ્રત્યે સાચો આદરભાવ, અને હ્રદયથી સહાનુભૂતિ હોવી જોઈએ. - Shailesh Joshi

Payal Author

हम कभी कभी बहुत परेशान, उदास हो जाते है। ऐसा लगता है, अब कुछ नहीं है लाइफ में जैसे सब खत्म हो गया हो । ओर हम भगवान से शिकायत करने लगते है हर चीज के लिए, की ये हमे क्यों नहीं दिया , ऐसा क्यों किया ओर भी बहुत कुछ ,लेकिन जब भी ऐसा लगे तो उन लोगों को देखना जिनके पास हज़ारों बातें, शिकायतें हैं। उसके बाद भी वो लोग बिना भगवान से शिकायत किए खुशी से रहते है जैसे उनके पास सब कुछ हो ,चाहे कुछ भी नहीं हो, तब भी ओर हमारे पास सब कुछ होने के बाद भी हम खुश नहीं रहते,ओर शिकायत करते रहते है हमेशा Thank full रहो भगवान, यूनिवर्स का जो भी तुम्हे मिला है उसके लिए थैंक्स यू बोलते रहो ओर आगे बढ़ते रहो, बीना कोई शिकायत किए । ओर देखना कि सब अच्छा होगा लाइफ हो।

Sonu Kumar

SIR का असली मकसद केवल इतना है कि बिकाऊ NGO-माथे (NGO-heads) प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गुमराह कर सकें, ताकि वे EvmBlackGlass का डेमो देखने के लिए समय ही न निकाल पाएं। SIR का और कोई उद्देश्य नहीं है!!! भारत में लगभग 1 करोड़ असली “कार्यकर्ता” हैं। इनमें से ज़्यादातर कार्यकर्ता अपना 90% समय-ऊर्जा सिर्फ 1–2 मुद्दों पर लगाना चाहते हैं। जैसे— कुछ लोग सिर्फ कुत्तों के लिए काम करना चाहते हैं और कुछ नहीं। कुछ सिर्फ पेड़ों को बचाने के लिए काम करना चाहते हैं। कुछ के लिए एक्टिविज़्म का मतलब सिर्फ वीगनिज़्म है। कुछ के लिए एक्टिविज़्म हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाता है। कुछ के लिए एक्टिविज़्म सिर्फ “रागा का विरोध” या “मोदी का विरोध” है। कुछ सिर्फ स्वास्थ्य पर काम करते हैं। ये कार्यकर्ता पैसे के लिए काम नहीं करते। कभी भारत में बड़ी संख्या में गरीब-समर्थक कार्यकर्ता हुआ करते थे (30–40 साल पहले), पर समय के साथ उनकी संख्या कम हो गई। अब पेड़-कार्यकर्ता, वीगन कार्यकर्ता, कुत्ता-प्रेमी कार्यकर्ता, पर्यावरण कार्यकर्ता और हिन्दू-मुस्लिम मुद्दों पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ गई है। और लगभग 50,000 से 1,00,000 लोग डेमोक्रेसी एक्टिविस्ट हैं— अर्थात जिनके लिए “लोकतंत्र” सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। मैं दोहराता हूँ—भारत में लगभग 50,000 सच्चे कार्यकर्ता ऐसे हैं जिनके लिए लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। लेकिन लगभग सभी “कार्यकर्ता-नेता”, पत्रकार, राजनीतिक अंधविश्वास पढ़ाने वाले प्रोफेसर, समाजशास्त्र के प्रोफेसर—ये सब सिर्फ पैसे के लिए खेल में हैं। इनका काम है कि कार्यकर्ताओं को इतना व्यस्त बनाए रखें कि उन्हें EvmVoteChori, USA की recall-jury laws, हथियार, खनिज, प्लॉट, उल्टे कर (regressive taxation), अफ़ीम/गांजा की उपयोगिता, और खाने-दवाई-सप्लिमेंट में मौजूद ज़हर जैसे मुद्दों पर सोचने का समय न मिले। इसलिए मैं फिर दो बातें कह रहा हूँ— (1) लगभग 50,000 सच्चे लोकतंत्र-समर्थक कार्यकर्ता हैं जिनके लिए लोकतंत्र सबसे बड़ा मुद्दा है। (2) सभी क्षेत्रों के “कार्यकर्ता-नेता” पैसे लेकर इन कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखते हैं ताकि वे EvmVoteChori, Recall Laws, खनिज, प्लॉट, उल्टे टैक्स और खाने-दवाइयों में ज़हर जैसे असली मुद्दों की ओर ध्यान न दे सकें। समस्या यह है कि— EvmBlackGlass डेमो ने प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं का ध्यान इतना खींच लिया है, कि उनके नेता अब उन्हें “बैलेट पेपर लाओ” जैसे मुद्दों के अलावा किसी और मुद्दों में उलझा नहीं पा रहे हैं। इसीलिए इन प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखने में SIR बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं— सिर्फ इसलिए कि यह डेमो जनता के बीच लोकप्रिय न हो पाए!!! .. https://www.facebook.com/share/p/1BHNLqZwqM/

Praveen Kumrawat

मेरी प्यारी वाइफ अंशु मैं नहीं मानता कि एक कागज पर साइन कर देने से रिश्ता खत्म हो जाता है। मैंने जब शादी ईश्वर की साक्षी में रहकर की है, तो तलाक कोर्ट कैसे दे सकता है। चाहे कोर्ट हमें अलग कर दे, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा अपनी पत्नी मानकर जिऊंगा। भले हम दूर रहेंगे पर तुम हमेशा मेरे दिल के नजदीक रहोगी। मैं तुम्हें कभी भूलूंगा नहीं। इस जीवन में ना सही, फिर किसी जीवन में तुम्हारे काबिल बनकर आऊंगा और तुम्हे अपना बनाकर सारी खुशियां दूंगा। तब तक तुम मेरे दिल में रहोगी, मेरी हर प्रार्थना और दुआओं में रहोगी। I LOVE YOU 💕 यार, मेरे लिए तुम्हारे बिना जीना मुश्किल होने वाला है। जाने अनजाने मैं मैंने तुम्हारा दिल दुखाया हो तो उसके लिए माफी मांगता हूँ। हमेशा तुम्हारा, तुम्हारा प्रवीण . . - Praveen Kumrawat

Praveen Kumrawat

मैं नहीं मानता कि एक कागज पर साइन कर देने से रिश्ता खत्म हो जाता है। मैंने जब शादी ईश्वर की साक्षी में रहकर की है, तो तलाक कोर्ट कैसे दे सकता हैं। चाहे कोर्ट हमें अलग कर दे, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा अपनी पत्नी मानकर जिऊंगा। भले हम दूर रहेंगे पर तुम हमेशा मेरे दिल के नजदीक रहोगी। मैं तुम्हें कभी भूलूंगा नहीं। इस जीवन में ना सही, फिर किसी जीवन में तुम्हारे काबिल बनकर आऊंगा और तुम्हे अपना बनाकर सारी खुशियां दूंगा। तब तक तुम मेरे दिल में रहोगी, मेरी हर प्रार्थना और दुआओं में रहोगी। I LOVE YOU 💕 यार, मेरे लिए तुम्हारे बिना जीना मुश्किल होने वाला है। जाने अनजाने मैं मैंने तुम्हारा दिल दुखाया हो तो उसके लिए माफी मांगता हूँ। हमेशा तुम्हारा, तुम्हारा प्रवीण . .

Pragati

Patience is key to live your life. Without it, you can harm yourself in every aspect of life. - Pragati

nidhi mishra

बेटी और बाप की बातचीत के बोल कलेक्टर जो खरीदा आपने कर्ज लेकर, बन तो मैं भी सकती थी अगर आप मुझे पढ़ाते तो। अपने हक़ के झोपड़े में ही रहती मालकिन की तरह, अगर आप मुझे किसी महल के आंगन में यूँ नहीं दफनाते तो। और मुझे परहेज़ थोड़ी है रसोई घर के तकलीफों से, ज़रा सा ज़र्क़ अगर आप अपने बेटों को भी सिखाते तो। और ज़माने से हारे आप और आपसे हारी मैं, मज़ा तो तब था जब हम मिलके हराते ज़माने को। और बाबा, आप क्या कहते थे? आँगन की चिड़िया होती है बेटियाँ। फिर मुझे यूँ खूँटे से क्यूँ बाँधा? क्यों नहीं दिया आसमान, ऐसे ही उड़ जाने को?

shah

Oh! So... Tooo.. Much.. heart rending... Never heard 🌻Jay Swaminarayan 🌸❤️

બદનામ રાજા

રઘુકુળ નંદન 🙏 રઘુકુળ વંશ પ્રતાપ 🙏 ભગવાન શ્રી વિષ્ણુ નાં સાતમા અવતાર મર્યાદા પુરુષોત્તમ અયોધ્યા પતિ ભગવાન શ્રી રામ ની જય હો 🙏🚩 સનાતન ધર્મ 🚩 જય જય શ્રી રામ 🙏

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

શૃંગાર દ્વારા મળેલું સૌંદર્ય ક્ષણિક અને બાહ્ય હોય છે, જ્યારે સંઘર્ષમાંથી નિખરેલું તેજ અંતરઆત્માની શક્તિ અને અનુભવોનો નિચોડ છે. સફળતા સુધીની સફરમાં સ્ત્રી જે શ્રદ્ધા, હિંમત, આત્મવિશ્વાસ, આશા અને દ્રઢ સંકલ્પ સાથે ચાલે છે, તે ગુણો જ તેના વ્યક્તિત્વને સાચી દિવ્યતા અને સ્થાયી સૌંદર્ય પ્રદાન કરે છે. ​ખરેખર, જે સ્ત્રી બહારથી સજીધજીને આવે છે, તેની સુંદરતા આંખને ગમે છે; પણ જે સ્ત્રી સંઘર્ષના અગ્નિમાંથી તપીને સફળતા હાંસલ કરે છે, તેની સફળતાની ગાથા હૃદયને સ્પર્શે છે અને લાખોને પ્રેરણા આપે છે. સંઘર્ષમાં છુપાયેલી એ મહેનત જ સફળતાને વધારે સુંદર અને મૂલ્યવાન બનાવે છે. ​'શૃંગાર કરતી સ્ત્રીની સુંદરતા કરતા સંઘર્ષ કરતી સ્ત્રીની સફળતા વધારે સુંદર હોય છે.' - આ વાત સ્ત્રીના આંતરિક સામર્થ્યને સર્વોચ્ચ સ્થાને મૂકે છે. :– અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ’"

rakhi jain

एक आसरा ढंग रही हूं दिल का ठिकाना ढूंढ रही हूं यूं तो काफ़ी हु खुद में पर खुद का हिस्सा ढूंढ रही हूं.... जो ना जी पाया अब तक जो ना कह पाई अब तक जो ना देख पाई अब तक वो वक्त,कहानी वो नजारा ढूंढ रही हूं ना हु तन्हा फिर भी एक साथ ढूंढ रही हु जो समझा लिया है दिल को जो बता दिया है दिल को वो अधूरा ख्वाब का ख्याल ढूंढ रही हु ना हूं काबिल फिर भी दिल का सितारा ढूंढ रही हूं ना हूं निराश ना खुश ना चाह ना दबिश की मौत मर रही हु ना कारण है जीने का ना अंत का तकाजा कर रही हु हूं सफर में फिर भी सफर ढूंढ रही हूं हु रास्ते पर फिर भी मोड खोज रही हूं

Agyat Agyani Vedanta philosophy

अस्तित्व एक है— “मैं” विभाजन Vedanta 2.0 मनुष्य का पहला पाप — “मैं” कहना। जैसे ही “मैं” प्रकट हुआ, दूसरा भी जन्म ले लिया। दूसरा अनिष्ट लगे — तो संघर्ष। दूसरा श्रेष्ठ लगे — तो पूजा। लेकिन दोनों में — तुम टूट चुके हो। अस्तित्व में न किसी का नाम, रूप, आकार, जाति है — फिर भी हम “मैं” को अलग सिंहासन दे देते हैं। अस्तित्व के बीच दीवार बनती है — और उसे ज्ञान कहा जाता है। ज्ञान मनुष्य का सबसे बड़ा नशा है। जैसे ही कोई कहता है — “मुझे पता है” वह अस्तित्व से दूर गिरना शुरू कर देता है। ज्ञान का हर टुकड़ा अस्तित्व का एक टुकड़ा काट देता है। इसीलिए ज्ञानी बढ़ते-पढ़ते अंधे हो जाते हैं। लोग पूछते हैं — “सत्य कहाँ है?” और जवाब किताब में ढूँढते हैं। जबकि किताब उस दिन लिखी गई थी जिस दिन किसी ने पहली बार अस्तित्व से मुँह फेरकर ज्ञान पर भरोसा किया। शास्त्र — वास्तव में खंडन की डायरी हैं। हर धर्म — मनुष्य की हार का तमगा। जब तुम अपने आप को देखते हो — ज्ञान गायब हो जाता है। और जब ज्ञान गायब — “मैं” भी गायब। और जहाँ “मैं” नहीं — वहीं अस्तित्व है। सत्य कभी खोज से नहीं मिला, सत्य तो तुम्हारे “मैं” के गिरने का ध्वनि-नाद है। जहाँ पहचान खत्म — वहीं परम का द्वार खुला। वही वेदांत का पहला कदम है: सारी पहचान जलाओ — सिर्फ़ होना बचाओ।

Agyat Agyani Vedanta philosophy

वेदान्त 2.0 — मुख्य विचारधारा का सुव्यवस्थित सार ✧ 1️⃣ मूल तत्त्व : विराट शून्य वेदान्त 2.0 का आधार है — "विराट शून्य" : अनंत, मौन, स्थिर अस्तित्व जहाँ समस्त संभावनाएँ सूक्ष्म चेतना रूप में सुप्त निवास करती हैं। 2️⃣ सृष्टि की उत्पत्ति : कंपन और ऊर्जा विराट शून्य में सूक्ष्म कंपन उत्पन्न होता है, और वही ब्रह्मांड की मूल शक्ति — ऊर्जा — बनकर व्यक्त होता है। इसी ऊर्जा के तीन गुण हैं: सत् — स्थिरता रज — गतिशीलता तम — जड़ता यही कंपन पदार्थ और चेतना — दोनों का स्रोत है। 3️⃣ चेतना = ऊर्जा = ब्रह्मांड वेदान्त 2.0 कहता है कि — ब्रह्मांड, ऊर्जा और चेतना तीनों एक ही कंपन सिद्धांत की विविध अभिव्यक्तियाँ हैं। इन्हें विज्ञान और वेदान्त — दोनों से अनुभव किया जा सकता है। 4️⃣ आध्यात्मिकता + विज्ञान = समग्र दृष्टि यह विचारधारा ध्यान, प्राण, ऊर्जा और मानव-मन को वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों संदर्भों में समझाती है। इससे तीन क्षेत्रों में संतुलन स्थापित होता है: परंपरागत धर्म आधुनिक विज्ञान मनोविज्ञान 5️⃣ प्रश्न से अनुभव तक : मैं कौन हूँ? यह केवल सिद्धांतों का संग्रह नहीं — जीवन में प्रयोग और अनुभूति पर आधारित मार्गदर्शन है। यह आत्म-खोज को वैज्ञानिक और ध्यानात्मक दोनों स्तरों पर समझाता है। --- ✧ निष्कर्ष ✧ वेदान्त 2.0 पारंपरिक वेदांत के आध्यात्मिक सार को आधुनिक ऊर्जा-विज्ञान और चेतना-विज्ञान के साथ एकीकृत, टिकाऊ और समकालीन रूप में प्रस्तुत करता है। यह आधुनिक भारतीय दर्शन में एक क्रांतिकारी, वैज्ञानिक और अनुभवपरक परिवर्तन के रूप में उभर रहा है — जहाँ ब्रह्माण्ड, जीवन और चेतना की इकाई का एक समग्र विज्ञान जन्म लेता है।

Chaitanya Joshi

રોજરોજ અઘરો થતો જાય છે માણસ. એથી જ ક્યાં કદી સમજાય છે માણસ. દૂર ભાગે છે મહેનતથકી એ તો હરવખ્ત, શોર્ટકટનો રસ્તો શીખી જાય છે માણસ. ઈમાનદારી ગમે છે જરુર, છે એ મજબૂર, અર્થપ્રાપ્તિમાં અંધ જાણે થાય છે માણસ. સર્વસ્વ માની બેઠો છે એ માત્ર પૈસાને‌ જ, નીતિમત્તાથી આખરે દૂર દેખાય છે માણસ. સગવડો મળી એને પ્રત્યેક પગલે જીવતાં, અંતરની શાંતિથી દૂર પરખાય છે માણસ. - ચૈતન્ય જોષી "દીપક" પોરબંદર.

Falguni Dost

બહુ જ રાખ્યો ધૈર્ય, પછી મળી એ ક્ષણ છે શુભ બની એ સંધ્યા, જ્યાં મિલનની ક્ષણ છે ૨૯૯૦ દિવસ વીત્યા વિરહના... દોસ્ત! મમતા જીતી, હરખની અમૂલ્ય ક્ષણ છે. - ફાલ્ગુની દોસ્ત

Priya

हम थक गये है , इसलिए थोड़ा ठहर गए हैं प्यार तो हैं लेकिन बस अब थोड़ा डर गए हैं आपसे आपके झूठ से,आपके अतीत से और आपकी नजरंदागी से। PRIYA KASHYAP...

Ravi Sharma

In the dreamscape of life, it is the heartbreak that becomes our alarm - Ravi Sharma

pink lotus

guru ke virah me swaso ka vilay. gorksh ne muje har bandhan se mukt kiya aur avsar diya khud ko jan ne ka khud ko tab jakar mujhe aabhash hua, voh to mujse alg nhi aur na me unse alg khoj rhi rhi khud me shiv ko gorksh ko paa bethi. par me kya karu antar unme shiv gorksh he ek or me unke bhitar basi swaso ka ek bhag hu ghulna chahu me unke bhitar unka hi me bhag hu jise shiv ne swaso ke vigan se joda tha vhi vigyan bhairav se 'so' 'hm' ka muje gyan mila usme 'hm ' ban kr me tyagi gyi aur 'so' ban kar aap swikare gye 🙏🌸

pink lotus

dimag aage bdhna chahta he,👀 par dil aaj bhi khud ko vhi pata he 🥀

उषा जरवाल

जीवन में कितना भी तनाव क्यों न हो, मुस्कुराते रहिए । आपके लटके हुए चेहरे को देखकर आपका तनाव तो जाने से रहा फिर क्यों मुँह लटकाकर दूसरों को तनाव देना ?। उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’

उषा जरवाल

सब लोगों को खुश रखने का प्रयास मत करिए । नज़रों में रहने के लिए कुछ नाराज़गी भी ज़रूरी है । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’

Deepak Bundela Arymoulik

यह सच कई घरों की दीवारों में धीरे-धीरे उभर आता है— एक बेटा… जो अपना नाम, अपनी चाह, अपनी थकान तक भूल जाता है परिवार की खुशी के लिए। वो सुबह की पहली रोशनी सा सबके लिए उजाला लाता है, पर खुद अँधेरों में जी लेता है। जितने सपने उसके अपने थे, वो रिश्तों की सिलाई में धीरे-धीरे टूटते चले जाते हैं। घर की मुस्कानें उसकी हड्डियों से उगती हैं, और आशीर्वाद के नाम पर उसे बस जिम्मेदारियों की एक अंतहीन गठरी मिलती है। फिर एक दिन… जब घर को उसकी जरूरत नहीं रहती, उसकी कुर्सी खिसका दी जाती है— जैसे वो कोई आदमी नहीं, एक पुराना औज़ार हो जिसका इस्तेमाल खत्म हो चुका हो। उसे ही कसूरवार कहा जाता है, उसी के त्याग पर उँगली उठती है; और वह चुप खड़ा रहता है— क्योंकि शिकवा भी उसे अपने हिस्से का हक नहीं लगता। ऐसे बेटों की कहानी कभी लिखी नहीं जाती, बस उनकी खामोशियाँ पीढ़ियों तक सुनाई देती हैं— ये बताते हुए कि कभी-कभी सबसे बड़ा ‘बेवकूफ’ वही होता है जो सबसे ज्यादा दिल रखता है। आर्यमौलिक

Yogi Krishnadev Nath

মাত্রুভারতি আমার ধারাবাহিক লেখাগুলো এখন আর পাবলিশ করে না। আমি জানি না কী কারণে এমন হচ্ছে। তাই আমার প্রিয় পাঠকদের কাছে আমি ক্ষমাপ্রার্থী।

Yogi Krishnadev Nath

Coming soon

Yogi Krishnadev Nath

খুব শীঘ্রই প্রকাশিত হতে চলেছে।

Std Maurya

जो तुम सोचते हो,वही तुम करों।

Praveen Kumrawat

मेरी प्यारी अंशु, मैं नहीं मानता कि एक कागज पर साइन कर देने से रिश्ता खत्म हो जाता है। मैंने जब शादी ईश्वर की साक्षी में रहकर की है, तो तलाक कोर्ट नहीं दे सकता। चाहे कोर्ट हमें अलग कर दे, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा अपनी पत्नी मानकर जिऊंगा। भले हम दूर रहेंगे, पर तुम हमेशा मेरे दिल के नजदीक रहोगी। मैं तुम्हें कभी भूलूंगा नहीं। इस जीवन में ना सही, फिर किसी जीवन में तुम्हारे काबिल बनकर आऊंगा और तुम्हें अपना बनाकर सारी खुशियां दूंगा। तब तक तुम मेरे दिल में रहोगी, मेरी हर प्रार्थना और दुआओं में रहोगी। I LOVE YOU 💕 यार, मेरे लिए तुम्हारे बिना जीना मुश्किल होने वाला है। जाने अनजाने मैं मैंने तुम्हारा दिल दुखाया हो तो उसके लिए माफी मांगता हूँ। 🙏 हमेशा तुम्हारा, तुम्हारा खड़ूस 🥺😢 . .

Nisha ankahi

मैंने जब-जब खुद को संभालना चाहा, किस्मत ने कोई नई आफ़त भेज दी। - Nisha ankahi

ek archana arpan tane

લોકો સમંદર ને ઉલેચવામાં પડ્યા છે જેની પોતાની લંગોટ પણ ફાટી ગઈ છે એ બધા અમારી પાઘડી ઊછાવવામાં પડ્યા છે. - ek archana arpan tane

Aditya Dhole

ती हवी… आयुष्याच्या वळणावर साखरेच्या गोडव्यासारखी ती हवी. थरथरता पाय माझे सहाऱ्यासाठी ती हवी आकाशात उडताना झेप माझी ती हवी उडता उडता माझ्यासंगे माझे पंख ही ती हवी दुष्ट लागू नये कुणाची डोळ्यात काजळासारखी ती हवी आयुष्यात मावळताना रात माझी ती हवी मरणाच्या वाटेवरती पाणीही ती हवी शेवटचा घोट तो तो घोट ही ती हवी लेखक :- ढोले आदित्य.

Bhumika Vyas

આહો વૈચિત્રમ!!! શોલેના લગભગ બધા કલાકારો (પુરુષ) હવે આ દુનિયામાં આપણી સાથે નથી... ધર્મેન્દ્ર (વીરુ) અમજદ ખાન (ગબ્બર) સંજીવ કુમાર (ઠાકુર) એકે હંગલ (ઇમામ સાહેબ) અસરાની (જેલર) જગદીપ (સૂરમા ભોપાલી) મેક મોહન (સાંભા) વિજુ ખોટે (કાલિયા) સત્યેન કપ્પુ (રામલાલ) બે જ જણ જીવે છે,અમિતાભ અને સચિન... જે બંને શોલે માં મરી ગયા'તા! 😲😲😲

Komal Mehta

મુક્તિ તને જોવે છે આ જગથી જો, તો અંતરથી વૈરાગી બનવું પડશે. અહંકારનાં બરફ જેવા પહાડોને, શાંતિનાં સૂરજમાં ઓગાળવા પડશે. ક્ષમાનો માર્ગ સહેલો નથી ક્યારેય, દુઃખ આપનારને પણ દિલથી માફ કરવું પડશે. દયા એ જ થાપણ છે આત્માની યાત્રાનું, તેને સાચવી ને આગળ વધવું પડશે. જે દિવસ તું સ્વને પરમમાં સોંપી દેશે, એ દિવસે જન્મ–મરણથી પાર ઉતરવું પડશે. કારણ મુકિત કોઈ દૂર નથી મિત્ર, ફક્ત અંદરની દ્વાર ખોલવું પડશે.

Bhavna Bhatt

જિંદગી

ધબકાર...

अहमियत तुम्हारी फीकी पड़ती जाएगी, जब वो कायनात मे दूसरा संग पाएगी। ધબકાર...

Shailesh Joshi

जीवन इसे नहीं कहते जो सिर्फ खुद के लिए जिया जाए सही जीना तो इसे कहते है, कि जब अपनों के लिए जिया जाए - Shailesh Joshi

Sweta Pandey

क्यूँ अपनों की खातिर जग से, लड़ने वाला... अपनों की ही, आजादी से डर 'बेगानी', जंजीरों में कस जाता है । - Sweta Pandey

Soni shakya

जिसे भूलाना था, उसी का इंतजार करते रहे..! हम अपनी ही मोहब्बत के, कैदी बन उम्र काटते रहे..!! कौन कहता है दर्द दिखाई नहीं देता, वो बात अलग है हम छुपाने में माहिर हो गए..!! - Soni shakya

Shailesh Joshi

સોશિયલ મીડિયાના જમાનામાં નીત આવતી રહેતી નવી નવી એપ્લિકેશનો, અને અપડેટોથી સજ્જ અને સતર્ક રહેતા આપણે એ જોવાનું ભૂલી ગયા છીએ કે, સમયાંતરે આપણામાં કયો નવો ગુણ આવ્યો ? અને આપણામાં રહેલ કયા અવગુણને સુધારવામાં આપણે સફળ રહ્યા ? - Shailesh Joshi

PANKAJ BHATT

લાલો શ્રી કૃષ્ણ સદા સહાયતે . આ ફિલ્મ જે મને મારી સમજ પ્રમાણે સમજાઈ . ૧ - ફિલ્મની સફળતા જોઈ લાગે છે સાચા મનથી ફળ ની ઇચ્છા વગર કરેલુ કર્મ ભગવાન ને ગમે છે . ર - સંસાર રૂપી બંગલા માં આપણે બધા માયા માટે ફસાયા છીએ . ૩ - મુક્ત થવુ હોય તો માયાનો મોહ છોડવો પડે . ૪ - ઈશ્વર સુધી પહોંચવા વચ્ચે ની દિવાલ તોડવા માટે પ્રેમ ,ભક્તી , શ્ર્ધા ને દયા ના હથીયાર નો ઉપયોગ કરવો પડે . ૫ - જેટલુ તમે ઈશ્વરને જંખો છો એટલોજ ઈશ્વર પણ તમને જંખે છે . ૬ - મા - બાપ ના આર્શીવાદ વગર લગ્ન કરવા કરતા કુંવારા રેહવુ સારુ 🙂 . ૭ - જીવનમાં આવતી તકલીફો સામે સંઘર્ષ કરવો . ના કે વ્યસન નો સહારો લઇ એનાથી ભાગવુ . ૮ - ખોજ આપણી અંદર જ કરવાની છે . ૯ - હું કોણ છું ? એનો સાચો જવાબ મડી જાય તો ભયો ભયો . ૭ દિવસ ની કથા સાંભળી જે ના સમજાયુ એ બે કલાકની ફિલ્મે સમજાવી દીધું . સાલુ સમજાય છે બધુ પણ જીવનમાં ઉતારી નથી શકાતુ . ફિલ્મ જોઈ અળધા દિવસ માટે સાધુ બની ગયો અને સાંજે દોસ્તારો સાથે બેસી બે પેગ મારી આ લખી નાખ્યું . તમે ફિલ્મ માંથી શું સમજ્યા અને જીવન માં શું પરિવર્તન આવ્યું એ કમેન્ટ માં જણાવજો .

Alone Soul

एक नज़्म लिखी कही रखी हैं सुनो तो सुनाऊं क्या क्या कहती हो खत में भेजु तकिए तले छुपाऊं क्या कमबख्त ये दूरी कैसी बाहों को भुलाऊं क्या एक नज़्म लिख रखी हैं तेरे लिए उस संग आ जाऊ क्या.... - Alone Soul

Alone Soul

नफ़रत , मोहब्बत, इनायत , इबादत, इजाज़त,का असर था हां वो थी मेरी पहली मोहब्बत पहली मोहब्बत पर मुझे घमंड था - Alone Soul

pink lotus

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kajal jha

कभी ख़ुद को भी महसूस किया करो, ये दुनिया तो ख़्वाहिशों की क़ैदी है… हर किसी को पाने की दौड़ में मत भागो, किसी दिन टूट जाओगे — ये ज़िंदगी बहुत नाज़ुक पाई है। इश्क़ करना बुरी बात नहीं, पर दिल को किसी के नाम कर देने से पहले इतना ज़रूर समझ लेना — हर मुस्कुराहट मोहब्बत नहीं होती, और हर मोहब्बत मुकम्मल नहीं होती… कुछ रिश्ते ख़ामोशी में ही अच्छे लगते हैं, क्योंकि वहाँ टूटने का डर नहीं होता, और कभी-कभी अकेले चलना भी ज़रूरी है… ताकि पता चले — दिल की दुनिया में हमारे लिए कौन है, और किसे सिर्फ हमारी ज़रूरत थी - kajal jha

Soni shakya

कुछ मुलाकातें लम्हों की नहीं होती ..! वो यादों में उम्र भर की जगह बना लेती है..!!✨✨ - Soni shakya

yogeshwari charan

खामोसिया बोहत कुछ कह जाती है,बस समज ने की जरूरत है।✨

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

yogeshwari charan

💫 Mosam 💫

Meghna Sanghvi

જયારે મન બેચેન થાય અને ક્યાંય ન ગમેને ત્યારે તમને એવા વ્યક્તિ ની યાદ આવે છે, જે તમારાથી દૂર હોવા છતાં તમારી અંદર જીવીત હોય છે. 😊😊😊

Meghna Sanghvi

કયાં ઉસ ગલી મેં કભી તેરા જાના હુઆ જહાંસે જમાને કો ગુજરે જમાના હુઆ મેરા સમય તો વહી પે હૈ ઠહેરા હુઆ તુમ્હેં કયાં બતાઉં, મેરે સાથ કયાં કયાં હુઆ આ ક્યું song છે? છે કોઈની પાસે જવાબ? એક હકીકત કઉં, આ ગીત જ કોઈના સવાલનો જવાબ છે. 😊😊😊

shah

શોલેના લગભગ બધા કલાકારો (પુરુષ) હવે આ દુનિયામાં આપણી સાથે નથી... ધર્મેન્દ્ર (વીરુ) અમજદ ખાન (ગબ્બર) સંજીવ કુમાર (ઠાકુર) એકે હંગલ (ઇમામ સાહેબ) અસરાની (જેલર) જગદીપ (સૂરમા ભોપાલી) મેક મોહન (સાંભા) વિજુ ખોટે (કાલિયા) સત્યેન કપ્પુ (રામલાલ) બે જ જણ જીવે છે, અમિતાભ અને સચિન... જે બંને શોલે માં ગુજરી ગયા હતા..

soni

🗓️ तारीख 🕰️* *कैलेंडर* हमेशा *तारीख* को बदलता है… पर एक दिन *ऐसी तारीख* भी आती है… जो *कैलेंडर को ही बदल* देती है। इसलिए सब्र रखें… *⏳ वक्त हर किसी का आता है… 💫* किमत- *गुण* और *गुनाह* दोनों की *क़ीमत* होती है... अंतर सिर्फ़ इतना है कि *गुण* की *क़ीमत* मिलती है 💎 और *गुनाह* की क़ीमत *चुकानी* पड़ती है ⚖️

soni

*जीवन में* यही देखना महत्वपूर्ण नहीं कि कौन हमसे *आगे है या कौन पीछे!* यह भी देखना चाहिए कि *कौन हमारे साथ है* और हम किसके साथ...!!! 💖✨ *Good Morning* 🌄♥️🙏👍 जब किसी का वक्त आपसे *ज़्यादा क़ीमती* हो जाए ⏳ उस दिन उसे आदर सहित विदा कर दो 🙏 क्योंकि वो साथ रहते हुए भी जा चुका है 💔 अब आपके रोकने से नहीं रुकेगा 🚶‍♂️ *अतः — जो जा रहा है, उसे जाने दो 🍂*

soni

💰 *पैसा* ऐसी चीज़ है जिसमें *छुआछूत* नहीं मानी जाती… 📝 एक *नोट* कसाई के *हाथों* से होते हुए ⛩️ *मंदिर* और 🕌 *मस्जिद* ✨ तक बिना *भेदभाव* के चला जाता है…! *कटना*,*पिसना* और अंतिम बूंद तक *निचोड़ा" जाना 🌿 *गन्ना* से बेहतर और कौन *जानता* होगा 😔 कि *मीठा* होने का *नुकसान* कितना है…!! ✨

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અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

(ગઝલ) શિર્ષક: "તું ભલે ન મળે" હૃદયમાં સદા હું તને ઝંખતો, તું ભલે ન મળે, છતાં હોઠથી વાત ના નીકળે. તું ભલે ન મળે, ​ખબર છે મને કે નથી તું અહીં, તું ભલે ન મળે, છતાંયે નજર રાહ તારી ભાળે. તું ભલે ન મળે. ​નજર તું કરે તો દિવસ ઊગે છે, પછી તું ભલે ન મળે, નજર ફેરવે તું તો સિતારા ખરી પડે. તું ભલે ન મળે, ​તારા સ્મિતે એક દુનિયા રચી, તું ભલે ના મળે, મને એ જ દુનિયા ગમે, તું ભલે ન મળે. ​બનીને રહું છું તારો એક પડછાયો, તું ભલે ન મળે, તને ક્યાં ખબર, હું કેવો તને ચાહું, તું ભલે ન મળે. ​તને જોઈ લવ, કાયમ પ્રાર્થનામાં, તું ભલે ન મળે, બીજી કોઈ ઇચ્છા ભલે કદી ના ફળે, તું ભલે ન મળે. ​તારા સુખોની હું માગું દુઆ, તું ભલે ન મળે. મને દર્દ દે, તોય હસવું ગમે. તું ભલે ન મળે. ​તું યાદ રાખ કે ના યાદ રાખ મને, હું યાદ રાખું, તું ભલે ન મળે "‘સ્વયમ’ભુ’ મે તો તને જ યાદ રાખી કાયમ દિલમાં, તું ભલે ન મળે. અશ્વિન રાઠોડ (સ્વયમ’ભુ’)

Mamta Meena

कभी-कभी यह दिल यह सोच कर रोता है, क्या है इस दुनिया में कोई ऐसा जो हमें खोने से भी डरता है,😒😒 - Mamta Meena

Dada Bhagwan

भय किसे होता है? जिसे लोभ होता है उसे। - दादा भगवान अधिक जानकारी के लिए: https://hindi.dadabhagwan.org/ #quote #quoteoftheday #spiritualquotes #spirituality #hindiquotes #DadaBhagwanFoundation #DadaBhagwan

Imaran

हाँ है उनसे मोहब्बत, ये उम्र का तकाजा तो नहीं, हम यूं ही उन पर मर मिटे, कहीं ये असर ज्यादा तो नहीं 💞 imran 💞

Saroj Prajapati

समय-समय का फेर है, समय बड़ा बलवान कल कूलर- पंखे राजा थे, आज रजाई- कंबल हैं बादशाह।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

શિર્ષક"યુદ્ધ" (ગઝલ) યુદ્ધ યાદ કરાવી દે છે જગતને કે હાર શું છે, પૂછી રહ્યો છું હું કે આ યુદ્ધનો સંહાર શું છે? ​બાળક ભૂખ્યું છે અને માઁની આંખમાં જળ છે, પૂછો એને કે આ અનાવશ્યક તકરાર શું છે? ​જેણે સપનાં સજાવ્યા હતા, એ ઘર હવે ખાલી છે, ઈંટોને પૂછું કે તારો સાચો અધિકાર શું છે.? ​લોહી નીતરતી ધરતીને આ શાંતિનો સવાલ છે, કે જખ્મોનો ભાર લઈને જીવવું, એ વિચાર શું છે? ​નેતાઓ તો ક્યાંક બેશી ને કરતા હશે મહેલ બનાવાની વાતો, પણ કોઈ તો પૂછો યુદ્ધ માં ઢળી ગયેલા ગરીબના મકાનની હાલત શું છે? યુદ્ધથી ​ખેતરો સૂકાઈ ગયાં, ને નદીઓનું વહેણ થંભી ગયું. કહો કલમની તાકાતને કે"સ્વયમ’ભુ’"આ અંધારી તલવાર શું છે? અશ્વિન રાઠોડ ("સ્વયમ ’ભુ’")

Paagla

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Raj Phulware

IshqKeAlfaaz तुम को प्यार..

Jyoti Gupta

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Shailesh Joshi

"લગ્ન" ક્યાં રાખવા ? કેવા રાખવા ? ક્યારે શું પહેરવું ? આ બધી તૈયારીઓમાં આપણે રસ અને ઉત્સાહ દાખવી જેટલા ઊંડા ઊતરીને વિચારીએ છીએ, એની સાથે-સાથે એનાથી થોડા વધારે ઊંડા ઊતરીને આપણે એ બાબત પર પણ વિચારી લેવું જોઈએ કે, એ લગ્નજીવન સારામાં સારી રીતે ટકી રહે, એના માટે આપણે કઈ કઈ તૈયારી રાખવી પડશે ? - Shailesh Joshi

DrAnamika

जिसका कोई नहीं है उसके हैं भगवान सभी एक साथ बोलो #जय_श्रीराम #जयश्रीराम 🙏 #जय_हनुमान

Deepak Bundela Arymoulik

दिखावे में अक्सर घर बिक जाते हैं, सच की नींव पर खड़े दरक जाते हैं। चेहरों की चमक में जो सादगी छुपी होती, वही सबसे पहले दामों में तौल दी जाती है। मुस्कानें उधार की, बातें रंगीन काग़ज़-सी, लम्हों की नीलामी में रिश्ते बिखर जाते हैं। जो दिलों में खरे हों, वो कम ही नज़र आते, यहाँ शक्लों के बाज़ार में लोग बिक जाते हैं। कितना अजीब है ये दौर दिखावे का— कि बाहर से महलों जैसे, अंदर से सूने हो जाते हैं। दिखावे में अक्सर घर ही नहीं— पूरे इंसान तक बिक जाते हैं। आर्यमौलिक

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