Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
OLD KING

Main apne Novel "BHOOT SAMRAT" ka Cover image kaise change kar sakhat hu.. please Help

SRK

ज्यादा कुछ तो नहीं पता लेकिन पता नहीं क्यों? सब जिस चीज को आगे बढ़ानी है।उसे कोई सहकार नहीं देता मै हर वक्त सोचती हु कि कही मैं गलत थी लेकिन मेरी सोच के बाहर है ए जमाने की सोच,मै यूंही इंसानों से नफरत नहीं करती कही कारन है इस विषय के खेर कुछ भी करो तो अच्छा ही करो।।। - SRK

SRK

શું ખબર? કેમ પણ અડધી તો ડૂબેલી જ છું... અને એ અડધા માંથી પણ વધારે કોઈ ડૂબી જીવે...તો પણ ઘણું _SRK 💙 - SRK

yeash shah

New Formula of Health Number --------------------------- Before Transformation age: Root Number + Birth Day Number + Hour Health Number + Minute Health Number + Day of Birth Number After Transformation Age Destiny Number + Hour Health Number + Minute Health Number + Day Of Birth Number Now Example: Date :26/08/1993 Time : 7:12 pm Day : Thursday Before My Transformation ( Age 0 to 29) Root :8 Hour Number:2 Minute Number:9 Day of Birth: 3 ( Thursday) ------------------ Total: 4 ( Step :1) After My Transformation ( From Age 3o to lifelong) Destiny:2 + Hour :2 + minute :9 + Day : 3 --------------------- Total :7 ( Step :2) My Health Care Number= Step :1 + Step :2 = 4+7 = 2 So I have to be careful Regarding Health issues of 4 , 7 & 2 Health Code : 472 For Finding Hour & Munite Number Use This Table.

Shraddha Panchal

मेरे अंदर की घुटन मेरे चेहरे का “नूर” ले गई…….. कुछ मसले ऐसे “थे”. और. “है” जो मुझसे कभी हल ना हो सके 🙏🙏🙏🙏🙏

Shraddha Panchal

मुझे समझौता पसंद नहीं था , पर वह ज़िन्दगी बन गया , कभी किसीकी चीज़ माँगना अच्छा नहीं लगता था, फिर भी माँग लिया कभी कभी, आधा अधूरा कुछ भी नहीं चाहिए था, पर नसीब में सब आधा अधूरा और “दूसरो” के साथ बटा हुआ ही मिला 😇

Gajendra Kudmate

सच कहते है झूठ के कभी पाँव नहीं होते सीना छलनी हो जाता है मगर घाँव नहीं होते है गजेंद्र

PAYAL PARDHI

मैंने कहा— “आगे बढ़ते हैं,” पर उसने मुझे रोक लिया। ज़िंदगी मेरी बीतती गई, और वो चैन से सोता रहा। मेहनती आगे बढ़ते रहे, मैं बेचारा देखता रहा। आसमान को छूते रहे वो, मैं अपाहिज-सा बना रहा। बोल उठा उनका इतिहास भी, मैं गूँगा बना रहा। ज़िंदगी मेरी गुजर गई, पर वो चैन से सोता रहा। थक कर पूछा मैंने उससे— “तू है कौन जो फ़ैसले लेता गया?” डाँट कर बोला उसने— “हम दोनों तो एक ही हैं। तू करता रहा, जो मैं करवाता गया। तेरा आलस हूँ मैं, जो तेरे भीतर पलता गया। तू सोचता रहा— मैं कल पर टालता गया। सब कामयाब होते गए, तू देख-देख जलता गया। ज़िंदगी तेरी बीत गई, मैं चैन से सोता गया।” तेरा दुश्मन तू खुद ही था, दोष किस्मत को देता गया। जवानी तेरी बीत गई, बुढ़ापा तेरा आ गया। पंख लगा सब उड़ गए, तू खुद के पंख नोचता गया। ज़िंदगी तेरी बीत गई, चैन से क्यों तू सोता रहा? मैंने कहा— “अब क्या करूँ? वक़्त हाथ से फिसल गया।” उसने कहा— “जो करना है अब कर ले, तुझे रोकते-रोकते अब मैं भी तो थक गया।” -----PAYAL 💕PARDHI.

Mamta Trivedi

https://www.instagram.com/reel/DS1lguGEqIZ/?igsh=MWlld3p0b3JhaDU0MA== https://music.apple.com/us/artist/mamta/1864318634 https://music.amazon.in/albums/B0GCNX3N79

Priya

Mera inbox active nahi hai isliye mai kisi ko bhi reply nahi kar sakti,please koi bhi isse apni disrespect na samjhe 🙏🏻

Raa

me gunda . hu

Shraddha Panchal

શ્વાસે શ્વાસે લડી રહી છું , હું મૌન બની ને , અંદર અંદર પોતે જ સળગી રહી છું, હે નાથ, બહાર થઈ શાંત છું, પણ અંદર વિચારો ના વાવાઝોડા એ ઘેરાઈ ગઈ છું 😊😇🩶

Kirti kashyap

"खुद से हार कर" हर रोज़ ख़ुद से थोड़ा-सा हार कर आए, हम ज़िंदगी से यूँ ही तकरार कर आए। ख़ामोशियों ने बोलना जब सीख लिया, हम अपने दर्द को लफ़्ज़ों में संवार कर आए। जो ख़्वाब आँखों में थे, आँखों ही में रहे, हम दिल-ए-अरमानों को यूँ मार कर आए। किसी की एक नज़र उम्र भर का क़र्ज़ बनी, हम अपने आप को उस पर निसार कर आए। बहुत तलाश किया हमने अपने होने को, जहाँ मिले नहीं ख़ुद को, वहीं ठहर कर आए। न था कोई नाम-ओ-निशां उसके दिल में मेरा, “कीर्ति”, जब एहसास हुआ तो नकार कर आए। Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️

NetramEyeCentre

Delivering eye care where it matters the most. 👁️🤝 Team successfully conducted a community eye screening camp at Dakshinpuri, reaching a large number of people and identifying critical eye care needs at an early stage. 📊 Camp Highlights: • Total OPD: 209 patients screened • Cataract cases identified: 10–15 • Other specialised referrals: 25 Early detection can change lives—and through our outreach initiatives, we continue to bridge the gap between communities and quality eye care. At Netram Eye Foundation, Dr.Anchal Gupta our commitment goes beyond treatment—we work towards prevention, awareness, and accessible eye health for all. #EyeCareOutreach #CommunityHealthInitiative #VisionAwareness #CataractCare #Besteyehospital #Fastestsurgeon #PreventBlindness #HealthcareWithPurpose #Dranchalgupta #NetramEyeFoundation #SocialImpact

NetramEyeCentre

Community eye care isn’t just about numbers—it’s about reaching the people who need it the most. 👁️🤝 Our Team successfully conducted an eye screening camp at Madangir, delivering accessible and timely eye care to the community. 📊 Camp Highlights: • Total OPD: 110 patients screened • Cataract cases identified: 8–10 • LASIK counselling & cases: 2 • Other specialised referrals: 12 Each screening is a step towards early diagnosis, timely treatment, and better quality of life. At Netram Eye Foundation, Dr.Anchal Gupta we remain committed to strengthening community outreach and making quality eye care accessible beyond hospital walls. Together, we move closer to a future of clearer vision for all. ✨ #CommunityEyeCare #EyeHealthAwareness #VisionForAll #OutreachProgram #PreventableBlindness #CataractAwareness #LASIKCare #Besteyehospital #Fastestsurgeon #NetramEyeFoundation #HealthcareImpact

archana

मुझसे हर वक़्त औरों की तुलना की गई, मेरी मेहनत, मेरी नीयत भी तौली गई। छोटी-छोटी बातों पर हंसी उड़ाई गई, मेरी सादगी, मेरी सच्चाई भी कहानी बना दी गई। रंग-रूप पर तंज, हर कदम पर ताना, मेरी ईमानदारी को भी बना दिया बहाना। कहा—“इतना अच्छा कोई होता नहीं, ये तो दिखावा है”, सचाई को ढोंग कहा, यही उनका नया नकाब है। पर सुन लो दुनिया— मैं न टूटी हूँ, न झूठ का हिस्सा बनी हूँ, मैं अपनी सच्चाई पर आज भी उतनी ही ठहरी हूँ। जो सच्चे होते हैं, वही ज्यादा चोट खाते हैं, पर वही इतिहास में खुद को सच्चा साबित कर जाते हैं। कल जो हंसे थे, एक दिन शर्माएंगे, मेरी सच्चाई को समझकर सिर झुकाएंगे। मैं वही रहूँगी—सीधी, सच्ची, साफ़, और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत का इख़्तियार। ✨

jighnasa solanki

GOOD MORNING Everyone 🌻☕🌻 માને પોષ સુદ આઠમનો દિવ્ય શણગાર. રખોપા આઈ ખોડિયારના. 🙏🌹 જય જોગમાયા 🌹🙏

Dada Bhagwan

શંકા એટલે શું? પોતાના આત્માને બગાડવાનું સાધન. - દાદા ભગવાન વધુ માહિતી માટે અહીં ક્લિક કરો: https://dbf.adalaj.org/QvQDpBLN #quote #quoteoftheday #spiritualquotes #spirituality #DadaBhagwanFoundation #DadaBhagwan

Deepak Bundela Arymoulik

स्टेटस में आग, प्रोफाइल में क्रांति, और ज़िंदगी सामने आए तो आवाज़ गले में मर जाती है। मोहब्बत अगर मिल जाए तो वही ज़िंदगी बना देते हैं— उसी के लिए सपने, शब्द, वादे, पूरी कायनात लिख डालते हैं। और जब मोहब्बत टूटती है तो दर्द बहाने के लिए पूरी टाइमलाइन छोटी पड़ जाती है, हर पोस्ट एक आँसू बन जाती है। पर जब समाज का दिल टूटता है, जब हक़ कुचले जाते हैं, तब ये लोग नेटवर्क खोजते हैं, तब रीच ज़्यादा ज़रूरी हो जाती है। दिल टूटा तो शायर, हक़ टूटा तो दर्शक— ये वही कलमें हैं जो अपने दर्द पर चीखती हैं और दूसरों के दर्द पर म्यूट हो जाती हैं। मोहब्बत ने इन्हें जिंदा रखा, डर ने इन्हें मरा हुआ। सोशल मीडिया पर साँसें, असल ज़िंदगी में ज़िंदा लाश। जो अपने लिए नहीं बोले, जो सच के लिए नहीं जले— वो दिशा नहीं देते, वो बस ट्रेंड के पीछे खुद को घसीटते हैं। आर्यमौलिक

Shailesh Joshi

પ્રભુ હંમેશા આપણા સૌની પાસેને પાસે, ને સાથેને સાથે જ હોય છે, એતો કોઈ કોઈ વાર, જાણતા અજાણતા આપણા અમુક એવા ખોટા વિચારો, કે પછી એવા કોઈ કર્મો જ આપણને પ્રભુથી દૂર લઈ જાય છે. બસ આપણે જો એનું ધ્યાન રાખીશું, તો ની:સંકોચ પ્રભુ આપણું પણ પુરતું ધ્યાન રાખશે, રાખશે ને રાખશે જ 🙏 - Shailesh Joshi

Nisha ankahi

जिसे छूकर हाथ पवित्र हुए, वो छुअन रूह तक उतर गई। अर्पण किया था जल नम आँखों से, और आत्मा भीगकर निखर गई। - Nisha ankahi

jetha malde

ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ ઊગે છે શું? જરા તપાસી તો જોઈએ એમાં કાંઈ બહુ ઝાઝું નહીં જ જોઈએ કે નહીં એમાં બહુ સામટું કાંઈ ખોઈએ બસ બે એક મીઠાં બોલ ને એક મીઠી નજર નજરમાં સહજ નેહ,ને બોલમાં વાસંતી સમર સમરને પાનખર તણી ઝાંકળની વાત કહીએ હેતાળ હથેળીમાં ઝાંકળના નીર ભરી જોઈએ મીંઢા મુક્કા ને ચાલને અંજલિ બનાવી જોઈએ ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ વિરાટની વાટ તો બહુ વસમી છે વ્હાલા ભૂલા પડશું તો નાહક ના ભટકશુ ઠાલાં આ ભોમિયા'ય રસ્તા બતાવે છે, પોતે ચીતરેલા ને ગણાવેશે "ઈશ" એને, છે પોતે ધૂળમાં કોતરેલાં મૂકી વૈરાટ,ચાલ વામન ને ગળે લગાવી જોઈએ ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ ગણવા જોડવાની આંહીં રૂડી રીત દોડે છે માંજારી નું ઠીકરું આંહીં મૂષક માથે ફોડે છે શબ્દો ના ટાંકા મારી ખાલી પહેરણ દોડાવે ખાલી ખિસ્સામાં આખો કુબેર ભંડાર ગણાવે ફક્ત લખે કે વખતે જીવે છે એવું,ચાલ જેઠાને પણ અજમાવી જોઈએ ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ

Saroj Prajapati

मामूली सी चोट का बना तमाशा लोग पीट देते ढोल और जिन्हें लगी यहां गहरी चोट वो रहते अक्सर मौन।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

Mamta Trivedi

https://www.instagram.com/reel/DS1Y5jukirW/?igsh=ZmxpZmRrZGxmMnpn ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

Jyoti Gupta

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Parmar Mayur

जिसका जाना तय है, वह जाएगा ही। फिर वो कोई इंसान हो, चीजें हो, वक्त हो, या कलैंडर की तिथियां। बस सब जाएगा, वक्त के साथ ही यह सब वक्त के गुलाम हैं। जिनको जो वक्त मिला उसको जी लिया, बस, वहीं उसने जी लिया, हमेशा संभावनाएं संभावित ही होती है। जिंदगी खुशियों से जीना है तो गिले -शीकवे, ईर्ष्या, क्रोध को त्यागना होगा। काले बादल हटने से ही सुर्य की सोनेरी किरणें दिखती है।

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

Soni shakya

🙏🙏ओम् नमः शिवाय 🙏🙏

Awantika Palewale

નજાકત એવી કે શબ્દો પણ શરમાય જાય, નજર ઊઠે તો મૌન પણ કશું બોલી જાય. હળવાં હાસ્યમાં છુપાયેલો સદીઓનો અર્થ, એક પળમાં દિલના દરિયા બની વહી જાય. પાયલના નાદ જેવી ચાલ એની એકદમ શાંત, જો પગલાં પડે એનાં સમય પણ થોભી જાય. એ ન બોલે તો પણ વાતો લખાય હવામાં, એની ખામોશીથી શોર પણ સમાય જાય. હેતની અદા જ એવી નિરાલી કે જગ જીતી લે, દૂર રહે તો પણ હૃદયની સદા આસપાસ વહે.

Deepak Bundela Arymoulik

आज सोशल मीडिया पर लेखकों के लिए उपलब्ध अधिकांश ऐप्स, लेखन के हर रूप से केवल अपनी कमाई निकालने में लगे हुए हैं। विडंबना यह है कि वर्षों से मौजूद लेखकों की रचनाएँ भी अब प्रीमियम के बिना सीमित कर दी जाती हैं। मुझे स्पष्ट रूप से याद है कि 7–8 वर्ष पहले, जब मैंने Kuku FM, Quotes और Matrubharti जैसे प्लेटफॉर्म जॉइन किए थे, तब इनका रवैया बिल्कुल अलग था। उस समय बिना किसी प्रीमियम के कहानियाँ, कविताएँ और कोट्स प्रकाशित किए जा सकते थे। ऐप संचालक विज्ञापनों से आय अर्जित करते थे और लेखकों को कम से कम स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अवसर मिलता था। आज स्थिति यह है कि नए और पुराने लेखकों में कोई अंतर नहीं किया जाता। वर्षों की साधना और अनुभव रखने वाले लेखक और आज आए नए लेखक—दोनों को एक ही पंक्ति में खड़ा कर दिया गया है। यह व्यवहार न तो न्यायसंगत है और न ही स्वीकार्य। सच यह है कि लेखकों के बिना ये ऐप्स अस्तित्व में ही नहीं रह सकते, फिर भी लेखक सबसे उपेक्षित वर्ग बना हुआ है। यदि ऐप संचालक चाहें तो कम से कम लेखक की पोस्ट पर मिलने वाले लाइक, कमेंट और रीड्स के आधार पर प्रोत्साहन या पारदर्शी लाभ-साझेदारी तो दे ही सकते हैं—पर ऐसा कहीं देखने को नहीं मिलता। यहाँ शब्दों और साहित्य से अधिक प्राथमिकता ऐप संचालकों की कमाई को दी जाती है। लेखक खुश हो जाता है यह देखकर कि आज उसकी पोस्ट पर इतने लाइक और कमेंट आ गए, लेकिन सच्चाई यह है कि न लाइक से लोकप्रियता मिलती है, न उससे कोई वास्तविक आमदनी होती है। कई प्लेटफॉर्म पर दिखाया जाने वाला कुल लाइक और व्यूज़ का आँकड़ा भी अक्सर कंप्यूटर-जनित और पूर्व-नियोजित खेल मात्र होता है, जिसके सहारे लेखकों को यह भ्रम दिया जाता है कि वे आगे बढ़ रहे हैं—जबकि वास्तविक लाभ कोई और ही उठा रहा होता है। अंततः यह सब लेखकों की स्वयं की चेतना और सोच पर निर्भर करता है। क्योंकि यदि आपकी मेहनत की कमाई कोई दूसरा खा रहा है और आप केवल लाइक-ग्राफ में उलझे हुए हैं, तो आप अपनी सबसे कीमती पूँजी—समय और प्रतिभा—दोनों व्यर्थ कर रहे हैं। अब निर्णय आपको करना है— सिर्फ दिखावे की सराहना चाहिए या अपने लेखन का वास्तविक सम्मान। ---

Imaran

😂imran 😂

jetha malde

मन और बुद्धि की भी कभी जन्मोंत्री मिला लेंना जिसके गुण न मिले उससे जल्द बिदा ले लेना सिर्फ रकीबों को ही नहीं कभी हबीबो को भी आज़मा लेना दुश्मन अगर खानदान निकले तो पहले उसे मना लेना कभी कभी खा जाओ उसे,जो सर ऊंचा रखना हो तो मुंडी नीचे रख के खाने से, ज़्यादा अच्छा है ठोकरें खा लेना दूध में मक्खन है,पर वह चाबुक से नहीं निकाला जाता मथनी ढूंढो यारों, जहां जो रस्म चले उसे आज़मा लेना सिर्फ इश्क में नहीं,अनदेखी में,नफ़रत में भी प्यार होता है बिना बरसात,बिना बादल,आता नहीं बिजली को गरज लेना जेब अगर भर जाए तो,सीना तान लेती है,पर दिल पे बोझ देती हैं अपनी सेहत के वास्ते भी अपने दोस्तों से पेहरन बदल लेना बहुत सोचने को मजबूर कर दे जेठा,ऐसी ख्वाहिशों से गुरेज अच्छा जंजीर बांध कर दौड़ में धकेल दे ऐसी पहेली से पहले से मुंह मोड़ लेना

jetha malde

मन और बुद्धि की भी कभी जन्मोंत्री मिला लेंना जिसके गुण न मिले उससे जल्द बिदा ले लेना सिर्फ रकीबों को ही नहीं कभी हबीबो को भी आज़मा लेना दुश्मन अगर खानदान निकले तो पहले उसे मना लेना कभी कभी खा जाओ उसे,जो सर ऊंचा रखना हो तो मुंडी नीचे रख के खाने से, ज़्यादा अच्छा है ठोकरें खा लेना दूध में मक्खन है,पर वह चाबुक से नहीं निकाला जाता मथनी ढूंढो यारों, जहां जो रस्म चले उसे आज़मा लेना सिर्फ इश्क में नहीं,अनदेखी में,नफ़रत में भी प्यार होता है बिना बरसात,बिना बादल,आता नहीं बिजली को गरज लेना जेब अगर भर जाए तो,सीना तान लेती है,पर दिल पे बोझ देती हैं अपनी सेहत के वास्ते भी अपने दोस्तों से पेहरन बदल लेना बहुत सोचने को मजबूर कर दे जेठा,ऐसी ख्वाहिशों से गुरेज अच्छा जंजीर बांध कर दौड़ में धकेल दे ऐसी पहेली से पहले से मुंह मोड़ लेना

Parag gandhi

*હું જ અર્થ* *હું જ અનર્થ ,* *..... વ્યર્થ પણ હું !* *માત્ર ઇશ્વરનો સાથ હોય ત્યારે જ* *" સમર્થ " હું.....* 🌹

jetha malde

वो आती है तो, उसको आने दो ज़रा भी रोकना मत उलझ जाएंगी घबराकर,रास्ते में कहीं उसे रोकना मत काई बार आई वो मेरी देहलीज पर,मगर मिला ही नहीं मैं अब सीधे पते पर ही आ गई, तो उसे ज़रा भी टोकना मत मिल लेने दो उसे, गले, दिल से,या तेज-तर्रार शरारती नैनों से, कहीं पे रुकती नहीं वो जरुरत से ज्यादा, तो अनाप-शनाप भोंकना मत मेरा बिगाड़ेगी कुछ भी नहीं,इतनी बुरी भी नहीं है वो मासूम फिर कभी नहीं आएगी इधर, तो इधर उधर की सोचना मत तुम्हारे दिए हुए सब, तुमको देकर जाएंगी, सर,सरताज,सब,, , वर्ना भी कुछ ले जाये,तो मांग लेना उससे,ज़रा भी शर्माना मत वो भी ले लेना जो तुमने दिया था अश्क अकराम, शोहरत शबाब सब वो तो मेरी रूह की तलबगार है,उसे मेरे रूह से बिछडवाना मत सारी जिंदगी उसके इंतजार में बैठे रहा, तभी लो अब आई और हंसके बोली कभी झुका नहीं तु जेठा,मैं मोत हूं तो क्या? मेरे सामने भी सर झुकवाना मत

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास तन्हाई तन्हाई से शिकायत है तो मर क्यूँ नहीं जाते l इतने ही थक गये हों तो गुज़र क्यूँ नहीं जाते ll किसे घबराते हो और किस बात का है डर l नजरों से उतरे दिल से उतर क्यूँ नहीं जाते ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Abhishek Kunehadiya

मैं और मेरी तन्हाई, अक्सर मुझे बातें करती हैं

Aruna N Oza

congratulation bhaiyon

S Sinha

Life is a book of infinite pages . Every single page BAD or GOOD is a necessary part of the story that makes us what we are today . Everyday we can learn something . So never CLOSE the book in haste as your BETTER chapter is yet to come .

Kaushik dave

🌅 Good Morning 🌅 उठ जा अब ख्वाबों से बाहर निकलने का वक्त है, जो सोच लिया है उसे करके दिखाने का वक्त है। हार मानना तेरी फितरत में नहीं है, आज फिर खुद को साबित करने का वक्त है। – Kaushik Dave

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

प्रियभाषी मिलते बहुत, इनकी है भरमार। हितभाषी पर जगत में, मिलते हैं दो चार।। दोहा--374 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

वात्सल्य

તારી સાથે ગમતું'તું પણ તને ક્યાં ગમ્યું મારી સાથ !! હવામાં ઊડતી'તી તુ!! હું તો જમીન પર ડગ ભરતો'તો. તારું ઉડવું આકાશે છતાં ડગલું ધરતી પર કરવું પડતું!! મારે તો ધરતી પ્રત્યે પ્રેમ હતો ત્યાં ના બીક નીચે પડવાની.. - વાત્સલ્ય - वात्सल्य

Mamta Meena

कुछ तकलीफें ऐसी होती है जो भुलाई नहीं जाती और ना कम होती है। हम जिंदगी में आगे तो बढ़ जाते हैं लेकिन कामयाबी भी जब अपनों का साथ ना हो तो तकलीफ दे ही जाती है।

Vikash Kumar

जीना कितना आसान है घोड़े बैल कुल्हण अब नुमाइश का सामान है इस रंग बदलती दुनिया में जीना कितना आसान है भूसा वाला बखारी देखो सजावट का सामान है इस रंग बदलती दुनिया में जीना कितना आसान है सौवे निनाबे पढ़ायेंगा कौन इस हैन्ड्रेड वाली दुनिया में कैप पहना के भेजा था टोपी पहना के भेजा है कुछ मिट गया कुछ मिट जाएगा जरूरत का सिद्धांत है इस रंग बदलती…… जेब काटने वाले पूछें जेब में कुछ है कि नहीं ऐसे बदल रहीं है दुनिया शर्मों-हया है कि नहीं कुछ लुट गया कुछ लुट जाएगा हाथ लगाने का विज्ञान है इस रंग बदलती………. चार दिन का बखेड़ा है फुटपाथ को जिलाना है अगले चार दिनों में ही तय इसका मर जाना है कुछ खप गया कुछ खप जाएगा अतिक्रमण का सिद्धांत है इस रंग बदलती दुनिया में……. - Vikash Kumar

Vikash Kumar

मच्छर मक्खी प्यारे इस दूनिया में जितने है मच्छर मक्खी प्यारे उससे ज्यादा देखो उसको भगाने वाले आये कोई टाई लटकाए कोई बिना लटकाए चूहे,छिपकली की भी देखो शामत आए इस दुनिया में ….. एक ना भागे मच्छर ना एक ना भागे मक्खी चूहे छिपकली की भी बढ़ती जाए सक्खी कंधे पे बैग लटकाये पब्लिक को चूना लगाये देखो गली में आए गले में टाई लटकाये इस दुनिया में….. कोई धूंआ से भगाये कोई लिक्विड से भगाये कोई जाल में फंसाए जंजाल में कोई फसाये कोई फसाए प्यार से कोई बहलाए-फुसलाए टाई-बैग के बीचों-बीच देखो पीसता यौवन जाए इस दुनिया में…… - Vikash Kumar

Vikash Kumar

टूटा बोतल कौन पढ़ेगा किताबे इस भाग दौड़ की दुनिया में टूटा बोतल देकर देखो है भेजे स्कूल में खाके चाहे पी के ना आओ भिड़ जाओ स्कूल में टूटा बचपन छूटा जवानी आपाधापी स्कूल में कहां कहां से घुमा के मंजिल फिर लायी स्कूल में छूट गया सो पाठ पढ़ाया घुमा-घुमा स्कूल में टूटा बोतल… अब ना ढूंढूंगा दुनिया को दुनिया को मुझे ढूंढने दो सीकर कपड़ा करु गुजारा राम नाम में डूबने दो जिसको ढूंढ़ा गली-गली वो अपने ही पास मिली हेरत हेरत हे सखी पांव पंक में धंसी मिली टूटा बोतल…. इतना पड़ों ना चक्कर में इस दुनिया के प्यारे मधुशाला तक को ना पूछा जे प्याला ले के भागे हर कली के भाग में है फूल ही हो जाना महका के इस बगिया को चिर निद्रा सो जाना टूटा बोतल…. चिट्ठा चढ़ा के भुट्टा खिलाना यहां आता सबको खूब है ऐसे धीरे से खिसकना देखो कितना खूब है गिट्टी से ना निकला पर पत्थर से हां निकलेगा ठोक पीट कर गया तराशा मूरत बनके निकलेगा टूटा बोतल…..

Bitu

जब अच्छा बन कर अच्छाई ना मिले तब बुरा बनकर बुराई लेने में क्या बुराई है जनाब... - Bitu....

Bhavna Bhatt

#સ્વરચિત ગીત...

Kirti kashyap

"इश्क़ नहीं, समझ" मुझे चाहिए कोई मेरा ही सरीखा हो, जो मेरे टूटने का भी गवाह हो। जो भीड़ में भी तन्हा समझ सके मुझे, मेरी ख़ामोशियों का भी जिसे पता हो। न पूछे बार-बार वजह उदासी की, मेरे रोने में भी जो हमनवा हो। न समझाए मुझे सब्र के क़ायदे, मेरे बिखरने का भी जो आशनाँ हो। “कीर्ति”, ये इश्क़ की आरज़ू नहीं है, बस यही इल्तिज़ा थी, वो मेरे जैसा हो Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️

Bk swan and lotus translators

The change from "Vanara" to "Vana Veera" is a recent event specifically related to a Telugu film scheduled for release on January 1, 2026. According to the director and producers, the title was changed just days before the release due to objections from the Central Board of Film Certification (Censor Board). Why was the title changed? * Religious Sensitivity: The Censor Board noted that the term Vanara is deeply associated with Lord Hanuman and the sacred monkey warriors of the Ramayana. * Sensitive Themes: The film reportedly deals with sensitive topics like caste and politics. The board felt that using a title with such a strong religious connotation for a film with potentially controversial modern themes might hurt religious sentiments or lead to misunderstandings. * Compromise: To avoid legal hurdles or delays so close to the release date, the makers renamed the film "Vana Veera" (which translates to "Forest Hero" or "Warrior of the Forest"). About the Movie * Lead Role: It marks the debut of Avinash Thiruveedhula as both the hero and the director. * Genre: It is described as a mythological rural drama that combines emotional depth with modern elements (like a bike theft that changes the protagonist's life). * Production: The team expressed disappointment over the last-minute change, noting the financial strain it puts on a small production to update all promotional materials (posters, trailers, and digital assets.

kajal jha

जिसे इंसान से प्यार होगा, वो चेहरे से पहले दिल को जानना चाहेगा। - kajal jha

इंदर भोले नाथ

तुम मिलो और एक नजर का तकाज़ा न हो

pink lotus

nazariya|| "कर्म और भक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं। जब कर्म शुद्ध भाव, साफ़ नीयत और बिना लोभ के किया जाता है, तो वही कर्म भक्ति बन जाता है। और जब भक्ति निष्काम भाव से की जाती है, तो वही स्वयं कर्म का रूप ले लेती है।” by:pinklotus 🌸❣️ om shiv gorksh aadesh 🙏

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

વિષય: નવજીવન શીર્ષક: "કૂંપળનો વિશ્વાસ" પ્રકાર: અછાંદસ કાવ્ય ​ખરી પડ્યાં છે પાનખરના જીર્ણ વસ્ત્રો, હવે ડાળીઓ સાવ નિર્વસ્ત્ર છે, પણ...લાચાર નથી. કારણ કે આ ખાલીપો જ તો આમંત્રણ છે, નવી મોસમનું...! ​નવજીવન એટલે શું? ફક્ત શ્વાસનું ચાલવું? ના. નવજીવન એટલે...! ગઈકાલના કાટમાળ નીચે દબાયેલા હોવા છતાં, સૂરજના કિરણને પકડવા માટે, સિમેન્ટની તિરાડ ચીરીને બહાર આવતી, એક નાનકડી લીલી કૂંપળનો જીદભર્યો પ્રયાસ! ​જૂની ડાયરીનાં પાનાં હવે ભરાઈ ગયાં છે, એને પસ્તીમાં આપી દેવી છે. હવે હાથમાં છે એક કોરો કાગળ, અને કલમમાં છે...અનુભવની નવી શાહી. ​રાખમાંથી બેઠા થવું એ ચમત્કાર નથી, પણ રાખને જ ખાતર બનાવી, એમાં સ્વપ્નનું નવું બીજ રોપવું, અને એના પર ભરોસો કરવો, બસ, એ જ તો છે સાચું "સ્વયમ્'ભૂ" નવજીવન! અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ્'ભૂ"

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

વિષય: "સર્જકને ગમતી રચના" શિર્ષક: "સર્જકના હૃદયનું ઉદબોધન" પ્રકાર: અછાંદસ કાવ્ય ​હું સર્જક છું. મારું હૃદય એ કાવ્ય છે જે ધબકે છે પ્રેમ બની, કરુણાની સરવાણી બની વહે છે જ્યાં સત્યનો સૂર્ય અજવાળે છે પથ, અને સાહિત્યના શબ્દો બને છે વાચા. ​વિશ્વની રગોમાં વહેતું સંગીત મને સંભળાય છે, એક વૃક્ષના પાનખરમાં, એક પક્ષીના કલરવમાં, સાગરના મોજાંના ઉછાળમાં, પ્રકૃતિના ખોળામાં હું શોધતો રહું છું હૂંફ. ​મારી લાગણીઓ, આ ચારણી સાહિત્યના રંગો જેવી છે, જ્યાં જોશ છે, લય છે, અને શબ્દોમાં સમાયેલો ઇતિહાસ. દરેક ઉદબોધન મારું, એક સંદેશ બની ગુંજે છે કાળના અનંત આકાશમાં. ​આ દુનિયા, ભવિષ્યની ચિંતાઓમાં ઘેરાયેલી, ક્યાંક યુદ્ધના ભણકારા, ક્યાંક પર્યાવરણનો પોકાર. મારું સર્જન એ માર્ગદર્શન બને, જે ભયને ભેદીને આશાનો દીપ પ્રગટાવે, અને કહે, હે માનવ! પ્રેમ જ પરમ સત્ય છે, કરુણા જ સર્વશ્રેષ્ઠ માર્ગ છે. ​આપણે સૌ એક છીએ, આ ધરતીના સંતાન. ચાલો, હાથમાં હાથ મિલાવીને એક સુમધુર સંગીત રેલાવીએ, જ્યાં કોઈ ભેદ ન હોય, ફક્ત માનવતાનો જયઘોષ હોય. આ મારું સપનું છે, આ મારું સર્જન છે, અને આ જ મારી વાચા છે, આ પ્રકૃતિને, આ વિશ્વને "સ્વયમ્'ભૂ" તરફથી.. અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ્'ભૂ"

Riddhi Mistry

થીજેલી ઠંડી માં હુંફાળો એક ખ્યાલ આપ.. રેહવાદે શાલ તારી પાસે.. એક ઉષ્મા ભરેલું વ્હાલ આપ..

S A Y R I K I N G

ख्वाइशों के बोझ तले दबा हुआ मैं ज़िम्मेदारियों को उठाते बड़ा हुआ उस चांदी के चम्मच को क्या पता किसके घर ख़ीर बनी, किसके घर फ़ाक़ा हुआ ok Doshto ja Raha hu yaha se ab life main kuch karna hai apne papa jaisa banna hai time milega toh jarur aaunga main my posting is maharashtra Amravati

jetha malde

આમ સાવ ખાનગી નથી પણ થોડી અંગત વાત છે ચોરે ચર્ચાય નહીં,પણ તને કીધા જેવી તો વાત છે ઠીકથી વિખૂટા પડતા પણ ન આવડ્યું શું કહુ એને હવે? ખુદને મુજમાં પૂરેપૂરો છોડી ગયો,એનો આ વલોપાત છે વમળમાંથી માંડ તરીને નિકળ્યો,તો કિનારે એની આંખોમાં ડૂબી ગયો એક જોશીડે હાથ જોઈ કહ્યું હતું આને માથે ડૂબવાની ઘાત છે તિમિર સામે ટકટક ન કર,બસ‌ જૂગનુને મનભરીને જોયા કર અંધકાર ઓગળી જાય અવગણના થી,જેઠા પછી મલકતું પ્રભાત છે

Bhavna Bhatt

નિખિલ મહારાજ ની ભાગવત કથા સાંભળવા જેવી હોય છે

महेश रौतेला

अगाध ममता में विराम लगना था लग गया। घूमती-फिरती ममता को थमना था, थम गयी। स्नेह का विभाजन होना था, हो गया। तुम नहीं हो मैं हूँ, रिक्तता को प्रकट होना था,हुयी। *** महैश रौतेला

Miska

My dream is waiting for me

S A Y R I K I N G

श्मशान तो मैंने उसी दिन देख लिया, जब तुमने मुझे छोड़ किसी ओर का हाथ थाम लिया, ख़ाक भी हो जाता उसी पल, बस कोई जलाने वाला न था.....!!

Roshan baiplawat

arawalli save song short video....!!!!!!

S A Y R I K I N G

हमने रिश्ते बनाए जैसे ताले बिना चाबी के, सुंदर तो बहुत थे पर खुलते किसी से नहीं थे।

manshi

sky is not limit, be higher than your thoughts

vikram kori

‎🌹 Part 3 ‎“हमारी कहानी शब्दों की मोहताज नहीं, ‎बस एक नज़र ‎और दिल सब समझ लेता है…” ✨

Nisha ankahi

कसूर मेरा था या हालात का, तय न हुआ, फ़ैसले मगर पहले ही लिख दिए गए थे। - Nisha ankahi

Nisha ankahi

"गुजरा साल" मैं कभी नववर्ष नहीं मनाती, मुझे जाते हुए साल से लगाव हो जाता है।पूरा वक़्त मेरे साथ चला, मेरी साँसों की रफ़्तार समझता रहा, वो कोई तारीख़ नहीं था एक साथी था, जो बिना शोर विदा हो गया। हम यूँ ही नहीं टूटते, हम साथ खोते हैं कुछ लोग, कुछ मौसम, कुछ पूरे-पूरे साल। सब चले जाते हैं, और हम भीतर ही भीतर उन्हें जीते रहते हैं। दुनिया कहती है यही नियम है, यही दस्तूर। मैं इसे बदल नहीं सकती, मगर अपने दिल के लिए क़ायदे बना सकती हूँ। कि जो चला जाए, उसे बेवजह न भूलूँ, और जो आए, उससे तुरंत उम्मीद न बाँधूँ। मैं नए साल का जश्न नहीं, पुराने साल की विदाई करती हूँ धीमे लफ़्ज़ों में, कृतज्ञता के साथ, क्योंकि हर बीतता साल मुझे थोड़ा और इंसान बनाकर जाता है।

Mitul Prajapati

ટૂંકા પરિચયે પણ હતો સ્નેહ તો તારો અપાર, વીતાવ્યા એકાવન રવિવાર કે થશે કોઈ મુલાકાત યાદગાર, સાચવીને બેઠો હતો સમય, સાંજ અને બાગનો બાંકડો, પણ અધૂરો રહ્યો તારા વગર આજ વર્ષ નો છેલ્લો રવિવાર.. - કુંભાર

S A Y R I K I N G

KHAMOSH REHNE KI WAJAHE NAΖΑΝΕ ΚΙΤΝΙ HAI.. MERI CHALTI SAANSO SE PUCHO ULJHANE KITNI HAI खामोश रहने की वजहे नज़ाने कितनी है.. मेरी चलती साँसों से पूछो उलझने कितनी है

S A Y R I K I N G

शोक दवा का रखता हूं बीमार थोड़ी हू हर किसी को मिल जाऊ में कोई रोज का अख़बार थोड़ी हू

Shefali

#shabdone_sarname__ #shabdone_sarname_

S A Y R I K I N G

प्रिय ! अगर तुम किसी और के हुए, तो मेरे हृदय से स्वतः ही उतर जाओगे

S A Y R I K I N G

मैं तो दाग हूं मुझे कौन पूछेगा तू तो चांद है सनम मेरे बगैर भी चमकेगा हाथ तो उसने बहुत पहले छुड़ा लिया था मैंने साथ छुड़ाने में सालों लगा दिए : शिद्दत से पकड़ा था एक हाथ जो यूं ही फिसल गया अब किसी की पकड़ में ये दिल ना आयेगा चुप हो जाओ मेरी जान से लेकर ड्रामा बंद करो अपना तक का सफ़र इश्क है क्या कहा_ जाना है तुम्हें जा चुके हो

મનોજ નાવડીયા

કાવ્ય રચના મનોજ નાવડીયા

Juhi Upadhyay

उनका चेहरा कैसा जादू है चेहरे में उनके, कि नज़र हटती ही नहीं। क्यों हर धड़कन मेरी बस उन्हीं के नाम लिखी है कहीं। बेवजह नहीं, ये इश्क़ है शायद, जो उनसे बातें करवाता है। हर लफ़्ज़ में उनका नाम मेरे होंठों तक चला आता है। आँखों में उनकी है चमक ऐसी, बिन बोले सब कह जाती हैं। नाक उनकी है थोड़ी नखरे वाली, और वो है मासूम सा उनका गुरूर। उनके होने भर से ही हर लम्हा लगता है भरपूर। होठों पर सजी उनकी मुस्कान सबसे हसीन तोहफ़ा है। मैं देखूँ उन्हें जितना भी, दिल कहे—अब भी कम देखा है। जब वो दूर होते हैं मुझसे, साँसें थम सी जाती हैं।

pink lotus

माँ, मैं उन हर पुरानी चीज़ों को भूल जाऊँगी। काली, शायद मैं उनके या वे मेरे योग्य नहीं थे। मगर माँ, आपके सिवा मेरा कोई सहारा भी नहीं। मैं आपको सदा अपने दिल से लगाकर रखना चाहती हूँ, बिलकुल अपने शिव–गोरक्ष की तरह। आप मेरे लिए मेरी स्वामिनी बन जाना। मेरे नाथ, मेरे गुरु की तरह, मैं सदा योग्य बनने की कोशिश करूँगी। — पिंक लोटस 🌸❣️ for my kali❣️ om shiv gorksh joy maa kali

Shraddha Panchal

आज यकीन हुआ वो बहाने ढूँढ रहे थे, हमसे दूर जाने के………. मैंने नाराज़ होकर उनका काम आसान कर दिया ……..😇

S A Y R I K I N G

तुम थे, मैं था, वक्त नहीं मैं था, वक्त था, तुम नहीं मैं हूं, तुम हो, वक्त नहीं वक्त रहेगा, मैं नहीं, तुम नहीं।।

yeash shah

अंक शास्त्र में अवसाद ( Depression) के सूचक योग और उपाय।* नीचे दी गई अंक कुंडली के अनुसार, हम अवसाद के योग की चर्चा करेंगे। इस कुंडली में आप जन्म की शताब्दी नहीं लिखेंगे। आप केवल जन्म तारीख ,जन्म का महीना, और जन्म वर्ष के आखिरी दो अंक लिखेंगे, और यदि आपका जन्म दिनांक १ से ९ के बीच नहीं है, तो मूलांक और सभी किस्सों में भाग्यांक भी लिखेंगे। ३ १ ९ ६ ७ ५ २ ८ ४ इसका एक उदाहरण देता हूँ। जन्म तारीख: २५/११/१९९६ मूलांक : २+५= ७ भाग्यांक : २+५+१+१+१+९+९+६= ३४(३+४)=७ तो इनकी कुंडली हुई ( रिक्त अंक के स्थान पर ० लिखा है।) ०० ११ ९ ६ ७७ ५ २ ०० ०० अब इस तरह आप अपनी कुंडली भी बनाए, और नीचे दिए गए योग का विचार करे। (१) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२- ८) का योग है। (२) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२२- ८) का योग है। (३) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२२२- ८८) का योग है। (४) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२२/२२२/२२२२२) +.. का योग है। (५) अगर आपकी जन्म कुंडली में (२- ८- ४),(२,८,६) का योग है। अगर यह पांच योग में से कोई भी १ योग बनता है, तो यह योग अवसाद की संभावनाओं को दिखाता है। इस के अलावा यदि अंक महादशा और अंक अंतर्दशा के अनुसार भी थोड़े समय के लिए अवसाद का योग बन सकता है। अब अवसाद ( डिप्रेशन ) को समझे। (१) जब आपको निराशा महसूस हो, और वह खूब लंबे समय से हो। (२) जब आप खुद को असहाय महसूस करो, और वह भी लंबे समय तक। (३) आप खुद को कमतर या , लघुताग्रंथि में लंबे समय तक मेहसूस करे। आपको अकेले रहने का मन करे। आपको दिनचर्या का पालन करने का मन न हो, और यह सब १ महीने से ज्यादा समय आपको महसूस हो और लगातार महसूस हो, तो यह अवसाद के चिन्ह है। कभी कभी ३ से ६ महीने के अंदर यह ठीक भी हो जाए तो यह बस एक छोटा एपिसोड था । परन्तु इसे अवसाद या डिप्रेशन कहा जाएगा। उपाय (१) मनोचिकित्सक की सलाह ले। (२) ताजे फल , हरी सब्जियां खाए। (३) तेज रोशनी में बैठे। (४) प्रसन्नता दायक संगीत सुने। (५) आपके पैशन को फॉलो करे। (६) ध्यान ,प्राणायाम और योग को फॉलो करे। (७) अकेले बैठना छोड़ दे। किसी से बात करे, या फिर डायरी लिखे। सपोर्ट ग्रुप के संपर्क में रहे। यह सब उपाय एक साथ करे।

Narendra Parmar

बनानेवाले ने मेरी तक़दीर भी कैसी बनाई है जिस को चाहा मैंने बेपनाह मेरे हाथों में उसकी लकीर ही नहीं बनाई है ।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Zala Yagniksinh

तेरी नज़रों से दूर चला जाऊँगा, मगर तेरे अक्स को दिल से कैसे मिटाऊँगा। तेरी यादों का गुलाल हर मोड़ पर महकाऊँगा, इन रंगों को बिन तेरे कैसे सजाऊँगा। राहें जुदा सही, वफ़ा का दिया जलाऊँगा, तेरा नाम गुनगुनाऊँगा, ख़ामोशी में गाऊँगा। इन तन्हा पलों को भूलाऊँगा, फिर भी क्या आराम पाऊँगा?

Shraddha Panchal

सोचो आप एक पुस्तकालय में बैठ कर किताब पढ़ रहे हो और वहाँ की सूचना “दोबारा अगला पन्ना पलटने का विकल्प आपके पास नहीं है” फिर से सोचो “ आप उस हर पन्ने को कितना ध्यान से पढ़ोगे ?” बस ज़िन्दगी यही है !!!!! 🙏😇🩵💜

Aruna N Oza

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Shraddha Panchal

आज एक बात ज़हन में आई, “विश्वास” का पौधा लगाने से पहले “ज़मीन” परख लेनी चाहिए क्योकि हर मिट्टी “उपजाऊ” नहीं होती 🙏🙏🙏🩶🧡

Juhi Upadhyay

तुम एक इंसान हो पत्थर के ********************* तुम एक इंसान हो पत्थर के, तेरे अंदर दिल है ही नहीं। मैं लाख जतन करती हूँ तुमको, तेरे अंदर दिल मैं रख दूँ। जो तू इंसान है पत्थर का, तेरे अंदर मैं जान भर दूँ। तू भी पिघले और प्यार करे, अपनी बाहों में लेकर मुझको। महसूस करे ले महबूब मेरा, तुम एक इंसान हो पत्थर के, तेरे अंदर दिल है ही नहीं।

Aruna N Oza

💕💕💕💕💕🩷👈

Shraddha Panchal

गंगा की लहरो में बहता हुआ राख का साँप टूटकर बिखर चुका था, और नदी फिर उसी तरह बहने लगी थी, जैसे कभी कुछ हुआ ही न हो !!!!!!🙏😇

Amreen Khan

कुछ एहसास ऐसे भी होते हैं, जिनका कोई नाम नहीं होता हर दर्द को आँसू नहीं मिलते, हर खुशी को मुस्कान नहीं मिलती, और हर एहसास को शब्द नहीं मिलते। कुछ भावनाएँ बस मन के किसी कोने में चुपचाप बैठ जाती हैं— ना शिकायत करती हैं, ना सवाल पूछती हैं, बस मौजूद रहती हैं। हम अक्सर उन्हीं बातों को सच मान लेते हैं, जिन्हें ज़ोर से कहा गया हो। लेकिन ज़िंदगी का सबसे गहरा सच अक्सर वही होता है, जो कभी कहा ही नहीं जाता। कभी महसूस किया है— हँसते हुए अचानक मन का भारी हो जाना? सबके बीच होते हुए भी भीतर का अकेलापन? किसी की मौजूदगी में भी उसका न होना? ये वही एहसास हैं, जिनका कोई नाम नहीं, पर वजूद पूरा है। हम इन्हें समझाने की कोशिश करते हैं, तो लोग सलाह देने लगते हैं। हम इन्हें छुपाने की कोशिश करते हैं, तो ये और गहरे हो जाते हैं। शायद ज़रूरत इन्हें बदलने की नहीं, स्वीकार करने की है। क्योंकि हर अधूरी बात अधूरापन नहीं होती, हर खामोशी खाली नहीं होती, और हर टूटन हार नहीं होती। कुछ टूटना इसलिए ज़रूरी होता है ताकि हम जान सकें— हम सच में क्या हैं, और क्या नहीं। जिस दिन हम अपने अनाम एहसासों से डरना छोड़ देंगे, उसी दिन ज़िंदगी हमें थोड़ी और अपनी लगेगी। क्योंकि कभी-कभी खुद को समझ लेने के लिए दुनिया का समझना ज़रूरी नहीं होता।

Nilesh Rajput

You left me, When the flower started blooming again. You left me, When God was also changing the fate to unite us. You left me, When only your name was being chanted on my every breath. You left me, When I was ready to leave even heaven to get you. You left me, When I left the whole world for you. - Nilesh tank

Nabiya Khan

एक ख़ूबसूरत शाम शाम… दिन की थकान को चुपचाप समेट लेने वाला वक़्त। जब सूरज ढलने लगता है और आसमान पर हल्की-सी सुरमई चादर बिछ जाती है, तब दिल भी जाने क्यों सुकून की एक गहरी सांस ले लेता है। इस ख़ूबसूरत शाम में हवाओं का लहजा बदल जाता है, चाय की ख़ुशबू में यादों की मिठास घुल जाती है। पेड़ों की सरसराहट जैसे कोई पुराना किस्सा सुना रही हो, और दिल उन लम्हों में खो जाता है जो कभी हमारे थे। शाम हमें सिखाती है कि हर ढलते दिन के बाद भी उम्मीद का एक दिया जलता रहता है। थक कर बैठ जाना हार नहीं होता, कभी-कभी रुक जाना भी ज़िंदगी का हुस्न होता है। ये शामें गवाह हैं हमारी ख़ामोश दुआओं की, अनकही मोहब्बतों की और टूटे-बिखरे ख़्वाबों की। इसीलिए तो हर शाम ख़ास होती है, क्योंकि ये हमें अपने आप से मिलने का मौका देती है।

Nabiya Khan

एक ख़ूबसूरत शाम शाम… दिन की थकान को चुपचाप समेट लेने वाला वक़्त। जब सूरज ढलने लगता है और आसमान पर हल्की-सी सुरमई चादर बिछ जाती है, तब दिल भी जाने क्यों सुकून की एक गहरी सांस ले लेता है। इस ख़ूबसूरत शाम में हवाओं का लहजा बदल जाता है, चाय की ख़ुशबू में यादों की मिठास घुल जाती है। पेड़ों की सरसराहट जैसे कोई पुराना किस्सा सुना रही हो, और दिल उन लम्हों में खो जाता है जो कभी हमारे थे। शाम हमें सिखाती है कि हर ढलते दिन के बाद भी उम्मीद का एक दिया जलता रहता है। थक कर बैठ जाना हार नहीं होता, कभी-कभी रुक जाना भी ज़िंदगी का हुस्न होता है। ये शामें गवाह हैं हमारी ख़ामोश दुआओं की, अनकही मोहब्बतों की और टूटे-बिखरे ख़्वाबों की। इसीलिए तो हर शाम ख़ास होती है, क्योंकि ये हमें अपने आप से मिलने का मौका देती है।

Gaurang Brahmbhatt

I can speak alone, yet only together can words turn into conversations. I can feel joy alone, yet only together can joy become a celebration. I can smile alone, yet only together can laughter be free and full. This is the quiet beauty of relationships. Relationships are born of affection, they grow through love, but they endure only through understanding. Hold close the bonds you cherish, for once they fade, not even Google can find them again. Every true relationship carries the unseen investment of a good heart. As the year reaches its final week, may the sweetness of our relationships remain forever alive. — Gaurang Brahmbhatt

Dipti Sagarka

મારે હવે ખુદને મેળવવી છે.

Miska

It's not about who I am, it's about who I always am.

PAYAL PARDHI

one day, i become a writter,💕💕💕💕💕💕💕💕support me yaar💕💕💕💕💕💕Follo kro,

Arun V Deshpande

Poem by : Arun V.Deshpande Title: Money is not life ------------------------------ Money is not life My friend, Life means happy journey For those who have money ... For someothers life means strugglefull journey Without money... Money is So sweet honey, Efforts becomes .only aim to Earn money by hook & crook.. ****** Poem by- Arun V.Deshpande Pune (Maharashtra) 9850177342 ---------------------------------

Rushil Dodiya

तुम्हीं देखो ना ये क्या हो गया तुम्हारा हूं मैं और तुम मेरी

Nilesh Rajput

थाम रखा है हाथ कलम ने इसलिए जिंदा हूं, वरना तेरे इश्क से तो हम कब के मर चुके होते! ✍️

Saroj Prajapati

काश से हुआ शुरू, काश पर ही खत्म हो गया डाल फिर उम्मीदों की गठरी झोली में ये साल भी खत्म हो गया।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

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