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Saroj Prajapati

ज़रूरत से ज़्यादा लीपापोती भरा चेहरा हो या किरदार दुनिया की नजरों में हमेशा हंसी व संदेह के पात्र बनते हैं।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

Nothing

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yeash shah

કારકિર્દી નું ચયન કરવા માટે એક અદ્ભુત રીત વર્ણવું -------------------------------------------------------- સ્ટેપ :૧ તમારા જન્મ નું વર્ષ + ૨૦ વર્ષ = xxxx ( એનું સિંગલ ટોટલ કરવું, જેને A કહીશું. step :૨ A + મૂલાંક= B step :૩ B + જન્મ તારીખ + જન્મ નો મહિનો.= C step :૪ C માંથી ૩ digit મળશે. જેને career Code કહેવો. દાખલા તરીકે : ૧૨/૮/૧૯૮૯ સ્ટેપ :૧ = ૧૯૮૯ + ૨૦ = ૨૦૦૯( ૨+૯)(૧૧)(૧+૧) = ૨ A = ૨ સ્ટેપ:૨ હવે ૨+૩ ( મૂલાંક ૧+૨)= ૫ B = ૫ step :૩ ૫+ ૧૨+૮= ૨૫ =૨૫ ૨+૫= ૭ career Code: ૨૫૭ આ વ્યક્તિ ને અંક ૨ ચંદ્ર, અંક ૫ બુધ અને અંક ૭ કેતુ થી સંબંધ ધરાવતા ક્ષેત્રો માં ઉત્તમ ફળ મળે. આ ત્રણેય નંબર ના વિવિધ ક્ષેત્રો માંથી ઉચિત ક્ષેત્ર રુચિ પ્રમાણે જાતે પસંદ કરવું.

Raju kumar Chaudhary

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Jaypandya Pandyajay

તારી આંખો ઘણું બતાવે છે તારી આંખો, મને સતાવે છે તારી આંખો. કલ્પનાને મધુર બનાવે છે તારી આંખો, તારા વિચારે મન મારું લગાવે તારી આંખો. પ્રેમ મન ભરી નીતારે તારી આંખો, જીવનને બહુ નિખારે તારી આંખો. છે આ જાદુગરી સારી,  જાણે સ્વર્ગ ધરતી પર ઉતારી, લાગણી છે કેવી તારી ન્યારી, જે નાંખે દુઃખને બધા નિવારી, તારી આ કારીગરી છે ખુબ સારી, જે દે જીવનની બળતરા ઠારી. મને સંમોહિત કરે તારી આંખો, મને ફરિ જીવિત કરે તારી આંખો. જાણે કંઈક કહે છે તારી આંખો, સદા  આસપાસ રહે છે તારી આંખો. હેત ખુબ નીચોવે તારી આંખો, હૃદય મારું પરોવે તારા પર તારી આંખો. તારું ખંત જગાવે તારી આંખો, કામના  સૌ જગાવે તારી આંખો. મીઠાં અમૃત વરસાવે તારી આંખો, મન બે ઘડી લલચાવે છે તારી આંખો.  કેવી પ્રભાવી છે તારી આંખો, બધા અવિર્ભાવ દર્શાવે તારી આંખો. ઘણું બતાવે તારી આંખો, મને સતાવે તારી આંખો. કેવી રંગીન છે તારી આંખો, નવીન વિચાર જગાવે તારી આંખો. પ્રેમની રંગોળી છે તારી આંખો, લાગણી મેં જ્યાં બોળી તે તારી આંખો. ઘણું બતાવે તારી આંખો, મને સતાવે તારી આંખો. મન  કરે છે તેને પૂછી લઉં, મસ્તીમાં તેની ઝુમી લઉં, પીડા તેમાં લુછી લઉં, કર્યા મેં તો પ્રયત્ન ઘણા   કે પાસે મારી ખેંચી લઉં, મને  તેણે નાખ્યો ખોલી, જે વગર પૂછયે ઘણું બોલી, બસ સાવ નિરાંત જેમાં તે તારી આંખો, હું જેને જોવા ઈચ્છું તે છે તારી આંખો. ઘણું બતાવે તારી આંખો, મને સતાવે તારી આંખો.                                               લેખન - જય પંડ્યા

Sudhir Srivastava

मायूसी ********* मायूसी महज एक विचार, एक भाव है हमारी नकारात्मकता और आत्मिक कमजोरी है, खुद पर अविश्वास मिश्रित डर है। मायूसी को हम-आप बढ़ावा देते हैं उसे अपने सिर पर बिठाते हैं, उसके स्वागत में पलक पाँवड़े बिछाए देते हैं खुद पर हावी होने का अवसर देते हैं। वरना मायूसी इतनी मजबूत नहीं है जो हम पर भारी पड़ जाये, और खूँटा गाड़ कर बैठ जाये। यदि हम उसे अवसर ही न दें तो मायूसी खुद मायूस होकर वापस लौट जाएगी। अच्छा है मायूसी को भाव देना बंद कीजिए अपने आप पर इतना तो विश्वास कीजिए, मायूसी यदि हठधर्मी पर उतर आए तो उससे दो दो हाथ करने का हौसला कीजिए। मायूसी आपसे है, आप मायूसी से नहीं यह भाव निज मन में जगाए रखें, तब मायूसी खुद-बखुद मायूस हो जायेगी जब उसकी दाल ही नहीं गल पायेगी, तब वो हमारी आपकी बगलगीर बनने की भला सोच ही कब पायेगी? हमारे आपके पास कौन सा मुँह लेकर आयेगी, मजबूरी में ही सही दूर ही रहेगी और जैसे तैसे अपना मुँह ही तो छिपायेगी, मगर आसपास नजर नहीं आयेगी। सुधीर श्रीवास्तव

Sudhir Srivastava

शिखर पुरुष डा. राजेन्द्र प्रसाद जी *********** तीन दिसंबर को अठारह सौ चौरासी को जन्में थे बाबू राजेन्द्र प्रसाद, जीरादेई गाँव, जिला सीवान, बिहार राज्य को इसीलिए तो करते हैं हम सब याद। कमलेश्वरी देवी माता उनकी, पिता थे सहाय शंकरदयाल, स्वतंत्र भारत का प्रथम राष्ट्रपति यही बना था लाल। एक महान वकील, शिक्षक और लेखक जिसने अपना जीवन समर्पित कर दिया, पूरी तरह देश सेवा के नाम । भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान देकर किया था श्रेष्ठतम काम, 1962 में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न हुआ उनके नाम। महान नेता, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षा शास्त्री सादगी, ईमानदारी और नेतृत्व क्षमता से उन्हें मिला महान नेता का मान-सम्मान, 1950 से 1962 तक बारह वर्ष तक राष्ट्रपति पद किया शोभायमान। शिक्षा, सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान दिया, संविधान सभा के अध्यक्ष बने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया, संविधान सभा बैठकों की अध्यक्षता संविधान के मसौदे पर चर्चा-परिचर्चा में अग्रणी रहकर सक्रियता से भाग लेकर अपनी नेतृत्व क्षमता और समझ से संविधान निर्माण में श्रेष्ठतर योगदान दिया, अपनी पुस्तक "इंडिया डिवाइडेड" से भी दुनिया में बड़ा नाम, सम्मान, पहचान प्राप्त किया 28 फरवरी 1963 को उनके देहावसान से एक दैदीप्यमान दीपक बुझ गया। उनकी सादगी, दूरदृष्टि, कर्मशीलता और नेतृत्व क्षमता आज हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए देश सेवा में अपना योगदान ही हमारा उद्देश्य है। ईश्वर हमारी प्रार्थना को स्वीकार करें हममें सादगी, ईमानदारी, देश सेवा का भाव भरें, आज बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी की जयंती पर हम सब उन्हें नमन वंदन करते हैं, उनके व्यक्तित्व, कृतित्व को याद करते हैं उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लेते हैं और अपने श्रद्धा पुष्प अर्पित करते हैं, बड़ी शिद्दत से हम सब भारतवासी शिखर पुरुष बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी को याद करते हैं। सुधीर श्रीवास्तव

kattupaya s

Goodnight friends sweet dreams

Manvi Chauhan

Ranjho ka sehar ❤️‍🩹 🥀... Kuch ese baatein..🗣️ Jo kisi ko bol na sake suna na ske...🗣️👂 Kuch ese चोटो ko hum किसी ko dikha na sake❤️‍🩹 Jise शक्स se hame बेपनाह mohobbat thi ❤️.... Ajj uski parchai se bhi hume nafrat hai ❤️‍🩹🥀.. Keh ke apna bo mujhe.... गेरो ke saath rishta nibha gayi वो...🫂 Mere Dil me apni jgh bna ke....❤️ Kisi or ki jindagi bna Rahi hai bo ...🫂❤️‍🩹 Mere चाहतों ko कफ़न kar ke दफना diya mujhko🥀 insaan se हेवान bna diya tune mujhko❤️‍🩹 “Jisne mere dil ko mandir samjha tha, Usne hi usse ranjahon ka ghar bana diya mujhko” 💔🥺 “Dard to aaj bhi wahi hai… Bas ab ro kar nahi, chup reh kar seh lete hain “Mere tootne ka tamasha dekh kar jo bo muskura di… Usi ke muskurahat ko aaj jariya bna ke hamne uski yaadon ko mita diya…” ✍️... manvi

Niya

નથી આવડતું મને તારાથી દુર રહીને જીવતા , મને તો હરેક પળ બસ તારી સાથે રહેવાની આશ હોય છે …

Raju kumar Chaudhary

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Parmar Mayur

તેનું મૌન આંખોમાં શબ્દો બની ઉપસેલ છે, ચક્ષુ અનિમેષ થઈને પાંપણના દ્વાર અટકે છે. - Parmar Mayur

રોનક જોષી. રાહગીર

https://www.facebook.com/share/p/17qhfwPyte/

Imaran

अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो; मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो; मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना; मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो 👌 imran 👌

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं कविता का शीर्षक है, 🌹 मनचला सावन https://youtu.be/omxmtkshW5c?si=FykhQK8jxTUULqJP

pink lotus

वादे करने मे जो सब से आगे खड़े थे आज साथ देने मे वही कही घूम हो गए है बाते जो बोला करते थे बड़े यकीन से जब निभाने की बारी आई तो वही सब से पहले छोड़ गए । 🥀 by:pinklotus ❣️🌸

S A Y R I K I N G

गुर्बत तेरे गुबार में ये साल भी गया बस चीख़ और पुकार में ये साल भी गया

Gautam Patel

हर हर महादेव

S A Y R I K I N G

गोली मार देनी चाहिए जिसने कहावत बनाई कि "हंसी तो फंसी" अब तक ना जाने कितनी को हंसा दिया पर एक ना फंसी

Sweta Pandey

मुकद्दर तो मुलाज़िम है, मेरी ख्वाहिश का ख्वाबों का.. मुझे क्या फिक्र, मेरी आरज़ू ने क्या फरमाया है । - Sweta Pandey

Vedanta Two Agyat Agyani

𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 — 𝕋𝕣𝕦𝕥𝕙 𝕚𝕟 𝕥𝕙𝕖 𝔼𝕣𝕒 𝕠𝕗 𝕄𝕚𝕟𝕕 · वेदान्त २.० — मन के युग में सत्य — 🙏🌸 अज्ञात अज्ञानी https://www.agyat-agyani.com

Bhavna Bhatt

ઝુબા ડાન્સ

S A Y R I K I N G

आज मैने मां से कहा शायरी लिखना बड़ा रिस्की काम है तो वो बोली हेलमेट पहन के करो मगर करो

Manvi Chauhan

galtiya ❤️‍🩹 Kacchi Umar ka iye khel hai....💖🫂 Ho jati hai choti -moti galtiya ❤️💋 In galtiyo se tode hai kaiyo ke Dil 💔... Iye glti tere nhi hai mere yaar .🖤🥀✨ Iye Kasur hai tere Umar ka...🤵 Abe to bachapana chor mere yrr..🚴 Dhal gya bo shamm 🌄chut gya bo Jawani ka. wkt aa gya budhaapa...🥸 Abe to sambhal Jaa Mere Yarr..🧑‍🦳 ✍️... manvi

kattupaya s

This music album and movie looks promising.. AR Rahman sir made the album in unique way. congratulations dhanush sir for proving the ability

Soni shakya

""ये रिश्ते ये,चेहरे नाम ,पहचान , "वक्त"सब कुछ छीन सकता है पर.. उन पलों को छू भी नहीं सकता जो, हमने पूरे दिल से ,पूरी मौजूदगी से , किसी के साथ बिताए हो क्योंकि.. जो पल सच में जिए जाते हैं वो, समय का हिस्सा नहीं होते.. वो अनंत का हिस्सा बन जाते है""..!! - Soni shakya

Raa

om Shanti

kattupaya s

When we fall in love,We forget everything.. we don't care about loses and love is dangerous when we lost ourselves. take care your love by sharing good things. This is all about my Novel "yadhumatra peruveli" all the chapters approved by matrubharti. iam happy.

Pankaj Goswamy

જિંદગી જીવતાં જીવતાં શીખવાડી ગઇ, જિંદગીને જીવવી કેટલું મુશ્કેલ કામ છે....!! - પંકજ ગોસ્વામી 'કલ્પ'

Mukteshwar Prasad Singh

यह शहर है बदनसीबों का,बदलना है जिसकी तस्वीर । सोचो,जरा सोचो! बतलाओ,कैसे बदलें इसकी तकदीर। नयी शक्ति से ऊर्जस्वित हों,नयी युक्ति से गढ़े तदवीर। अंध भक्ति में,लोभ लाभ हेतु,झूठ सच से बचें स्थवीर। राह कांटों की,साथ सांपों की,हाथ धोखों की है राहगीर। दम्भ पालें ,सांसें साधें,हिम्मत हो दृढ़ फिर बदलें तस्वीर। - Mukteshwar Prasad Singh

Mukteshwar Prasad Singh

यह शहर है बदनसीबों का,बदलना है जिसकी तस्वीर । सोचो,जरा सोचो! बतलाओ,कैसे बदलें इसकी तकदीर। नयी शक्ति से ऊर्जस्वित हों,नयी युक्ति से गढ़े तदवीर। अंध भक्ति में,लोभ लाभ हेतु,झूठ सच से बचें स्थवीर। राह कांटों की,साथ सांपों की,हाथ धोखों की है राहगीर। दम्भ पालें ,सांसें साधें,हिम्मत हो दृढ़ फिर बदलें तस्वीर। - Mukteshwar Prasad Singh

Mukteshwar Prasad Singh

यह शहर है बदनसीबों का,बदलना है जिसकी तस्वीर । सोचो,जरा सोचो! बतलाओ,कैसे बदलें इसकी तकदीर। नयी शक्ति से ऊर्जस्वित हों,नयी युक्ति से गढ़े तदवीर। अंध भक्ति में,लोभ लाभ हेतु,झूठ सच से बचें स्थवीर। राह कांटों की,साथ सांपों की,हाथ धोखों की है राहगीर। दम्भ पालें ,सांसें साधें,हिम्मत हो दृढ़ फिर बदलें तस्वीर।

Dhamak

આજકાલની માનસિકતા (હું ઘણી જગ્યાએ જોઉં છું છોકરી સુંદર હોય છે ભણેલી ટેલેન્ટેડ હોય છે પણ માતા-પિતા એક જગ્યાએ ચુક કરી નાખે છે એને હિસાબે તે બીજાના ઘરમાં સમાઈ શકતી નથી અને રિલેશનશિપ લાંબી ચાલી શકતી નથી) અમે તો છોકરી છીએ, (નાનપણથી શું કામ આવું શીખવાડવું છે?) હક ક્યાંય નથી મળતો, (ના પિયરમાં, ના સાસરે) ફરજ તો દરેક જગ્યાએ જ હોય છે. (જો ફરજ એક પણ છૂટી જાય તો પિયર અને સાસરા — બંનેનું સાંભળવાનું.) (દીકરીને ભણાવો અને તાલીમ એવી આપો કે ઘરમા પણ બેલેન્સ રાખે અને બહાર પણ 😊) આ કોઈએ પર્સનલ લેવું નહીં આ તો માત્ર મારા વિચાર છે જે તમારી સમક્ષ મુકું છું કોઈને મારા શબ્દથી આહત વાત કરવા નથી માગતી Dhamak

jighnasa solanki

🙏સામ્બ સદાશિવ 🙏

Jyoti Gupta

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Dada Bhagwan

Do you know that children will learn whatever they see in you? Read more on: https://dbf.adalaj.org/foJ5WgQI #doyouknow #facts #parenting #parentingtips #DadaBhagwanFoundation

शिवव्याख्याते सुहास पाटील

चल मित्रा अंधभक्त समजून घेऊ –सुहास पाटील चल मित्रा, अंधभक्त समजून घेऊ, नेते बोलतात, पण माणूस रडतो, पाहू. झेंड्याखाली फोटो, भाषणात जादू, रस्त्यावर तरुण फसतो, खोट्याचं राडू. वचनं फेकली पावसासारखी, लोकांच्या खिशात काही शिल्लक नाही बाकी. जयजयकार मंचावर, भीती रस्त्यावर, कुठे न्याय, कुठे स्वार्थाचा चष्मा? मित्रा, चालू रंग उघड पाहू, अंधभक्ततेच्या कुंपणातून माणूस वाचवू. शब्द आणि विचार हाच हत्तीचा ताव, नेतृत्त्वाच्या खेळात फसण्याची नाही आपली जागा आज चल मित्रा, अंध भक्त समजून घेऊ चल मित्रा, डोळे उघड, सत्य समजून घेऊ, अंध भक्तीच्या जाळ्यात, का बांधून राहू? नेता म्हणे, "मीच सूरज, मीच चंद्रमा," खरं खोटं न पडताळता, का मानतो तू तमा? त्याच्या प्रत्येक शब्दाला, का मानतोस खरा? चल मित्रा, विचार कर, सत्याचा शोध घरा! हातात फोन, डोळ्यात स्वप्न, मनात भक्तीची धुंद, खोट्या बातम्यांचा गोंधळ, सत्य कुठे गहाण? जात, धर्म, पंथ सारे, भेद निर्माण करतात, अंध भक्तीच्या नादात, माणूस माणसाला मारतात. चल मित्रा, पुस्तक उघड, बुद्धीला आव्हान दे, प्रश्न विचार, सत्य शोध, अंध भक्तीला टाळ दे. नेता माणूसच आहे, देव नाही कोणी, सत्याचा दीवा हाती घे, नाही रात्र थांबणी. चल मित्रा, अंध भक्ती सोड, स्वतःला समजून घेऊ, सत्य, प्रेम, आणि बंधुता, मनात रुजवून घेऊ. हातात हात घालू या, एक नवं जग बनवू, चल मित्रा, अंध भक्त समजून, सत्याचा मार्ग धरू!चल मित्रा, अंध भक्तांच्या गळ्यातील फास कापू,   डोळे फोडून, कान ठोठावून, सत्याचा तडाखा देऊ!   जातीजातीत आग लावतात, धर्माधर्मात विष ओकतात,   "हिंदू धर्म धोक्यात आहे" म्हणून, खोट्या भयाने लोकांना लुटतात,   अंध भक्त हे कुत्रे बनतात, स्वामीच्या इशाऱ्यावर भुंकतात,   चल मित्रा, हे विषारी कुत्रे हाकलू, तलवारीने कापू!   परदेशी शक्ती, संस्था सगळ्या, दंगली घडवून देश तोडतात,   सरकार पाडण्याचा घाणेरडा डाव रचतात, अंध भक्त हे गद्दार बनतात,   शिक्षण? ते काय कचरा, म्हणतात, बुद्धीला आग लावतात,   चल मित्रा, हे मूर्खांच्या डोळ्यात मिरची टाकू, शिक्षणाचा चाबूक मारू!   खोट्या बातम्या, बनावट किस्से, कानात विष ओततात,   चांगल्या माणसाला "देशद्रोही" ठरवत, परकीय पैसे घेतल्याचा थापा मारतात,   आंदोलन करणाऱ्यांना "दहशतवादी" म्हणून, गोळ्या घालतात,   शेतकरी हक्क मागतात, तरी त्यांना कुत्र्यासारखे हाकलतात!   चल मित्रा, हे खोटे मुखवटे फाडून फेकू, रक्ताळलेल्या हाताने धडा शिकवू!   अंध भक्तांच्या या घाणेरड्या जाळ्यात, देश बुडतोय, मरणार आहे,   विचारशक्ती खून करतात, सत्याला गळफास लावतात,   चल मित्रा, उठ, लढ, हे अंधकार चिरडून टाकू,   सत्य, शिक्षण, एकता घेऊन, या गद्दारांना ठोकून काढू!   अंध भक्तांना कठोर तडाखा देऊ, आक्रमकपणे, निर्दयीपणे,   चल मित्रा, हे विष उखडून फेकू, स्वतंत्र विचारांचा रक्तरंजित विजय करू!

Rahul Raaj

मैं लाख कोशिश कर लूं पर, मेरे अंदर से तू जाएगा नहीं। मैं अच्छे से समझता हूं मगर तुझे समझ आएगा नहीं। और सारी दुनिया की चाहत मिलाकर भी तुझे कोई चाहे, फिर भी मेरे जितना तुझे कोई चाहेगा नहीं।।

Parmar Mayur

🙏🙏જીંદગીમાં થોડા ખોટાં, કડવા કે ખરાબ અનુભવો જ "સાચું જ્ઞાન" આપે છે. સુખમાં ઉછરેલા સિદ્ધાર્થ ને 'કષ્ટ પીડા, દુઃખ દર્દ' બોધ આપીને "બુદ્ધ" બનાવે છે.🦚🦚 ☸️બોધી દિવસ🪷 - Parmar Mayur

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

શીર્ષક: ડિસેમ્બરનો ઠાઠ ​વર્ષનો છેલ્લો મહિનો ને ઠંડીનો વાય છે વારો, ગરમ કપડાં ને તાપણાનો શોખ લાગે છે ન્યારો. ધુમ્મસની ચાદર ઓઢીને સવાર પડે છે વહેલી, જાણે કુદરતે આખી દુનિયા બરફમાં છે મઢેલી. ફરવા નીકળ્યા સૌ યાત્રી, છોડીને દુનિયાદારી. ક્યાંક બરફના પહાડો તો ક્યાંક દરિયા દારી. યાદોનું પોટલું બાંધીને ડિસેમ્બર લેશે વિદાય, નવા વર્ષના સુરજ સંગાથે નવી આશા બંધાય. ​મીઠી ઠંડીમાં મળે જ્યારે સ્નેહીજનોનો સાથ, એટલે જ તો "સ્વયમ’ભુ"નિરાળો છે આ ડિસેમ્બરનો ઠાઠ. અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ'ભુ"

Komal Arora

यू समझ आना मुश्किल था....... कोई अच्छा कैसे लग सकता है........... पर किसी से मिलने के बाद पता चला कि हमारी किस्मत जिसने लिखी है...... वो बहुत सोच समझ कर सब कर रहा है....... फिजूल ही सारी उम्र उन्हें कोसते रहे जिन्होंने हमे खुद से ज्यादा रखने का फैसला कर रखा था......... So, if you feel stuck in rough or tough face of life. Don't lose hope always believe the flow of things which happens because God plans are always awesome than our thinking...... Radhe Radhe

SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

*બે લીટી માં...* સંબંધ સમજદાર હોવા જોઈએ, ચતુર નહીં.🙏🏻 - SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》

Saliil Upadhyay

અઠવાડિયાની શરૂઆત એક હાસ્યથી જજ : તમે શું ગુનો કર્યો છે? ચિરાગ : વહેલું શોપિંગ કરી લીધું હતું..! જજ : એ કોઈ ગુનો નથી..! વહેલું એટલે કેટલું વહેલું? ચિરાગ : દુકાન ખુલે એ પહેલાં..!

Chaitanya Joshi

પધારો હરજી મુજ આંગણિયે અંતર આજ પોકારે રે.. છે અમારી ઉરની અરજીને, આવો શિવજી દ્વારે રે.. લોચન ઝંખે અશ્રુ સારી, ઉર તડપન મહદેવ ભારી. આવો સદાશિવ શંભુશંકર, લઈને ઉમિયાજી હારે રે.. ગાત્રો પુલકિત તમને ઝંખે, તવવિયોગે અંતર ડંખે. ધડકન ઉરની આશુતોષ છે વિનવીએ વારેવારે રે.... શિવપરિવારને નોતરું દીધું, દરશન શિવજી માગી લીધું. કૃપા કરો હે કરુણાકારી, છીએ તમારા આધારે રે.... નાથભોળા સદા ભયહારી આવો કરીને વૃષભસવારી. શોક સંતાપ સઘળા ટાળો રોમરોમ શિવ સત્કારે રે... ચૈતન્ય જોષી. " દીપક " પોરબંદર.

Imaran

दिल की किताब 📒में गुलाब 🌷उनका था,रात की 😴नींदों में 🌬ख्वाब उनका था, कितना प्यार 😘करते हो जब💑 हमने पूछा, मर जायेंगे तुम्हारे बिना यह जवाबउनका था 🫶 imran 🫶

સુરજબા ચૌહાણ આર્ય

😭ૐ શાંતિ પપ્પા ભગવાન તમારા દિવ્ય આત્માને શાંતિ આપે 😭😭😭😭😭😭😭😭

kattupaya s

Good morning friends have a great day

S A Y R I K I N G

विवाह करना बड़ी बात नहीं है। विवाह के बाद सुखी रहना बड़ी बात है क्योंकि माहौल देख के तो विवाह से भरोसा उठ गया अब

Dipika

ઘૂંઘરુ ના ઝણકારે વાત કરી નોખી, મેં જિંદગી ને મીરાં ની સાથે પછી જોખી, જન્મે જન્મે હું એને જાણી ને ભૂલું ને, જન્મે જન્મે એણે મને તોય ગોખી..!!

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास अदा अदाओं का इशारा खूब समझते हैं l अरमान मुश्किल से ही सभलते हैं ll महफिल में हसीन खूबसूरत परियाँ l समाने आती है तो दिल मचलते हैं ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

S A Y R I K I N G

क़रीब आने पे पता चलता है इंसान का,, दूर से हर चीज़ खूबसूरत नज़र आती है।

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

अशुभ कर्म से सदा ही, मिले मनुज को कष्ट। किन्तु करे शुभ कर्म को, दुख हो जाते नष्ट।। दोहा --३४२ (नैश के दोहे से उद्धृत) -----गणेश तिवारी 'नैश'

Parag gandhi

*'મગજ' થી ચાલતા 'સંબંધો' ક્યારેય 'આનંદ' આપી શકતા નથી,* *કેમકે એમાં 'લાગણી' ઓછી અને 'ગણતરી' વધારે હોય છે.* *...શુભ પ્રભાત...*

S A Y R I K I N G

कोई शहनाई से कह दो ज़रा ख़ामोश रहे शोर अच्छा नहीं लगता मुझे बारातों का

kajal jha

"जिसे अपना समझा वो ही सबसे पराया निकला, हम जिस दिल से प्यार करते थे… वही दिल बेवफ़ा निकला। हमने तो उसकी हर ख़ुशी को अपनी दुआ बना दी, और उसने हमारी हर दुआ को सिर्फ़ मज़ाक समझा लिया। वो कहता था— ‘कभी छोड़कर नहीं जाऊँगा’, पर आज उसी की परछाई भी साथ नहीं। हम टूटते रहे, बिखरते रहे हर रोज़ उसके लिए, और वो किसी और की बाहों में हँसता रहा महीनों महीनों। हमने तो हर धड़कन में उसका नाम लिख रखा था, और उसने… किसी और की मुस्कान में अपना जहाँ ढूंढ लिया। बेवफ़ाई का दर्द क्या होता है, आज समझ आया— जिसे सबसे ज्यादा चाहो, वही सबसे पहले धोखा देता है। अब न ग़म है, न शिकवा, न कोई सवाल, बस इतना जान लिया कि कुछ लोग प्यार नहीं, पसंद बदलते हैं… और रिश्ते भी।" - kajal jha

મનોજ નાવડીયા

બધાં પોત પોતાના રસ્તાઓ પર નીકળી પડયાં, લાગે છે બધાં સપનાંઓની પાછળ દોડી પડયાં, ખબર નથી મંજીલની આગળ જતાં શું મળશે, પણ છે ઘણીય ઈચ્છાઓની પાછળ દોડી પડયાં, વેરાન બન્યાં, બન્યાં કોઈ સુકા તો કોઈ હરિત, એકબીજાને મળ્યાં નહીને સ્મરણો દોડી પડયાં, દોડો મંજીલને મેળવવા પણ રાખો બધાનો સાથ, જેટલું મળે એજ સંતોષવા કોઈતો દોડી પડયાં... મનોજ નાવડીયા

pink lotus

shashi mukhi publish ho gyi hai

Shefali

#shabdone_sarname__ #શબ્દોને_સરનામે__ #shabdone_sarname_

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹 ""शिव माता-पिता शिव बंधू सखा , 🙏🌹🙏शिव चरणो मे कोटी कोटी प्रणाम 🙏🌹🙏

Dinesh

*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏 *આજનો સુવિચાર* લક્ષ્ય વગરની દોડ, એ ગતિ છે; જ્યારે લક્ષ્ય સાથેની દોડ, એ પ્રગતિ છે. *શુભ સવાર*

Armin Dutia Motashaw

🙏📞🙏 A PLEA TO AHURA Unto you I make O Mighty Mazda, a plea small n meek For this endeavour, Your blessings, my Lord, I sincerely seek Sums big I donate cannot, aware I am; but the sum may small be, as small as a bird's beak Those elders who move cannot due to immense pain, when their knees creak; May be collect I can, finance little, for this Infirmary's upkeep Some diapers n drawsheets, so as to hold the urine, which would otherwise seep. The sum collected from the sale of my books on Amazon, hopefully in a big heap Besides, may every book change every reader for the better, when into my books, they peep. Spend we so much on clothes n fashion of ours, every time we into luxuries we indulge; With our buying-mania, we sometimes unnecessarily into over-shopping plunge Also, can we not buy a book or two instead of a rich meal; n also prevent that big tummy bulge ! Good books help us to better people become, when into them we deeply plunge. Armin Dutia Motashaw

સુરજબા ચૌહાણ આર્ય

જીવનનું અતિ ઉપયોગી સત્ય જો કર્મ બગાડશો તો જીંદગી બગડી જશે અને સમય બરબાદ કરશો તો સમય તમને બરબાદ કરી નાખશે.

Vedant Kana

🦇 Hello Dear Peoples, Get ready for spine-chilling horror like never before only on Bloody Bat Horror Stories! https://youtu.be/df37nt1XGZY Full of mystery, suspense, and unexpected twists. Are you brave enough to watch? 😱 Stay tuned and turn on notifications so you don't miss the fear! New terrifying tales are coming soon to our Channel.

ધબકાર...

દોરી સંચાર તારા પર છે, તું તારે કે ડુબાડે મારા ઈશ. અંત અસ્ત બધુંજ માંગુ હું, તું ઇચ્છે એ થાય જાણું ઈશ. માફી માંગુ દુઃખી કર્યા એની, કર્મફળ મળશે માનું હું ઈશ. ધબકાર...

GIRLy Quotes

https://www.instagram.com/reel/DRjtR_sEmN9/?igsh=b2F2c3Nqb25ubzhr

GIRLy Quotes

https://www.instagram.com/reel/DRV_hHSAv4w/?igsh=MTM4NTJvZW81cDF2OQ==

Vedanta Two Agyat Agyani

“तंत्र–उपनिषद–वेद–गीता–विज्ञान का पंचामृत” — यही है वेदांत 2.0 का सार। संक्षेप में, पर स्पष्ट रूप से— तंत्र देता है ऊर्जा का विज्ञान — शरीर, कामना, प्राण को दबाता नहीं, रूपांतरित करता है। उपनिषद देते हैं अनुभव का सत्य — गुरु नहीं, प्रश्न; सिद्धांत नहीं, साक्षात्कार। वेद देते हैं अस्तित्व का स्वर — प्रकृति, ऋत, और ब्रह्मांडीय क्रम की समझ। गीता देती है जीवन-प्रयोग — कर्म में बंधन नहीं, प्रतिक्रिया में बंधन। विज्ञान देता है जांच की ईमानदारी — अंधविश्वास नहीं, परीक्षण और प्रमाण। इन पाँचों का पंचामृत यानी— न पूजा, न पलायन, न उपदेश बल्कि जीवन को जैसे का तैसा समझने और जीने की कला। वेदांत 2.0 कहता है: ईश्वर मानने की वस्तु नहीं, आत्मा सिद्ध करने की चीज़ नहीं, मोक्ष भविष्य नहीं— होश में जिया गया यह क्षण ही वेदांत है।

Ajit

હતો એક તો ભર શિયાળો ને એમણે દિલની બહાર કાઢી મૂક્યા...... આ દિલમાં એ જ તો રહે છે જો બંધ થઈ જશે તો શું થશે એમનું એ મૂંઝવણમાં મૂક્યા...... જિંદગી ની "યાદ '

GIRLy Quotes

https://www.instagram.com/reel/DRmJ0oKgXAQ/?igsh=MWtvOWEyaml6Z2dyOQ==

Nisha ankahi

वो पूछता है "कितना चाहती हो?" मैं कहती हूँ .. "प्यार कम है, फिक्र ज़्यादा है…" - Nisha ankahi

Vedanta Two Agyat Agyani

<!DOCTYPE html> <html lang="hi"> <head> <meta charset="UTF-8" /> <title>✧ जीवन का दिव्य सूत्र — Vedānta 2.0 ✧</title> <meta name="viewport" content="width=device-width, initial-scale=1" /> <style> body { font-family: "Noto Sans Devanagari", "Nirmala UI", system-ui, -apple-system, BlinkMacSystemFont, sans-serif; margin: 0; padding: 0; background: #0b1020; color: #f7f5ff; line-height: 1.7; } .page { max-width: 800px; margin: 0 auto; padding: 2.5rem 1.5rem 3rem; } h1, h2, h3 { font-weight: 700; letter-spacing: 0.03em; } h1 { text-align: center; font-size: 1.9rem; margin-bottom: 0.5rem; } .subtitle { text-align: center; font-size: 0.95rem; opacity: 0.85; margin-bottom: 2rem; } h2 { font-size: 1.3rem; margin-top: 2rem; margin-bottom: 0.75rem; color: #ffd78a; } p { margin: 0 0 0.9rem; font-size: 1.02rem; } strong { font-weight: 700; color: #ffe8a3; } .section-divider { margin: 2rem auto; border: none; height: 1px; background: linear-gradient(to right, transparent, #ffd78a55, transparent); max-width: 260px; } .footer-note { margin-top: 2rem; text-align: center; font-size: 0.9rem; opacity: 0.9; } </style> </head> <body> <main class="page"> <h1>✧ जीवन का दिव्य सूत्र — Vedānta 2.0 ✧</h1> <div class="subtitle">© 🙏🌸 — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲</div> <p> मनुष्य से बार-बार कहा जाता है — <strong>“आत्मिक बनो, कर्तव्य श्रेष्ठ बनाओ, करुणा, प्रेम, दया और शांति को अपनाओ।”</strong> पर सत्य यह है कि ये मूल तत्त्व <strong>बुद्धि के क्षेत्र के नहीं हैं।</strong> </p> <p> बुद्धि ज्ञान, विज्ञान, तकनीक, राजनीति और व्यापार जैसी सारी बाह्य आवश्यकताओं की पूर्ति करती है — पर <strong>जीवन नहीं देती।</strong> </p> <p> जब मनुष्य जीवन को केवल ज़रूरत, विकास, राजनीति या व्यापार का बहाव मान लेता है, तब वह <strong>दिव्यता का अनुभव खो देता है।</strong> </p> <hr class="section-divider" /> <h2>✧ जीवन का सूत्र ✧</h2> <p> वास्तविक जीवन-बोध तब होता है जब मनुष्य <strong>बुद्धि के द्वार को पार करके हृदय में ठहरता है।</strong> </p> <p>ज़रूरतों के पार जाना — यही जीवन का मूल सूत्र है।</p> <p> भोजन, पूजा, साधना, भक्ति — यदि ये सब केवल बुद्धि-प्रधान कर्म हैं तो उनसे भीतर का धर्म, आत्मा या परम तत्त्व प्रकट नहीं होता। </p> <p> कर्मकांड बुद्धि में खड़े होकर किए गए कार्य हैं। पर जीवन का विज्ञान — <strong>हृदय में है, आत्मा के केंद्र में है।</strong> </p> <h2>✧ बुद्धि और हृदय का अंतर ✧</h2> <p> पूरा जगत बुद्धि पर खड़ा है। विज्ञान बुद्धि का सेवक है — जोड़ना, घटाना, नापना, नियंत्रित करना। </p> <p> पर आत्मा, परमेश्वर, परम तत्त्व — <strong>इनका निवास हृदय है।</strong> वहाँ कोई गणना नहीं चलती

Vedanta Two Agyat Agyani

✧ जीवन का दिव्य सूत्र — Vedānta 2.0 ✧ © 🙏🌸 — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 मनुष्य से बार-बार कहा जाता है— “आत्मिक बनो, कर्तव्य श्रेष्ठ बनाओ, करुणा, प्रेम, दया और शांति को अपनाओ।” पर सत्य यह है कि ये मूल तत्त्व बुद्धि के क्षेत्र के नहीं हैं। बुद्धि ज्ञान, विज्ञान, तकनीक, राजनीति और व्यापार जैसी सारी बाह्य आवश्यकताओं की पूर्ति करती है— पर जीवन नहीं देती। जब मनुष्य जीवन को केवल ज़रूरत, विकास, राजनीति या व्यापार का बहाव मान लेता है, तब वह दिव्यता का अनुभव खो देता है। ✧ जीवन का सूत्र ✧ वास्तविक जीवन-बोध तब होता है जब मनुष्य बुद्धि के द्वार को पार करके हृदय में ठहरता है। ज़रूरतों के पार जाना— यही जीवन का मूल सूत्र है। भोजन, पूजा, साधना, भक्ति— यदि ये सब केवल बुद्धि-प्रधान कर्म हैं तो उनसे भीतर का धर्म, आत्मा या परम तत्त्व प्रकट नहीं होता। कर्मकांड बुद्धि में खड़े होकर किए गए कार्य हैं। पर जीवन का विज्ञान— हृदय में है, आत्मा के केंद्र में है। ✧ बुद्धि और हृदय का अंतर ✧ पूरा जगत बुद्धि पर खड़ा है। विज्ञान बुद्धि का सेवक है— जोड़ना, घटाना, नापना, नियंत्रित करना। पर आत्मा, परमेश्वर, परम तत्त्व— इनका निवास हृदय है। वहाँ कोई गणना नहीं चलती, कोई यंत्र काम नहीं करता। ✧ पुरुष, स्त्री और ऊर्जा का रहस्य ✧ जब पुरुष श्री को देखता है— स्त्री को, प्रकृति को, ऊर्जा को— तो उसके भीतर गृह, प्रेम और अस्तित्व की आकांक्षा जागती है। उसकी दृष्टि हृदय और स्तन-केंद्र पर टिकती है— क्योंकि वह जीवन की ऊर्जा चाहता है। मानव शरीर के पाँच केंद्र, पाँच कर्मेन्द्रियाँ, पाँच इन्द्रियाँ— सब एक गहरी लय में संचालित हैं। ✧ ऊर्जा कहाँ है? ✧ बुद्धि सबसे अधिक जड़ स्थान है। ऊर्जा चाहिए— तो नीचे उतरना पड़ेगा, मूलाधार में। वहीं से शुद्ध जीवन, शक्ति, स्वास्थ्य निरंतर प्रवाहित होते हैं। यदि केवल बुद्धि में जीना है— तो मशीन की तरह बाहरी जगत को नियंत्रित करने का असंभव प्रयास करते रहो। यदि हृदय में ठहरना है— तो जीवन को समझ सकोगे और बुद्धि को सही दिशा दे सकोगे। ✧ काम, प्रेम और चैतन्य ✧ तुला हृदय में खड़ी है। जब वहाँ से दृष्टि मूलाधार की ओर जाती है— तो ऊर्ध्वगमन, चैतन्य, और प्रेम जागता है। जब केवल बुद्धि-तल पर खड़े रहते हैं— तो कामना बाहर ही बहती है, और जीवन जड़ रह जाता है। हृदय में आने पर— आत्मबोध, सौंदर्य, प्रेम, और स्त्रीत्व के साथ गहन संबंध स्थापित होता है। ✧ सभ्यता की भूल ✧ पुरुष हृदय में असफल रहा, इसलिए उसने स्त्री को बुद्धि-तल पर ला खड़ा किया। जबकि स्त्री का सत्य अनुभव हृदय, आत्मा और ऊर्जा में है— गणना और तुलना में नहीं। बुद्धि केवल गणना, स्पर्धा, तुलना करती है। हृदय में न उच्च-नीच है, न प्रतिस्पर्धा— वहाँ सृजन, रचनात्मकता और अस्तित्व से साक्षात्कार है। ✧ निष्कर्ष · Vedānta 2.0 ✧ यही जीवन का मौलिक सत्य है— हृदय में उतरना, बुद्धि का द्वार पार करना— ताकि जीवन की वास्तविक संपदा और दिव्यता को जाना जा सके।

Vedanta Two Agyat Agyani

Vedānta 2.0 कोई नया धर्म नहीं, बल्कि वेदान्त का शुद्ध बोध है। यह विधि, उपासना, प्रदर्शन और विश्वास–आधारित साधना से मुक्त दर्शन है। वेदान्त 2.0 कहता है कि जीवन से अलग कोई साधना नहीं होती — जीवन स्वयं साधना है। होश, विवेक और संवेदना के साथ जीया गया प्रत्येक क्षण ध्यान है। कर्म बंधन नहीं, प्रतिक्रिया बंधन है। सेवा पुण्य नहीं, जीवन का संतुलन है। शब्द जहाँ समाप्त होते हैं, वहीं वेदान्त पूर्ण होता है।

Vedanta Two Agyat Agyani

Vedānta 2.0 कोई नया धर्म नहीं, बल्कि वेदान्त का शुद्ध बोध है। यह विधि, उपासना, प्रदर्शन और विश्वास–आधारित साधना से मुक्त दर्शन है। वेदान्त 2.0 कहता है कि जीवन से अलग कोई साधना नहीं होती — जीवन स्वयं साधना है। होश, विवेक और संवेदना के साथ जीया गया प्रत्येक क्षण ध्यान है। कर्म बंधन नहीं, प्रतिक्रिया बंधन है। सेवा पुण्य नहीं, जीवन का संतुलन है। शब्द जहाँ समाप्त होते हैं, वहीं वेदान्त पूर्ण होता है। - Vedanta Two Agyat Agyani

mahendr Kachariya

कैसे समझाऊं इस दिल को .. जो हर पल बस तुमसे बात करने की जिद करता है😊❤️

Bhavna Bhatt

દરજી કહે બેઠો છે...

mahendr Kachariya

I am not perfect, but I'll do my best to always keep you happy ❤️❤️

Narendra Parmar

गज़ब का इश्क़ है मेरा तुम भुल गई हों मुझे और हम याद करते हैं तूझे ।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Shivraj Bhokare

लाखात एक वाक्य... जे घडलय ते सोड.....जे घडवायचं आहे.... त्यासाठी लढ...

Sudhir Srivastava

किनारा ******* किनारा करने की वजह का मूल्यांकन जरुरी है, या किनारा करने की सिर्फ मजबूरी है, जो भी है, आजकल रिश्तों में बढ़ रही दूरी है। अपने अपनों से किनारा कर रहे हैं, बेवजह के आरोप लगा खुद को सही बता रहे हैं, पर कौन समझाए हमारी सोच को? जो हम अपने माता-पिता से भी किनारा कर रहे हैं, अपनों को ही अपना दुश्मन मान लें रहे हैं। रिश्तों में औपचारिकताओं का बोलबाला बढ़ रहा है, और तो और मानव मशीन बनता जा रहा है, अपने और अपनों की बात तो छोड़िए वो तो अपने आप से भी किनारा कर रहा है। संवेदनाओं को ढकेल कर किनारे कर रहा है, प्रतिस्पर्धा में अपने हित और भविष्य को भी ताक पर रखने को आतुर हो रहा है, आधुनिकता के इस दौर में मानव तकनीक की मशीन बनने की ओर स्वयं ही बढ़ रहा है। मानव ही मानव को दफन कर रहा है परिवार समाज से किनारा कर रहा है, इस चक्कर में उल्टे सीधे तर्क दे रहा है अपने आपमें से ही उलझता जा रहा है, ऐसा लगता है कि बुद्धि विवेक से हीन हो रहा है। सुधीर श्रीवास्तव

kattupaya s

அன்பு நண்பர்கள் அனைவரும் என்னுடைய புதிய நாவல் யாதுமற்ற பெருவெளி பற்றிய உங்கள் விமர்சனங்களை அளிக்கும் படி தாழ்மையுடன் கேட்டு கொள்கிறேன். இரவு வணக்கம்

Kuldeep Singh

kuldip Singh ✍️

kattupaya s

Dear friends please support me by your valuable reviews for my novels. it will help other readers to understand the content in a healthy way. Thanks for all your support

kattupaya s

Goodnight friends sweet dreams

ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

मैं पूरा नहीं, पर अधूरा तो हूं, मुझे सब कुछ आता नहीं , पर कुछ तो सिखा हुआ हूं । मैं बेहतर तो नहीं हूं, पर जितना भी हूं, उसको बेहतर तराशता हूं। - ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

Shristi Singh

Ja kr asman ke taare ginn lena ... Jitna gin sako wo tmhari chaahat h Jo na ginn pao wo meri mohabbat h .... - pallavi

Shristi Singh

Ye sher toh suna hoga aap sb ne Ke mil jaye toh mitti kho jaye toh sona Ke hmne likha Tu mila gr ... toh tujhe plkon pe bitha ke rkhenge Sikwe nhi krenge tujhse Tujhse sine se lga ke rkhenge Tu sth gr na hua toh teri tasweer aankho me bssa k rkhenge Teri yaado khud ko raaton me jaga ke rakhenge Ibadaat or chahat toh tm hi ho meri jaan Hm toh khuda se bhi phle tumhi ko rkhenge Gr na mile iss zindagi me tum Tmhare liye toh apne khuda ko bhi bhoola k rkhenge

Kaushik dave

🌸 પ્રેમની પાંખો 🌸 તું બોલે ત્યારે શબ્દો નથી, સૂર બનીને વરસે છે. તું હસે ત્યારે પળો નથી, ખુશ્બૂ બનીને ફેલાય છે. મને તો ફક્ત એક જ ઈચ્છા— તું મારી બાજુમાં રહે, મારો હાથ પકડીને, દરેક રસ્તે સાથે વહે. આંખોમાં વસેલો તારો ચહેરો, દિવસ રાત સમજી શકતો નથી, એમ લાગે કે દિલનું ધબકવું પણ તારી પરવાનગી વગર ચાલી શકતું નથી. પ્રેમ કેવો? પૂછે તો કહું— શરદીની પહેલી પવને સરખો, નવો, નિર્મળ અને નેમ ભરેલો, મારો નહિ… મારું બધું તું જ હોય એવું.

આશુતોષ

हा, मरते होंगे खूबसूरती पर लोग, पर हमारी पसंद सिर्फ "सादगी" है। - આશુતોષ

Anghad

ટૂંક સમયમાં જ પ્રસિદ્ધ થશે......

Abha Dave

https://youtu.be/E0amxDRl13s?si=vqmcYQmhBt42m2Pv

vaani manundra

યંત્રોના જંગલનો જીવતો માણસ છું , અંતરે તો લાગણી સેવતો માણસ છું . ગલી કૂચીએ વ્હાલપ દરિયો શોધતાં, છલોછલ દરિયા ને નીતરતો માણસ.છું ફરે બ્રહ્માંડ ને ઉરે તો નિસાસો છે અરે ! ફઁફોસો તો ધરાએ ચઢિયાતો માણસ છું. તડપે અહીં સી કોઈ શીતળતા ઝંખવા , ભર વરસાદે પણ કોરોકટ ,તો માણસ છું મંઝર અંત છે તો, ડર એનો વિકલ્પ નથી, કરી વિષપાન , માણસ માટે મળતો માણસ છું - ©vaani manundra

vinod mohite

"तक्रार नाही फक्त प्रयत्न "... - vinod mohite

vinod mohite

"लहान सुरुवात मोठं जीवन बदलते".

Hardik Boricha

अल्फाजों की झड़ी खोल के रख देती है सारे राज़…🌹🌹 दिल में किसी की मौहब्बत छुपाना कितना मुश्किल है,,,🌹🌹

Saroj Prajapati

मैं सही तू गलत, तू ही गलत मैं ही सही ऐसे ही अहम भरे सही गलत के फेर में जाने कितने ही रिश्तों की चढ़ जाती बलि।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

Hardik Boricha

♏💟♈ *😊इतना प्यार तो खुदा ने भी नही लिखा होगा, मेरी किस्मत में जितना दर्द तूने मुझे प्यार करके दिया हैं…* ✍🏻

Hardik Boricha

♏💟♈ *😊आज हम दर्द बन गए उनके लिए, कभी दिल की राहत हुआ करते थे जिनके लिए…* ✍🏻

Nabiya Khan

--- 🌙 एक ख़ूबसूरत शाम — ज़िंदगी की नर्म सी ग़ज़ल शाम का वक़्त हमेशा से दिलकश रहा है। जब आसमान की पेशानी पर हल्की-सी सुनहरी रौशनी उतरती है, तो ऐसा लगता है जैसे कुदरत ने अपनी तस्वीर में ख़ूबसूरती की एक नई लकीर जोड़ दी हो। हवा में ठंडक की हल्की सी लरज़िश, पर दिल में एक अजीब-सी गर्माहट… शाम सच में रूह को सकून देने का वक़्त है। जिस तरह दिन की भाग-दौड़ हमें थका देती है, उसी तरह शाम अपने ठहरे हुए लम्हों से हमें फिर से ज़िंदा कर देती है। यह वो पहर है जब इंसान अपने दिल से बात करता है— कभी चाय की भाप में, कभी ढलती धूप में, और कभी खामोशी की सरगोशियों में। कभी-कभी लगता है शाम एक मुनाजात है—दुआओं से भरी, उम्मीदों से भीगी। हर ढलता सूरज अपने साथ एक नया सबक़ छोड़ जाता है कि अंधेरा जितना गहरा हो, सितारे उतने ही चमकते हैं। शाम की नर्मी, उसकी रुमानियत, और उसकी खामोशी दिल की थकान को ऐसे धो देती है जैसे बरसात की पहली बूंदें मिट्टी की प्यास बुझा देती हैं। आज की इस शाम से बस इतना-सा पैग़ाम लिया जाए— ज़िंदगी को हर लम्हे महसूस करो, क्योंकि शामें लौटकर तो आती हैं, मगर हर शाम का रंग, हर शाम की खुशबू, और हर शाम का एहसास फिर वही नहीं होता। ---

Hardik Boricha

♏💟♈ *😊उनकी न थी कोई खता, हम ही गलत समझ बैठे, वो मोहब्बत से बात करते थे, हम मोहब्बत समझ बैठे…* ✍🏻

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