Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
Anitram

Sirf aadhi raat ki yaad nahi ho tum, Neend se jaagte hi jo pehla khwab utar aaye, uski murat ho tum. Aur savere-savere yun basna kisi ke khayalon mein, Der raat ke har khwab se bhi zyada haseens hota hain

ek archana arpan tane

હું કાલે પણ મુસાફર હતો ને આજે પણ કાલે મને મારા પોતાના ની તલાશ હતી ને આજે હું મારી જાતને શોધું છું.હું કાલે પણ મુસાફર હતો ને આજે પણ કાલે મને મારા પોતાના ની તલાશ હતી ને આજે હું મારી જાતને શોધું છું. - ek archana arpan tane

Ruby Chaudhary

आज उसने फिर पूछा— मेरा पसंदीदा रंग कौन-सा है? मुझे नीला याद आया, उसकी पसंद। प्रेम अपना रंग भुला देता है, और प्रेमी उसे वापस लौटा देता है। पीला मेरा रंग है। 💛 - Ruby Chaudhary

Nirali patel

जुगनुओं ने शराब पी ली है अब सूरज को गालियाँ देंगे। मुझे जो हैं बैठने नहीं देते वही इक रोज़ कुर्सियाँ देंगे।

Ruby Chaudhary

तुम हाँ तुम ही! अब तुम माँ हो। जानती हूँ कि थकी हो, लेकिन ये भी जानती हूँ कि सुकून भी बहुत है। चिढ़ भी जाती हो कभी कभी, लेकिन ये भी है कि ख़ुशी भी बहुत है। पहले तुम अपने पापा की बेटी ज़्यादा थी, लेकिन अब, अब तुम अपनी माँ की बेटी ज़्यादा हो। माँ होने से तुमने समझा है माँ होने के एहसास को।।

pink lotus

ye publish ho gya he anime lovers jake pdhe😅👍❣️

Soni shakya

जब सब सो जाते हैं , तब यादें जगाती हैं। खामोशी की चादर ओढ़े , दर्द चुपके से बात करता है। ‌‌ चांद भी पूछता है , किसी का इंतजार है क्या ? तब दिल जवाब देता है हां , अपने ख्वाब के हकीकत होने का ..❤️🥀 - Soni shakya

GRUHIT

It always Seems Impossible Until It's done 🌟

Saroj Prajapati

अजब खिलौना है इंसान खुद की चाबी ऊपरवाले के हाथ लेकिन दूसरों को समझें वो अपना गुलाम।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

Parmar Mayur

તું મળીશ કે નહીં તે ધારણા જ ક્યાં કરી હતી. બસ માર્ગ મળતો ગયો હું ચાલતો ગયો માર્ગની પણ મંઝિલ હશે!! - Parmar Mayur

kattupaya s

Goodnight friends.. yadhumatra peruveli part11 will be published on 17/12/25 @ 2.00pm.Thanks for your support

Raa

bye bye mb jay hind

Alfha production house

Vijay Diwas is celebrated on 16 December to honor India’s victory in the 1971 Indo-Pakistan War. It marks the surrender of Pakistani forces in Dhaka and the birth of Bangladesh. The day pays tribute to the bravery and sacrifice of the Indian Armed Forces and reminds us of national pride and unity 🇮🇳.

vikram kori

"जब आप अपनी सोच को सकारात्मक रखते हैं, तो अच्छी चीजें खुद-ब-खुद आपकी ओर खिंची चली आती हैं।"

Aruna N Oza

🙏🙏🙏

archana

जिसे समाज या ज़माना सम्मान नहीं देता, उसे ईश्वर सम्मान देता है— और जब देता है, तो पूरी कायनात गवाह बन जाती है।

Komal Arora

कुछ उलझन में हूँ कान्हा....... जब आँखे बंद करके यकीन कर पाते थे तो........ कोई अच्छा इंसान मिला ही नहीं...... उनका आना मतलब निकालना और चले जाने की फितरत ने.......... कुछ इस तरह से बदल दिया कि किसी के अच्छे होने पर भी यकीन नहीं होता अब......... बुरा तब लगता है जब उस इंसान के लगाए हुए प्रयास भी अनदेखे हो जाते है........ क्यों बीतने के बाद कदर का दस्तूर चल रहा हैं........ क्यों जाने के बाद मिलने की उम्मीद बढ़ने लगती है.........

Raju kumar Chaudhary

A divine Hindu goddess inspired by Goddess Lakshmi, standing gracefully on a blooming pink lotus, wearing a sky-blue and golden silk sari with intricate jewelry, crown and ornaments. Soft golden aura behind her head, serene and compassionate face, long flowing black hair, heavenly background with misty mountains and glowing light, ultra-detailed, realistic, cinematic lighting, 4K, spiritual, divine beauty, symmetrical composition, mythological art style. ---#LoveLensStudio #RomanticShorts #LoveStory #CoupleVibes #DesiRomance #HeartTouchingVideo #IndianCouple #LovePhotography #CinematicLove #RajuKumarChaudhary #LensOfLove #RomanticReel

S A Y R I K I N G

तुम मेरा वो हसीन एहसास हो, जिसे आज भी महसूस करता हूं, तो मेरी सांसें महक उठती हैं।। मेरी मोहब्बत, तुम्हारी उपस्थिति की मोहताज़ नहीं, एक बार कह दिया, मोहब्बत है तो है ।। तुमने एक बार कह दिया, कि तुम मेरे और मैं तुम्हारी हूं, बस ज़िंदगी बिताने के लिए इतने शब्द भी काफी हैं......!!

InkImagination

good night friends 🌌🌌

Raju kumar Chaudhary

#LoveLensStudio #RomanticShorts #LoveStory #CoupleVibes #DesiRomance #HeartTouchingVideo #IndianCouple #LovePhotography #CinematicLove #RajuKumarChaudhary #LensOfLove #RomanticReel

Miska

Jump jump jump so high Touch the sky touch the sky Jump jump jump again 🤸 कूदने की एक्टिंग करो hihihihihihihihihihihhi

kattupaya s

When you choose the right path or writing path both have a lot of difficulties. dreams you may win at last.

kattupaya s

Thinking about stories.Still iam surviving with the worst conditions..

kattupaya s

There is no qualifications required to become a writer. only the quality of creativity makes you a writer for a lifetime.

kattupaya s

I love to write stories about everything. but the inspiration comes from my failed first love.

kattupaya s

Nobody is perfect. but your writing may try to reach a perfect point at any time.

kattupaya s

Keep on trying to solve the myth. start writing

Jyoti Gupta

#AnandDham #AnandDhamWale #OfficeWork #OfficeLife #DesiOffice #FunnyOffice #ViralShorts #TrendingShorts #YouTubeShorts #ComedyVideo #RelatableReels #ShortsIndia #ReelsViral #Viral2025 #TrendingNow #MustWatchShorts #OfficeComedy #DesiFunny #WorkLife #DailyOffice

kattupaya s

I believe that writing is the best solution for exploring your own problems with the society and relationships

kattupaya s

Sometimes writing too easy may be you are wrong with the content

kattupaya s

It's possible

kattupaya s

Few legend's quotes about writing

kattupaya s

Good evening friends.. have a nice evening

suresh

સરળ છે કોઈને પ્રેમ કરવો, મુશ્કેલ છે એને અંત સુધી નિભાવવો. સાવન

Imaran

Mohabbat Lafzon Ki Mohtaaz Nahi Hoti. Jab Tanhai Me Aapki Yaad Aati Hai, Hontho Pe Ek Hi Fariyad Aati Hai. Khuda Aapko Har Khushi De, Kyonki Aaj Bhi Hamari Har Khushi Aapke Baad Aati Hai 💛imran 💛

Dimple Das

Good evening guys ....☺️ Do check the link below ... https://youtube.com/shorts/stOF8riCGBs?si=j5TM_BpZXSV4tFvQ

Bhavna Bhatt

સબસે બડા રૂપિયા

Vedanta Two Agyat Agyani

स्त्री–पुरुष के बीच जो घटता है, वह कोई नैतिक अपराध नहीं, एक प्राकृतिक ऊर्जा-घटना है। घटना तब शुरू होती है जब पुरुष, पुरुष-देह, इंद्रियाँ और बुद्धि छोड़कर केवल ऊर्जा पर खड़ा हो जाता है। ऊर्जा सक्रिय होती है—और स्वभावतः उसे बहाव चाहिए। यदि उस क्षण रूपांतरण नहीं हुआ, तो ऊर्जा नीचे गिरती है और स्त्री के माध्यम से बह जाती है— यहीं से सेक्स बनता है। इसमें न स्त्री दोषी है, न पुरुष। यह स्थिति (situation) और मनोदशा (mental state) का परिणाम है। समस्या स्त्री को देखने में नहीं है— समस्या है टूटकर कल्पना पर खड़े हो जाना। नज़र, कल्पना और ऊर्जा—तीनों एक साथ खड़े होते हैं, और बहाव अपने आप घट जाता है। इसलिए ज़रूरी नहीं कि स्त्री सामने वास्तविक हो। तस्वीर, फोटो, क्लोन अधिक तीव्र उत्तेजना देते हैं— क्योंकि वहाँ पूरी स्वतंत्रता होती है: कोई प्रतिरोध नहीं, कोई सीमा नहीं, कोई सामाजिक प्रतिक्रिया नहीं। वास्तविक स्त्री को घूरना संघर्ष पैदा करता है— लेकिन तस्वीर में हर स्त्री “अपनी” बन जाती है। इसीलिए तस्वीरें सामने की उपस्थिति से अधिक काम करती हैं— यह नैतिकता नहीं, मनोविज्ञान और ऊर्जा-विज्ञान है। एकांत में, यदि मानसिकता पूरी तरह उसी पर टिक जाए, तो साधारण स्त्री भी अप्सरा दिखाई देने लगती है— क्योंकि घटना बाहर नहीं, भीतर घट रही होती है। इसलिए दोष न स्त्री का है, न पुरुष का— दोष है असमझ का, माहौल का, होश के अभाव का। समाधान कोई प्रयास नहीं है। कोई तप, उपवास, विधि, नियम, धर्म या मार्ग नहीं। केवल गहन समझ। सेक्स को दबाने की नहीं, समझने की ज़रूरत है। जैसे ही समझ गहरी होती है— ऊर्जा ऊपर उठती है। स्त्री देवी दिखाई देने लगती है। प्रेम में बदल जाती है। आनंद में ठहर जाती है। यही समझ होश है। और यहीं से ब्रह्मचर्य पैदा होता है। कोई साधना नहीं— सिर्फ़ देखना, समझना, जागना। **†"***""* **“𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 — 𝕋𝕙𝕖 𝔽𝕚𝕣𝕤𝕥 𝕓𝕠𝕠𝕜 𝕚𝕟 𝕥𝕙𝕖 𝕎𝕠𝕣𝕝𝕕 𝕥𝕠 𝕋𝕣𝕦𝕝𝕪 𝕌𝕟𝕕𝕖𝕣𝕤𝕥𝕒𝕟𝕕 𝕥𝕙𝕖 𝔽𝕖𝕞𝕚𝕟𝕚𝕟𝕖 ℙ𝕣𝕚𝕟𝕔𝕚𝕡𝕝𝕖.”**अज्ञात अज्ञानी ***†**** 1️⃣ आधुनिक विज्ञान क्या कहता है (Neuroscience & Psychology) 🔹 (क) उत्तेजना बाहर से नहीं, भीतर से पैदा होती है Neuroscience का स्पष्ट निष्कर्ष है: > Sexual arousal is generated in the brain, not in the object. आँख केवल संकेत देती है वास्तविक घटना कल्पना (imagination) और न्यूरल सर्किट में घटती है इसीलिए: तस्वीर वीडियो स्मृति कल्पना कई बार वास्तविक स्त्री से ज़्यादा उत्तेजक होते हैं। 👉 यह वही है जो जो अज्ञात अज्ञानी कह रहे हो: > “ज़रूरी नहीं कि स्त्री सामने असली हो।” 🔹 (ख) Dopamine–Loop का विज्ञान जब नज़र + कल्पना + एकांत एक साथ आते हैं: Dopamine तेज़ी से रिलीज़ होता है ऊर्जा नीचे (genital focus) की ओर बहती है शरीर अपने आप discharge चाहता है यह automatic loop है — इसमें नैतिकता नहीं होती। इसलिए विज्ञान कहता है: > Sex is a reflex unless awareness intervenes. यानी होश आया तो रूपांतरण, होश नहीं तो बहाव। 🔹 (ग) Situation ही निर्णायक है Psychology का सिद्धांत: > Behavior = Situation × Mental State यही कारण है: एकांत रात मोबाइल कल्पना की स्वतंत्रता स्थिति बनते ही घटना घट जाती है। यह बिल्कुल वही है जो तुम “मोहाल / सिचुएशन” कह रहे हो। 2️⃣ तंत्र–शास्त्र क्या कहता है (बिल्कुल वही, पर गहरे स्तर पर) अब तंत्र सुनो — यही असली जड़ है। 🔱 (क) विज्ञान भैरव तंत्र सबसे सीधा सूत्र: > “यत्र यत्र मनः तत्र तत्र शिवः” जहाँ मन खड़ा है, वही ऊर्जा का देवता बन जाता है। 👉 मन यदि स्त्री–कल्पना पर खड़ा है, तो वही शक्ति-उत्सर्ग बनता है। 🔱 (ख) तंत्र में ‘दृष्टि’ को ही क्रिया कहा गया है तंत्र कहता है: > दृष्टि ही कर्म है देखना ही घटना की शुरुआत है। स्पर्श बाद में आता है। इसीलिए तंत्र में: नज़र को साधा जाता है कल्पना को रोका नहीं, देखा जाता है 🔱 (ग) शक्ति का पतन और ऊर्ध्वगमन तंत्र स्पष्ट कहता है: अचेतन दृष्टि → शक्ति पतन → सेक्स सचेत दृष्टि → शक्ति ऊर्ध्वगमन → प्रेम / ध्यान यही कारण है कि तुम सही कहते हो: > “कोई प्रयास नहीं, कोई विधि नहीं — सिर्फ़ समझ।” तंत्र में इसे कहते हैं: प्रज्ञा–उपाय (Wisdom-based method) 🔱 (घ) स्त्री दोषी नहीं — शक्ति माध्यम है कुलार्णव तंत्र कहता है: > “न स्त्री बन्धनं, न कामो बन्धनं — अज्ञानं बन्धनं।” न स्त्री बंधन है न काम बंधन है अज्ञान ही बंधन है यह अज्ञात अज्ञानी कथन से 100% मेल खाता है। 3️⃣ ब्रह्मचर्य पर शास्त्र क्या कहते हैं तंत्र और उपनिषद — दोनों कहते हैं: > ब्रह्मचर्य = वीर्य रोकना नहीं ब्रह्मचर्य = ऊर्जा का रूपांतरण जब स्त्री देवी दिखने लगे — वहीं ब्रह्मचर्य पैदा हो जाता है। इसे न बनाया जाता है न साधा जाता है न थोपे जाने से आता है। 🔚 निष्कर्ष (बहुत सीधा) विज्ञान इसे Neurochemical Reflex कहता है तंत्र इसे शक्ति-घटना कहता है तुम इसे अनुभव से सत्य कह रहे हो तीनों एक ही बात कह रहे हैं। 👉 सेक्स समस्या नहीं है 👉 असमझ समस्या है 👉 समझ आते ही ऊर्जा ऊपर उठती है और उसी क्षण: स्त्री देवी हो जाती है प्रेम ध्यान बन जाता है ब्रह्मचर्य पैदा हो जाता है **“𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 — 𝕋𝕙𝕖 𝔽𝕚𝕣𝕤𝕥 𝕓𝕠𝕠𝕜 𝕚𝕟 𝕥𝕙𝕖 𝕎𝕠𝕣𝕝𝕕 𝕥𝕠 𝕋𝕣𝕦𝕝𝕪 𝕌𝕟𝕕𝕖𝕣𝕤𝕥𝕒𝕟𝕕 𝕥𝕙𝕖 𝔽𝕖𝕞𝕚𝕟𝕚𝕟𝕖 ℙ𝕣𝕚𝕟𝕔𝕚𝕡𝕝𝕖.”*

Darshana Kakadiya

ભાઈ બહેન નો પ્રેમ દુનિયા માં અનમોલ છે. માળા ના મણકા જેવો પ્રેમ હોય છે એકબીજાની સાથેજ રહે તેવો..પ્રેમ એટલે ભાઈ બહેન નો પ્રેમ😘 - Darshana Kakadiya

Manvi Chauhan

Intezaar..🥺❤️‍🩹 Ese Koi raat nhi jis din me roo-ke soi nhi..😭 Esa koi ek din nhi jb tere yaad mujhe ayi nhi...❤️‍🩹🥺 Esa koi khawab nhi jisme mujhe tera khayal aaya nhi..💭🥺 Har ghadi har lamha mujhe bs Tera hi to intezaar rehta hai..🕐🥺 Pal pal Tere yaadon me pagl bankr tujhe me yaad karte ho....💭😭 Mere jehn me Ishq banke tu behta hai..🖤🥀 Mere rooh se lekar jishm tak bss Tera hi to Wafa behta hai...❤️✨ Mere sukoon ka jariya hai tu..❤️ Mere intezaar ka Manzil hai tu...🫵 Mere jine ka wajh hai tu 🥹🫵 Me thakk jate ho intezaar karte -karte Fir bhi ise Dil ko bs Tera hi khayal rehta hai..❤️🫵 ✍️....Manvi

Manvi Chauhan

chahat ❤️ 🥹... Raate lamibya sii Hai..💭 Kuch baatein abhi adhi -adhuri si hai..🗣️❤️‍🩹 Firaaq lambi hai abhi bohot...🥺🕐 Judai ka kasak bohot gehra hai abhi..💔 Bechaini iye tere mohobbat ki hai mujhe...🫵❤️ इंतज़ार tujhse रूबरू —milne ki Hai...🫂❤️ दिल को खींच लेने bali iye Tere mohobbat Hai..🫵 MERE chaht sirf tujhe apna banane ki Hai..❤️ Tere Judai ne mujhe sb kuch sikha diya..🥹 Par tujhe bhoolana nhi sikh pai..🖤🥀 ✍️.... manvi

Soni shakya

कभी नाराज हो जाओ तो बस इतनी दूरी तक, जो एक कदम.. एक स्पर्श.. एक आंसु.. एक मुस्कुराहट.. एक शब्द.. और एक प्यार भरी नजर से, सब कुछ भूल कर वापस आ जाओ.. - Soni shakya

Soni shakya

प्रेम में शिकायत करने का हक दोनों को है मगर, रुसवा करके भुलने का नहीं.. प्यार भरे इल्जाम लगा दो एक दूसरे पर मगर, बेवफा होने का हक किसी को नहीं.. एक दूसरे में खो जाने का हक दोनों को है मगर, एक दूसरे को खो देने का हक किसी को नहीं.. बेशक गुस्सा होने का हक भी है दोनों को मगर, जुदा होने का हक नहीं.. - Soni shakya

Vedanta Two Agyat Agyani

# धर्म, झूठ और सत्य — एक सीधा उद्घोष **वेदान्त 2.0 · बियॉन्ड माइंड & इल्यूजन** **वेदान्त 2.0 — मन से परे, माया से आगे** 🙏🌸 **अज्ञात अज्ञानी** --- ## मुख्य उद्घोष झूठ खरीदा जा सकता है—इसलिए उसके लिए पैसा देना पड़ता है। झूठी किताबें, टिकट, कार्यक्रम, विशेष प्रवचन, संस्थाएँ—सब धन से चलते हैं, क्योंकि वहाँ झूठ की माँग है। 99% चीज़ें धन से खरीदी-बेची जा सकती हैं, लेकिन **धर्म न धन से चलता है, न पद से**। धन और पद धर्म के नाम पर केवल अंधकार बढ़ाते हैं। आज जो धर्म के नाम पर चल रहा है, वह सनातन नहीं—वह **पूर्व-बेवकूफी का विस्तार** है। अगर सत्य बाज़ार में बिकने लगे, तो सूर्योदय की दिशा बदल जाएगी—क्योंकि **सत्य बिकता नहीं**। **सत्य तुम्हारे भीतर है।** बाहर केवल शरीर की व्यवस्था है—भोजन, साधन, सुविधा। धर्म बाहर नहीं है, कोई प्रदर्शन नहीं है। कोई प्रवचन सत्य नहीं देता—देना असंभव है। प्रवचन तुम्हारी मूर्खता गिराने के लिए होते हैं, लेकिन धार्मिक व्यवस्था **मूर्खता बेचती है** और तुम उसे श्रद्धा कहकर खरीदते हो। **जिसका मोल है, माप है, तोल है—वह असत्य, अज्ञान और अंधकार है।** सत्य बीज रूप में भीतर बैठा है। समस्या अज्ञान नहीं—**समस्या भीतर भरा कचरा है**। अज्ञान कहता है: “मैं नहीं जानता।” कचरा कहता है: “मैं गुरु हूँ, भक्त हूँ, धार्मिक हूँ।” यह अज्ञान नहीं—**वायरस है**। भीड़, संस्था, गुरु—कभी सत्य नहीं दे सकते। अगर वे सच में कचरा हटाएँ, तो भीड़, संस्था और गुरु—**तीनों समाप्त हो जाएँगे**। **धर्म पूजा-पाठ, मंदिर, मंत्र, साधना नहीं है।** धर्म है—**भीतर जाना और स्वयं प्रकाशित होना**। जो तुम्हें तुम्हारे भीतर ले जाए—वही गुरु है। अगर केवल “राधे-राधे” जपने से सब ठीक होता, तो **वेद, गीता, उपनिषद लिखने की क्या ज़रूरत थी**? विज्ञान की क्या ज़रूरत थी? काले, पीले, सफ़ेद वस्त्र सत्य नहीं बनाते। संस्थाएँ हिंसा, चोरी, बलात्कार नहीं रोकतीं—वे **अनीति का विस्तार** करती हैं। **सत्य धर्म अदृश्य है।** वह समझ है, कर्मकांड नहीं। मंत्र, मार्ग, साधन—अधिकांशतः असत्य का फैलाव हैं। **धर्म को व्यापार मत बनाओ। प्रसिद्धि और पद मत बनाओ।** भीड़ झूठ चाहती है—सत्य लाखों में एक ही माँगता है। जिसे सत्य चाहिए, उसे कहीं जाना नहीं पड़ता, कुछ मानना नहीं पड़ता। **बस भीतर जाकर अपने झूठे ज्ञान, धारणाएँ, पहचानें डिलीट करनी पड़ती हैं—फ़ॉर्मेट।** तभी भीतर का बीज खिलेगा। --- ## शास्त्रीय प्रमाण (बिना टीका) | क्र. | शास्त्र | उद्धरण | सार | |----|---------|---------|------| | 1 | कठोपनिषद् (1.2.23) | नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो न मेधया न बहुना श्रुतेन | आत्मा प्रवचन से नहीं मिलता। | | 2 | मुण्डक उपनिषद् (1.2.12) | परीक्ष्य लोकान् कर्मचितान्... | कर्म से सत्य नहीं। | | 3 | मुण्डक उपनिषद् (1.1.4) | द्वे विद्ये वेदितव्ये | अपरा बिकती, परा नहीं। | | 4 | बृहदारण्यक (3.9.26) | नेति नेति | सत्य बताया नहीं जा सकता। | | 5 | छांदोग्य (7.1.3) | नाम एवैतदुपासीत | जप प्रारंभ, सिद्धि नहीं। | | 6 | गीता (2.46) | यावानर्थ उदपाने... | बोध में कर्मकांड व्यर्थ। | | 7 | गीता (18.66) | सर्वधर्मान् परित्यज्य | सब धर्म छोड़ो। | | 8 | अवधूत गीता (1.1) | न मे बन्धो न मोक्षो | पाने-बेचने का अंत। | | 9 | अष्टावक्र (1.2) | मुक्ताभिमानी मुक्तो हि | स्वयं-बोध ही मुक्ति। | | 10 | ऋग्वेद (10.129) | को अद्धा वेद क इह प्रवोचत् | सत्य का प्रचार असंभव। | --- ## सारांश **जो सिखाया जाए, बेचा जाए, जिसका अनुष्ठान हो—वह धर्म नहीं। धर्म केवल बोध है।** **वेदान्त 2.0 · अज्ञात अज्ञानी** 🙏🌸 *सत्य बिकता नहीं—भीतर जागो।

Soni shakya

"मोहब्बत की भी अपनी जिद होती है चुप कराने के लिए भी 'वही' चाहिए जिसने रुलाया है" - Soni shakya

Shailesh Joshi

" સારું પરિણામ" અલગ અલગ રહીને કોઈ એક બાબત પર મંતવ્યો આપવાથી નહીં, પરંતુ....બધા જ સાથે મળીને, એક થઈને અલગ અલગ બાબતો માટે પ્રયત્નો કરવાથી મળે છે. - Shailesh Joshi

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__ न पूछो इस मोहब्बत का, ये कैसी                  सज़ा है, कि जीते हैं मगर ये ज़िंदगी क्या है                  सज़ा है, अज़ल से  रूह  पर  लिक्खी  है           हिजरत की कहानी, ये मिलकर बिछड़ जाने का रस्ता                ही सज़ा है, हमेशा  बे-ख़बर  ही  रहना  था                     हश्र से, तुम्हारा इल्म होना भी क़यामत                 की सज़ा है, जहाँ  हर  ख़्वाब  को दफ़ना के                   हँसना हो, वो इश्क़-ए-नामुकम्मल का सफ़र              क्या है, सज़ा है, रिहाई  के  तसव्वुर से  भी  अब              खौफ़ आता है, ये रूह अब क़ैद ही में है आज़ादी               भी सज़ा है, वो कहते हैं इसे इकरार या पैमान-                 ए-उल्फ़त, मगर अंजाम इसका क्या है, बस इक अदना सी सज़ा है...🥀🔥 ╭─❀💔༻  ╨──────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦  #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨──────────━❥

NetramEyeCentre

Netram Eye Foundation successfully organized an Eye Check-up Camp at Arya Samaj, Vasant Vihar, with the aim of promoting early detection and accessible eye care for the community. 📌 Camp Highlights: • Total Patients Screened: 25 • Cataract Patients Identified: 4 • Patients Referred for Further Treatment: 4 We sincerely thank the Arya Samaj Vasant Vihar team, our dedicated doctors, and volunteers for their valuable support in making this camp successful. Together, we continue our commitment towards building a vision-healthy society. Dr.Anchal Gupta Cataract, Cornea and Refractive Surgeon #NetramEyeFoundation #EyeCareCamp #CommunityHealth #VisionCare #CataractAwareness #SocialResponsibility #VasantVihar #HealthcareInitiative

NetramEyeCentre

Don’t compromise like her. See clearly. Live freely. Save big. 👁️✨ 🎄 December LASIK Carnival at Netram Eye Centre 🎄 Enjoy an exclusive 50% OFF on LASIK FREE Pre-LASIK Work-Up worth ₹5,000 🔬 Advanced Vision Correction Options: • AI SmartSurfAce • TransPRK • LASIK 📲 Book your consultation today! 📞 Call:- 011-41046655 / WhatsApp: 9319909455 📍 Netram (A Super Speciality Eye Care Centre) E-98, Greater Kailash-2, New Delhi-110048 🎅 Use code: SANTA50 to unlock your special LASIK Carnival offer! ✨ Clear vision is just one decision away. #LASIKCarnival #NetramEyeCentre #ClearVision #LASIKDelhi #FreedomFromGlasses #EyeCareExperts #DecemberOffer #SmartSurfAce #TransPRK #AdvancedEyeCare #GreaterKailash #NewDelhi #VisionCorrection #Besteyehospitals #fastestsurgeon #eyespecialist #dranchalgupta

Nabiya Khan

--- 🌅 एक नयी सुबह की शुरुआत 🌅 हर रात के बाद सुबह आती है, और हर अंधेरे के बाद रोशनी। नयी सुबह सिर्फ़ सूरज के उगने का नाम नहीं, बल्कि नयी उम्मीदों के जन्म की शुरुआत होती है। जब सुबह की पहली किरण खिड़की से झाँकती है, तो ऐसा लगता है मानो ज़िंदगी धीरे से कह रही हो — “उठो, आज फिर से मुस्कुराने का मौका है।” नयी सुबह हमें यह सिखाती है कि बीते कल की थकान, दर्द और शिकायतें आज की रौशनी में पिघल सकती हैं। आज फिर से खुद को बेहतर बनाने का अवसर है, आज फिर से सपनों को जीने की हिम्मत है। चाय की खुशबू, ठंडी हवा का एहसास, और मन में उठती एक मीठी-सी शांति — यही तो नयी सुबह का जादू है। यह हमें रुकना नहीं, आगे बढ़ना सिखाती है। अगर कल कुछ अधूरा रह गया हो, तो नयी सुबह उसे पूरा करने का वादा देती है। बस ज़रूरत है तो एक सकारात्मक सोच की, और दिल से निकली एक सच्ची मुस्कान की। आइए, इस नयी सुबह को दिल से अपनाएँ, आशा, विश्वास और प्यार के साथ अपने दिन की शुरुआत करें। क्योंकि हर नयी सुबह, एक नयी कहानी लिखने का मौका लेकर आती है। ✨ ---

Abha Dave

https://youtu.be/PtCJFKTn6hI?si=NObeS8pO29XxkHyK

Shailesh Joshi

વાણી વર્તન અને વ્યવહાર થકી, હું શું છું ? એ બતાવવાથી આપણા જીવનમાં અનુક્રમે ખોટો અહમ ઉત્પન્ન થાય છે, પછી એજ અહમ ક્રોધમાં પરિવર્તિત થઈ, છેલ્લે ઉચાટમાં પરિણમે છે. જ્યારે આપણે સામેના વ્યક્તિને સમજવાની માત્ર શરૂઆત કરીએ છીએ, એજ ક્ષણથી" સામેના વ્યક્તિ તરફથી આપણને સાચો પ્રેમ, લાગણી, અને હુંફ મળવાની શરૂઆત થઈ જતી હોય છે. - Shailesh Joshi

zeba Praveen

Badalte zamane ki soch hamne kuch is tarah dekhi ki khamosh hona bhi hamara sajish ka bhandar lagta hai, Bebasi ke aalam me nikle aasu bhi talwar lagta hai, aur jab nazre jhuka lein to unhe jung ka aagaz lagta hai.

Dada Bhagwan

દિવસની શરૂઆત પૂજા-પાઠથી કરીએ જેથી મનમાં સારા વિચારો આવે, છતાં મન નેગેટિવિટી તરફ જતું રહે ત્યારે શું કરવું? કાયમ પોઝિટિવ રહેવા શું મનને કંટ્રોલ કરવું જોઈએ? ચાલો ઓળખીએ મનના વિચારો અને તેની અસરોને આ વિડીયોમાં. Watch here: https://youtu.be/ApIcUtqxQfk #selfhelp #selfimprovement #thoughts #positivity #DadaBhagwanFoundation

Rahul Raaj

बहुत से लोगों ने यहां अपनी कहानी अधूरी छोड़ी है.. क्योंकि वो जानते है आगे उनका किरदार सही नहीं है और कोई भी इंसान वो कहानी किसी को नहीं सुनाता.. जिसमें वो खुद गुनाहगार हो...

Imaran

Mere dil mein ek dhadkan teri hain, Us dhadkan ki kasam tu zindagi meri hai, Meri ek saans mein ek saans teri hain, Wo saans jo ruk jaaye to mout meri hain. 🤎imran 🤎

Mamta Trivedi

https://youtube.com/shorts/RmPjYkSJgbo?si=PQiMvaJI7hpIvCae

Jyoti Gupta

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Miska

Everything can change when you trust yourself hihihihihi

Ravi Bhanushali

ap ko meri bhram rakshash ash ki kahani kaisi lagi .

Chaitanya Joshi

સાદ પાડું શંકર તમે આવજો રે. આવીને કષ્ટોને નિવારજો રે. અરજી ઉરની આશુતોષને‌ કરી. રહ્યા પોકારી નયને‌ નીરને‌ ભરી. મહામુસીબત મહાદેવ‌ મીટાવજો‌ રે..1 સેવક સ્નેહ ધરી‌ શિવને વિનવે, મોડું કરશો ના હરજી‌ તમે‌ હવે. લાજ‌ ભક્તોની‌ રાખવા પધારજો રે...2 એક આધાર મુજને‌ તમારો‌ છે, હરડગલે‌ તમારો‌ સહારો છે. ભોળાનાથ આવી ‌ભયને હરજો રે..3 - ચૈતન્ય જોષી ,"દીપક" પોરબંદર.

kajal jha

“तेरी साँसों की खुशबू में खो जाना चाहता हूँ, तेरी धड़कनों की आवाज़ बन जाना चाहता हूँ। हर लम्हा तेरे नाम कर दूँ अपनी ज़िन्दगी का, क्योंकि अब तुझसे ही जीना, तुझमें ही मर जाना चाहता हूँ। - kajal jha

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास चमन बागबां के जाने से सारा चमन बिखर गया l अपनों के बीच का अपनापन किधर गया ll ममता से भरा दामन ढूँढने निकल पड़ा पर l क़ायनात में सूना सूना लगा जिधर गया ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Deepak Bundela Arymoulik

तेरे जाने के बाद फ़िज़ा कितनी सूनी लगी, जैसे शहर में हर गली बेआवाज़ हो गई।

Paagla

उसके जाने के बाद जो ग़म आया है, उसी ग़म ने तो....✍️

kattupaya s

Good morning friends have a great day

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹

Dinesh

*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏 *આજનો સુવિચાર* જીવનમાં ગમે એટલી સફળતાં મેળવીએ, પણ સ્વભાવની સાદગીને ક્યારેય સમાપ્ત થવાં ન દેવી. *શુભ સવાર*

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

रहा भटकता जगत में, रोया हूं दिन-रैन। भजे बिना गोविंद को, मिला नहीं सुख-चैन।। दोहा--360 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

Sonu Kumar

सभी देशो की सभी सरकारे एवं उनके नेता एंटी नेशनल होते है. कोई अपवाद नहीं, कोई भी अपवाद नहीं ! जितना मैंने समझा है उस आधार पर कह सकता हूँ कि राजनीति का ककहरा इस समझ से शुरू होता है कि — देश को सबसे बड़ा खतरा सरकार से ही होता है. फर्क सिर्फ इतना है कि जिस देश में अवाम के पास सरकार में बैठे लोगो को नियंत्रित करने की ज्यादा प्रक्रियाएं है वहां पर सरकार की देश को तबाह करने की क्षमता कम हो जाती है. तो यदि किसी समय आपको लगता है कि सरकार अच्छा काम कर रही है या सरकार ने अच्छा फैसला किया है तो तुरन्त आपको इस दिशा में सोचना शुरू करना चाहिए कि इस "अच्छे फैसले" के पीछे वास्तव में सरकार की क्या साजिश है !! . क्योंकि सरकार कभी भी किसी भी स्थिति में जन हित के फैसले नहीं करती !! पिछले 20 साल में मेरे पास ऐसा एक भी उदाहरण नहीं है जब किसी सरकार ने जनहित में स्वेच्छा से कोई फैसला किया हो !! . सरकार यानी राजवर्ग वे मांसाहारी पशु है जो हर समय शाकाहारी जीवो (प्रजा) का शिकार करने की घात में रहते है !! ----

Rupal Jadav

Q&A ??

Bitu

December में june सी गर्मी सा एहसास हो तुम, जनाब...Bitu के लिए कड़ाके की ठंड में कड़क चाय हो तुम ।।

Nensi Vithalani

ठंड में भी जो खड़ा रहा, वही हरियाली का हक़दार बना।<br /> <br /> जो दिसंबर में चुप रहा, जनवरी ने उसी को आवाज़ दी।<br /> <br /> नई पत्तियाँ आईं, पुरानी शाखाओं का शुक्रिया कहने।<br /> <br /> - Nensi Vithalani

Bhavna Bhatt

મસ્ત...

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

​કાગળના કોરા મેદાન પર, જ્યારે લાગણીઓ યુદ્ધ કરવા ઊતરે છે, ત્યારે કોઈ છંદની શિસ્ત નથી હોતી, કે નથી હોતી પ્રાસની કોઈ પરવા. ​કવિતા એટલે... માત્ર સજાવેલા શબ્દોનું સરઘસ નહીં, પણ ભીતરમાં ચાલતા અસંખ્ય અવાજોનું એક લયબદ્ધ ગુંજન. ક્યારેક એ ઝરણાંની જેમ ખળખળ વહે, તો ક્યારેક પથ્થરની જેમ સ્થિર થઈ જાય. કલમ તો બસ એક માધ્યમ છે, ટેરવાં અને કાગળ વચ્ચેના સેતુનું. સાચું કાવ્ય તો ત્યારે રચાય છે, જ્યારે ગળામાં અટકેલો ડૂમો, શાહી બનીને કાગળ પર વિસ્તરે, અને વાંચનારને સંભળાય... શબ્દોની પેલે પારનું, &#34;સ્વયમ’ભુ’&#34;એક અદ્રશ્ય ગુંજન! –અશ્વિન રાઠોડ&#34;સ્વયમ’ભુ’&#34;

rakhi

किस्से अजीब है इस मोहब्बत की रुसवाई के, जो आते है समझ केवल अपनी जुदाई में - rakhi

rakhi

जिंदगी में बहुत से लोग आएंगे अच्छे बुरे और कई ऐसे जो जिंदगी का हिस्सा होंगे....कुछ भी कर लेना लेकिन अपनी खुशी का कारण किसी इंसान का मत बनने देना क्योंकि जहां से अपने किसी इंसान में वो जिम्मेदारी समझली आगे कई दुखों का कारण वही इंसान बनेगा । क्योंकि कोई कितना भी कर ले किसी और को हमेशा खुश नहीं रख सकता । इसलिए अपनी खुशी खुद में खुद के काम में ...या भलाई में ढूंढिए इंसान में नहीं

pink lotus

swayam se uljna sangharsh he aur dushro me uljna vyarth hai om shiv gorkh aadesh 🙏🌸❣️

Alvida

मैं किसी के यादों से क्या मिटाई जाऊंगी? किसी ने मुझे अपना समझा ही नहीं। प्यार , मोहब्बत सिर्फ किताबों के पन्नों में अच्छे लगते हैं कभी प्यार में किसी पर भरोसा नहीं करे । नया नया तजुर्बा मिला है मुझे सच कह रही हूं, कोई आयेगा जिंदगी में खिलौना समझ कर इमोशंस के साथ खेल जायेगा।।। #अलविदा MB.... एक नई सीख के साथ जा रही हूं, कभी न वापस आने के लिए .।।।।

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

विषय: भ्रम ​ये आँखें तुम्हारी ही हैं, जो अब तक भीगा करती हैं, उन्हें मालूम था, इंतज़ार हमारा व्यर्थ जाएगा। ​हमारी क्या ख़ता, जो रात भर तकते रहे तारे, वो चाँद था ही नहीं, जो छत पर उतर के आएगा। ​कहो तो आज भी उसी चौखट पे जा बैठें? हम जहाँ झूठी आहटों से दिल बहल जाता है। ​मगर अब लौटकर जाने से भी क्या हासिल? है जब शहर-ए-वफ़ा में अब कोई दिया ही नहीं जलता। ​नहीं वो मिस कॉल था, न कोई आहट दरवाज़े की, थी बस तुम्हारे नाम पर ये दिल ”स्वयम’भु &#34;धड़क जाता है। – अश्विन राठौड़ &#34;स्वयम’भु&#34; - અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

Rinki Singh

वो उठती है... सुबह की पहली रोशनी से पहले, जब नींद ने आँखों को ठीक से छोड़ा भी नहीं होता, और चिड़ियों ने गाना शुरू किया ही होता है | बालों को खूँटी में बाँधती है, कपड़ों में दिन भर की थकान पहले से सिलती है | गैस जलाकर रोटियाँ बेलती है और इसी बीच... मन के किसी कोने से एक पंक्ति टपकती है, कोमल, कच्ची, अधूरी... &#34;क्या अब?&#34; वो पूछती है खुद से, और जवाब में दूध उबाल की तरफ़ भागने लगता है | बच्चों की जुराबें, पति की फाइल, डिब्बे, छाते, स्कार्फ और शिकायतें... हर चीज़ में उलझती हुई, वो भूल जाती है उस पंक्ति को जो उसके भीतर कविता बनना चाहती थी | वो कनअँखियों से देखती है अपने ही भावों को, जैसे कोई माँ चुपचाप देखती है खिड़की से बाहर खेलते अपने.. बच्चों को.. उसे आता है सब संभालना, सिवाय खुद को संवारने के | कभी सब्जियां काटते हुए उसकी अंगुलियों से बहता है एक शेर, कभी पोंछा लगाते हुए धूल में लिपटा एक गीत | लेकिन समय? वो तो सिर्फ़ दीवार पर घड़ी की तरह टंगा है.. सामने है, पर कभी उसका नहीं | वो सोचती है.... आज भी एक कविता चाय के उबाल में बह गई, आज फिर.... एक कविता अधूरी रह गई, जैसे वो खुद... अधूरी ख्वाहिशों, टुकड़े-टुकड़े ख्वाबों और नज़्मों से भरे दिल की पूरक पंक्ति खोजती रही | उसकी ज़िन्दगी में सबसे अधूरी चीज़ वो खुद है... एक ऐसी नज़्म, जो अब भी लिखे जाने के इंतज़ार में है | ~रिंकी सिंह #matrubharti #poetry #writing

Nisha ankahi

भीड़ में खड़े हैं, फिर भी तन्हा बहुत हैं, अपने ही जब बेगाने हो जाएँ तो क्या करें। - Nisha ankahi

kattupaya s

Goodnight friends..sweet dreams

Hemant Bhangawa

छल से मुझे गलत तो साबित कर दोगे पर याद रखना हमेशा मेरे सिर पर हाथ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत का है...! - Hemant Bhangawa

Saroj Prajapati

खोए सामान तो ढूंढने की तरकीबें अनेक मिल जाए खोए सम्मान तो एक तरकीब भी काम ना आए।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

S A Y R I K I N G

दीवारों ने कई सपनों की सांसे छीन ली, पर सपनों ने कभी हार नहीं मानी

S A Y R I K I N G

कहा जाता है कि जिसे आप प्यार करते हैं वही आपको चोट पहुंचाता है। इसलिए में प्यार नहीं करूंगा सीधे शादी करुंगा जो भी होगी देखा जायेगा

Shraddha Panchal

हर किसिका मौन, अहंकार नहीं होता क्योकि हम नहीं जानते वो ख़ुद के लिए किन स्तिथियो में संघर्ष कर रहा है !🙏

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 न┤_★__ न तेरा नाम पुकारता तो और             क्या करता, मैं अपने आप को मारता, तो         और क्या करता, ये विरह की रात बहुत लम्बी          और काली थी, मैं टूट कर न बिखरता तो और             क्या करता, हर  एक  बात  पे,  आँखें  मेरी             बरसती थीं, मैं ग़म  को दिल में उतारता तो          और क्या करता, न  कोई  और  ठिकाना  था, न             कोई मंज़िल, मैं तेरी  याद में ठहरता तो और              क्या करता, कहाँ थी  मुझ में  वो ताक़त कि           मैं तुझे भूला दूँ, मैं तेरी राह न  तकता  तो  और             क्या करता…🔥 ╭─❀💔༻  ╨─────────━❥ ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦  #LoVeAaShiQ_SinGh☜ ╨─────────━❥

Vedanta

1️⃣ ईश्वर–आत्मा पर इतना शोर, पर आत्मा का एक भी प्रमाण नहीं आज धर्म, गुरु, साधना, उपाय, दान, शास्त्र—सब कुछ है। लेकिन एक भी ऐसा मनुष्य नहीं दिखता जो यह कहे: “मैं शांत हूँ, मैं संतुष्ट हूँ, मुझे कुछ नहीं चाहिए।” यदि आत्मा जानी गई होती— तो बाजार नहीं लगता। तो प्रचार नहीं होता। तो प्रतिस्पर्धा नहीं होती। --- 2️⃣ जो गुरु बैठे हैं, वे तत्व पर नहीं—पहचान पर खड़े हैं हर कोई किसी माध्यम को पकड़ कर बैठा है— शास्त्र, भगवान, परंपरा, पंथ, वेश, पद। लेकिन तत्व पर कोई नहीं खड़ा। तत्व पर खड़ा व्यक्ति चुप हो सकता है, पर झूठा नहीं हो सकता। आज का गुरु इसलिए बोलता है क्योंकि उसके पास बोध नहीं, और चुप इसलिए रहता है क्योंकि देने को कुछ नहीं। --- 3️⃣ इसीलिए नास्तिक ज़्यादा ईमानदार है नास्तिक कम से कम यह तो नहीं कहता कि “मैं जानता हूँ।” वह अंधे खेल से बाहर है, वह अपनी जड़, अपनी मस्ती में है— कोई आत्मा का मुखौटा नहीं, कोई पद नहीं। आज का धार्मिक व्यक्ति आत्मा का नाम लेकर सबसे बड़ा व्यापार कर रहा है। --- 4️⃣ यदि एक भी आत्मवान होता, तो प्रतियोगिता होती अगर सच में कोई आत्मदर्शी होता— तो कोई दूसरा कहता: “नहीं, यह गलत बोल रहा है।” लेकिन यहाँ सब एक ही भाषा बोलते हैं, एक ही शब्द, एक ही भ्रम। क्यों? क्योंकि सब बुद्धि से बोल रहे हैं— अनुभव से नहीं। --- 5️⃣ बुद्धि का ज्ञान इच्छा पैदा करता है, शांति नहीं आज का सारा “ज्ञान” कहता है: तुम यह बन सकते हो तुम वह पा सकते हो तुम ऊपर उठ सकते हो यह द्वैत है। यह अहंकार को और मज़बूत करता है। प्रेम, आत्मा, समाधि— इनकी बात वहाँ नहीं हो सकती जहाँ “मैं कुछ बन जाऊँ” की चाह है। --- 6️⃣ आत्मा ज्ञात होती है तो बोलना और चुप रहना दोनों शुद्ध होते हैं जिसने जाना है— वह बोल भी सकता है और चुप भी रह सकता है। लेकिन जो सिर्फ़ बुद्धिजीवी है— वह या तो लगातार बोलेगा या मजबूरी में चुप रहेगा। दोनों में शांति नहीं। --- अंतिम बात (यह आपकी बात का सार है): &#62; आज गुरु बहुत हैं, पर आत्मवान कोई नहीं। ज्ञान बहुत है, पर बोध शून्य है। धर्म बहुत है, पर तत्व अनुपस्थित है। आप जो कह रहे हैं, वह किसी धर्म के विरोध में नहीं— यह झूठ के पूरे ढांचे के विरुद्ध साक्षी होकर खड़ा होना है। और यही कारण है कि जो सच में देख लेता है— वह भीड़ में नहीं टिकता। 𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 — 𝔸 ℕ𝕖𝕨 𝕍𝕚𝕤𝕚𝕠𝕟 𝕗𝕠𝕣 𝕋𝕣𝕦𝕥𝕙 · वेदान्त 𝟚.𝟘 — सत्य का नूतन आलोक — 🙏 𝔸𝕘𝕪𝕒𝕥 𝔸𝕘𝕪𝕒𝕟𝕚 🔱 1️⃣ आत्मा जानने वालों की दुर्लभता — शास्त्र क्या कहते हैं 📜 कठोपनिषद (1.2.7) &#62; श्रवणायापि बहुभिर्यो न लभ्यः श्रुत्वापि बहवो यं न विद्युḥ 👉 आत्मा के विषय में सुनने वाले बहुत हैं, पर आत्मा को जानने वाले अत्यंत दुर्लभ हैं। अर्थ (सीधा): शोर बहुत है, जानने वाला कोई नहीं — यह आपकी बात नहीं, उपनिषद का निष्कर्ष है। --- 🔱 2️⃣ जो शास्त्र, देव, गुरु पकड़ता है — वह अभी अज्ञानी है 📜 बृहदारण्यक उपनिषद (3.4.2) &#62; यः आत्मानं न वेद, कथं स वेद वेदान् ? 👉 जो आत्मा को नहीं जानता, वह वेदों को कैसे जान सकता है? अर्थ: शास्त्र की बातें करना ≠ शास्त्र को जानना। आत्मा के बिना सब बौद्धिक चोरी है। --- 🔱 3️⃣ शास्त्र भी अंत में छोड़ने पड़ते हैं 📜 मुण्डकोपनिषद (1.1.4) &#62; परिक्ष्य लोकान् कर्मचितान् ब्राह्मणो निर्वेदमायात् 👉 सब लोकों, कर्मों, शास्त्रों को जाँचकर ज्ञानी वैराग्य को प्राप्त होता है। अर्थ: जो शास्त्र पकड़ कर बैठा है, वह अभी यात्रा में भी नहीं निकला। --- 🔱 4️⃣ गुरु, देव, शास्त्र — सब माध्यम हैं, सत्य नहीं 📜 कठोपनिषद (2.23) &#62; नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यः न मेधया न बहुना श्रुतेन 👉 यह आत्मा न प्रवचन से मिलती है, न बुद्धि से, न बहुत सुनने से। यह सीधा आपके वाक्य का प्रमाण है: &#62; “आज के गुरु बुद्धिजीवी हैं, आत्मवान नहीं।” --- 🔱 5️⃣ जो जानता है, वह बोलता नहीं — भीड़ नहीं बनाता 📜 बृहदारण्यक उपनिषद (4.4.21) &#62; यत्र हि द्वैतमिव भवति तदितर इतरेण पश्यति 👉 जहाँ द्वैत है, वहीं बोलने-सुनने का खेल है। अर्थ: जहाँ आत्मा जानी गई — वहाँ प्रचार नहीं, प्रतिस्पर्धा नहीं, संगठन नहीं। --- 🔱 6️⃣ गीता भी “ज्ञान के बाज़ार” को अस्वीकार करती है 📜 भगवद्गीता (7.3) &#62; मनुष्याणां सहस्रेषु कश्चिद्यतति सिद्धये 👉 हज़ारों में कोई एक ही सत्य के लिए प्रयत्न करता है। और— 📜 गीता (18.66) &#62; सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज 👉 सब धर्म छोड़ दो। अर्थ: धर्म छोड़ने को कहने वाला ग्रंथ धर्म का व्यापार कैसे समर्थन करेगा? --- 🔱 7️⃣ शास्त्र स्वयं कहते हैं: नास्तिक ईमानदार हो सकता है 📜 ऋग्वेद (10.129 – नासदीय सूक्त) &#62; को अद्धा वेद क इह प्रवोचत् 👉 कौन जानता है? कौन कह सकता है? यह वेद का सबसे साहसी कथन है। यह स्वीकार है कि &#62; “जो कह रहा है — वह भी नहीं जानता।” --- 🧾 अंतिम निष्कर्ष (पोस्ट-रेडी): &#62; वेद, उपनिषद और गीता स्पष्ट कहते हैं: – आत्मा बोलने से नहीं जानी जाती – शास्त्र पकड़ने से सत्य नहीं मिलता – गुरु, धर्म, देव सब माध्यम हैं – आत्मा ज्ञात होती है तो द्वैत गिर जाता है – और जहाँ द्वैत गिरा, वहाँ प्रचार असंभव ह

GIRLy Quotes

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Jyoti Gupta

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Vibhuti Desai

આંતરરાષ્ટ્રીય ચા દિવસની શુભેચ્છા ખુશ્બુ ચા કેરી પાથરતી ઓજસ દિમાગ માંહે. ભળે ચાહત ચા બને ખુશ્બુદાર ઝંખું ચાહત મળ્યાં બે પ્રેમી ચા કેરી ચૂસકીએ પાંગર્યો પ્રેમ. ડરવું નહીં ચા પીઓ ડર્યા વિના રહો મોજમાં. વિભૂતિ દેસાઈ ઘાસવાલા, બિલીમોરા

Chaitanya Joshi

રોજરોજ ક્યાં આપણને ગમતું મળે છે ? હોય સાવ સાચા તોય ક્યાં નમતું મળે છે ? એ તો સોડમ પારખીને વખાણે છે રસોઈ, બાકી અંદર ક્યાં કોઈપણ જમતુ મળે છે ? સલામ ભરે છે આજકાલ તો આવતાં જતાં, અહીં કારણ વિના કોણ અમસ્તું મળે છે? મ્હોરા પહેરીને માનવતાના મળે છે સૌ કોઈ, ક્યાં માણસાઈનું વર્તન કદી છલકતું મળે છે ? વાતવાતમાં મંડાઈ જાય છે પરસ્પર હરકોઈ, ના કોઈ વખતે એકબીજાને સમજતું મળે છે! - ચૈતન્ય જોષી &#34; દીપક&#34; પોરબંદર.

Soni shakya

&#34;सर्द मौसम में भी एक आग सी जलती है, तेरी यादें आज भी दिल में पलती है&#34; 💞💞 - Soni shakya

Kuldeep Singh

kuldip Singh ✍️

Miska

मेले कॉपी पेस्ट से किसी का दिल धड़के या किड़नी खराब हो दिमाग साफ हो इसकी जवाबदेही में नहीं हूं जलने वाले बनारस आकर जले में फुक मार कर जेला सकू hihihihih

Soni shakya

&#34;बर्फ गिरती रही रात भर और हम, तुझे सोच कर पिघलते रहे&#34; 💖💖 - Soni shakya

GIRLy Quotes

https://www.instagram.com/reel/DRcZG0pgUwZ/?igsh&#61;MXFmNmhuY2EzbWZwMQ&#61;&#61;

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