Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status
Manshi K
आशियां बिखरा मेरा तो ,
तिनके जोड़ कर नया कैसे बनाऊंगी ??
एक तू ही तो है यार मेरा
हर किसी से प्यार थोड़ी निभाऊंगी,,,,,
- Manshi K
Hemant pandya
બાણથી માએલ તીર કરતાં શબ્દો ના મારેલા તીર ખુબ પીડા દાયી હોય છે, કારણકે બાણ થી છોડેલ તીર માત્ર શરીરને ધાયલ કરે છે, જયારે શબ્દો ના તીર રદય અને આત્મા બંનેને
- Hemant pandya
kattupaya s
Goodnight friends sweet dreams
Amreen Khan
जेरेफ कब अपनी असली पहचान स्वीकार करेगा?
आर्यन अपनी ताकत और डर के बीच संतुलन बनाएगा या खो जाएगा?
सैरिन का दिल किसके लिए है—जेरेफ या आर्यन?
कबीर का असली मकसद क्या है, और वो भिखारी क्यों बना?
और ये पिंजरा आखिर में क्या राज उजागर करेगा?
कबीर का कौनसा सच आयेगा सामने..? ये सब जानने के लिए पढ़िए सोने का पिंजरा पार्ट 2
📖 नया अध्याय रिलीज़! 📖
मेरे उपन्यास "सोने का पिंजरा पार्ट 2" का दूसरा अध्याय अब Matrubharti पर प्रकाशित हो चुका है।
💔 क्या फिर से वही कैद?
❤️ या इस बार पंख मिलेंगे उड़ान के?
जानिए इस अध्याय में क्या नया मोड़ आया है कहानी में...
भावनाओं से भरा, रिश्तों की गहराइयों को छूता यह अध्याय अब पढ़ें सिर्फ Matrubharti पर।
👇 नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और अभी पढ़ना शुरू करें:
🔗 [https://www.matrubharti.com/book/19982540/sone-ka-pinjra-2]
आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा 🙏
पढ़ें, पसंद करें और शेयर करना न भूलें!
#सोने_का_पिंजरा #HindiNovel #Matrubharti #NewChapter #EmotionalStory
https://www.matrubharti.com/book/19982540/sone-ka-pinjra-2
Amreen Khan
📖 नया अध्याय रिलीज़! 📖
मेरे उपन्यास "सोने का पिंजरा पार्ट 2" का दूसरा अध्याय अब Matrubharti पर प्रकाशित हो चुका है।
💔 क्या फिर से वही कैद?
❤️ या इस बार पंख मिलेंगे उड़ान के?
जानिए इस अध्याय में क्या नया मोड़ आया है कहानी में...
भावनाओं से भरा, रिश्तों की गहराइयों को छूता यह अध्याय अब पढ़ें सिर्फ Matrubharti पर।
👇 नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और अभी पढ़ना शुरू करें:
🔗 [https://www.matrubharti.com/book/19982540/sone-ka-pinjra-2]
आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा 🙏
पढ़ें, पसंद करें और शेयर करना न भूलें!
#सोने_का_पिंजरा #HindiNovel #Matrubharti #NewChapter #EmotionalStory
https://www.matrubharti.com/book/19982540/sone-ka-pinjra-2
Lotus
एक चादर इश्क़ की कुछ मेरे रंग-सी, कुछ तेरे रंग-सी...
वो चादर इश्क़-सी, कुछ तेरे प्यार-सी, कुछ मेरे प्यार-सी...
आधा तू रंग दे, आधा मैं रंग दूँ...
ये चादर -मेरे इश्क़-सी, ये तेरा इश्क़-सी...
Miss writer
hum sath zarur hain...
lekin tujhe khone ka dar laga rehta hai,
mujhe pata hai humari manzil alag hai,
phir vartaman me khush kese rahu ...
tu hi bata ...
tujhe jab bhi dekhti hu toh ek hi gana man me ata hai...
"tera.. mera... pyar amar,
phir kyu lagta hai mujhko dar..."
dar isliye lagta hai kyuki hume alag hona hoga,
dar isliye lagta hai ki hamesha kisi aur me tujhe dhundhti na phiru !!!!
dar isliye lagta hai kyuki tere nam ka sindhur koi aur apne mang me bharegi,
dar isliye lagta hai kyuki tere dil me kabhi uske liye bhi jagah hogi,
dar isliye lagta hai kyuki kabhi tu uske behte ansu pochega... aur main tere intezar me dam tod dungi
Agyat Agyani
💸 “लक्ष्मी की पसंद” 💸
आजकल लक्ष्मी भी समझदार हो गई है —
वो साधु के पास नहीं, चालाक के पास ठहरती है।
जो अंधेरे में रास्ता ढूँढे वो ऋषि है,
जो अंधेरे का फायदा उठाए — वही उद्योगपति है।
भोले लोग ध्यान में डूबे रहते हैं,
और उल्लू लोग सौदा पक्का करते हैं।
सत्य तो अब भावनात्मक शेयर बन चुका है —
और झूठ, मार्केट की सबसे स्थिर करेंसी।
Lotus
हिन्दुस्तान में दिवाली पर लोग सोना, चांदी, टीवी फ्रिज खरीद रहे हैं और
पाकिस्तान में अचानक से गधों की डिमांड में वृद्धि दर्ज की गई है
Agyat Agyani
“उल्लू राज”
दिन वाले सोते हैं, रात वाले नोट गिनते हैं,
जो दिखे भोले, वही खेल के नियम लिखते हैं।
लक्ष्मी भी जानती है किसके घर ठहरना है —
जहाँ अंधेरा गाढ़ा हो, वहाँ ही उसका ठिकाना है।
जो विवेक से चले, वो भूखा रह जाता है,
जो चाल से खेले, वो साम्राज्य बना जाता है।
बाज़ार में प्रकाश नहीं बिकता,
सिर्फ़ अंधेरे का इस्तेमाल करने की कला बिकती है।
Jyoti Gupta
जब सिपाही ने कहा — मेरा भारत ज़िंदा रहे 🇮🇳"
#DeshKaSipahi #IndianArmy #JaiHind #DeshBhakti #ArmyStory #PatrioticVideo #IndianSoldier #ViralShorts #RealHero #IndiaFirst #BharatKeSipahi #MotivationalStory #ArmyReel #DeshPrem #ViralVideo2025 #Jawan #ProudOfIndianArmy
Praveen Kumrawat
किसी के साथ सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा होना।
बुरा होने से भी बुरा है।
Lotus
अब हाल कुछ यूं है, कि गैरों में सुरक्षित और अपनों से ख़ौफ खाने लगा हूं....!!
Aruna N Oza
I love ❤️ zindagi 🩷🩷🩷
jagrut Patel pij
जो खराबियाँ हम में है
नज़र तो तेरी भी शरीफ़ नहीं..
hiralba vala
❤️more and more ❤️
Agyat Agyani
धार्मिक गुरु बनाम आध्यात्मिक गुरु — हीरे और अमेरिकन डायमंड का धर्म ✧
धार्मिक गुरु चमक बेचते हैं, आध्यात्मिक गुरु मौन बाँटते हैं।
चमक बाज़ार में टिकती है, मौन इतिहास में।
धार्मिक गुरु का संसार शोर से बनता है — मंच, माइक, माला, मीडिया।
आध्यात्मिक गुरु का संसार मौन से बनता है — एकांत, सन्नाटा, साक्षात्कार।
धार्मिक गुरु “अनुयायी” चाहता है,
आध्यात्मिक गुरु “अनुभव” चाहता है।
पहला चाहता है भीड़ बढ़े,
दूसरा चाहता है — भीतर कोई एक दीपक जल उठे।
जो आध्यात्मिक होता है, वह कभी संगठन नहीं बनाता;
पर जब वह चला जाता है, तो उसके नाम पर मंदिर, ट्रस्ट, संस्था खड़ी हो जाती है —
और धीरे-धीरे, उसकी आत्मा एक ब्रांड बन जाती है।
यहीं से जन्म होता है “धार्मिक गुरु” का —
आध्यात्मिक की मृत्यु के बाद उसका शव रूपी धर्म।
असली गुरु की पहचान सरल है —
वह कभी तुम्हें अपने नीचे नहीं रखता।
वह तुम्हें तुम्हारे भीतर भेजता है।
बाकी सब —
बस अमेरिकन डायमंड हैं।
चमकते खूब हैं, पर काट किसी को नहीं सकते।
और हाँ,
हीरा कभी बाज़ार में नहीं बिकता,
वह तो पहाड़ के भीतर ही मिलता है —
जहाँ पहुँचना मेहनत माँगता है, श्रद्धा नहीं।
🙏🌸 — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
વિષય: ૨૦૨૫ સારૂ – નરસું
શિર્ષક: સારૂ – નરસું તો સિક્કાની બે બાજુ
પ્રકાર: પદ્ય
શબ્દો: 143
આવ્યું હતું ૨૦૨૫, નવી આશાઓ લઈને,
કેટલાંક સપનાં સજાવ્યા, કેટલાંક પડકાર જીલીને.
નવો દિવસ, નવી સવાર, નવી ઊર્જા તણો અહેસાસ લાવ્યું,
૨૦૨૫ અણગમતી ઘટનાઓથી, મનમાં ભાર લઈ આવ્યું.
ભૂતકાળ ભૂલી, ભવિષ્યની રાહ જોઈ, હૃદયમાં પૂર્યો નવો વિશ્વાસ,
જૂની પીડા, ને તકલીફો, યાદ કરી પાછો ભર્યો અંધવિશ્વાસ.
છતાં સંબંધોમાં મીઠાશ વધી, સ્નેહ અને સહકારની છોળ ઉડી,
તોય છતાં વધતી ઇર્ષા ના ડંખે, અશાંતિની છાપ છોડી.
પ્રગતિના પંથ પર ચાલીને, અંતે મળ્યું બધે અવરોધ,
સંઘર્ષની ઘડીઓ મા આખું વર્ષ રહ્યું પ્રતિરોધ.
તંદુરસ્તી રહી સચવાયેલી, ખુશીઓ રહી સદાયે સાથ,
નવા સન્માન, નવી સફળતા, હર પળમાં ઉત્સવનો રહ્યો હાથ.
આપણી ઈચ્છા વિના પણ, સમયનું ચક્ર ફરતું રહ્યું,
સારું-નરસું બેઉ હોય, જીવનની ગતિ એ જ છે તે ૨૦૨૫ કેતુ રહ્યું.
સારૂં-નરસું તો સિક્કાની બે બાજુ, તે સ્વીકારીને આગળ વધતું રહ્યું,
વર્ષને વધાવીને, "સ્વયમ'ભુ" શરીર ક્ષણને જીવતું રહ્યું.
અશ્વિન રાઠોડ (સ્વયમ'ભુ)
Narendra Parmar
दुःखी आत्माएं सब मातृभारती पर मिलेगी
शायद सो में कोई हीं होगा
जो अपनी जिंदगी से मोहब्बत करता होगा 😅
बाकी तो सब ईश्वर से अपने मौत की प्रार्थना करता होगा ।।
नरेन्द्र परमार ✍️
GIRLy Quotes
तुमसे कोई संपर्क नहीं रहा और इस दूरी ने मुझे एहसास दिलाया कि मुझे तुम्हारी ज़रूरत कभी उतनी थी ही नहीं जितना मैं समझती थी।
शुरू में अजीब लगा,हर दिन कुछ कमी-सी महसूस होती थी। न तुम्हारे संदेश आते, न तुम्हारा नाम मेरे फ़ोन की स्क्रीन पर दिखता। मैं इंतज़ार करती रही किसी कॉल का, किसी छोटे से संकेत का कि शायद अब भी तुम्हें मेरी परवाह है। लेकिन कुछ नहीं आया और धीरे-धीरे उस इंतज़ार ने मुझे मज़बूत बना दिया।
वो सन्नाटा, जो पहले भारी लगता था,अब मेरा सुकून बन गया है। हमारे बीच की दूरी,जो पहले खोने जैसी लगती थी,अब आज़ादी जैसी लगती है। मैंने सोचा था, तुम्हारे बिना मेरी दुनिया रुक जाएगी पर वो चल रही है।
मैंने सोचा था, तुम्हारे प्यार के बिना मैं अधूरी रहूंगी पर मैं पूरी हूं।
अब समझ आया कि प्यार सिर्फ़ किसी और से नहीं,ख़ुद से भी किया जा सकता है।
Narendra Parmar
વ્યથા મારા દિલની,તમને હું શું કામ બતાવું
તમે રહ્યા ભણેલા ગણેલા અભણ
અર્થનો અનર્થ કરવામાં વાર નથી લગાડતા તમે
પછી હું શું કામ,મારો સમય બગાડીને તમને ભણાવું........
નરેન્દ્ર પરમાર ✍️
Manshi K
शराफत की चादर ओढ़ ली है मैंने
यादों का एहसास अब कुछ बदल नहीं पाता
तारीफें हज़ार कर भी दूं मैं तुम्हारी
पर क्या तुम मेरे उतना हो पाओगे??
जितना होना चाहती हूं मैं तेरी ,,,,,,
- Manshi K
Manshi K
जाने क्यों बदला बदला सा लगता है यह सफर
दोनों की मंजिल तो एक ही है पर एहसास बुरा क्यों ??
- Manshi K
NetramEyeCentre
Protect Your Eyes This Diwali
🎆 The Festival of Lights, Not Irritation
Diwali fills our hearts with joy, colors, and bright lights — but it also brings smoke, dust, and pollution that can cause eye allergies, redness, and irritation. Taking small precautions can help you enjoy the festival safely.
👓 1. Wear Anti-Pollution Glasses
The air quality drops significantly during Diwali. Anti-pollution or protective glasses act as a shield, preventing harmful particles from entering your eyes.
💧 2. Wash Your Eyes with Clean Water
After stepping outdoors or bursting crackers, gently rinse your eyes with clean, cool water. It helps remove dust and pollutants that may cause burning or itching.
🏠 3. Limit Outdoor Exposure
Avoid staying outdoors for long hours, especially during peak pollution times (evening and night). If possible, use air purifiers indoors to reduce irritation and dryness.
🌟 Celebrate Responsibly
Remember — real brightness comes from healthy vision! Let’s make this Diwali safe, joyful, and pollution-free.
For expert eye care or irritation relief, visit Netram Eye Foundation, E-98, GK-2, New Delhi.
📞 Call us at 011-41046655 / 9319909455
ANISH
दिल ये कहता है कानों में तेरे
धीरे से में एक बात कहूं
और तुम कहो क्या
में कहूं I love you
Parmar Mayur
કોઈની મદદનો થોડો હાશકારો બની જાજો.
તે જ મદદ કોઈ દી હૃદયનો ધબકારો બનશે.
- Parmar Mayur
Kirti kashyap
ख़्वार हूँ मैं मगर, न कोई मुझे ग़मख़्वार चाहिए,
मुझे नहीं किसी का ख़ुद पर इख़्तियार चाहिए।
मेरे हिस्से सदा आईं तल्ख़ सदा-ए-शिकायतें,
अब आरज़ू-ए-हयात है कि बस करार चाहिए।
Kirti Kashyap "एक शायरा"✍️
ख़्वार = तबाह, बेइज़्ज़त, बदहाल, परेशान
गमख़्वार = हमदर्द
इख़्तियार = अधिकार, नियंत्रण
तल्ख़ = कड़वी, कष्टदायक
सदा-ए-शिकायतें = शिकायतों की आवाज़ें, तानों-भरी बातें
आरज़ू-ए-हयात = ज़िन्दगी की तमन्ना
Soni shakya
आज नहीं तो कल ये सफर,
पूरा हो ही जाएगा ...!
तुम जो मिलो जीने का मजा,
दो गुना बढ़ जाएगा ...!!
कोई भी नहीं,
तेरे बिन यहां ...!!!
दिल तुमको ही चाहें तो क्या किजीए ,
ओ मेरे....!!!!
💕💕
- Soni shakya
Shailesh Joshi
આ પ્રાર્થના, અને આપણી સાવધાની, આપણને સંકટથી બચવામાં મદદ કરશે.
હે પ્રભુ
જાણે અજાણે મારાથી ક્યારેય કોઈનું અહિત ન થાય,
કે પછી મારા મનમાં કોઈ પણ પ્રકારના ખોટા વિચારો
ન આવે, એનું હું સંપૂર્ણ ધ્યાન રાખીશ, છતાં પણ
જો હું ક્યારેક લોભ, લાલચ, કે પછી અહમમાં આવી કંઈ ખોટું કરવાની ભૂલ કરું, તો તમે કોઈપણ રીતે મને એમાં સફળ ન થવા દેતા.
- Shailesh Joshi
kajal jha
सिर्फ़ "I love you" कह देने से बात नहीं बनती,
रिश्ते में विश्वास और ईमानदारी भी ज़रूरी है।
जो हर पल आपकी खुशी और तकलीफ समझे,
सच्चा प्यार वही है, जिसमें ज़िम्मेदारी भी शामिल हो।
- kajal jha
Dada Bhagwan
પારકાં માટે જ્યાં વપરાય,
લક્ષ્મીજી ત્યાં વહેલાં જાય!
આ ધનતેરસનાં પર્વે જાણીએ દેવી લક્ષ્મીજીનું મહાત્મ્ય: https://dbf.adalaj.org/GjZuR630
#diwali #dhanteras #festivalvibes #festivals #DadaBhagwanFoundation
સુરજબા ચૌહાણ આર્ય
મિત્રો જીવનમાં ખુશ રહેવું હોય તો સગાસબંધીઓ દૂર રહેવું. મેં એક વખત સ્ટેટ્સ માં મારો અને મારા દિકરા નો વિડીયો રાખ્યો હતો. વોટ્સઅપ માં તો એક બહેન એ કમેન્ટ કરી બિંદી (ચાંદલો ) સેંથો નથી દેખાતો. પછી મેં વોટ્સઅપ ડિલીટ કરી નાખ્યું અને આમેય મેં વોટ્સઅપ મેં સ્કૂલ ના મેસેજ અને પતિદેવ ને ક્યારેક કોઈ ડોક્યુમેન્ટ નો ફોટો જોઈએ એટલા માટે રાખ્યો હતો. આખો દિવસ તો કઈ આપણે ફોન હાથમાં લઈને બેઠા ના હોઈએ જો કોઈના જન્મ દિવસનું સ્ટેટ્સ ના રાખીએ તો ડિજિટલ ઝગડો થઇ જાય એ પણ આપણું ના રાખે. આપણને સામા મળે તો મોઢું ચડાવીને બેઠા હોય જાણે આપણે એનો બાપ -દાદો માર્યો હોય.મને ઝગડો બિલકુલ ના ગમે મારું મગજ અશાંત થઇ જાય. ✍🏼"આર્ય "
Sandeep Joshi
ಬ್ಲಾಗ್ ಶೀರ್ಷಿಕೆ: ಬೆಟ್ಟದ ಗಡಿಯಿಂದ ಮಲೆನಾಡಿನ ಮಡಿಲಿಗೆ: ಬೈಕ್ ಮತ್ತು ಏಕಾಂತದ 13 ಗಂಟೆಗಳ ಆತ್ಮಯಾನ
ಕರ್ನಾಟಕದ ಎರಡು ತೀರಗಳು ಒಂದು ಬದಿ ಗಂಗಾವತಿಯ ಬಿಸಿಲು ಮತ್ತು ಕೆಂಪು ಮಣ್ಣು; ಇನ್ನೊಂದು ಬದಿ ಉಡುಪಿಯ ತಂಪಾದ ಕಡಲು. ಈ 480 ಕಿ.ಮೀ ದೂರ ಕೇವಲ ರಸ್ತೆಯ ಅಳತೆಯಲ್ಲ, ಬದಲಿಗೆ ನನ್ನ ಮನಸ್ಸು ಮತ್ತು ಆತ್ಮ ನಡೆಸಿದ ಒಂದು ದೀರ್ಘ ಸಂಭಾಷಣೆಯ ಹಾದಿ.
ಚಾಲನೆಯ ಮೌನ ಬೆಳಗಿನ ಜಾವ 5:30. ಪಟ್ಟಣದ ಧೂಳಿನ ರಸ್ತೆಗಳು ಮೌನವಾಗಿದ್ದವು. ಹೆಲ್ಮೆಟ್ ಧರಿಸಿದೆ.ಅದು ನನ್ನನ್ನು ಹೊರ ಪ್ರಪಂಚದಿಂದ ಬೇರ್ಪಡಿಸಿ, ನನ್ನೊಳಗೆ ಕೇಂದ್ರೀಕರಿಸಲು ಸಿದ್ಧಗೊಳಿಸಿತು. ಬೈಕ್ನ ಇಂಜಿನ್ ಗುನುಗಿದ್ದು, 'ನನ್ನನ್ನು ಕರೆದುಕೊಂಡು ಹೋಗು' ಎಂದು ಆಹ್ವಾನ ನೀಡಿದಂತೆ ಭಾಸವಾಯಿತು. ನನ್ನ ಏಕಾಂತ ಪಯಣ ಶುರುವಾದಾಗ, ಜೊತೆಗಿದ್ದದ್ದು ಕೇವಲ ರಸ್ತೆ, ನನ್ನ ಬೈಕ್ ಮತ್ತು ಕ್ಷಣಕ್ಷಣದ ಆಲೋಚನೆಗಳು ಮಾತ್ರ. ಭೂಪ್ರದೇಶವು ಉಸಿರಾಡಲು ಶುರುವಾದಾಗ ಮೊದಲ ಮೂರು ಗಂಟೆಗಳ ಪಯಣದಲ್ಲಿ, ಸುತ್ತಮುತ್ತಲ ಬಂಜರು ಭೂಮಿ, ಒಣಗಿ ನಿಂತ ಮರಗಳು ಮತ್ತು ಕೆಂಪು ಮಣ್ಣಿನ ಹಳ್ಳಿಗಳು ಕಂಡವು. ಆದರೆ ಸಾಗಿದಂತೆ ದೃಶ್ಯ ಮಾಯಾವಿದ್ಯೆಯಂತೆ ಬದಲಾಯಿತು. ಹಸಿರು ಹುಲ್ಲುಗಾವಲುಗಳು, ಜೀವಂತಿಕೆಯುಳ್ಳ ಹೊಲಗಳು ರಸ್ತೆಯ ಅಂಚನ್ನು ಅಲಂಕರಿಸಿದವು. ಉಷ್ಣಾಂಶ ಇಳಿದು, ಗಾಳಿಯು ತೇವಾಂಶದಿಂದ ಕೂಡಿದಾಗ, ನನ್ನ ಪ್ರಯಾಣ ಹೊಸ ಹಂತ ತಲುಪಿದ ಅರಿವಾಯಿತು.
ಈ ಟ್ರಿಪ್ನ ಅತ್ಯಂತ ರೋಮಾಂಚಕ ವಿಭಾಗವೆಂದರೆ ಪಶ್ಚಿಮ ಘಟ್ಟಗಳು. ಗಂಗಾವತಿಯ ಸುಡುವ ಬಿಸಿಲು ಮಾಯವಾಗಿ, ದಟ್ಟ ಕಾಡಿನ ತಂಪಾದ ಗಾಳಿ ನನ್ನನ್ನು ಸುತ್ತುವರಿಯಿತು. ರಸ್ತೆಯ ಅಂಕುಡೊಂಕಾದ ತಿರುವುಗಳು ಪ್ರತಿ ರೈಡರ್ನ ಕೌಶಲ್ಯಕ್ಕೆ ಸವಾಲೆಸೆದವು. ಪ್ರತಿ ತಿರುವಿನಲ್ಲೂ ನಿಂತು ನೋಡಿದರೆ, ಮಂಜು ಆವರಿಸಿದ ಅಸ್ಪಷ್ಟ ಜಲಪಾತದ ಸಣ್ಣ ಸದ್ದು. ಅಲ್ಲಿನ ಪೂರ್ಣ ಶಾಂತಿ ನೈಜವಾದ 'ಥೆರಪಿ' ನೀಡಿತು. ಅದು ಕೇವಲ ಚಾಲನೆಯಲ್ಲ, ಅದು ಪ್ರಕೃತಿಯ ಜೊತೆಗಿನ ಒಂದು ಆಧ್ಯಾತ್ಮಿಕ ಸಂವಹನವಾಗಿತ್ತು. ಬದುಕಿನ ಎಲ್ಲ ಒತ್ತಡಗಳು ಆ ಘಟ್ಟದ ಮರಗಳಲ್ಲಿ ಉಳಿದುಹೋದವು. ಕಡಲ ತೀರದ ಕರೆಯ ಅಂತಿಮ ಸದ್ದು ಸುಮಾರು 13 ಗಂಟೆಗಳ ಕಾಲ ರಸ್ತೆಯೊಂದಿಗೆ ಕಳೆದ ನಂತರ, ಅಂತಿಮವಾಗಿ ನನ್ನ ಕಿವಿಗೆ ಸಮುದ್ರದ ಅಲೆಗಳ ಗಂಭೀರ ಸದ್ದು ಕೇಳಿಸಿತು. ಈ ಸದ್ದು ಅರಬ್ಬಿ ಸಮುದ್ರದ ಕರೆ. ದಟ್ಟ ಕಾಡುಗಳು ಹಿಂದಕ್ಕೆ ಸರಿದು, ಕಣ್ಣ ಮುಂದೆ ನೀಲಿ ಸಾಗರದ ದಿಗಂತ ಅನಾವರಣಗೊಂಡಿತು. ಉಡುಪಿಯ ಮಣ್ಣನ್ನು ಸ್ಪರ್ಶಿಸಿ, ಬೈಕ್ ನಿಲ್ಲಿಸಿ, ಹೆಲ್ಮೆಟ್ ತೆಗೆದಾಗ ಸಮುದ್ರದ ತಂಗಾಳಿ ಬಂದು ಮುಖಕ್ಕೆ ಆಲಂಗಿಸಿತು. ಆ ಒಂದು ತಂಪು ಗಾಳಿಗೆ 480 ಕಿ.ಮೀಗಳ ಎಲ್ಲ ಆಯಾಸ ಮಾಯವಾಯಿತಲ್ಲದೆ ಗಂಗಾವತಿಯ 'ಏಕಾಂತ'ವು ಉಡುಪಿಯ 'ಆನಂದದ ಶಾಂತಿಯಿಂದ' ಬದಲಾಯಿತು. ಈ ಏಕಾಂತ ಪಯಣ ನನ್ನನ್ನು ಹೊರಪ್ರಪಂಚದಿಂದ ಕತ್ತರಿಸಿದರೂ, ನನ್ನ ನೈಜ 'ನಾನು' ಯಾರು ಎಂಬುದನ್ನು ಸ್ಪಷ್ಟವಾಗಿ ತೋರಿಸಿಕೊಟ್ಟಿತು.
ಒಬ್ಬಂಟಿಯಾಗಿ ಸವಾರಿ ಮಾಡುವುದು ಕೇವಲ ಮೈಲಿಗಲ್ಲುಗಳನ್ನು ಮುಟ್ಟುವುದಲ್ಲ, ಬದಲಿಗೆ ನಮ್ಮೊಳಗಿನ ಸಾಮರ್ಥ್ಯ, ಇಚ್ಛಾಶಕ್ತಿ ಮತ್ತು ಅಂತರಂಗದ ಮಾತುಕತೆಯನ್ನು ಆಲಿಸುವುದು.
ನಿಮ್ಮ ಬೈಕ್ ಯಾವುದು? ಮತ್ತು ಯಾವ ಮಾರ್ಗದಲ್ಲಿ ನಿಮ್ಮ ನೆಚ್ಚಿನ ಸ್ಥಳ ಯಾವುದು? ಕಾಮೆಂಟ್ಗಳಲ್ಲಿ ಹಂಚಿಕೊಳ್ಳಿ!
D K Rajani
वो देना ही क्या
जिसमें वापस पाने
की चाह हो ।
~ D K Rajani
D K Rajani
इस जगत में दूसरों को बदलना एक "भ्रांति" है,
और
स्वयं को बदलना सबसे बड़ी "क्रांति" है...!
~ D K Rajani
Saliil Upadhyay
भुट्टा बेचने वाला फूट फूट के रोया जब एक माडर्न लड़कीने कहा
अंकल एक हैंडल वाला पॉपकॉर्न देना..!
- Saliil Upadhyay
Agyat Agyani
✧ शून्य — मौन सत्य ✧
✍🏻 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲
---
1. शून्य सत्य है, क्योंकि वह बदलकर भी नहीं बदलता।
संसार हर क्षण बदलता है — रूप, रंग, ताप, दिशा।
पर हर परिवर्तन के बाद भी जो “आधार” बना रहता है,
वही सत्य है — वही शून्य है।
जैसे लहरें उठती हैं, टूटती हैं,
पर सागर वही रहता है।
शून्य भी वैसा ही —
क्षण-क्षण अपने रूप बदलता है,
फिर उसी मूल शून्य में लौट आता है।
विज्ञान की भाषा में —
ऊर्जा न बनती है, न नष्ट होती है,
सिर्फ रूपांतरित होती है।
ध्यान की भाषा में —
सत्य न जन्म लेता है, न मरता है,
सिर्फ अपनी छाया बदलता है।
---
2. शून्य वह घर है, जहाँ से सब आता और जहाँ सब लौट जाता।
हर तत्व — आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी —
शून्य की देह से निकला है।
वह सबका स्रोत है, और सबका अंत भी।
जैसे श्वास भीतर जाती और बाहर आती है,
वही गति ब्रह्मांड में चल रही है।
शून्य भीतर जाता है तो मौन बनता है,
बाहर आता है तो सृष्टि बनती है।
इसलिए सृष्टि कोई घटना नहीं —
शून्य की श्वास है।
---
3. सृष्टि शून्य की “करवट” है।
जिसे हम समय, युग, परिवर्तन, इतिहास कहते हैं —
वह शून्य की करवटें हैं।
कभी वह आंख खोलता है — प्रकाश फैलता है,
कभी वह आंख मूँदता है — अंधकार छा जाता है।
यह करवट बदलने की लय ही ब्रह्मांड है।
हर निर्माण और संहार
उसकी एक-एक श्वास का उतार-चढ़ाव है।
---
4. शून्य का घर गति नहीं — मौन है।
शून्य चलता नहीं,
चलने का परिणाम ही दुनिया है।
शून्य मौन है,
और उसी मौन के कंपन से समय और पदार्थ उत्पन्न होते हैं।
यह वैसा है जैसे —
नींद में सोया कोई विराट जीव,
जिसका एक छोटा सा करवट बदलना
हमारे लिए युग परिवर्तन बन जाता है।
---
5. शून्य को हम शिव, विष्णु, या बुद्ध के प्रतीक से पहचान सकते हैं।
शिव — ध्यान में बैठे हैं, आँखें बंद।
विष्णु — शेष पर लेटे हैं, स्वप्न में ब्रह्मांड पलता है।
बुद्ध — मौन हैं, न जागृत न सोए।
तीनों प्रतीक एक ही बात कहते हैं —
“सत्य सोया नहीं है, वह मौन है।”
उसकी क्रियाएँ हमें गति जैसी लगती हैं,
पर उसकी प्रकृति स्थिर है।
---
6. इसलिए ‘शून्य मौन’ — सत्य का सबसे सटीक नाम है।
शून्य को कहना “ईश्वर” — अपूर्ण है,
क्योंकि ईश्वर को हम व्यक्तित्व समझ लेते हैं।
शून्य को कहना “ऊर्जा” — अधूरा है,
क्योंकि ऊर्जा केवल उसका कार्य है।
शून्य को कहना “मौन” — सबसे समीप है,
क्योंकि मौन में ही वह श्वास लेता है।
शून्य मौन है — पर उसमें अनंत ब्रह्मांड छिपे हैं।
वह गतिहीन है — पर उससे सारी गति निकलती है।
वह शब्दरहित है — पर सभी शब्द उसी की प्रतिध्वनि हैं।
---
7. सार-सूत्र
> सूत्र १: शून्य बदलता है, ताकि अपने न बदलने को सिद्ध कर सके।
सूत्र २: जो उत्पन्न होता है, वही समा जाता है — यही शून्य का चक्र है।
सूत्र ३: सृष्टि शून्य की करवट है; समय उसकी श्वास है।
सूत्र ४: मौन उसका निवास है, और गति उसका खेल।
सूत्र ५: शून्य मौन ही एकमात्र सत्य है — बाकी सब उसकी लहरें हैं।
Imaran
छुपा के रखना है ये इश्क का राज़ दिल में, खुले आसमान तले खिलने से डरता है ये गुलाब खिलने में.
🌹 imran 🌹
Parmar Mayur
કોઈની મદદનો થોડો હાશકારો બનજે.
જો જો તે જ હૃદયનો ધબકારો બનશે.
- Parmar Mayur
Arvind Wagh
🪔🪔🪔🪔🪔🙏🏻🪔🪔🪔🪔🪔
*આજ એકાદશી શરું થતું દિવાળી પર્વ આપનાં જીવનમાં ખૂબ જ ખુશીઓ લાવે...*
*અગિયારથી જીવનનાં મહત્વનાં કાર્યોમાં અગ્રતા લાવે*
*વાઘ બારસથી પ્રગતિનાં દ્વાર ખૂલે*
*ધનતેરસથી શુદ્ધ ધન પ્રાપ્ત થાય*
*કાળીચૌદશથી જીવનમાં કલહ દૂર થાય*
*દિવાળીથી દિલમાં❤️ માનવતાનો દીપ પ્રગટે*
*નૂતનવર્ષથી જીવન નવપલ્લવિત થાય*
*ભાઈબીજથી ભાઈ-બહેનની પ્રિતિ વધે*
*ત્રીજથી ત્રેવડ વધે, ચોથથી ચતુરાઈ વધે,*
*લાભપાંચમથી પાંચ પરમેશ્વરની કૃપા વરસે*
*જેનાથી આખું વર્ષ સુખ, શાંતિ, સમૃદ્ધિ, સહકાર અને સુયોગ સભર નિવડે તે માટે પ્રભુ પ્રાર્થના સહ હાર્દિક શુભકામનાઓ પાઠવું છું*
*🌻🏃♂️🌞શુભ સવાર🌞🏃♂️🌻*
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
आसमाँ में सैयारे बने जो
ज़माने के काम आए l
नूर-ए-ख़ुदा किस्मत को
सजाने के काम आए ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
Kirti kashyap
"वरक़-ए-माज़ी"
वरक़-ए-माज़ी खोलकर क्या मिलेगा,
अब दिल मेरा टटोलकर क्या मिलेगा।
हिज्र की शब में तसव्वुर के चराग़,
इन ख़यालों को फूँककर क्या मिलेगा।
सुख़न में तल्ख़ी, निगाहों में शुबा,
ज़हर-ए-लब को बोलकर क्या मिलेगा।
नश्तर-ए-याद से कुरेदा है जिगर,
ज़ख़्म-ए-सीना कुरेदकर क्या मिलेगा।
तअल्लुक़ात की ज़ंजीरें हैं मुरझाई,
इन गिरहों को खोलकर क्या मिलेगा।
ख़्वाब सब राख़ में तब्दील हुए,
उन निशानों को जोड़कर क्या मिलेगा।
ग़ुबार-ए-राह में दबी सुक़ूत-ए-हयात,
इस ख़मोशी को तोड़कर क्या मिलेगा।
"कीर्ति" तजुर्बा-ए-दिल कह रहा है यही,
ग़म की सौग़ात ढोकर क्या मिलेगा।
Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️
वरक़-ए-माज़ी = अतीत के पन्ने
हिज्र = जुदाई, बिछड़ना
तसव्वुर = कल्पना, ख़याल
सुख़न = बात, अल्फ़ाज़
तल्ख़ी = कड़वाहट
शुबा = शक, संदेह
ज़हर-ए-लब = ज़हरीली बातें (लब = होंठ)
नश्तर = चाकू/तीर की नोक, चुभन
तअल्लुक़ात = रिश्ते, संबंध
गिरह = गाँठ
ग़ुबार-ए-राह = सफ़र की धूल
सुक़ूत-ए-हयात = ज़िंदगी की ख़ामोशी
सौग़ात = तोहफ़ा, उपहार
Deepak Bundela Arymoulik
#हमदर्दी
Neha kariyaal
जिस सच से कल तक मैं मुकरती रही,
आज फिर वही सच मेरे सामने है।
ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત
कुछ रास्तों की मंजिल नहीं होती
तो इसका मतलब ये नहीं है कि
वो रास्ता कही जाता न हो।
हर अजनबी रास्ते ही रोमांच से भरे होते है,
क्योंकि पता ही नहीं होता कि
जाना कहा है।। अनजाने ही सही
पर जान से भी ज्यादा वही रास्ते हसीन होते है।।
- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है। जीवन के मौसम
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
इन्द्रिय सुख को छोड़कर, चले मार्ग जो श्रेय। शाश्वत सुख मिलता उसे, मार्ग छूटता प्रेय।। दोहा--291
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'
મનોજ નાવડીયા
તું બાળક બનાવી દે મને,
સાદગી પાછી આપી દે મને,
હવે થાક્યો દુનિયાના ખેલમાં,
થોડું નિર્દોષપણું આપી દે મને,
સ્વાર્થી બની ખોવાઈ ગયો છું,
નિર્મળ હાસ્ય આપી દે મને,
મારાં જ કર્મો મને કરડે છે,
અંતરમા શાંતિ આપી દે મને,
હું દુનીયા જીતી પણ હાર્યો છું,
તું બાળક બનાવી દે મને.
મનોજ નાવડીયા
#મારીવાત #મારાવિચાર #સારાવિચાર #manojnavadiya #vishvyatri #vishvkhoj #heetkari #manojnavadiyabooks #saravichar #maravichar #marivat #manojnavadiyapoetry #poem #poetry #kavita #universe #nature
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
आपका दिन मंगलमय हो
kattupaya s
Good morning friends have a great day
Naina Khan
Tere Lahze se
thoda sa har baar m,
khud ko khoti hu...
Yun tera beganapan, kahi mera lot kr aana,
na mushkil kr de
- Naina Khan
Anitram
Kaaliyan Raatan jaag ke asan
Giniyan teriyaan dooriyan ve meaning
Roshan palanpuri
*શીર્ષક: એજ માળિએ*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
દિવાળીનું હતું ટાણું,
ને મન મારું હરખાણું.
કરીએ થોડી સાફ-સફાઇ,
અગાસીને પણ વાળીએ,
મારી યાદો ખોવાઈ એજ માળિએ.
એ કરોળિયાનું જાળું,
જ્યાં પડ્યું'તું જૂનું તાળું.
મને જોઈ જાણે કહેતું હોય,
અમે જ બધું સંભાળીએ?
મારી યાદો ખોવાઈ એજ માળિએ.
ત્યાં પુસ્તકોના થપ્પા,
થયા'તા બથ્થમ-બથ્થા.
જોઈ મનમાં થયું કે,
સમય અહીંપણ થોડો ગાળીએ,
મારી યાદો ખોવાઇ એજ માળિએ.
લગ્નનો એ સૂટ મળ્યો..
જોઈ હું માંય ને માંય બળ્યો.
જે વાસણમાં જમ્યા'તા અમે,
ઘા કર્યો એજ થાળીએ.
મારી યાદો ખોવાઈ એજ માળિએ.
રોશન પાલનપુરી..✍️
Roshan palanpuri
દિવાળીનું હતું ટાણું,
ને મન મારું હરખાણું.
કરીએ થોડી સાફ-સફાઇ,
અગાસીને પણ વાળીએ,
મારી યાદો ખોવાઈ એજ માળિએ.
એ કરોળિયાનું જાળું,
જ્યાં પડ્યું'તું જૂનું તાળું.
મને જોઈ જાણે કહેતું હોય,
અમે જ બધું સંભાળીએ?
મારી યાદો ખોવાઈ એજ માળિએ.
ત્યાં પુસ્તકોના થપ્પા,
થયા'તા બથ્થમ-બથ્થા.
જોઈ મનમાં થયું કે,
સમય અહીંપણ થોડો ગાળીએ,
મારી યાદો ખોવાઇ એજ માળિએ.
લગ્નનો એ સૂટ મળ્યો..
જોઈ હું માંય ને માંય બળ્યો.
જે વાસણમાં જમ્યા'તા અમે,
ઘા કર્યો એજ થાળીએ.
મારી યાદો ખોવાઈ એજ માળિએ.
*રોશન પાલનપુરી*
- Jitendrabhai
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
टूटेंगे जब धागे सारे’ बंधन मुक्त
होगा मन,
शून्य में एकाकार हो’ शांत होगा
हर स्पंदन,
न रहेगा ताना-बाना’ न विचारों
का शोर-गुल,
टुकड़े जो बिखरे दिखें’ वे भी हो
जाएँगे निर्मूल,
शेष रहेगा बस ‘मैं, शुद्ध, निर्विचार
अविचल, निस्पृह,
जहाँ न आदि, न अंत कोई’ केवल
अनंत, परम विग्रह,
वो मौन ही है मुक्ति का द्वार जहाँ
उलझन का नाम नहीं,
बिखराव ही पूर्णता है’ जहाँ शेष
कुछ काम नहीं,
जान लो ये भ्रम ही बंधन’ सत्य
तो है परम स्वतंत्रता,
टूट कर ही पाओगे तुम’ स्वयं की
शाश्वत सार्थकता..🥀🦋
╭─❀💔༻
╨──────────━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#motivatforself😊°☜
╨──────────━❥
Sujit Sarker
THE TALE OF LOVE-❤️🥀🌹 AN UNTOLD LOVE STORY please read and response. এমনিতেই তো আপনারা মন্তব্য করেন না অনুগ্ৰহ করে এই ভিডিওটিতে অন্তত মন্তব্য করবেন আশা করি 🤧😑😒
Deepika Ramola
THE STORY IS PERFECT
The memories are short,
But the distance is long.
The talks are more,
But the time is less.
In our story nothing is perfect ,
But , it still seems to be perfect.
Our words were different,
But the talks were same.
Our problems were same ,
But the solution were different.
In our story nothing is perfect,
But still it seems to be perfect.
Our friendship was silent,
But it speaked a lot .
Our smiles were dull,
But the messages were coloured.
Yes, in our story nothing is perfect,
But... it still seems to be perfect.
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है। साया
Read “💧 The Flow of Knowledge“ by Mamta Girish Trivedi on Medium: https://medium.com/@mamtagt67/the-flow-of-knowledge-e6844ba7e7d7
Narendra Parmar
गधे भी बहुत समझदार होते हैं
तंबाकू के खेतों में वो घुसते नहीं है
क्योंकि वो जानते हैं कि तंबाकू नुकसान कारक है !
इंसान ही एक ऐसा है कि
उनको आप जितना भी समझाओ उतना कम पड़ता है ।।
नरेन्द्र परमार ✍️
Manshi K
तेरी होकर भी तेरी रही नहीं मैं
कुछ यादें जो अब याद आ जाती है
कुछ बातें तो अनकही एहसासों में ठहर जाती है
मुमकिन नहीं था उसका यूं बदल जाना
अब हकीकत आंखों से अपनाई नहीं जाती है,,,,
- Manshi K
Manshi K
जो गुजर जाए दिल पर
उसे हर किसी से बताया नहीं करते ,,,,
अपना हो या पराया
उन्हें रुलाया नहीं करते ,,,,,
- Manshi K
kattupaya s
Goodnight friends
Dhamak
એક નજરે સૌંદર્ય ભાળી, હૃદય પ્રેમે છલકાય;
બીજી પળે એ જ પંખ જોઈ, ભક્તિમાં જીવ તલ્લીન થાય.
કાન્હાના માથે બિરાજી, આ પંખ અજાયબી બતાવે;
પ્રેમથી પરમ તરફની, આ અદ્ભુત લીલા સમજાવે.
DHAMAK
Agyat Agyani
अज्ञात अज्ञानी
“सबसे वास्तविक रूप में यदि मनुष्य स्वयं को अज्ञात और अज्ञानी समझे, तब केवल अस्तित्व रह जाता है” —
यहीं से आत्मज्ञान की असली देहरी शुरू होती है।
क्योंकि “जानना” हमेशा किसी से अलग खड़ा होता है।
जैसे ही तुम कहते हो — “मैं जानता हूं”,
तुम अस्तित्व से अलग हो गए।
एक सीमित देखने वाला बन गए।
पर अस्तित्व खुद तो बिना जानने के भी है —
वह बस है।
उसके होने के लिए कोई ‘ज्ञानी’ जरूरी नहीं।
ज्ञान, संस्कार, सभ्यता — सब बाहर के आवरण हैं।
वे व्यवस्था देते हैं, पर सत्य नहीं देते।
सत्य तभी झलकता है जब सारा जाना हुआ गिरता है।
जब भीतर यह स्वीकार होता है — “मैं नहीं जानता”।
यह स्वीकार ही सतीत्व का टूटना है —
जहाँ झूठी स्थिरताएँ, झूठी निश्चितताएँ ढहती हैं।
और तभी जो शेष बचता है —
वही आत्मा है।
वही शुद्ध अज्ञात, जो किसी नाम या विचार में नहीं बंधता।
ज्ञान से जो मिलता है वह क्षणिक होता है;
अज्ञान की गोद में जो मिलता है, वह सनातन।
@highlight Agyat Agyani
Soni shakya
हर अंधेरी रात का सवेरा जरुर होता है,
टूटा हुआ दिल भी फिर से मुस्कुराता है ..
मत खोना उम्मीदे ,वक्त बदल जाएगा ,
जहां दर्द है आज, कल वहां सुकून भी आएगा...
- Soni shakya
Agyat Agyani
मशीन के भीतर एक मनुष्य ✧
विज्ञान, शिक्षा और धर्म—तीनों ने मिलकर हमें सुव्यवस्थित कर दिया है।
हमारे शब्द, हमारी मुस्कान, हमारे आँसुओं की समय-सारिणी बन गई है।
वह जीवन जो कभी अनिश्चित, खिलता और प्रयोगशील था, अब एक चुके हुए कार्यक्रम की तरह चलता है।
अस्तित्व कभी मशीन नहीं बनाता।
अस्तित्व जन्म देता है — विबन्धित, अराजक, कहीं-कहीं जर्जर पर जिंदा।
लेकिन समाज के नियमों ने उस जन्म को पॉलिश कर दिया; स्वभावों को मोड़ा गया, आकांक्षाओं को अभिलेखित कर दिया गया।
खतरा केवल बाहरी नहीं—खतरा भीतर दबी हुई ऊर्जा का है।
जिसे हमने अनदेखा कर रखा है, उसे हमने विवेक और अनुशासन के नाम पर दफना दिया।
इसी दमन से असुर की पीठ पर उभरे हुए छायाचित्र उभरते हैं; उसी दमन से देवत्व के गीत चुप होते हैं।
प्रकृति ने विविधता दी है: असुर, मानव और देव—तीनों संभावनाएँ हमारे भीतर बराबर मौजूद हैं।
लेकिन सभ्यता ने इन्हें इकठ्ठा कर अचेतन रूप से एक स्वरूप में बाँध दिया—एक तरह का 'ठीक' मनुष्य, जो प्रबंधनीय हो।
अगर राम या कृष्ण आज उठ खड़े हों, तो उन्हें न ही सम्मान मिलेगा न ही समझ; वे पागल या विद्रोही कहे जाएँगे।
असल विपत्ति यह नहीं कि कोई महान व्यक्ति जन्म ले—विपत्ति यह है कि उस जन्म का समाज से मेल नहीं बैठता।
भीड़ उस सत्ता को नकार देती है जो व्यवस्था के विरुद्ध बोले; और व्यवस्था ही भीड़ को आकार देती है।
इसलिए केवल तस्वीरों में ही देवता सुरक्षित हैं—जीवित होते तो असहज होते।
पर भीतर एक कणिका बची रहती है — वह सन्नाटा नहीं, हलचल है; वह पुर्जा नहीं, प्रवाह है।
वही कणिका पूछती है: क्या मैं पूरक हूं या स्वयं अस्तित्व?
यदि वह कणिका सुन पाई जाए, यदि उसे मौका दिया जाए — तो मशीन के भीतर भी एक मनुष्य फिर खिल उठेगा।
यह किसी भविष्यवाणी का कथन नहीं—सिर्फ एक सच की पहचान है।
हमारे समय का रहस्य यही है: व्यवस्था ने कितना भी समेट लिया, पर अस्तित्व की अनिश्चितता हमेशा कहीं न कहीं बची रहती है।
और उसी अनिश्चितता में असली मानव बनने की राह छिपी है।
🙏🌸 — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲
ek archana arpan tane
રત્રી પાસે હંમેશા કામ ની એક યાદી હોય છે એક પતે બીજું તૈયાર મને મારાં માટે સમય જ ન મળ્યો ઉંમર પુરી થવા આવી કોઈ તો બતાવો કે સમય ક્યાં ગયો?
- ek archana arpan tane
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की रचनाएँ पढ़ने और सुनने के लिए:
मुख्य ब्लॉग (कविताएँ, कहानियाँ, लेख):
https://mamtatrivedi.wordpress.com
प्रारंभिक रचनाएँ (2015 की कविताएँ आदि):
https://mamtagtblogs.wordpress.com
YouTube चैनल (वीडियो कविताएँ जैसे "मनचला सावन", "दर्द से दुआओं का सफर"):
https://www.youtube.com/@MamtaGirishTrivedi
dhatri
ये जो रह - रह कर मुझे हिचकियां आती हैं,
एक बात बताओ किसी को मेरी याद सताती है,
या मेरे epiglottis में ही खराबी हैं।
😂😂😂
Lotus
यहाँ गरना कोई चाहता नहीं, और जीना किसी को आता नहीं...
Heena Hariyani
દિકરી, આ દુનિયા કળી છે!
તું ?
ફૂલની,સાથે કાંટા પણ છે
હીના રામકબીર હરીયાણી
Agyat Agyani
“बुद्धत्व”
जो आज भी अकेला चलता है —
वह भीड़ से नहीं, अपने भीतर से जुड़ा है।
उसे साथ की ज़रूरत नहीं, क्योंकि उसे सत्य का स्वाद मिल चुका है।
जो प्रश्न पूछने से डरता नहीं —
वह परंपरा की दीवारें तोड़ चुका है।
प्रश्न डर को जलाता है, और जहाँ डर नहीं,
वहीं से बोध जन्म लेता है।
जो किसी देवता, किताब या संस्था की छाया में नहीं छिपता —
वह समझ चुका है कि कोई भी छाया, चाहे कितनी भी पवित्र हो,
सत्य का स्थान नहीं ले सकती।
वह मंदिर नहीं बनाता —
क्योंकि उसे पता है कि हर मंदिर के भीतर एक नया पिंजरा जन्म लेता है।
वह अपने भीतर दीपक जलाता है —
क्योंकि उसे बाहरी रोशनी से अब उधार नहीं चाहिए।
यही है “बुद्ध” —
न अतीत का व्यक्ति,
न किसी पंथ का नाम,
बल्कि चेतना की वह लपट जो आज भी उन सब में जलती है
जो स्वयं से चलने की हिम्मत रखते हैं।
Agyat Agyani
Agyat Agyani
✧ बुद्ध — न संगठन, न एकता, केवल सजगता ✧
बुद्ध ने कभी भी धर्म, संगठन या एकता की बात नहीं की।
उन्होंने न किसी झंडे के नीचे लोगों को बुलाया,
न किसी काफ़िले का नेतृत्व किया।
उन्होंने बस कहा —
“अपने भीतर चलो।”
भीड़ को दिशा चाहिए।
सजग आदमी को बस देखने की आँख चाहिए।
बुद्ध जानते थे —
जहाँ भी भीड़ बनती है, वहाँ अंधापन जन्म लेता है।
भीड़ चाहे धार्मिक हो या राजनीतिक,
उसका पहला काम होता है — सोचने वाले को मौन करना।
इसलिए उन्होंने कहा —
“अप्प दीपो भव” — स्वयं प्रकाश बनो।
किसी और के उजाले पर निर्भर मत रहो।
किसी ग्रंथ, किसी गुरु, किसी नियम को
अपनी चेतना पर हावी मत होने दो।
बुद्ध ने कभी नहीं कहा —
“मेरे पीछे चलो।”
उन्होंने कहा —
“मेरे जैसा देखो।”
यह अंतर बहुत सूक्ष्म है —
और यही जगह है जहाँ से बुद्ध मरे, और बुद्धमत जन्मा।
जहाँ सजगता थी, वहाँ अनुकरण आ गया।
जहाँ स्वतंत्रता थी, वहाँ नियम बन गए।
जहाँ खोज थी, वहाँ संगठन बन गया।
लोगों ने समझा — “संघ” का अर्थ भीड़ है।
पर बुद्ध के लिए “संघ” का मतलब था —
सजग आत्माओं का समुदाय,
जहाँ कोई नेता नहीं,
कोई अनुयायी नहीं,
सिर्फ़ खोजी हैं।
आज के तथाकथित “बुद्धमार्गी”
बुद्ध के नहीं —
भीड़ के शिष्य हैं।
वे फिर वही कर रहे हैं
जिसके विरुद्ध बुद्ध उठे थे —
मूर्ति बनाना, पूजा करना, जुलूस निकालना,
और “हम बनाम वे” की राजनीति।
बुद्ध ने धर्म को तोड़ा था,
लोगों ने उनके नाम पर नया धर्म बना लिया।
उन्होंने कहा था —
“मैं तुम्हें कुछ नहीं दूँगा, सिर्फ़ देखने की कला दूँगा।”
और हमने कहा —
“हमें नियम चाहिए, संगठन चाहिए, सुरक्षा चाहिए।”
सच यह है —
बुद्ध किसी धर्म के संस्थापक नहीं थे,
वे तो धर्म तोड़ने वाले थे।
उन्होंने कहा —
धर्म वह नहीं जो समाज देता है,
धर्म वह है जो भीतर से जागता है।
इसलिए जो सच में बुद्ध का अनुयायी है,
वह कभी अनुयायी नहीं रहेगा।
वह स्वयं बुद्ध बन जाएगा।
क्योंकि बुद्धत्व कोई परंपरा नहीं —
वह चेतना की अवस्था है।
---
जो आज “बुद्ध” के नाम पर भीड़ जुटाते हैं,
मंदिर बनाते हैं,
नारे लगाते हैं,
वे बुद्ध के विरोधी हैं,
चाहे नाम कितना भी पवित्र क्यों न हो।
बुद्ध ने कहा था —
“जो मार्ग मैं दिखा रहा हूँ, उस पर अकेले चलना होगा।”
भीड़ नहीं चल सकती,
सिर्फ़ व्यक्ति चल सकता है।
इसलिए —
जो बुद्ध को सच में मानता है,
वह किसी ध्वज के नीचे नहीं रहेगा।
वह मौन में रहेगा,
सत्य की जाँच में रहेगा,
और हर क्षण खुद से पूछता रहेगा —
"क्या मैं देख रहा हूँ,
या बस मान रहा हूँ?"
---
✍🏻 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲
Chaitanya Joshi
મારી મહેફિલમાં તમે આવી ના શકો.
આવો તો કોઈને તમે લાવી ના શકો.
હમદર્દીઓની હોય હાજરી હંમેશાં,
એની સાથે આંખ મિલાવી ના શકો.
ઘૂંટાતી વેદનાના અબ્ધિ ઘૂઘવતાને,
કદમતાલની વાતે તમે ફાવી ના શકો.
ઉરને સૂરના જ્યાં ઊભય સંગાથને,
ઊકળતા ચરુવત્ પચાવી ના શકો.
શું કરું? દિલદાસ્તાન સંઘરી રાખું,
રૂઠેલાં છે ઘણાં તમે મનાવી ના શકો.
- ચૈતન્ય જોષી. " દીપક " પોરબંદર.
Pearlwrites
जब मुझे यकीन होने लगा तो मौका हाथ से चला गया।
जब लगा कि हार जाऊंगी तभी रंग जीत का सामने आया ।
जब अपने आंसू खुद पोछना सिख गई ।
तभी किसी का कंधा मिला सहारा बनकर ।
जब नफरत करना सिख लिया ।
तभी किसी ने आकर प्यार दिखाया ।
जिंदगी का यही तो अजीब खेल है ।
वो तब देती है जब हम मांगना छोड़ देते हैं।
वो लोग लौटते है जब हम खुद को थामना सीख लेते हैं।
जहां दर्द का हर पल सबक रह जाता है ।
हर टूटने के बाद एक नया सवेरा उभरता है।
आज आंसू भले ही गिरे पर हौसले फिर खिल जाते हैं।
जिंदगी के ज़ख्म भी एक दिन फूल बन जाते हैं।
Don't forget to follow me
Dhamak
વધારે જળ, ને મૂળ સડે, છોડ ઝંખે છે હવા,
પીળું પાન કહે: "પ્રેમ તો છે, પણ આ પ્રેમ હવે સજા."
એવું જ કંઈક મનુષ્યનું પણ, સ્નેહની અતિવૃષ્ટિ:
બંધન બને જ્યાં લાગણી, ખૂટે શ્વાસની દૃષ્ટિ.
પ્રેમ પીડે, તોયે આકર્ષણ, સંગ છોડાય નહીં,
જીવનની ડાળી પર ફૂલ, આંસુથી ધોવાય નહીં.
DHAMAK
Lotus
लात मारने की आदत तो ओलाद को मां की पेट से ही होती हैं
फर्क बस इतना है
पेट में लात मार कर मां बाप फूले नहीं समाते
लेकिन
बुढ़ापे में लात पड़ने पर आशु रोक नहीं पाते
Lotus
निकले जो तेरी याद के पहलू तमाम रात, आंखों से टपकते रहे आंसू तमाम रात,
मैंने ये तेरे नाम की मेहंदी क्या लगाई, हाथों से निकलती रही खुशबू तमाम रात...!!
Saroj Prajapati
हां बदल गया सभी त्योहारों का स्वरूप
चकाचौंध में खो गया इनका सादगी भरा रूप
लेकिन क्यों इन बातों को मन से लगाना
त्योहार आपका इसे अपने अनुसार मनाएं
कुछ पुराना तो कुछ नया कलेवर अपनाएं
खुशियां मनाने में ना ज्यादा गुणा भाग करें
खुलकर मनाएं सब त्योहार क्योंकि साल में
आते हैं ये सभी एक बार।।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati
kattupaya s
Good afternoon friends
Chaitanya Joshi
અંતરનું ઊંડાણ મપાય છે શબ્દો થકી.
ઓળખ વ્યક્તિની થાય છે શબ્દો થકી.
હોય કૂવામાં એ હવાડામાં આવવાનું,
આશય માણસનો દેખાય છે શબ્દો થકી.
કસ્તૂરીની સુગંધ જેવી આ વાત માનો,
ગુણદોષ સ્હેજે પરખાય છે શબ્દો થકી.
કોલસાના ગોડાઉનમાં હીરો શું શોધવો ?
વાણીના આધારે મૂલવાય છે શબ્દો થકી.
શબ્દો જીવાડેને શબ્દો મારે સમાજમાં,
પરાના સંગે કોઈ વખણાય છે શબ્દો થકી.
- ચૈતન્ય જોષી. " દીપક " પોરબંદર.
Tr. Mrs. Snehal Jani
મળે ખાવાનું ભાત ભાતનું,
શું ખાવું શું ન ખાવું?
સાંભળવું ન કોઈનું આમાં ક્યારેય,
હોય જે પ્રકૃતિ પોતાનાં શરીરની,
ખાવું ખોરાક અનુરૂપ એને!
ફેલાવવા જાગૃતિ અન્ન પ્રત્યેની,
અટકાવવા એનો બગાડ,
ઉજવે દુનિયા 16 ઑક્ટોબરે,
'વિશ્વ ખાદ્ય દિવસ'.
ચાલો લઈએ સંકલ્પ આજે,
વેડફીશું નહીં અન્નનો એકેય દાણો,
હોય ભૂખ જેટલી,
થાળીમાં લઈશું એટલું જ!
છોડી દેખાડો બૂફે ભોજનનો,
જમાડીએ આમંત્રિતોને પ્રેમથી
બેસાડી પંગતમાં ભાવથી!
અટકશે બગાડ અન્નનો પંગતમાં,
પેટ ભરી ખાશે સૌ આગંતુકો!
ANISH
ज्यादा देखभाल से भी सूखते है, पेड़, हमारे इश्क ज्यादा करने से ही तो वो बेवफा हुआ..!
good morning
સુરજબા ચૌહાણ આર્ય
મંદિરમાં મૂર્તિ ન હોય તો દર્શનાર્થે ન જવાય તો જે ઇન્સાનમાં ભગવાન જાગૃત ન હોય એની સાથે મિત્રતા કેમ કરાય "આર્ય"
સુરજબા ચૌહાણ આર્ય
ચહેરો ધૂંધળો છે અને
અરીસો સાફ કરે છે
ભૂલ પોતાની છે અને
દુનિયામાં શોધતો ફરે છે
ઈશ્વર આપણી અંદર છે "આર્ય"
ઇન્સાન બહાર શોધતો ફરે છે
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है! द्वार द्वार
Dada Bhagwan
આપણે જે સ્પંદનો કર્યાં તે જ આપણી પર ઊડ્યાં. અણસમજણમાં જે ક્રિયા કરી, તેની જ પ્રતિક્રિયા થાય છે. - દાદા ભગવાન
વધુ માહિતી માટે અહીં ક્લિક કરો: https://dbf.adalaj.org/CePex2IR
#quotes #quoteoftheday #Spirituality #dadabhagwanquotes #DadaBhagwanFoundation
dhatri
वाह रे! मेरा देश महान जहां शिक्षक मार खा रहे है,
जो देश बेच रहे हैं, लोग उनकी ही जय -जयकार लगाए जा रहे है ।
जिस युवा से देश का भविष्य है, वो खुद के वजूद की तलाश में दर- बदर की ठोकरें खा रहे हैं ।
वाह रे ! मेरा देश महान जहां धर्म के नाम पर सत्ता चलाए जा रहे हैं।
कही vaccancy के नाम पर 7-8 साल ,कही पेपर करने में सालों साल लग जा रहे हैं।
और अगर हो गए पेपर तो leak होने जैसी समस्या भी तो बाकी है ,
कही कुछ पैसों में सीटें और पेपर भी बेचे जा रहे है।
जो हाथ मतदान के लिए है ,खुद का अधिकार मांगने पर वही हाथ तोड़ दिए जा रहे हैं।
जहां अधिकार की मांग करने वालों को देशद्रोही बता रहे है
वहीं इस देश के रखवाले विदेशों में काला धन छुपा रहे हैं।
जो देश का भविष्य है उनके भविष्य को अंधकार में धकेले जा रहे हैं,
क्या ऐसे ही हम देश को विश्व गुरु बना रहे है?
dhatri
जिन पारखी नज़रों से देख कर लोग लड़कियों के कपड़े पहनने, उनके उठने बैठने के ढंग से उनके चरित्र का आंकलन कर लेते हैं,
काश उन नज़रों की गिरफ्त में वो नज़रे भी आ जाती जो लड़कियों को गलत नज़र से देखती हैं
तो बात ही क्या रहती।
dhatri
एक अरसे बाद
एक अरसे बाद आज अचानक,
आईने के सामने ठहर गई
वही शकल, वही कद- काठी
चेहरे पर बिखरे बाल, गालों पर मुंहासे
आंखो के चारों तरफ पड़ा कालापन
सब कुछ पहले जैसा ही तो था,
फिर भी इस इंसान से कुछ अनजान थी मैं,
अब ये वो नही रही जो किसी के तेज आवाज़ में बात करने से मात्र से ही रोने लगे,
अब चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती हैं,
पर इस चेहरे में वो खुशी नहीं दिखती
समझदार बनते -बनते ना जाने कब बेवकूफों के उन काफिलों का हिस्सा बन गई जो सब ठीक है,
जिंदगी बहुत बढ़िया चल रही है और ना जानें कितने बहाने से अपने जज्बातों पर एक अभिमान जिसे हम स्वाभिमान भी कहते हैं 🤣😂 उसकी एक चादर लपेट ली है,
अब गुजरते वक्त के साथ ये लगता है कि सामने वाला शायद
हमें ना समझ पाए, या हमारी हालत का मज़ाक बनाएं
जब बचपना था तो हर कोई अपना था
हर किसी से एक अटूट रिश्ता था,
थोड़े समझदार क्या हुए हर रिश्ता एक बोझ सा लगता
हिम्मत चाहिए अपने जज्बातों को दिखाने की
किसी के सामने रोने की, हंसने की, चिल्लाने की
समाज - घर, लोग की चिंता छोड़ खुद से प्यार जताने की
किसी A 4 size के पन्ने के दोनों तरफ अपने नाम को लिखकर दोहराने की
आरज़ू यही रह गई खुद को वापस पाने की,
देख के खुद को आईने में खुद में ही खो जानें की।
dhatri
ज़रूरी तो नहीं
जिंदगी में गिरना, टूटना,संभलना, ये सब लाजमी है,
पर हर दफा टूटने पर बिखरु ये जरूरी तो नहीं
जिंदगी में मां -बाप , भाई - बहन, दोस्त सब जरूरी है,
पर सबके खुशियों का ख्याल रखते -रखते खुद की खुशियों की बलि चढ़ा दूं ज़रूरी तो नहीं।
हां मैं एक लड़की हूं पर हर बार मेरे कपड़ों और मेरे बोलने के सलीके से ही मेरे लड़की होने का एहसास हो
ये जरूरी तो नहीं।
बाप के नाम से पहचान हैं, खुद के वजूद भी की तलाश है
पर उस नई पहचान के लिए गले में 2 हाथ का मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर हो ये जरूरी तो नहीं,
बेटी - बहन का फर्ज निभाते निभाते, अपने सपनों की अर्थी पर अपनी डोली सजाऊं ये ज़रूरी तो नहीं
माना कि मेरे सपने बड़े हैं, और मेरी पहुंच से अभी बहुत दूर है,
पर बिना मंजिल के मिले मैं थक हार निराश हो जाऊं ये ज़रूरी तो नहीं,
जरूरी है जिंदगी में दुःख - सुख और आंसू भी,
पर हर बात के लिए अपने होठों की हंसी भूल जाऊं
ये जरूरी तो नहीं।
Ruchi Dixit
औपचारिकता की चादर ओढ़ ली
भावना, भावना सी नही रही।
- Ruchi Dixit
Ruchi Dixit
नपे तुले शब्दों से कभी वास्ता न रहा
जो भाव भाव आये जैसे वैसा कहा।
नफा और नुकसान वही जाने
जिसने बनाया वही पहचाने।
- Ruchi Dixit
Kirti kashyap
"ना हो मोहब्बत"
प्यार होगा, तो बातें भी होंगी,
छुप-छुप के मुलाक़ातें भी होंगी।
नज़रें मिलेंगी, दिल धड़केगा,
हर लम्हा किसी का साथ माँगेगा।
फिर कभी इकरार, कभी तकरार होगी,
चाहतें कभी बेशुमार होगी।
पर एक दिन ख़ामोशी हावी होगी,
राहें जुदा, और तन्हाई साथी होगी।
फिर दिल के टुकड़े हज़ार होंगे,
ख़्वाब सारे बेकार होंगे।
सोचती हूँ...
दिल टूटे ऐसी नौबत ही क्यों आए,
मैं चाहती ही नहीं कि मोहब्बत हो जाए।
Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️
राज कुमार कांदु
बाद समय के सब भूलेंगे,
यही है जग की रीत
राह चलो तुम मन जो चाहे
कोई नहीं है मीत
ढोंग दिखावा क्यों करना है
कुछ नहीं अपने हाथ
झूठे सारे रिश्ते नाते
झूठी यहाँ है प्रीत
- राज कुमार कांदु
Imaran
तुझको देखूं तो दिल बहक जाता है,
हर बार तेरा चेहरा चांद सा नजर आता है।
तेरी मुस्कान में कोई जादू है शायद,
जो भी देखे तुझको, तेरा हो जाता है
💞 imran 💞
Soni shakya
"कितनी बैचेनियां है ज़हन में तुझको लेकर ,
पर तुझ सा सुकुन भी और कहीं नही"...
- Soni shakya
kattupaya s
My Tamil novels available in google play store.
Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status