Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
Arun V Deshpande

४- कवी अरुणदास" अरुण वि.देशपांडे समर्था तुमच्या दरबारी --------------------------------- मानाने जगणे झाले हो कठीण हा जीव अमुचा घाबरा झाला घेऊनी गाऱ्हाणे समर्था आजला भक्त तुमच्या दरबारी हो आला ।। व्यवहारी घाली टोप्या लबाडीने ठकसेनांना आवर तुम्ही घाला घेऊनी गाऱ्हाणे समर्था आजला भक्त तुमच्या दरबारी हो आला ।। सद्गुरु आधार आम्हा मिळाला विस्वास् आमच्या मनात जागला कृपा असुद्या निरंतर हे समर्था भक्त तुमच्या दरबारी हो आला ।। सद्गुरु समर्था तुम्हीच आहा भक्तांचे रक्षक कल्याण करविते घेउनी गाऱ्हाणे समर्था आजला कवी अरुणदास दरबारी आला ।। ------------------------------------------------- कवी अरुण दास" अरुण वि.देशपांडे पाटील नगर -बावधन (बु)-पुणे- ९८५०१७७३४२ -----------------------

pink lotus

​"कर्म शरीर के होते हैं, आत्मा के नहीं। आत्मा न पापी है न पुण्यात्मा, वह बस साक्षीभूत है, केवल देखती है, सीखती है, ज्ञान लेती है, अनुभव लेती है... लेकिन बँधती नहीं।" by :pinklotus🌸❣️ "खुद को शरीर नहीं, एक 'साक्षी' आत्मा के रूप में देखें। जीवन के हर अनुभव से सीखें, पर उससे बंधें नहीं।" #Spirituality #SoulWisdom #PinkLotus #LifeQuotes #Matrubharti

Amrita Singh

दिल कहता है कि बस उसकी एक झलक पा लूँ, मगर जब वो सामने हो… नज़रों का तआ़रुफ़ (मिलना) भी न हो पाए। धड़कनों की रवानी (तेज़ी) बढ़ जाती है, लबों पर ठहरे लफ़्ज़ भी यूँ बिखर से जाएँ। लेकिन जब घड़ी की सुइयाँ 11:11 पर ठहरती हैं, उसकी यादें दिल में एक नई बेकरारी (बेसब्री) जगा जाती हैं। वो लम्हा… वो एहसास… ख़्वाब-सा महक उठता है, और ज़ुबाँ पर कोई अल्फ़ाज़ (शब्द) लाने की हिम्मत भी न रह जाती है 11:11 Amrita Singh ✍🏼

Shailesh Joshi

જો હું મારા જીવનમાં મને જે ગમે એ કરું, અને પછી જો એ મારા જીવનમાં તકલીફો ઉભી કરે, કે પછી મારા જીવનને ખુશીઓથી ભરી દે, એ બંને તબક્કામાં "નસીબદાર" કહો કે "કસૂરવાર" જે કહો તે, "હું જ છું" અન્ય કોઈ નહીં. - Shailesh Joshi

Raa

में अकबर से संधि करूँगा . तो अरावली को . किया मु दिखावुंगा महाराणा प्रताप.

Shah Nimishaben Kantilal

શહેરની રોશનીમાં પણ અંધકાર દેખાય છે, દરેક ચહેરા પર અહીં નકાબનો વેપાર દેખાય છે. સચ્ચાઈ તો લાચાર અહીં,  શોરનો જ બસ તાજ છે, ખામોશીની આંખોમાં હવે બસ ઇન્કાર દેખાય છે. ગરીબના સપનાને કોઈ પૂછતું નથી સાહેબ, મહેલમાં બેઠેલાને તો બસ અખબાર દેખાય છે. અદલ ઇન્સાફ હવે માત્ર શબ્દોમાં રહી ગયો, ગલીઓમાં તપાસો તો ગુનેગાર દેખાય છે. કલાકાર લખે તો કહે, “બહુ કડવું લખ્યું તેં”, પણ કાગળ પર જ સમાજનો ઇકરાર દેખાય છે. ​નિમિષા, આ દોરમાં સાચું બોલવું મુશ્કેલ છે, કારણ સત્યથી લોકોને ખલેલનો ભાર દેખાય છે.

Raa

my hart. स्विटी. प्यारी. ब्यूटि. जानू. life line.. ye ward. Dil se nahi👉. हारमोंस. सक्रिय के समय. निकलते हे . याद रहे. आप किसकी प्रोपटी। नहीं हो . आप मुझे ब्रैंड करें. अकेले नहीं. आप कन्जोर नहीं हो. आप में कल्पना .चावला.आपमें मेरे जैसे किरदार हे। निकलो उनको.

archana

पीठ पीछे खंजर घोंपते हैं, अकसर वही अपने ही लोग होते हैं। सामने हंसते हैं, कहते हैं हमारा भला चाहते हैं, और दुनिया के सामने सिर्फ बड़े भले बनते हैं। दिल तोड़ते हैं, दिखावे में रखते हैं प्यार, इन्हीं चेहरे के पीछे छुपा होता है हजारों वार। सच यही है, सबसे खतरनाक वही होते हैं, जिन्हें हम अपना समझते हैं।

ArUu

अरावली— भारत की प्राचीन प्रहरी, धरती की दो अरब वर्ष पुरानी, अडिग, अटल, अजेय कहानी। वो सिर्फ़ पहाड़ नहीं, एक डाली, थार का तट— उसकी दीवार आली। मिट्टी की रखवाल, जन-जन की साँस, राजस्थान की छाती, उसका विश्वास। आदिवासियों की जन्मभूमि प्यारी, आमजन की पहचान न्यारी लूणी साबरमती बनास की जननी पर खनन की चोटों ने कर दी इन पहाड़ियों की छाती छलनी जो ढाल थी कभी रेती आँधी से, झुक गई आज व्यापार की बांधी से। अगर कटी ये रीढ़ हमारी, धूल उठेगी बनकर भारी। फिर होगा प्यास, भूख का राज, सन्नाटा, सूखा— उजड़ा साज। प्रकृति तब प्रतिशोध करेगी, विनाश की गर्जना भरेगी। इसलिए बचाना है अरावली, ये मिट्टी की माँ, हमारी सहेली। रीढ़ जब टूटे— सभ्यता ढहती, उजड़ी धरती, उजड़ी बस्ती। ArUu ✍️

Armin Dutia Motashaw

LET'S TRY LET'S ALL TRY TO, AT LEAST A WEE BIT OF WATER, FOOD & ELECTRICITY SAVE. GROW TREES & PLANTS, OR, FOR OXYGEN, OUR CHILDREN WILL CRAVE MINIMIZE THE USE OF PLASTICS & PAPER LET US; OR CHOOSE OUR OWN GRAVE. THINK URGENTLY ABOUT THIS MATTER IMPORTANT, WE CAN'T AFFORD TO BE NAIVE. Anar

manshi

Failure is not opposite of success, it is a part of success।

Soni shakya

अपने ही मन को मनाते मनाते थक गये हम जाने कब खुद से ही रूठते गये हम..! जो मुस्कान दुनिया को दिखाते रहे हर रोज, उसी हंसी के पिछे कितना टुटते चले गये हम..!! - Soni shakya

S A Y R I K I N G

पादने की भी प्रतियोगिता होनी चाहिए इससे ये पता चलेगा किस म्यूजिक का साउंड तेज़ है फ़िर उस सॉन्ग को डीजे में बजाएंगे और नाचेंगे क्या बोलती है पब्लिक

Dada Bhagwan

जिसे जगत् संपूर्ण निर्दोष दिखाई दिया, वह सर्वस्व हो गया। - दादा भगवान अधिक जानकारी के लिए: https://dbf.adalaj.org/ZTg7Y306 #quote #quoteoftheday #spiritualquotes #spirituality #hindiquotes #dadabhagwanfoundation #DadaBhagwan

S A Y R I K I N G

चाहिए मुझें कुछ चीज़े जैसे दिन के शोर के बाद ढलती धूप की ख़ामोशी में चाय का घूँट जैसे एक साथ जिसमे कोई वादा नहीं, कोई डर नहीं, हो सिर्फ़ भरोसा और एक ऐसी नींद, जिसमें कल की चिंता नहीं, बीते कल का बोझ भी नहीं हाँ चाहिए मुझें कुछ चीजें

S A Y R I K I N G

अपनी डायरी का वो पन्ना फाड़ दिया है मैनें जिसपर तेरे प्यार को बेइन्तिहा लिखा था इन सफ़हे का सहारा अब उन यादों को नहीं मिलेगा जहाँ कभी तुम्हें, मैंने खुद से पहले लिखा था

S A Y R I K I N G

दिल टूटने की अगर आवाज़ होती तो सोचो कितनी मुस्कानों के राज़ खोल देती

pink lotus

meri kali🥰

pink lotus

People don't have to like you, people don't have to love you, they don't even have to respect you. But when you look in the mirror, you better love what you see! You better love what you see." by: great someone 🔥

Shruti Maurya

https://youtube.com/shorts/X-BqXJO7UMY?si=KFvyVVfcQ0i7AYFs Made biryani today! Don't forget to subscribe

ArUu

और जो वो खो जाए तो हीरा है, मन न लगे तो पीड़ा है। विकल, विछिन्न, विरहिणी-सी, कभी राधा, तो कभी मीरा है। निःशब्द-सी व्यथा समाई, अश्रु-धारा मन को भिगोती, साँस-साँस में कृष्ण बसे हैं, फिर भी अक्षि राह ताकती लोक-लाज, कुल-रीति छोड़ी, प्रीत की चादर ओढ़ चली, जग ने समझा पागल मुझको, मैं हर पीड़ा श्याम से जोड़ चली। न मिलन माँगा, न प्रतिफल, बस विरह में ही रस समाया, मीरा का तो यही सौभाग्य— पीड़ा में भी गिरधर को पाया जब शब्द थक कर मौन हुए, जब नेत्रों ने प्रश्न त्यागा, तब विरह ही मेरा मंदिर बना, और मीरा ने जाना— यह जगत कितना अभागा। ArUu ✍️

ArUu

अरावली— भारत की प्राचीन प्रहरी, धरती की दो अरब वर्ष पुरानी, अडिग, अटल, अजेय कहानी। वो सिर्फ़ पहाड़ नहीं, एक डाली, थार का तट— उसकी दीवार आली। मिट्टी की रखवाल, जन-जन की साँस, राजस्थान की छाती, उसका विश्वास। आदिवासियों की जननी प्यारी, आमजन की पहचान न्यारी। लूणी, बनास, साबरमती का उद्गम, निर्मल धरा का पावन क्रम। पर खनन की चोटों ने चुन-चुनकर, सरकियों को तोड़ा, ज़ख़्मी कर। जो ढाल थी कभी रेती आँधी से, झुक गई आज व्यापार की बांधी से। अगर कटी ये रीढ़ हमारी, धूल उठेगी बनकर भारी। फिर होगा प्यास, भूख का राज, सन्नाटा, सूखा— उजड़ा साज। प्रकृति तब प्रतिशोध करेगी, विनाश की गर्जना भरेगी। इसलिए बचाना है अरावली, ये मिट्टी की माँ, हमारी सहेली। रीढ़ जब टूटे— सभ्यता ढहती, उजड़ी धरती, उजड़ी बस्ती। ArUu ✍️

D K Rajani

"खूबसूरती" ने पता ही न चलने दिया कि "ताज महल" एक "कब्र" है...!

D K Rajani

"खूबसूरती" ने पता ही न चलने दिया कि "ताज महल" एक "कब्र" है...!

D K Rajani

"खूबसूरती" ने पता ही न चलने दिया कि "ताज महल" एक "कब्र" है...!

Raa

जब तुम्हें कोई शायri ke jariye पाना चाहता है। समाज लेना आपकी बर्बादी का आखिरी samay aagaya he शायरी एक अच्छी कविता हो सकती है। वह। दिल के रिश्ते में तारीफ he वाह चाँद जेसा मुखड़ा नहीं चलता। वाहा सुरज जेसी रोशनी छाये।

Raa

हम भारतीय महिलाएं, एक बार दिल टूट जाने पर, पूरी जिंदगी उससे जूझती रहती हैं। और हम कविता, शेर और संदेशों को दिल पर चढ़ाकर अपनी पूरी जिंदगी बर्बाद कर देती हैं। मुझे बस एक ही बात कहनी है: जिंदगी लंबी है। ऐसा जीवन जियो जो देश की सेवा करे। जो हमारा है वो कभी हमसे दूर नहीं जाएगा। जो हमसे दूर चला जाएगा वो हमारा नहीं रहेगा।

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

D K Rajani

कमाल की बात है "आजाद" रिश्तों मै लोग "बंधन" ढूंढ रहे है, और बंधे रिश्तों मै "आजादी" ~ D K Rajani

Vaghela Vishal

દ્રષ્ટિ પારની દ્રષ્ટિ વરસતાને સમજાવું છું હુ, પણ હુ ખુદ હવે તો સમજાતો નથી... પથ્થરને પણ વાચા આપુ છું હુ પણ કોઈના મુખે હુ ખુદ હવે તો બોલાતો નથી... હવાના તરંગને વલખતા જોઉ છું હુ પણ કોઈની મૃદુ નજરે હુ ખુદ હવે તો જોવાતો નથી... મરણાશયને મૃત્યુંજય બનાવું છું હુ પણ હુ ખુદ હવે તો જીવનથી જીવંત બનતો નથી... સઘળા બ્રહ્માંડને બ્રહ્મમાં આવરું છું હુ પણ હુ ખુદ હવે તો શબ્દમાં સમાતો નથી... સંબંધને શબ્દ થકી પંક્તિમાં ગુંથું છું હુ પણ હુ ખુદ હવે તો સહજ સંબંધમાં ગુંથાતો નથી... અંતરથી અંતરને સમજાવું છું હુ પણ હુ ખુદ હવે તો સમજાતો નથી...

kattupaya s

My novel yadhumatra peruveli part 13 is published now. please send your reviews. Thank you readers

pink lotus

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Imaran

💛imran 💛

Hetu P

હવે બસ તું સાથ ન છોડીશ માધવ 🥺🖤

રોનક જોષી. રાહગીર

https://www.facebook.com/share/p/1FZcckKgSd/ 🎊એક નવી ગઝલ 🎉

Jyoti Gupta

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Ghanshyam Patel

हम दुनिया को जितना कम बताएंगे, हमारी दुनिया उतनी खूबसूरत होगी ।

SUNIL ANJARIA

"રિવરફ્રન્ટ માં તો કશું નવું નથી, શું મુકશો?" મને ફોટાઓ લેતો જોઈ શ્રીમતીએ કહ્યું. કાંઈક નવું લાગ્યું એ જરૂર મૂકવું છે. એક તો, રિવરફ્રન્ટ સહુનો માનીતો થઈ ગયો એ કેટલા વર્ષ, કોઈ જ ખાસ મેન્ટેનન્સ વગર જૂનો થયો? ઓહ, 22 થી 23 વર્ષ. નરેન્દ્રભાઈ મોદી ગુજરાતના મુખ્યમંત્રી હતા ત્યારે થયેલો. લગભગ તો હું અને બધાં એક સાંજ પસાર કરવા જઈએ છીએ પણ અમે રાત્રે 9 પછી જ ગયાં. અરે માનવ મહેરામણ એટલે? અમે આખો રિવરફ્રન્ટ ત્રણ ટુકડે ગયાં. દર્પણ પાછળ દધીચિ બ્રિજ, નટરાજ સામે અને એટલબ્રીજ બહારથી થઈ સરદારબ્રિજ પાસે. ત્યાં સરદારબ્રિજ પાસે તો પાર્કિંગ માં પણ અફડાતફડી. આપણે સરખી કાર પાર્ક કરવા જગ્યામાં જઈ આગળ લઈ ઊંધી લઈએ ત્યાં બીજો "ઠાઠું " ઘુસાડી દે! ત્યાં પેઇડ ઇલેક્ટ્રિક સ્કૂટરો 15 મિનિટના 90 રૂ. માં મળતાં હતાં એ લેવા ભીડ હતી. ત્યાંથી નહેરુબ્રિજ સતત એ ઇલેક્ટ્રિક સ્કૂટરો અને ભાડે સાઇકલો ફેરવતાં 14 થી 40 વર્ષના કેટલાંયે લોકો હતાં. રિવરફ્રન્ટ ની પાળીએ બેસીને સાબરમતીની લહેરોનાં હળવાં મોજાં જોવાની મઝા પડી. ઉપરથી દર થોડી સેકન્ડે એકદમ નીચેથી જતાં પ્લેન. સરદાર બ્રિજ પાસે જે ખાણીપીણી બજાર બનેલી ને હું 2023 માં ગયેલ એ આખી બંધ થઈ ગઈ. સામે આંખ આંજી દે તેવી ચકાચોંધ રોશની અને પસાર થાય તો કદાચ અંદર બેઠેલાને કાનમાં વાગતું હશે એવાં પ્રચંડ મ્યુઝિક સાથે ક્રૂઝ પસાર થઈ. દુબઈમાં ડિનર વગર સાંજે 5 થી 7 લીધેલી એવી ટ્રીપ અહીં હોય તો લેવી છે. નટરાણી પાછળ તો જે ઝૂંપડાં હતાં ત્યાં બે માળના રો હાઉસો એ લોકોએ જ બાંધી લીધાં છે. કદાચ મફતિયા પરા ફેસિંગ રિવર! ત્યાં દધીચિ બ્રિજ પાસે જ પાળી પર એક જોરગરમ વાળો એનો માલ ઓશિકું બનાવી ત્યાં જ સૂઈ ગયેલો. આખો રિવરફ્રન્ટ શોપિંગ ફેસ્ટિવલ ને કારણે લાઈટોથી શણગાર્યો છે. એક વહેલી રાત, 9 થી 11 ત્યાં પસાર કરી. વળતાં એ જ સિંધુભવન ની જાગતી રાત, અર્બન ચોક પાસે ટ્રાફિક જામ. લોકો રાતે 12 વાગે ખાવા નીકળે છે? આ અમદાવાદ ક્યારેય સૂતું નથી. શનિવારની રાતે તો નહીં જ.

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

देख पराये द्रव्य को, जब मिलता है कष्ट। ऐसे लोभी मनुज का, जीवन होता नष्ट।। दोहा--365 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

Dinesh

*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏 *આજનો સુવિચાર* અહીં ભેગાં તો બધાંય થાય છે ! બસ, તકલીફ તો એક થવામાં છે. *શુભ સવાર*

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास सपन मिलन का सपन दिल को करार दे गया l वक्त से पहेले ही पास सजन के ले गया ll इश्क़ ने दिवाना बनाकर रख दिया है कि l मोहब्बत के वास्ते रिश्तों नातो से गया ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Paagla

लिखकर तेरे नाम पर दिल अपना, हम सरेआम बदनाम हो गए हैं, हम कभी बहुत मशहूर हुआ करते थे, ‘पागला’, लेकिन अब आम हो गए हैं।

મનોજ નાવડીયા

સુખમાં આનંદ કરે, દુઃખમાં એ રડે, મતલબ એમ એણે હજી કઈ જાણ્યું નથી, કડવા શબ્દો બોલે, ગળ્યામાં એ ઉણપ, મતલબ એમ એણે હજી કઈ વિચાર્યું નથી, ઝડપથી દોડતો ફરે, ધીરજમાં એ ખૂટે, મતલબ એમ એણે હજી કઈ ચાલ્યો નથી, ખોટું કરતો રહે, સાચાંમાં એ થાકે, મતલબ એમ એણે હજી કઈ ઉતાર્યું નથી, જ્ઞાનની વાતો કરે, અહંકારમાં એ પડે, મતલબ એમ એણે હજી કઈ જીવ્યો નથી. મનોજ નાવડીયા

Gautam Patel

પ્રેમ ગીત

Archana Singh

ज़िंदगी सबक दे गई , जिनके फ़िक्र में हमने वक्त गवा दी ...! उन्हीं ने हमें आईना , कमियों की दिखा दी ...!! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

Archana Singh

ठोकर खाकर भी , हर रोज संभालते हैं...! ऐ जिंदगी , देख ...! कहा हम तुझसे , कम हौंसले रखते हैं ...!! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

Meghna Sanghvi

સાડીએ સાદગીની નિશાની છે.

Durgeshwari Sharma

हर सुबह नया जीवन शुरू होता है। कर्म करने के लिए। 🥀🌻🥀🌿 - Durgeshwari Sharma

Archana Singh

नजरों से गिरा कर , वो नज़रें उठा कर चलते हैं ...! सच्चाई तो हममें थी , तभी तो हम नज़रें बचा कर चलते हैं ...! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

Archana Singh

अक्सर वही लोग आंखों में नमी दे जाते हैं , जो जिंदगी में खुशियों का दावा करते हैं ...! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

Archana Singh

नाम , पहचान और सम्मान ,,, ये तीनों जब एक साथ किसी व्यक्ति के पास आ जाएं , तो समझना ... अहंकार सिर चढ़कर बोलेगा ..! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

Archana Singh

"रिश्तों की कद्र कर लो , क्योंकि ... लौट कर ना ही बीता वक्त आता हैं और ... ना ही लोग "...!! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh

Soni shakya

,🙏🙏 सुप्रभात 🙏 🙏 🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

Bhavna Bhatt

કિન્તુ પરંતુ...‌નાચવુ નહીં

Vedanta Two Agyat Agyani

गुरु वृक्ष के समान है— छाया देता है फल देता है सुगंध देता है ऑक्सीजन देता है वह यह नहीं कहता— पहले सदस्य बनो, दान दो, फिर फल मिलेगा।

Sweta Pandey

भटक कर राह अपनी आ गए, अनजान महफ़िल में , या इस अनजान महफ़िल में, कोई अपना भी आया है । - Sweta Pandey

Miss writer

तुम लौटने का वादा करो तो सही, मैं उर्मिला सा इंतेज़ार करने के लिए तैयार हुं। तुम मूड कर देखो तो सही, आज भी मेरी ये निगाहें बस तुम्हें देखना चाहती हैं । तुम एक बार मेरी जगह आ कर देखो तो सही, शायद पता चल जाए कि अपने प्यार को दूर जाते हुए देख कैसा लगता है ।

Vedanta Two Agyat Agyani

✦ आत्मसाक्षात व्यक्ति का धर्म ✦ जब कोई व्यक्ति आत्मसाक्षात हो जाता है — संत होता है, महात्मा होता है, ब्रह्म में लीन होता है — तो उसके जीवन का केवल एक ही धर्म रह जाता है: दूसरे को आत्मतत्व की ओर संकेत देना। न संस्था, न संगठन, न सेवा-योजना, न सदस्यता। उसका कार्य व्यवस्था बनाना नहीं, उसका कार्य ब्रह्म का बोध देना है। आज यदि कोई संत IT इंजीनियर है, PhD है, तो वह आध्यात्मिक विज्ञान को उसी प्रकार सरल कर सकता है जैसे विज्ञान पानी को समझाता है— पानी = दो हाइड्रोजन + एक ऑक्सीजन। उसी तरह आत्मा, चेतना, सत्य, परमात्मा को भी सूत्रों, तर्क और स्पष्टता में समझाया जा सकता है। जिसे आत्मबोध हो गया — उसके लिए धन, साधन और सुविधा का कोई मूल्य नहीं रह जाता। इसलिए लोग अपने आप झुकते हैं, जय-जयकार करते हैं, हाथ जोड़ते हैं। यह संत की आवश्यकता नहीं, यह जनमानस की स्वाभाविक कृतज्ञता होती है। ✦ मूल बिंदु ✦ आत्मा को जान लेना — यही सत्य है। यही अमृत है। यही मोक्ष है। यही समाधि है। यही पूर्णता है। यही शांति, प्रेम और संतोष है। इस बिंदु के बाद धर्म, सेवा और संस्था — अप्रासंगिक हो जाते हैं। आज सोशल मीडिया जैसे माध्यमों से बिना किसी धन की आवश्यकता के पूरी दुनिया को ज्ञान दिया जा सकता है। ✦ सेवा किसका धर्म है ✦ सेवा उनका धर्म है— जिनके पास धन है जिनके पास उद्योग है जिनके पास साधन हैं जिनके पास व्यापार है उनका कर्तव्य है देना। गुरु का कार्य सेवा करना नहीं है। गुरु का कार्य है— ऊर्जा देना दृष्टि देना समझ देना गुरु कोई आशीर्वाद नहीं देता। वह बहता हुआ प्रेम है। जिसके भीतर प्यास होती है, वह अपने आप पीता है। गुरु वृक्ष के समान है— छाया देता है फल देता है सुगंध देता है ऑक्सीजन देता है वह यह नहीं कहता— पहले सदस्य बनो, दान दो, फिर फल मिलेगा। यदि विषय कला, शिक्षा या व्यापार का हो — तो दक्षिणा उचित है, क्योंकि वहाँ गुरु भी जड़ जीवन में खड़ा है। लेकिन जिसे आत्मबोध हो गया — वह बिना माँगे उतना ही स्वीकार करता है जितना आवश्यक है। ✦ बोध और कृतज्ञता ✦ जिससे बोध प्राप्त होता है, उसके प्रति दिया गया धन दान नहीं होता, धार्मिक रस्म नहीं होती। वह केवल कृतज्ञता का स्वाभाविक उपहार होता है। बोध मिलने के बाद भौतिक भोग व्यर्थ हो जाते हैं। जो अर्पण होता है, वह भय या लालच से नहीं, आनंद और प्रेम से होता है। ✦ बोध के बाद सेवा ✦ जिसे ज्ञान मुक्त रूप से प्राप्त होता है, उसके भीतर उसे आगे बाँटने की प्रवृत्ति स्वतः उत्पन्न हो जाती है। यह कोई संगठन नहीं, कोई अभियान नहीं, कोई प्रचार नहीं — यह जीवन की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। आलोचना, गालियाँ, विरोध — सब अप्रभावी हो जाते हैं। क्योंकि बोध के बाद गाली भी अमृत प्रतीत होती है। ✦ आज का विरोधाभास ✦ आज अनेक तथाकथित गुरु— थोड़ा धर्म थोड़ा शस्त्र थोड़ा व्यवसाय थोड़ा भगवान थोड़ा भय थोड़ा चमत्कार सब मिलाकर एक मुखौटा बन गए हैं। यह आत्मसाक्षात नहीं है। यह व्यवस्था-संचालन है। जहाँ डर, व्यापार और सत्ता हो — वहाँ आत्मबोध नहीं होता

SF MASTER

THE BOY WHO LOVED IN SILENCE is now as comic, go check it out https://youtube.com/shorts/8s8gdIMtJrM?feature=share

Jatin Tyagi

एक दीप जला था मौन रात में, न मंच था, न कोई शोर। बस “राष्ट्र प्रथम” का प्रण लिए, संघ चला — निडर, निष्ठ और कठोर।। 1 शाखा की मिट्टी, लाठी की सीख, प्रार्थना में पलता विश्वास। व्यक्ति गढ़ा, चरित्र बना, यहीं से जागा राष्ट्र-प्रकाश।। 2 न सत्ता चाही, न सिंहासन, न यश का कोई व्यापार। जहाँ संकट आया सबसे पहले, संघ बना जनता की ढाल-दीवार।। 3 सीमा पर वीर, गाँव में शिक्षक, नगर-नगर सेवक रूप। हर वेश में एक ही संकल्प, भारत माता का दिव्य स्वरूप।। 4 आंधियाँ आईं, प्रतिबंध लगे, कलंक, कारागार, प्रहार। पर सत्य झुका नहीं एक क्षण, संघ चला — और हुआ और अपार।। 5 यह सौ वर्ष नहीं, यह संकल्प है, पीढ़ी-दर-पीढ़ी ज्वाला जीवित। जहाँ “मैं” गलकर “हम” बनता, वहीं राष्ट्र होता है निर्मित।। 6 अब अगली शताब्दी पुकार रही, युवक, उठो — यह समय तुम्हारा। संघ नहीं केवल इतिहास है, संघ ही भारत का भविष्य सारा।। 7 – ©️जतिन त्यागी (राष्ट्रदीप)

kattupaya s

Goodnight friends..sweet dreams

Miss writer

तुम्हारे होने से ही तो नूर है मेरे चेहरे पे, तुम्ही बताओ कैसे जिऊं तुम्हारे ना होने से? होते होगा लोगों को इश्क एक बार, पर मैंने तो हर बार तुम्हें प्यार किया है , जब जब तुम्हारा खयाल दिल में आया है ।

Jyoti Gupta

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Raa

The Mahatma's name is not being changed. The laborer's work is being changed.

Rajiv Jangid

तुम्हारी यादों की किताब एक सुनसान डगर है , जहां में खो जाता हूं तुम्हे पाने के बाद । राजीव

Manvi Chauhan

parchai 🫂🩵.... Saath mere tu kuch ese rehta hai...🙂 Jese Mera rooh ka adha hissa ho tu...🫵☺️ Log jo dekhte hain, muskura ke kehte hain…🗣️ Lagte hai in dono ki जोड़ी saath me bade shayane..😜🩵 Tu mera haathi 🐘 Mera tera saathi...👥 Kahawat ki tarah ban gayi hai hum dono ki Prem kahani…🩷🩵 Mere jindagi ka har sukh dukh ka एक लौटा tu hi to hai भागीदार....🫵❣️ Mera pyaar bhi tu mere jaan bhi tu...🫵🩵 Mere jine Marne ki वज़ह bhi tu....🫵🩷 Mere har मुश्किल घड़ी me bina kuch bole parchai bankr saath khada rahta hai tu...🫵🫂 Mere maa -Baap sa pyaar जताता hai tu...🫵♥️ Mere intezaar ka फल hai tu...♥️ Tu saath ho to darr bhi himmat ban jaata hai...🫂  Teri muskaan se hi mera har din hai…🙂💫 Main adhoori hu Tere Bina...🥀 Mera har khwab tere naam ka hi to hai…✨ Tu mohabbat nhi hai bs mera tu aadat ban chuka hai abe mera…🫵🫂♥️ Mera har kal abe Tere hi naam likh Diya hai Mene...✍️   Khamoshi mein bhi jo sab keh jaaye…🗣️ वो sukoon hai tu Mera...🫵😌 Main gir jati hu zindagi ke chote -mote raasto mein…🥀    tu khada milta hai mujhe mere har girte huye gali -rasto mein…✨ ✍️....Manvi

Nilesh Rajput

તું બનીને વાદળ વરસ્યા કરે, પણ મારે હવે ભીંજાવું જ નથી! તું ચાંદ બની હવે ચમકતી રહે, મારે તારો બની હવે તૂટવું જ નથી. તું નજર કરીને લુભાવતી રહે, મારે એ નજરમાં ડૂબવું જ નથી! તું કંટક બની ચુભતી રહે, એ રસ્તા પર મારે હવે ચાલવું જ નથી! તું બનાવી રમકડું રમાડ્યા કરે એવો પાગલ હું પણ નથી! તું કહે ને હું માની પણ જાવ? એવો ઘાયલ હું પણ નથી! તારી પાછળ આંસુ વહાવ્યા કરું,, એવો કાયર હું પણ નથી! યાદમાં તારી ગઝલો લખ્યા કરું, એવો શાયર હું પણ નથી!

Nilesh Rajput

ચલ ને!..ભાગી જઈએ - ✍️ ચલ ને!..ભાગી જઈએ, દુનિયાની પરવા કર્યા વિના, એકબીજામાં સમાઇ જઈએ, જૂના રિવાજોથી કોને ખુશી મળી છે?? પ્રેમમાં નવી ક્રાંતિ લાવીને, પોતાની ખુશી છીનવી લઈએ, ચલ ને!..ભાગી જઈએ.. ઈશ્વરને માનનારા પ્રેમ ને નકારે છે, જીવંત ફૂલ ને તોડીને માનવરૂપી મૂર્તિને પધરાવે છે, સમાજની આવી દુર્દશાને છોડીને, એક નવી દિશામાં પ્રયાણ કરીએ, ચલ ને!..ભાગી જઈએ.. માત-પિતાના આશીર્વાદને અવગણીને, ખુદની ગેર સમજણ પ્રદર્શિત કરીએ, પરિવારના સંબંધોને તોડીને, લગ્નના બંધનમાં બંધાઈએ, ચલ ને!..ભાગી જઈએ.. ઠોકર વાગતા મા યાદ આવે છે, મુશ્કેલી આવતા બાપનો સહારો યાદ આવે છે, આવા પરિવાર ને છોડીને, આપણે શા માટે એક થઈએ?? ચલ ને!.. આપણે સમજી જઈએ... 'ચલ ને!...ભાગી જઈએ' થી લઈને 'ચલ ને!..સમજી જઈએ' સુધીની સફર એટલે પ્રેમ

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__ बदला लेने की ऊर्जा अगर हम खुद        को बेहतर बनाने में लगाएं, तो सामने वाले को सबसे ज्यादा          तकलीफ तभी होगी, जब वो हमको मुस्कुराता हुआ और             कामयाब देखेगा, किसी को बर्बाद करने की चाहत  हमें उसी के स्तर पर ले आती है, जबकि खुद को संवारना हमें उनसे मीलों आगे ले जाता है...🥀😊💯 @motivatforself😊°_★__ ☘- Զเधे Զเधे -☘ शुभ संध्या काल 🙏 ╭─❀💔༻  ╨──────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨──────────━❥ 🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__ क्या रखा है बदला लेने में, असली    मज़ा तो खुद को बदलने में है, जिसे तुम बर्बाद करना चाहते हो उसे अपनी कामयाबी से जवाब दो, जब तुम  ऊंचाइयों पर  होगे,  तो उसका  सिर,  खुद-ब-खुद  झुक            जाएगा...🥀😊💯 ☘- Զเधे Զเधे -☘ @motivatforself😊°_★__ ╭─❀💔༻  ╨──────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨──────────━❥ https://t.me/motivatforself/8378

PAYAL PARDHI

मॉर्निंग टाइम नेहा-    रेशमा!! क्या कर रही है? उठ ना यार? कितनी देर तक सोती रहेगी ?तुम्हारा हर रोज का यही नाटक है ,मैं तुम्हें उठाते उठाते थक जाती हूं।  तुम खुद लेट होती और मुझे भी तुम्हारे  साथ में लेट कर देती हो।रेशमा उठ भी जा यार, (नेहा रेशमा को काफी उठाने की कोशिश करती है, उसकी चादर को भी खींचती है पर रेशमा बार-बार चादर को हटाती है और खुद से लपेट लेती है,) नेहा! सोने देना, मैं कितना अच्छा सपना देख रही हूं तुम्हें पता है मेरे सपने में अभी" bts" का परफॉर्मेंस चल रहा है। नेहा- क्या? चल रहा है? अरे ! मेरे   का परफॉर्मेंस चल रहा है, तुम्हें पता है ना। हे भगवान !यह लड़की भी ना ,इसके सपने में कहां बीटीएस आते हैं। पूरी बीटीएस, और k - drama  पागल हो गई है यह लड़की ,मन तो कर रहा है इसे एक लात मारू और  साउथ कोरिया भेज दुँ।   अगर तुम्हारे लात मारने से मैं कोरिया जा सकती तो मैं कब का चली जाती? ,इसलिए शोर करना बंद कर  ,और  मुझे थोड़ी देर सोने देना यार, कितना क्यूट लग रहा है मेरा कुकी,😘    नेहा-  ओ!  जंगकुक का जंक फूड, उठ भी जा ।क्या?  फूड !!!  रुको तुम्हें कैसे उठाना है यह मैं अच्छी तरह से जानती हूं। (नेहा जाती है और उसने जो ब्रेकफास्ट बनाया था उसे लेकर कमरे में आ जाती है ,खाने की खुशबू सुगंकर  रेशमा तुरंत उठकर बैठ जाती है ) वाँह !!कितनी अच्छी खुशबू है आज क्या बनाया है तुमने?? ब्रेकफास्ट में! नेहा- कुछ नहीं!! बस पास्ता ,समोसे और तुम्हारी फेवरेट लाल मिर्च की चटनी और हां साथ में मोमोज भी है । वाँव!!   ह इतना सारा खाना इतना सारा क्यों बनाई है? आज कोई स्पेशल डे है?  नेहा- क्या ???🤨अरे मेरी बुद्धू , मेरे लिए नहीं तुम्हारे लिए स्पेशल डे है । "ऐसा क्या दिन है मेरे लिए जो स्पेशल हो गया।" अरे यार ,ये लड़की भी ना ,अरे आज तुम्हारा बर्थडे है बुद्धू ,हैप्पी बर्थडे🎂 रेशमा - क्या?? आज 16 नवंबर है, अरे हां आज तो मेरा बर्थडे है अरे मैं तो भूल ही गई थी कि आज मेरा बर्थडे है ।थैंक यू यार !मुझे याद दिलाने के लिए और थैंक यू मुझे विश करने के लिए। जा के फ्रेश होकर आजा, वरना मैं यह सारा खा जाऊंगी। ऐसे कैसे खा जाओगी  5 मिनट में रुको ,फ्रेश होकर आती हूं। फिर दोनों मिलकर खाएंगे आज मेरा बर्थडे है यार,।😜  Time skip    रेशमा- आज मेरा बर्थडे है फिर भी देख ना कितना बोरिंग डे है ।आज हम  क्या कुछ नया नहीं कर सकते ,आज काम पर जाना जरूरी है क्या?? मुझे नहीं जाना यार ,चलना !आज कहीं घूमने चलते हैं। नहीं रेशमा !!हम नहीं जा सकते, तुम्हें पता है ना कि हम जिस कॉफी सोप   का काम करते हैं वह कितना खड़ूस है अगर हम घूमने के लिए चले गए तो दुगना पैसा हमारे सैलरी से काट कर लेगा ।  रेशमा- यार   हां! मुझे पता है पर मैं आज अपने बर्थडे के दिन   कॉफी शॉप में काम करूंगी ।मैं अपनी लाइफ इंजॉय भी नहीं कर सकती खासकर अपने बर्थडे के दिन ऐसा कैसे हो सकता है ।   अच्छा! ऐसा करते हैं कि आज हम हाफ टाइम ले लेते हैं उसके बाद हम कहीं घूमने चलेंगे, ठीक है। तुम सच कह रही हो ना, क्या हम घूमने चलेंगे? फिलहाल तो घर से निकल, हमें कॉफी शॉप जाना है काम के लिए लेट हो रहा है हमें। In coffee  shop रेणुका - यार तुम दोनों आ गये,  इतना लेट क्यों करते हो  अभी कॉफी शॉप का ओनर आया नहीं है यह अच्छी बात है वरना पता है ना वह क्या करता तुम लोगों के साथ ,वह सब छोड़ो!! रेशमा तुम्हारा बर्थडे है ना हैप्पी बर्थडे  रेशमा- थैंक यू यार रेणुका !तुम्हें भी मेरा बर्थडे याद था ,मुझे खुद नहीं पता था कि आज मेरा बर्थडे है। हां तुझसे  यही उम्मीद की जा सकती है बुद्धू कहीं की। नेहा- चलो कस्टमर आते ही होंगे हम लोग अपना काम में लग जाते हैं ,और आज हम हाफ डे ले रहे हैं। (फिर सब लोग अपना-अपना काम करते हैं फिर दोपहर को रेशमा और नेहा अपना हाफ डे छुट्टी लेती है और घूमने के लिए जाने लगती है )  नेहा !! पहले हम कहां जाएंगे? पहले हम शॉपिंग में जाएंगे अपने लिए कुछ कपड़े खरीदेंगे ताकि हम उसे पहन कर घूमने के लिए जाएं, यह ठीक रहेगा। हां! यह ठीक रहेगा चलो वहीं चलते हैं। other side   बाँस उस लड़के को हम स्कूल से कैसे उठाएं यहां पर तो इतने सारे बॉडीगार्ड है उस लड़के के । अरे बॉडीगार्ड कैसे नहीं होगा इतना बड़े बिजनेस मेन रूद्र सिंह प्रताप का पोता जो है, तो ईतना सुरक्षा  तो होगा ही ना।तो एक काम करो भेष बदल कर जाओ और उसे स्कूल से ही उठा लाओ । बाँस !!स्कूल के अंदर से कैसे उठा ले, कहीं हम पकड़े गए तो ?? अरे यह सोचना बंद कर, यह सोच कि अगर हमने  इसे एक बार किडनैप कर लिया, और अपनी मुंह मांगी फिरौती मांगी ,तो सोच हमें कितना सारा पैसा मिलेगा और उन पैसों से हम कितना ऐश करेंगे।रुद्र प्रताप सिंह यूं ही शहर का सबसे बड़ा बिजनेस मेन नहीं है ,उसके बाद बहुत सारा पैसा है इसलिए हम बहुत सारा पैसा उनसे मांग सकते हैं । ठीक है बाँस!  जाते हैं , एक बात और उस लड़के की तस्वीर है ना तुम्हारे पास ,एक बार ठीक से उस तस्वीर को देख लो कहीं ऐसा ना हो कि उसके चक्कर में किसी और को उठा लो । नहीं बाँस!! हमने उसका चेहरा  अच्छी तरह से अपने दिमाग में बैठा दिया है, तो कोई भी गलती नहीं होगी।   सब ठीक है तो  अब जाओ! लेकिन कोई भी गलती मत करना, नहीं तो अगर एक बार पकड़े गए, तो या फिर जान से जाओगे या फिर उम्र कैद की सजा होगी। जी बाँस!! पूरी कोशिश करेंगे ।   (इधर स्कूल के अंदर सारे बच्चे खेल रहे होते हैं पर युवी खेलता नहीं है, बस उन लोगों को देखता रहता है वह कभी स्कूल में नहीं खेलता है क्योंकि जब वह देखता है कि सब माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में छोड़ने के लिए आते हैं पर यूवी तो बॉडीगार्ड के साथ आता है, इसलिए वह हमेशा स्कूल में उदास रहता है यही सोचकर कि उसके माता-पिता उसके  साथ कब यहां स्कूल छोड़ने आया करेंगे । इधर दो आदमी जो कि युवी  का अपहरण करने के लिए आ रहे होते हैं उन लोगों ने मालि भेस धारण किया था और वह लोग अपने साथ एक बोरे में कुछ खाद्द,  मिट्टी लाए थे ताकि स्कूल में किसी को भी शक ना हो कि वह लोग भेष धारण करके आए थे। (जैसे कि उन लोगों को लगा कि यूवी अब अकेला है और उन पर कोई नजर नहीं रख रहा है, उन लोगों ने खाद को वहीं पर फेंका और युवी को पहले बेहोश किया फिर उसी में बोरी में युवी को पकड़ लिया।  उन लोगों ने युवी को बोरे में डालकर स्कूल के बाहर लाने लगे। लेकिन गार्डस ने उन्हें  देखा पर देखकर उन्हें इग्नोर कर दिया।) (फिर वे स्कूल से थोड़ी दूर जाते हैं और अपने बॉस को कॉल करते हैं, ) बाँस !! जिस लड़के के  बारे में आपने कहा था वह लड़का हमें मिल गया  हैं, अब बताओ उसका क्या करना है? बहुत अच्छे ! बहुत अच्छा किया, अब उसे लेकर हमारे  पुराने वाले गोदाम में ले आओ  ।   "ok boss अभी लाते हैं ।" other side रेशमा-  नेहा!! हमें इतने महंगे कपड़े इतने सस्ते दाम में कैसे मिल गए?? मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है यह देख ना । कपड़े कितने ब्रांडेड लग रहे हैं और लग रहा है कि  महंगा होगा।हम ऐसा करेंगे  इस स्टोर में हमेशा आएंगे,  मेरे पर ये कपड़े में कितने सुंदर  लग रहे है ,आज तो मेरा बर्थडे सच में स्पेशल हो गया यार।धन्य है यह दुकान का ओनर जिसने  हमें इतने अच्छे कपड़े पहनने का सौभाग्य मिला, मैं उसे थैंक यू बोल कर आता हूं ।  नेहा- अरे ! पूरी बात तो सुन ले बाद में जाना थैंक यू बोलने के लिए ,मेरी बात तो सुन लो।  बोल ना ,क्या है ? पहले इस स्टोर से निकलते हैं फिर बाद में बताऊंगी कि क्या है। हां!! (दोनों बहुत जल्दी में उसे स्टोर से निकलते हैं) अब बता! क्या हुआ, तुम मुझे वहां से पकड़ कर क्यों लाई है ?जैसे कि तुमने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया हो। नेहा- तो तूम क्या कह रही थी इन कपड़ों के बारे में, यह एक कपड़ा 20,000₹ का है तुझे पता है !! क्या?😱 20,000₹ का है,  यार इतनी तो हमारी महीने की सैलरी भी नहीं है पर हमने तो बस 2000 ही दिए थे ।  रेशमा- 20,000 ₹कहां से आया। क्योंकि मैंने   20,000 वाले स्टीकर को एक 2000 वाले कपड़ों के स्टीकर में बदल दिया । क्या ?तुमने स्टिकर चेंज कर दिया। हां!  तुमने देखा नहीं वह दुकान  वाला लड़का कैसे बार-बार कपड़े को चेक कर रहा था और मैंने तो उसे सुना भी दिया अगर पहले से  स्टीकर लगा कर रखे हो तो मुझे यही कपड़ा चाहिए ,और बेचारा क्या  करता स्टीकर लगा हुआ कपड़ा है शायद दुकान के ओनर ने लगाया होगा ,करके कपड़े को हमें दे दिया। रेशमा- अरे वाँह! तू तो जीनियस है यार ,लेकिन 1 मिनट ,अगर हम पकड़े गए तो, वहां पर सीसीटीवी कैमरा नहीं थे क्या? होगा पर उन्हें क्या पता कि हम लोग कौन हैं ,वह हमें ढूंढते थोड़े रहेंगे।   इसलिए चल यहां से जितनी जल्दी हो सके निकल जाये । यह तो ठीक है ,पर हम जा कहां रहे हैं ?यह    तुमने तो बताया नहीं कि हम घूमने कहाँ जा रहे हैं?  नेहा-  हम बीच साइट पर जा रहे हैं चलो ।  रेशमा- और चलते-चलते हम अपनी पिकनिक के लिए कुछ खाने के सामान भी लेते चलेंगे ठीक है। हां! मुझे पता है। एक नंबर की भुक्कड़ जो है खाने के बिना तो रह नहीं सकती । (फिर दोनों शहर के बीच साइट पर जाने  को होते हैं जो कि शहर के किनारे पर स्थित था, दोनों टैक्सी को रूकवाते हैं और  साइट पर जाते हैं । रेशमा-  वो !टैक्सी वाले भैया कितने बोर कर रहे हो यार, कुछ गाना चला दो ? नहीं!  यह जगह भीड़ वाला इलाका है ,मैं अगर गाना चलाऊंगा तो कहीं एक्सीडेंट ना हो जाए । नेहा- अरे तो गाने से और तुम्हारे टैक्सी चलाने से क्या संबंध है ?  आरे यू मेडम! आप समझती नहीं है ,हम गाने के बहुत बड़े शौकीन हैं, अगर हमारा पूरा ध्यान  गाने में हुआ तो हम उसी में मगर ना हो जाएंगे ,और हम टैक्सी कैसे चलाएंगे?? हाँ। रेशमा- ठीक है, मत चलाओ ।कैसे-कैसे आदमी होते हैं यार, यहां पर अब किसी को गाना चलाने में दिक्कत कैसे हो सकती है । रेशमा!! बस भी करना यार। रेशमा- मैं ऐसा करती हूं ,मैं अपने कान में ईयर फोन डाल लेती हूं ,और मैं अपना गाना सुन लेती हूं । (कुछ समय बाद टैक्सी वाला बोलता है )अरे  मैडम!! उतरो यहां से, यहां से  टैक्सी आगे नहीं जाती हैं, यहां से आपको पैदल जाना पड़ेगा।   नेहा- हमे पता है ,यहां से हमे  पैदल ही जाना होता है, अब रेत में टैक्सी चल नहीं सकती ना। (यह कहकर नेहा उस टैक्सी से उतरती है और टैक्सी वाले को पैसा दे देती है फिर उसका ध्यान रेशमा में जाता है जो गाना सुनते सुनते ही सो जाती है)  😥 रेशमा !!तुम  फिर सो गई, अरे उठ ना  क्या कर रही है ?? हम यहां घूमने आए हैं ना कि सोने आए हैं, रेशमा!!! उठ भी जा, क्या कर रही है?? यार !नेहा सोने देना जंगकुक  कितना अच्छा गाना गा रहा है ,है इसकी आवाज कितना मधुर है ,   इसका फिर बीटीएस जंगकुक चालू हो गया ,अरे उठना। यह ऐसे नहीं मानेगी (यह कहकर नेहा उसके कान से ईयरफोन निकालती है और गाना बंद कर देती है ) रेशमा- हां! मेरा जंगकुक, कुकी ने गाना  गाना बंद कर दिया, कहां चला गया वो ?   नेहा- वो जंक फूड अब तो उठ जा, क्या कर रही है? तुम्हें मैं यहां घूमाने लाई थी तुम्हें पहले ही सोना था तो मैं तुम्हें घर ले जाती ना सोने के लिए, फिर वहां   सोती रहती।  अरे हां !मैं तो भूल ही गई थी, हम लोग आ गए क्या? पता नहीं इस लड़की का क्या होगा? अब उतर भी जा टैक्सी से, बेचारे को भी देर हो रही है जाने के लिए । हां !हां! अभी उतरती हूं ,ए  मेरा बैग पकड़ मैं  उतर रही हूं। यार नेहा !अब यहां से हमें तो 1 किलोमीटर पैदल जाना है मुझे पैदल नहीं जाना। अरे 1 किलोमीटर कौन जाएगा हम तो बस आधा किलोमीटर में ही चले जाएंगे यहां से पुराना गोदाम की ओर रास्ता  जाता है जहां पर हमें आधा घंटा ही लगेगा तो चल वही से चलते हैं। हां !!यह ठीक रहेगा ,आधा घंटा तो मैं आराम से चल सकती हूं ।चलो !! इतना कहकर दोनों गोदाम के रास्ते से बीच की ओर चलते हैं। to be continue💕

Thakor Pushpaben Sorabji

હારી ગયો તુજથી આજ હું જિંદગી ભૂલી ગયો હતો ખુદને હું જેમના માટે ઓ જિંદગી છોડી દીધો સૌએ મુજને આજ બસ તુજ તુજ સમીપ કાન હું! જય શ્રી કૃષ્ણ "પુષ્પ" - Thakor Pushpaben Sorabji

Amrita Singh

मेरा इश्क़ भी दिल से ही रवाँ है, मेरी नफ़रत भी उसी दिल में पलती है, मेरे जज़्बात भी दिल से बिखरते हैं, मेरे एहसास उसी में मसलते हैं। मेरे आँसू दिल की ज़मीन पर गिरते हैं, मेरी ख़ुशी वहीं कहीं दफ़्न हो जाती है, मेरी तन्हाई दिल की गलियों में भटकती है, मेरे शोर भी वहीं आकर ख़ामोश हो जाते हैं। मेरी दुआ दिल से उठकर ख़ुदा तक जाती है, मेरी बददुआ भी दिल में ही दम तोड़ती है— मगर हैरत है कि एक वही शख़्स है, जो इस दिल से आज तक रुख़्सत होना नहीं सीख पाया। Amrita Singh ✍🏽

Muskurahat

साल खत्म होने को है, बात खत्म होने को है, गुजर गया ये साल भी, आने वाले साल का इंतजार है.... इस साल की आखरी कविता...

Shailesh Joshi

કોઈ એક વ્યક્તિને બીજી વ્યક્તિ સાથે ગમે, અથવા તો ફાવે, એ બહુ સારી વાત છે, પરંતુ એ બંનેનો સંબંધ, લાંબો સમય સુધી, અને એ પણ, મજબૂતાઈ સાથે ત્યારે જ જડવાઈ રહે, કે જ્યારે "એ બંને" એકબીજાનું એકબીજાને ગમાડવાનું, કે પછી એકબીજા સાથે ફાવવાનું જે કારણ જાણતા હોય, એ કારણ...સાચું હોય. - Shailesh Joshi

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__ अजीब ज़िद है मेरी ख़ुद को ही            आज़माने की, ज़रूरत ही न छोड़ी मैंने, किसी         और के सताने की, वो ढूँढते रहे मुझमें शिकस्त का          कोई और निशान, मैंने सरे- आम रस्म  कर  दी    जशन-ए-हार मनाने की, अदब से पूछा था किसी ने मेरे          ज़ख्मों का हाल, मैंने हँस के कह दिया आदत है           मुस्कुराने की…🔥 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦  #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨─────────━❥

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__ शुक्र है इस कोहरे का, जिसने मेरी             लाचारी ढक ली, वरना पत्थर हो चुकी थीं आँखें तेरी        खाली राह देखते देखते, अब कोई पूछेगा तो कह दूँगा कि           रास्ता दिखता नहीं, वरना सच तो ये था कि मुझे अब    उम्मीद भी दिखती नहीं…🔥 ╭─❀💔༻  ╨──────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦ #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨──────────━❥

Raa

The Mahatma's name is not being changed. The laborer's work is being changed.

Dada Bhagwan

पढाई के बाद पहली जॉब में देखने मिला कि ऑफिस में लोग हम से ज़्यादा समझदार हैं ओर हमें कंट्रोल करना चाहते हैं। पर जब बॉस ज़्यादा कंट्रोल करे तब क्या करें? हमें ऑफिस में कैसे व्यवहार करना चाहिए जिससे बॉस के कंट्रोल में भी ना रहना पड़े और हम अपना काम अच्छी तरह से पूरा कर पाएँ? Watch here: https://youtu.be/_aDCLUZTbJA #job #lifelessons #lifelearning #trending #DadaBhagwanFoundation

Akshay Tiwari

तेरे बालों की लटों में उलझ जाना चाहता हूँ, इन काली घटाओं में खुद को खो जाना चाहता हूँ। हवा भी ठहर जाती है उन्हें छूने से पहले, क्योंकि तेरे बालों में ही मेरा सुकून बसता है!

Manoj kumar shukla

सजल# समांत - आना पदांत- होगा मात्रा भार- 16 (चौपाई छंद) जग से तिमिर भगाना होगा । नव प्रकाश फैलाना होगा।। मानव धर्म बड़ा है जग में। उसको ही अपनाना होगा। छल-छद्मों के बाजारों से। जन को सदा बचाना होगा। नई सदी है राह दिखाती। नूतन डगर सजाना होगा।। खड़े भेड़िया हर मोड़ों पर। उनको धूल चटाना होगा।। जिहादियत नासूर बना है। मिल उपचार कराना होगा।। विधि को ठेंगा दिखा रहे जो। दंड का डर दिखाना होगा।। सीमाओं की करें सुरक्षा । रिपु-दल दर्प ढहाना हो।। संस्कृति और सभ्यता रूठी। उसको फिर हर्षाना होगा।। मनोज कुमार शुक्ल 'मनोज'

Thakor Pushpaben Sorabji

કોઈની લાગણીઓ પર કરેલા ઘા ક્યારેક બાંધેલા પાકી ડોર ના સબંધો કાપી જાય છે જય શ્રી કૃષ્ણ - Thakor Pushpaben Sorabji

Bitu

माफ भी कर दिया, शिकायतें भी नहीं करेगे.... पर किसने कब कहां क्या कहा?? जनाब सब याद रखेंगे... Bitu....

Soni shakya

एक ख्वाब की तरह हो तुम, हकीकत में जी रही हुं जिसे..!! - Soni shakya

Nilesh Rajput

અજાણ્યો પત્ર - 22 एक हाथ में जलती हुई सिगरेट, दूसरे हाथ में चलकती हुई शराब और होठों पर ठहेरा हुआ बस एक नाम, किसी फिल्मी कहानी सी लगती हुई मेरी कहानी का बस यही तो अंत है, अब ना कोई कलम मुझे जिंदा रख सकती है, ना अब ये आंखे कोई ख़्वाब देखना चाहती है, जिंदा रहेना भी अब मुझे अपने आप पर बोझ सा लगता है....., इसलिए अब अंत जरूरी है, मेरे प्यार का अंत, मेरे जीवन का अंत या फिर यूं कहे तो मेरा अंत।

Nilesh Rajput

वो अपना चेहरा छुपाकर उसकी बाहों से लिपटी थी। शायद उसे ज़माने की फ़िक्र थी… यूँ तो मरने वाले मर गए तेरे इश्क़ में, शायद उसे ख़ुद से ज़्यादा तेरी इज़्ज़त की फ़िक्र थी…

Paagla

नाम चलाया नहीं, बनाया है लाडले...✍️ Paagla ke attitude quotes unke liye hain jo bheed ka hissa nahi, apni pehchaan khud banate hain. Kam lafz, tez asar — kyunki attitude dikhaya nahi, mehsoos karaya jata hai.

Soni shakya

"यादें भी अजीब सजा देती हैं ना सोने देती है और ना ही जीने देती है" 🥀🥀🥀🥀 - Soni shakya

Soni shakya

कहने को बहुत कुछ है पर.. खामोशी ज्यादा अच्छी है... - Soni shakya

Soni shakya

"दिल ने हर बात खामोशी से सह ली ना वो हमारे हुए ना हम किसी और के हो सके ना रिश्ता मुकम्मल हुआ ना जुदाई पूरी हो सकी बस एक मोहब्बत और आह उम्र भर की" - Soni shakya

Jyoti Gupta

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Vaghela Vishal

કયારેક... કયારેક મારા એકાંત ને તું મળવા તો આવ અતૂટ નિંદ્રામાં સૂતો છું,કદાચ હુ જાગી જાઉં. કયારેક મારા શ્વાસને તું ગણવા તો આવ અણધાર્યા અંધકારમાં દોડું છું,કદાચ હુ થંભી જાઉં કયારેક મારા અતીત સામે તુ આંગળી ચીંધવા તો આવ અતીતનો ગહન સંબંધી છું,કદાચ હુ વાસ્તવ બની જાઉં કયારેક મારા અંતરની ગહનતાને તું ઝંખવા તો આવ અતીતની વ્યર્થતામા ડૂબેલો છું,કદાચ હુ તરી જાઉં કયારેક મારા જુઠાણને તું અવગણવા તો આવ સત્યમાં હુ સાચ થયો નથી,કદાચ હુ સાચો બની જાઉં કયારેક મારા મન વરસાદમાં તું ભીંજાવા તો આવ વર્ષાના વાદળે થીજી ગયો છું,કદાચ હુ વરસી જાઉ કયારેક મારા હવા સમાન મનને તું જાણવા તો આવ મનની પાંખે અસ્થિર થયો છું,કદાચ હુ સ્થિર બની જાઉં "પણ તું કયારેય આમ ન આવ કે મન વાણીથી જાતે જ ગુપ્ત બની જાઉં"

SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

જેટલી ઇન્ટરનેટની સ્પીડ વધતી રહી છે એટલી જ રિલેશનશિપની ઉંમર ઘટતી રહી છે... - SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

Raa

om shanti mere dost Ishwar teri aatmako shanti de

Ghanshyam Patel

जितना ही लोगों के बारे में जानोगे, उतना ही अकेलापन तुम्हें अच्छा लगने लगेगा ।

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

વિષય : વૃદ્ધાશ્રમ — સંબંધોની હાર શિર્ષક: 'ઘર' થી 'ઘરડાઘર' સુધીનો આધુનિક વળાંક," પ્રકાર: અછાંદસ કાવ્ય ​શહેરના સૌથી પોશ વિસ્તારમાં એક આલીશાન બંગલો ઊભો છે, જેના ઉંબરે 'સ્વાગતમ' લખેલી ટાઇલ્સ ચકચકિત ચમકે છે... પણ એ ઉંબરો ઓળંગીને ઘરના બે જીવંત હરફ 'મા' અને 'બાપ' આજે સરનામું બદલી રહ્યા છે. ​સંબંધોની હાર? ના, આ તો અપેક્ષાઓનું એન્કાઉન્ટર છે! ​જે હાથોએ તેડ્યા હતા, જે આંગળીએ ચાલતા શીખવ્યું હતું, એ જ આંગળીઓ આજે વૃદ્ધાશ્રમના ફોર્મ પર સહી કરતી વખતે જરાય ધ્રૂજતી નથી... કેવી અદભૂત કહેવાય આ પ્રગતિ! ​દીકરાએ વિદેશમાં ડોલર કમાયા, વહુએ ડ્રોઈંગરૂમમાં મોંઘા સોફા ગોઠવ્યા, પણ ખૂણામાં પડેલી પેલી જૂની લાકડી અને ખોંખારો ખાતી એ બે ખુરશીઓ ઈન્ટિરિયર ડિઝાઈનમાં નડતી હતી. ​હવે ત્યાં શાંતિ છે... કદાચ સ્મશાન જેવી જ શાંતિ. ત્યાં હવે કોઈ સલાહ આપનાર નથી, કોઈ જૂની વાતોનું વળગણ નથી. ​પેલી તરફ, વૃદ્ધાશ્રમની બારીએ બે જોડી આંખો હજી પણ રસ્તાને તાકી રહી છે, એક આશામાં કે કદાચ... કદાચ એ ‘વ્યસ્ત’ શિડ્યુલમાંથી થોડો સમય 'માણસ' થઈને કોઈ આવશે. ​મંદિરોમાં પથ્થરને દૂધ ચઢાવનારો આ દેશ, જીવતા તીર્થોને આશ્રમમાં પધરાવી આવ્યો છે. આ સંબંધોની હાર નથી, આ તો માણસાઈના દેવાળિયાપણાનું "સ્વયમ’ભુ"એક વરવું પ્રદર્શન છે. અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ"

Parmar Mayur

एकता वहां ही उचित लगती है जहां विवेक पलता हो। एक होकर निर्दोष को मारनेवाली भीड़ से बेहतर एक होकर बचानेवाले इंसान होते है।। - Parmar Mayur

kattupaya s

Good morning friends.. Happy to share to that it is 1m views of my stories. Thanks for your support .

Rahul Budiya

मिट्टी पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं, मिट्टी पर नाम कभी लिखते नहीं। लोग तो कहते हैं हम पत्थर दिल है पर जनाब पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं।।❤️‍🩹🌹 - Rahul Bishnoi

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

जग में कुछ भाता नहीं, छिन जाता सब भोग। रात जागरण का उसे, लग जाता जब रोग।। दोहा --364 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

kajal jha

हमने जिसे अपना सुकून समझा, वही सबसे बड़ा ज़ख़्म दे गया, जिसके नाम से जीना सीखा था, उसी ने जीने का हुनर छीन लिया। हर वादा, हर क़सम आज भी कानों में गूंजती है, पर वो आवाज़ें अब बस ख़ामोशी में ही सिसकती हैं। हमने चाहा था उम्र भर का साथ, कुछ पल नहीं, पर उसने तो हर लम्हा हमें तन्हाई का मतलब समझा दिया। आज भी सवाल वही है— हमारी मोहब्बत कम थी या किस्मत, क्योंकि टूट कर भी हम उसी को चाहने से रुक नहीं पाए।” - kajal jha

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