Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
Bhavna Bhatt

જય ચેહર મા 🙏

Rinal Patel

જયારે સમજદાર વ્યક્તિ પોતાની સમજદારીથી કામ લે છે.ત્યારે તેણે પરિણામનો વિચાર કરવાની જરૂર પડતી નથી.કારણકે કોઈને હરાવવા તો ઘણું વિચારવું પડે જીતવા માટે તો એક સારો વિચારજ પર્યાપ્ત હોય છે. અંતરની દ્રષ્ટિએ. Rinall..

MOU DUTTA

আকাশের কালো মেঘে ঢাকা চাঁদ তারা, হৃদয়ের বাঁধনে যেমন তুমি হীন আমি ছাড়া। ক্লান্ত তুমি আর নির্বাক আমি যে চোখের চাহনি তে স্তব্ধ জানি। দুঃখ ছিল কষ্ট ছিল,ছিল মনে আশা যে আশা তে ভেঙে গেছে হৃদয়ের ভালোবাসা। ফুটবে ফুল,ডাকবে পাখি হাসবে দেখি তুমি চোখের হাসি বুঝিয়ে দেবো ভালো আছো যেনো। চিন্তা তোমায় ঘিরেই থাকে ক্লান্ত শরীর জানে, হৃদয় তোমার কি চায় সে কথা কি মন মানে? লুকিয়ে যদি রাখা যেতো সকল কিছু যেনো। ভালোবাসার আগেই মানুষ বুঝতো ব্যথা কেমন। যাই হোক আর লুকোচুরি নয় বলছি তোমায় শোনো। হৃদয় মাঝে যত্ন করে রাখবো তোমায় থেকো,অনেক আশায় বাঁধবো তোমায় আমায় তোমার হয়েই রেখো।

Nensi Vithalani

My Mandala art work ✍️

Mohit mishra

पग पग मे तेरे पुष्प खिले कांटो से भरी को ई राह ना हो खुशियों से भरा यह वर्ष रहे दुख दर्द भरी को ई बात न हो - Mohit mishra

Mohit mishra

हर टूटा तारा मन्नत का नही होता हर उठा हाथ दु आ का नही होता बुझ जाते है दिये अपनी गलतियो से भी हर बार कसूर हवा का नही होता - Mohit mishra

Kaushik dave

📈 शीर्षक: खामोश मेहनत लोग तालियों का शोर सुनते रहे, मैं खामोशी में खुद को गढ़ता रहा। जो दिखा नहीं किसी को कभी, वही मेरा सबसे बड़ा संघर्ष रहा। गिरा भी, संभला भी कई बार, हर ठोकर ने चलना सिखाया। आज जो खड़ा हूँ अपने वजूद पर, कल का डर मैंने पीछे छोड़ा। मुझे जल्दबाज़ी नहीं मंज़िल की, मुझे यक़ीन है अपनी रफ़्तार पर। जो आज समझ नहीं पा रहे मुझे, कल वो भी सवाल करेंगे मेरे नाम पर। — Kaushik Dave

Kaushik dave

शुभ रात्रि तुम्हारी यादों के साथ सोना भी एक खूबसूरत आदत बन गई है। ख्वाबों में मिलेंगे। शुभ रात्रि 🌌 — Kaushik Dave

Mohit mishra

jindgi me gum hai gum me drd hai drd me mja hai aur mje me hum hai

Kaushik dave

🌙 शुभ रात्रि दिन भर की थकान को आज रात की खामोशी में छोड़ दो, कल फिर नई उम्मीदें, नए सपने तुम्हारा इंतज़ार करेंगे। खुद पर भरोसा रखो, वक्त सब ठीक कर देता है। शुभ रात्रि 🌌 — Kaushik Dave

Mohit mishra

पल पल तरसे उस पल के लिए पल आया भी कुछ पल के लिए सोचा उस पल को कुछ हसीन बना लू अफसोस पल भी रुका कुछ पल के लिए - Mohit mishra

Mohit mishra

kuch jite hai tamnna ke share kuch ko tamanna jina sikha deri hai magar kon kis tamanna ke Sahare jiye jindgi ka har ek pal nyi tamanna jaga deti hai

SRK

उम्र मेरी बहुत ही छोटी है। लेकिन मेरी सोच ऊंची है। जनाब सपने तो हम दुनिया पलटने, के रखते है। क्योंकि मैं वो इंसान हु, जो नहीं मिल सकता उसे भी पाकर रहती हूं।।।✨🍂 - SRK💙

GIRLy Quotes

https://www.instagram.com/reel/DQBZdV_kwNK/?igsh=ZXAwa3l4YnBwdW5x

Mamta Trivedi

https://youtu.be/0sQN7u_H2Jc?si=427zmWSI-ZgibgGi

Chaitanya Joshi

મારે હોય તપવાનુંને વરસવાનું તારે. મારે હોય કહેવાનુંને સમજવાનું તારે. ભૂલ થઈ એ પણ ભૂલથી જ થઈ છે, મારે હોય કબૂલવાનુંને ગરજવાનું તારે. દૂરથી દેખાતા ડુંગરો લાગે રળિયામણા, મારે કદી હોય વહેવાનુંને તરવાનું તારે. શબ્દોની શરાફત નૈ બતાવી શકે બધુંય, મારે હોય ટપકવાનુંને ધબકવાનું તારે. આભ પણ અવનીની આશા કરે વખતે, મારે હોય વાગોળવાનુંને હીજરાવાનું તારે. - ચૈતન્ય જોષી. " દીપક " પોરબંદર

Mamta Trivedi

https://open.spotify.com/artist/14Fp2H3iKtGpR2y87UcGWx

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताओं के संग्रह का म्यूजिक एल्बम सुनिए अंतर्धारा https://www.instagram.com/reel/DS1lguGEqIZ/?igsh=MWlld3p0b3JhaDU0MA==

Disha Vaghasiya

“માનવ પ્રેમથી દિવ્યતા સુધી” ગોકુલની ગલીઓમાં આજે, બાળપણ હસતું દેખાય મથુરાની યાદ સાથે, જીવનનો અર્થ સમજાય વૃંદાવનમાં પ્રેમ ખીલે, શ્વાસે શ્વાસ સમાય યમુનાના નીર સમે, રાધાનો રોષ ઓગળાય મોરલીની મધુર તાનમાં, હૃદયને શાંતિ મળે મોરપંખ શ્યામના મસ્તકે, ચંદ્ર સમો ઝળહળે પીળા વસ્ત્રે શોભે કૃષ્ણ, દિવ્ય તેજે ભરાય રાધાની આંખે એ રૂપે, વિશ્વાસ ફરી વળાય મટલી ફોડે બાળ શ્યામ, મખણથી હાથ ભરાય રાધાનો ગુસ્સો હળવો થઈ, સ્મિતમાં બદલાય રસલીલાની ગોળ ફેરમાં, બે મન એક બનાય માનવ પ્રેમ પૂર્ણ થાય, દિવ્યતા ત્યાં ઝળહળાય ગોકુલથી લઈ વૃંદાવન, પ્રેમનો પંથ બન્યો રાધા ભાવ બની ઊભી રહી, કૃષ્ણ સ્વરૂપ થયો બે નામ ભૂલાઈ ગયા, એક સત્ય જ જણાયું એ ક્ષણે રાધા અને કૃષ્ણ, સદા માટે બન્યા

vikram kori

‎🌹 Part 4 ‎“उसका ख्याल ही ‎मेरे चेहरे की मुस्कान बन जाता है, ‎और लोग पूछते हैं— ‎क्या बात है?” 😊💓

Disha Vaghasiya

પ્રેમ સ્વરૂપ રાધાકૃષ્ણ યમુના કાંઠે ઊભો શ્યામ, આંખોમાં માફી ભરી રાધા મૌન રહી ગઈ, વ્યથા હૃદયમાં ઉતરી મુરલી મૂકીને કૃષ્ણ બોલ્યો, શબ્દોમાં સ્નેહ ધરી દેવ હોવા છતાં માનવ છું, ભૂલ મારી સ્વીકારી રાધા કહે, તું જાણે છે,મારે મન તો તું જ શ્વાસ છે તારી ઉપેક્ષા ક્ષણભરમાં, દિલને બહુ દુખ આપે છે કૃષ્ણ કહે, તારો રોષ પણ, મને પ્રિય લાગે છે કારણ કે એમાં પ્રેમ છે, એમાં સાચો નાતો છે આ સાંભળી રાધાની આંખે, આંસુ શાંત વહ્યા ગુસ્સો ઓગળી ગયો ધીમે, પ્રેમે સ્થાન લીધા બન્ને હૃદય એક તાલમાં, ધબકારા જોડાયા વિશ્વાસની નરમ છાંયે, બધા વાદળ હટ્યા જ્યાં માનવ પ્રેમ પૂર્ણ થયો, ત્યાં દિવ્યતા જાગી રાધા પ્રેમ બની ઊભી રહી, કૃષ્ણ ઓળખ પામી બે શરીર, એક આત્મા થઈ, પ્રેમે સ્વરૂપ લીધું એ ક્ષણે રાધા–કૃષ્ણ બની, જગને અર્થ દીધું

Shefali

#shabdone_sarname__ #shabdone_sarname_

Raushan kumar

मोहब्बत में दिल की खामोशी समझने वाले को,कुछ दिन बाद चीखें तक सुनाई नहीं देती। रौशन कुमार केसरी 29.12.2025

Imaran

🥲imran 🥲

Arun V Deshpande

रचना- सब भूल गये ------------------------------------------ अजीब बोझ मन पर होता है , जब उदासी घेर लेती है । बिते हुये दिनो की यादें सुहानी , आंखों को नम कर जाती है ।। अपनो में रहना मन चाहता है , अब बात यह है की हर कोई । एक दूसरे से दूर रह कर ही , अपनापन जताना चाहता है ।। परिवार का एक होना है जरूरी , आसान हो जाती है मुश्किलें । लड़ सकते है हम हर लड़ाई , दोस्तों मानो है बात बड़ी खरी ।। लोग बदल गए, दिन बदल गए , नई सोच से सब कितने बदल गए । साथ देनेवाला संकट मे काम आए , बात यह आज सब क्यूं भूल गए ।। ---------------------------------------------- अरुण वि.देशपांडे-पुणे

KRUNAL

​ 🔱શિવ-શક્તિ🔱 ​અર્ધમાં નારી, અર્ધમાં નર, એ જ પૂર્ણતાનો સાર, પ્રેમ અને આ શ્રદ્ધાનો, છે અતૂટ આ બંધનધાર. શિવ છે શૂન્યની ગંભીરતા, શક્તિ સર્જનનો નાદ, બંને મળીને રચે સૃષ્ટિમાં, સંતુલનનો આહલાદ. ​જ્યારે જીવનના પથ પર, ઘેરાય મુશ્કેલીના વાદળ, ત્યારે અડગ શ્રદ્ધા જ બને છે, આત્માનું પીબળ. વિશ્વાસનું જ્યારે શિવ સાથે, થાય અનોખું મિલન, ત્યારે અંધકારે પણ જડે છે, દિવ્યતાનું દર્શન. ​નથી શિવ શક્તિ વગર, નથી શક્તિ શિવ વિના, જેમ પુષ્પ અધૂરું લાગે, સુગંધના અસ્તિત્વ વિના. પ્રેમ, શાંતિ ને શક્તિનો, જ્યાં થાય ત્રિવેણી સંગમ, ત્યાં જ પ્રગટે છે હૃદયમાં, પરમાનંદનું નિર્ગમ. ​સંવાદિતા જ છે સાચો માર્ગ, સંતુલન જ છે સત્ય, શિવ-પાર્વતીના પૂરક સમું, જીવન જીવવું એ જ નિત્ય. શ્રદ્ધાનો દીવો પ્રગટાવી, જો કરશો ભીતરનો પ્રવાસ, તો કણેકણમાં અનુભવાશે, એ પરમાત્માનો વાસ.

Dr Sonika Sharma

औरतें आखिर चाहती क्या हैं? बस इतना ही तो कि थक जाएँ तो कोई पूछ ले “आज मन ठीक है?” रोई हों तो कारण पूछने की ज़रूरत नहीं, बस आँखों में थोड़ी देर ठहर जाना काफ़ी है। भरी महफ़िल में नाम लेकर बुलाने की नहीं, एक नज़र भर देख लेने की चाह होती है, जो कह दे— “तुम अकेली नहीं हो।” सड़क पार करते हाथ थामने का मतलब हिम्मत देना होता है, और चुपचाप चलने में साथ निभाने का वादा। इन्हें बड़े वादे नहीं चाहिए, बस छोटे-छोटे यकीन चाहिए कि कोई है जो बिना कहे भी साथ खड़ा है। औरतें चाहती हैं बस मन पढ़ लिया जाए, भाव समझ लिया जाए, बिना शब्दों के, बिना शोर के। औरतें चाहती हैं......... डॉ सोनिका शर्मा - Dr Sonika Sharma

Ishani Morya

Beshak sabr ke baad sab sambhal jata hai, Lekin sabr karne se sabr aajane tak ke safar me kai baar insaan bikhar jaata hai".

ArUu

मैंने जब देखा उसे पहली दफ़ा, मुझे लगी वो साधारण-सी एक लड़की। अगली मर्तबा जब मिली, उसके हाथों में थी कुल्हाड़ी अन्याय की जड़ों पर निर्भीक वार करती हुई। फिर देखा एक दिन उसको हाथों में करछी लिए पर वो सिर्फ़ स्वादिष्ट भोजन नहीं पकाती उसके मसालों में परंपरा थी, और उसकी आँच पर अपने फैसलों की आज़ादी थी। रसोई उसके लिए बंधन नहीं, एक प्रयोगशाला थी जहाँ वो प्यार, प्रतिरोध और आत्मसम्मान एक साथ गढ़ती थी। कभी वो चूल्हे के पास खड़ी पूरी दुनिया को संभाल रही होती, तो कभी उसी धुएँ से अपने सपनों की लकीरें खींचती। कई बार जब देखा, कभी वो नाज़ुक-सी किलकारी बन नई सृष्टि रचती, कभी सुई–धागा थाम बिखरे रिश्तों को चुपचाप सीती। कभी मशाल संग, अंधकार से टकराती कभी झाड़ू उठाए,आंगन नहीं सदियों की उपेक्षा साफ़ करती उसके चेहरे पर था साहस, आँखों में करुणा और जाग्रत चेतना उसका दिमाग़ रसोई , रिश्ते और डर की सीमाओं में कैद नहीं था वहाँ सवाल थे,तर्क थे,और सच से नज़र मिलाने का पूरा हौसला भी था। आख़िरी बार जब देखा, उसके हाथों में थमी थी कलम पर वो शब्द नहीं लिख रही थी, वो उन पन्नों को आग लगा रही थी जो उसे कमज़ोर बताते थे। वो कलम एक ऐलान थी— कि अब भविष्य उसके हाथों से रचा जाएगा। उसका जेहन चार दीवारों तक सीमित नहीं था, वहाँ पूरी कायनात थी और वह उसके केंद्र में खड़ी मुस्कुरा रही थी। ArUu ✍️

Jyoti Gupta

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Rajeev Namdeo Rana lidhori

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ek archana arpan tane

નારાજગી અમે બદલી નાખી છે અને રીસાવા ને બદલે ધીરે થી મુશકુરાવા નું શીખી લીધું છે. - ek archana arpan tane

Rushil Dodiya

दिन जो पख़ेरू होते पिंजरे में मैं रख लेता पालता उनको जतन से मोती के दाने देता सीने से रहता लगाए याद न जाए बीते दिनों की.... - शैलेंद्र

Rushil Dodiya

ओट में छुप के देख रहे थे चांद के पीछे पीछे थे सारा जहां देखा देखा ना आंखों में पलकों के नीचे थे - गुलज़ार

Nensi Vithalani

बाद में… ☕🍂 बाद में चाय ठंडी हो जाती है ☕ और उसकी खुशबू भी कम हो जाती है… बाद में मौसम बदल जाता है 🍂 धूप वही रहती है, पर गर्मी बदल जाती है। बाद में सफ़र बदल जाता है 🚶‍♂️ रास्ते वही रहते हैं, पर हम थक जाते हैं… बाद में ख़्वाब बदल जाते हैं 💭 जो कभी सब कुछ लगते थे, वो सिर्फ़ यादें बन जाते हैं। बाद में अल्फ़ाज़ बदल जाते हैं ✍️ जो कभी सच थे, वो समझौते बन जाते हैं… बाद में एहसास बदल जाते हैं ❤️ मोहब्बत धीरे-धीरे आदत बन जाती है। बाद में वक़्त सब सिखा देता है ⏳ पर जो सीखना होता है, वो देर से समझ आता है। बाद में हम भी बदल जाते हैं 🌙 जो कभी किसी के लिए रुकते थे, वो ख़ुद के लिए चलना सीख जाते हैं। और हाँ… बाद में लोग बदल जाते हैं 👥 या शायद पहले जैसे लगते थे, बस बाद में उनकी असलियत नज़र आ जाती है।

ArUu

मैंने जब देखा उसे पहली दफ़ा, मुझे लगी वो साधारण-सी एक स्त्री अगली मर्तबा जब मिली, उसके हाथों में थी कुल्हाड़ी अन्याय की जड़ों पर निर्भीक वार करती हुई। फिर एक दिन देखा, उसको करछी लिए पर वो सिर्फ़ स्वादिष्ट भोजन नहीं पकाती उसके मसालों में परंपरा थी, और उसकी आँच पर अपने फैसलों की आज़ादी । कभी वो चूल्हे के पास खड़ी पूरी दुनिया को संभाल रही होती, तो कभी उसी धुएँ से अपने सपनों की लकीरें खींचती। कई बार जब देखा, कभी सुई–धागा थामे, बिखरे रिश्तों को फिर से सीती हुई कभी मशाल संग, अंधकार से टकराती कभी झाड़ू उठाए, आंगन नहीं, सदियों की उपेक्षा साफ़ करती हुई उसके चेहरे पर था साहस, आँखों में करुणा और जाग्रत चेतना उसका दिमाग़ रसोई, रिश्तों और डर की सीमाओं में क़ैद नहीं था; वहाँ सवाल थे,तर्क थे,और सच से नज़र मिलाने का पूरा हौसला भी था। आख़िरी बार जब देखा, उसके हाथों में थमी थी कलम किसी और की कहानी लिखने नहीं, अपना भविष्य खुद रचने के लिए। उसका जेहन चार दीवारों तक सीमित नहीं था, वहाँ पूरी कायनात थी और वह उसके केंद्र में खड़ी मुस्कुरा रही थी। ArUu ✍️

OLD KING

Main apne Novel "BHOOT SAMRAT" ka Cover image kaise change kar sakhat hu.. please Help

SRK

ज्यादा कुछ तो नहीं पता लेकिन पता नहीं क्यों? सब जिस चीज को आगे बढ़ानी है।उसे कोई सहकार नहीं देता मै हर वक्त सोचती हु कि कही मैं गलत थी लेकिन मेरी सोच के बाहर है ए जमाने की सोच,मै यूंही इंसानों से नफरत नहीं करती कही कारन है इस विषय के खेर कुछ भी करो तो अच्छा ही करो।।। - SRK

SRK

શું ખબર? કેમ પણ અડધી તો ડૂબેલી જ છું... અને એ અડધા માંથી પણ વધારે કોઈ ડૂબી જીવે...તો પણ ઘણું _SRK 💙 - SRK

yeash shah

New Formula of Health Number --------------------------- Before Transformation age: Root Number + Birth Day Number + Hour Health Number + Minute Health Number + Day of Birth Number After Transformation Age Destiny Number + Hour Health Number + Minute Health Number + Day Of Birth Number Now Example: Date :26/08/1993 Time : 7:12 pm Day : Thursday Before My Transformation ( Age 0 to 29) Root :8 Hour Number:2 Minute Number:9 Day of Birth: 3 ( Thursday) ------------------ Total: 4 ( Step :1) After My Transformation ( From Age 3o to lifelong) Destiny:2 + Hour :2 + minute :9 + Day : 3 --------------------- Total :7 ( Step :2) My Health Care Number= Step :1 + Step :2 = 4+7 = 2 So I have to be careful Regarding Health issues of 4 , 7 & 2 Health Code : 472 For Finding Hour & Munite Number Use This Table.

Shraddha Panchal

मेरे अंदर की घुटन मेरे चेहरे का “नूर” ले गई…….. कुछ मसले ऐसे “थे”. और. “है” जो मुझसे कभी हल ना हो सके 🙏🙏🙏🙏🙏

Shraddha Panchal

मुझे समझौता पसंद नहीं था , पर वह ज़िन्दगी बन गया , कभी किसीकी चीज़ माँगना अच्छा नहीं लगता था, फिर भी माँग लिया कभी कभी, आधा अधूरा कुछ भी नहीं चाहिए था, पर नसीब में सब आधा अधूरा और “दूसरो” के साथ बटा हुआ ही मिला 😇

Gajendra Kudmate

सच कहते है झूठ के कभी पाँव नहीं होते सीना छलनी हो जाता है मगर घाँव नहीं होते है गजेंद्र

PAYAL PARDHI

मैंने कहा— “आगे बढ़ते हैं,” पर उसने मुझे रोक लिया। ज़िंदगी मेरी बीतती गई, और वो चैन से सोता रहा। मेहनती आगे बढ़ते रहे, मैं बेचारा देखता रहा। आसमान को छूते रहे वो, मैं अपाहिज-सा बना रहा। बोल उठा उनका इतिहास भी, मैं गूँगा बना रहा। ज़िंदगी मेरी गुजर गई, पर वो चैन से सोता रहा। थक कर पूछा मैंने उससे— “तू है कौन जो फ़ैसले लेता गया?” डाँट कर बोला उसने— “हम दोनों तो एक ही हैं। तू करता रहा, जो मैं करवाता गया। तेरा आलस हूँ मैं, जो तेरे भीतर पलता गया। तू सोचता रहा— मैं कल पर टालता गया। सब कामयाब होते गए, तू देख-देख जलता गया। ज़िंदगी तेरी बीत गई, मैं चैन से सोता गया।” तेरा दुश्मन तू खुद ही था, दोष किस्मत को देता गया। जवानी तेरी बीत गई, बुढ़ापा तेरा आ गया। पंख लगा सब उड़ गए, तू खुद के पंख नोचता गया। ज़िंदगी तेरी बीत गई, चैन से क्यों तू सोता रहा? मैंने कहा— “अब क्या करूँ? वक़्त हाथ से फिसल गया।” उसने कहा— “जो करना है अब कर ले, तुझे रोकते-रोकते अब मैं भी तो थक गया।” -----PAYAL 💕PARDHI.

Mamta Trivedi

https://music.apple.com/us/artist/mamta/1864318634

Priya

Mera inbox active nahi hai isliye mai kisi ko bhi reply nahi kar sakti,please koi bhi isse apni disrespect na samjhe 🙏🏻

Raa

me gunda . hu

Shraddha Panchal

શ્વાસે શ્વાસે લડી રહી છું , હું મૌન બની ને , અંદર અંદર પોતે જ સળગી રહી છું, હે નાથ, બહાર થઈ શાંત છું, પણ અંદર વિચારો ના વાવાઝોડા એ ઘેરાઈ ગઈ છું 😊😇🩶

Kirti kashyap

"खुद से हार कर" हर रोज़ ख़ुद से थोड़ा-सा हार कर आए, हम ज़िंदगी से यूँ ही तकरार कर आए। ख़ामोशियों ने बोलना जब सीख लिया, हम अपने दर्द को लफ़्ज़ों में संवार कर आए। जो ख़्वाब आँखों में थे, आँखों ही में रहे, हम दिल-ए-अरमानों को यूँ मार कर आए। किसी की एक नज़र उम्र भर का क़र्ज़ बनी, हम अपने आप को उस पर निसार कर आए। बहुत तलाश किया हमने अपने होने को, जहाँ मिले नहीं ख़ुद को, वहीं ठहर कर आए। न था कोई नाम-ओ-निशां उसके दिल में मेरा, “कीर्ति”, जब एहसास हुआ तो नकार कर आए। Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️

NetramEyeCentre

Delivering eye care where it matters the most. 👁️🤝 Team successfully conducted a community eye screening camp at Dakshinpuri, reaching a large number of people and identifying critical eye care needs at an early stage. 📊 Camp Highlights: • Total OPD: 209 patients screened • Cataract cases identified: 10–15 • Other specialised referrals: 25 Early detection can change lives—and through our outreach initiatives, we continue to bridge the gap between communities and quality eye care. At Netram Eye Foundation, Dr.Anchal Gupta our commitment goes beyond treatment—we work towards prevention, awareness, and accessible eye health for all. #EyeCareOutreach #CommunityHealthInitiative #VisionAwareness #CataractCare #Besteyehospital #Fastestsurgeon #PreventBlindness #HealthcareWithPurpose #Dranchalgupta #NetramEyeFoundation #SocialImpact

NetramEyeCentre

Community eye care isn’t just about numbers—it’s about reaching the people who need it the most. 👁️🤝 Our Team successfully conducted an eye screening camp at Madangir, delivering accessible and timely eye care to the community. 📊 Camp Highlights: • Total OPD: 110 patients screened • Cataract cases identified: 8–10 • LASIK counselling & cases: 2 • Other specialised referrals: 12 Each screening is a step towards early diagnosis, timely treatment, and better quality of life. At Netram Eye Foundation, Dr.Anchal Gupta we remain committed to strengthening community outreach and making quality eye care accessible beyond hospital walls. Together, we move closer to a future of clearer vision for all. ✨ #CommunityEyeCare #EyeHealthAwareness #VisionForAll #OutreachProgram #PreventableBlindness #CataractAwareness #LASIKCare #Besteyehospital #Fastestsurgeon #NetramEyeFoundation #HealthcareImpact

archana

मुझसे हर वक़्त औरों की तुलना की गई, मेरी मेहनत, मेरी नीयत भी तौली गई। छोटी-छोटी बातों पर हंसी उड़ाई गई, मेरी सादगी, मेरी सच्चाई भी कहानी बना दी गई। रंग-रूप पर तंज, हर कदम पर ताना, मेरी ईमानदारी को भी बना दिया बहाना। कहा—“इतना अच्छा कोई होता नहीं, ये तो दिखावा है”, सचाई को ढोंग कहा, यही उनका नया नकाब है। पर सुन लो दुनिया— मैं न टूटी हूँ, न झूठ का हिस्सा बनी हूँ, मैं अपनी सच्चाई पर आज भी उतनी ही ठहरी हूँ। जो सच्चे होते हैं, वही ज्यादा चोट खाते हैं, पर वही इतिहास में खुद को सच्चा साबित कर जाते हैं। कल जो हंसे थे, एक दिन शर्माएंगे, मेरी सच्चाई को समझकर सिर झुकाएंगे। मैं वही रहूँगी—सीधी, सच्ची, साफ़, और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत का इख़्तियार। ✨

jighnasa solanki

GOOD MORNING Everyone 🌻☕🌻 માને પોષ સુદ આઠમનો દિવ્ય શણગાર. રખોપા આઈ ખોડિયારના. 🙏🌹 જય જોગમાયા 🌹🙏

Dada Bhagwan

શંકા એટલે શું? પોતાના આત્માને બગાડવાનું સાધન. - દાદા ભગવાન વધુ માહિતી માટે અહીં ક્લિક કરો: https://dbf.adalaj.org/QvQDpBLN #quote #quoteoftheday #spiritualquotes #spirituality #DadaBhagwanFoundation #DadaBhagwan

Deepak Bundela Arymoulik

स्टेटस में आग, प्रोफाइल में क्रांति, और ज़िंदगी सामने आए तो आवाज़ गले में मर जाती है। मोहब्बत अगर मिल जाए तो वही ज़िंदगी बना देते हैं— उसी के लिए सपने, शब्द, वादे, पूरी कायनात लिख डालते हैं। और जब मोहब्बत टूटती है तो दर्द बहाने के लिए पूरी टाइमलाइन छोटी पड़ जाती है, हर पोस्ट एक आँसू बन जाती है। पर जब समाज का दिल टूटता है, जब हक़ कुचले जाते हैं, तब ये लोग नेटवर्क खोजते हैं, तब रीच ज़्यादा ज़रूरी हो जाती है। दिल टूटा तो शायर, हक़ टूटा तो दर्शक— ये वही कलमें हैं जो अपने दर्द पर चीखती हैं और दूसरों के दर्द पर म्यूट हो जाती हैं। मोहब्बत ने इन्हें जिंदा रखा, डर ने इन्हें मरा हुआ। सोशल मीडिया पर साँसें, असल ज़िंदगी में ज़िंदा लाश। जो अपने लिए नहीं बोले, जो सच के लिए नहीं जले— वो दिशा नहीं देते, वो बस ट्रेंड के पीछे खुद को घसीटते हैं। आर्यमौलिक

Shailesh Joshi

પ્રભુ હંમેશા આપણા સૌની પાસેને પાસે, ને સાથેને સાથે જ હોય છે, એતો કોઈ કોઈ વાર, જાણતા અજાણતા આપણા અમુક એવા ખોટા વિચારો, કે પછી એવા કોઈ કર્મો જ આપણને પ્રભુથી દૂર લઈ જાય છે. બસ આપણે જો એનું ધ્યાન રાખીશું, તો ની:સંકોચ પ્રભુ આપણું પણ પુરતું ધ્યાન રાખશે, રાખશે ને રાખશે જ 🙏 - Shailesh Joshi

Nisha ankahi

जिसे छूकर हाथ पवित्र हुए, वो छुअन रूह तक उतर गई। अर्पण किया था जल नम आँखों से, और आत्मा भीगकर निखर गई। - Nisha ankahi

jetha malde

ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ ઊગે છે શું? જરા તપાસી તો જોઈએ એમાં કાંઈ બહુ ઝાઝું નહીં જ જોઈએ કે નહીં એમાં બહુ સામટું કાંઈ ખોઈએ બસ બે એક મીઠાં બોલ ને એક મીઠી નજર નજરમાં સહજ નેહ,ને બોલમાં વાસંતી સમર સમરને પાનખર તણી ઝાંકળની વાત કહીએ હેતાળ હથેળીમાં ઝાંકળના નીર ભરી જોઈએ મીંઢા મુક્કા ને ચાલને અંજલિ બનાવી જોઈએ ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ વિરાટની વાટ તો બહુ વસમી છે વ્હાલા ભૂલા પડશું તો નાહક ના ભટકશુ ઠાલાં આ ભોમિયા'ય રસ્તા બતાવે છે, પોતે ચીતરેલા ને ગણાવેશે "ઈશ" એને, છે પોતે ધૂળમાં કોતરેલાં મૂકી વૈરાટ,ચાલ વામન ને ગળે લગાવી જોઈએ ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ ગણવા જોડવાની આંહીં રૂડી રીત દોડે છે માંજારી નું ઠીકરું આંહીં મૂષક માથે ફોડે છે શબ્દો ના ટાંકા મારી ખાલી પહેરણ દોડાવે ખાલી ખિસ્સામાં આખો કુબેર ભંડાર ગણાવે ફક્ત લખે કે વખતે જીવે છે એવું,ચાલ જેઠાને પણ અજમાવી જોઈએ ચાલને થોડું જરા વ્હાલ વાવી જોઈએ

Saroj Prajapati

मामूली सी चोट का बना तमाशा लोग पीट देते ढोल और जिन्हें लगी यहां गहरी चोट वो रहते अक्सर मौन।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati

Mamta Trivedi

https://www.instagram.com/reel/DS1Y5jukirW/?igsh=ZmxpZmRrZGxmMnpn ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

Jyoti Gupta

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Parmar Mayur

जिसका जाना तय है, वह जाएगा ही। फिर वो कोई इंसान हो, चीजें हो, वक्त हो, या कलैंडर की तिथियां। बस सब जाएगा, वक्त के साथ ही यह सब वक्त के गुलाम हैं। जिनको जो वक्त मिला उसको जी लिया, बस, वहीं उसने जी लिया, हमेशा संभावनाएं संभावित ही होती है। जिंदगी खुशियों से जीना है तो गिले -शीकवे, ईर्ष्या, क्रोध को त्यागना होगा। काले बादल हटने से ही सुर्य की सोनेरी किरणें दिखती है।

Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏 🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

Soni shakya

🙏🙏ओम् नमः शिवाय 🙏🙏

Awantika Palewale

નજાકત એવી કે શબ્દો પણ શરમાય જાય, નજર ઊઠે તો મૌન પણ કશું બોલી જાય. હળવાં હાસ્યમાં છુપાયેલો સદીઓનો અર્થ, એક પળમાં દિલના દરિયા બની વહી જાય. પાયલના નાદ જેવી ચાલ એની એકદમ શાંત, જો પગલાં પડે એનાં સમય પણ થોભી જાય. એ ન બોલે તો પણ વાતો લખાય હવામાં, એની ખામોશીથી શોર પણ સમાય જાય. હેતની અદા જ એવી નિરાલી કે જગ જીતી લે, દૂર રહે તો પણ હૃદયની સદા આસપાસ વહે.

Deepak Bundela Arymoulik

आज सोशल मीडिया पर लेखकों के लिए उपलब्ध अधिकांश ऐप्स, लेखन के हर रूप से केवल अपनी कमाई निकालने में लगे हुए हैं। विडंबना यह है कि वर्षों से मौजूद लेखकों की रचनाएँ भी अब प्रीमियम के बिना सीमित कर दी जाती हैं। मुझे स्पष्ट रूप से याद है कि 7–8 वर्ष पहले, जब मैंने Kuku FM, Quotes और Matrubharti जैसे प्लेटफॉर्म जॉइन किए थे, तब इनका रवैया बिल्कुल अलग था। उस समय बिना किसी प्रीमियम के कहानियाँ, कविताएँ और कोट्स प्रकाशित किए जा सकते थे। ऐप संचालक विज्ञापनों से आय अर्जित करते थे और लेखकों को कम से कम स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अवसर मिलता था। आज स्थिति यह है कि नए और पुराने लेखकों में कोई अंतर नहीं किया जाता। वर्षों की साधना और अनुभव रखने वाले लेखक और आज आए नए लेखक—दोनों को एक ही पंक्ति में खड़ा कर दिया गया है। यह व्यवहार न तो न्यायसंगत है और न ही स्वीकार्य। सच यह है कि लेखकों के बिना ये ऐप्स अस्तित्व में ही नहीं रह सकते, फिर भी लेखक सबसे उपेक्षित वर्ग बना हुआ है। यदि ऐप संचालक चाहें तो कम से कम लेखक की पोस्ट पर मिलने वाले लाइक, कमेंट और रीड्स के आधार पर प्रोत्साहन या पारदर्शी लाभ-साझेदारी तो दे ही सकते हैं—पर ऐसा कहीं देखने को नहीं मिलता। यहाँ शब्दों और साहित्य से अधिक प्राथमिकता ऐप संचालकों की कमाई को दी जाती है। लेखक खुश हो जाता है यह देखकर कि आज उसकी पोस्ट पर इतने लाइक और कमेंट आ गए, लेकिन सच्चाई यह है कि न लाइक से लोकप्रियता मिलती है, न उससे कोई वास्तविक आमदनी होती है। कई प्लेटफॉर्म पर दिखाया जाने वाला कुल लाइक और व्यूज़ का आँकड़ा भी अक्सर कंप्यूटर-जनित और पूर्व-नियोजित खेल मात्र होता है, जिसके सहारे लेखकों को यह भ्रम दिया जाता है कि वे आगे बढ़ रहे हैं—जबकि वास्तविक लाभ कोई और ही उठा रहा होता है। अंततः यह सब लेखकों की स्वयं की चेतना और सोच पर निर्भर करता है। क्योंकि यदि आपकी मेहनत की कमाई कोई दूसरा खा रहा है और आप केवल लाइक-ग्राफ में उलझे हुए हैं, तो आप अपनी सबसे कीमती पूँजी—समय और प्रतिभा—दोनों व्यर्थ कर रहे हैं। अब निर्णय आपको करना है— सिर्फ दिखावे की सराहना चाहिए या अपने लेखन का वास्तविक सम्मान। ---

Imaran

😂imran 😂

jetha malde

मन और बुद्धि की भी कभी जन्मोंत्री मिला लेंना जिसके गुण न मिले उससे जल्द बिदा ले लेना सिर्फ रकीबों को ही नहीं कभी हबीबो को भी आज़मा लेना दुश्मन अगर खानदान निकले तो पहले उसे मना लेना कभी कभी खा जाओ उसे,जो सर ऊंचा रखना हो तो मुंडी नीचे रख के खाने से, ज़्यादा अच्छा है ठोकरें खा लेना दूध में मक्खन है,पर वह चाबुक से नहीं निकाला जाता मथनी ढूंढो यारों, जहां जो रस्म चले उसे आज़मा लेना सिर्फ इश्क में नहीं,अनदेखी में,नफ़रत में भी प्यार होता है बिना बरसात,बिना बादल,आता नहीं बिजली को गरज लेना जेब अगर भर जाए तो,सीना तान लेती है,पर दिल पे बोझ देती हैं अपनी सेहत के वास्ते भी अपने दोस्तों से पेहरन बदल लेना बहुत सोचने को मजबूर कर दे जेठा,ऐसी ख्वाहिशों से गुरेज अच्छा जंजीर बांध कर दौड़ में धकेल दे ऐसी पहेली से पहले से मुंह मोड़ लेना

jetha malde

मन और बुद्धि की भी कभी जन्मोंत्री मिला लेंना जिसके गुण न मिले उससे जल्द बिदा ले लेना सिर्फ रकीबों को ही नहीं कभी हबीबो को भी आज़मा लेना दुश्मन अगर खानदान निकले तो पहले उसे मना लेना कभी कभी खा जाओ उसे,जो सर ऊंचा रखना हो तो मुंडी नीचे रख के खाने से, ज़्यादा अच्छा है ठोकरें खा लेना दूध में मक्खन है,पर वह चाबुक से नहीं निकाला जाता मथनी ढूंढो यारों, जहां जो रस्म चले उसे आज़मा लेना सिर्फ इश्क में नहीं,अनदेखी में,नफ़रत में भी प्यार होता है बिना बरसात,बिना बादल,आता नहीं बिजली को गरज लेना जेब अगर भर जाए तो,सीना तान लेती है,पर दिल पे बोझ देती हैं अपनी सेहत के वास्ते भी अपने दोस्तों से पेहरन बदल लेना बहुत सोचने को मजबूर कर दे जेठा,ऐसी ख्वाहिशों से गुरेज अच्छा जंजीर बांध कर दौड़ में धकेल दे ऐसी पहेली से पहले से मुंह मोड़ लेना

Parag gandhi

*હું જ અર્થ* *હું જ અનર્થ ,* *..... વ્યર્થ પણ હું !* *માત્ર ઇશ્વરનો સાથ હોય ત્યારે જ* *" સમર્થ " હું.....* 🌹

jetha malde

वो आती है तो, उसको आने दो ज़रा भी रोकना मत उलझ जाएंगी घबराकर,रास्ते में कहीं उसे रोकना मत काई बार आई वो मेरी देहलीज पर,मगर मिला ही नहीं मैं अब सीधे पते पर ही आ गई, तो उसे ज़रा भी टोकना मत मिल लेने दो उसे, गले, दिल से,या तेज-तर्रार शरारती नैनों से, कहीं पे रुकती नहीं वो जरुरत से ज्यादा, तो अनाप-शनाप भोंकना मत मेरा बिगाड़ेगी कुछ भी नहीं,इतनी बुरी भी नहीं है वो मासूम फिर कभी नहीं आएगी इधर, तो इधर उधर की सोचना मत तुम्हारे दिए हुए सब, तुमको देकर जाएंगी, सर,सरताज,सब,, , वर्ना भी कुछ ले जाये,तो मांग लेना उससे,ज़रा भी शर्माना मत वो भी ले लेना जो तुमने दिया था अश्क अकराम, शोहरत शबाब सब वो तो मेरी रूह की तलबगार है,उसे मेरे रूह से बिछडवाना मत सारी जिंदगी उसके इंतजार में बैठे रहा, तभी लो अब आई और हंसके बोली कभी झुका नहीं तु जेठा,मैं मोत हूं तो क्या? मेरे सामने भी सर झुकवाना मत

Dr Darshita Babubhai Shah

मैं और मेरे अह्सास तन्हाई तन्हाई से शिकायत है तो मर क्यूँ नहीं जाते l इतने ही थक गये हों तो गुज़र क्यूँ नहीं जाते ll किसे घबराते हो और किस बात का है डर l नजरों से उतरे दिल से उतर क्यूँ नहीं जाते ll "सखी" डो. दर्शिता बाबूभाई शाह

Abhishek Kunehadiya

मैं और मेरी तन्हाई, अक्सर मुझे बातें करती हैं

Aruna N Oza

congratulation bhaiyon

S Sinha

Life is a book of infinite pages . Every single page BAD or GOOD is a necessary part of the story that makes us what we are today . Everyday we can learn something . So never CLOSE the book in haste as your BETTER chapter is yet to come .

Kaushik dave

🌅 Good Morning 🌅 उठ जा अब ख्वाबों से बाहर निकलने का वक्त है, जो सोच लिया है उसे करके दिखाने का वक्त है। हार मानना तेरी फितरत में नहीं है, आज फिर खुद को साबित करने का वक्त है। – Kaushik Dave

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

प्रियभाषी मिलते बहुत, इनकी है भरमार। हितभाषी पर जगत में, मिलते हैं दो चार।। दोहा--374 (नैश के दोहे से उद्धृत) ----गणेश तिवारी 'नैश'

वात्सल्य

તારી સાથે ગમતું'તું પણ તને ક્યાં ગમ્યું મારી સાથ !! હવામાં ઊડતી'તી તુ!! હું તો જમીન પર ડગ ભરતો'તો. તારું ઉડવું આકાશે છતાં ડગલું ધરતી પર કરવું પડતું!! મારે તો ધરતી પ્રત્યે પ્રેમ હતો ત્યાં ના બીક નીચે પડવાની.. - વાત્સલ્ય - वात्सल्य

Mamta Meena

कुछ तकलीफें ऐसी होती है जो भुलाई नहीं जाती और ना कम होती है। हम जिंदगी में आगे तो बढ़ जाते हैं लेकिन कामयाबी भी जब अपनों का साथ ना हो तो तकलीफ दे ही जाती है।

Vikash Kumar

जीना कितना आसान है घोड़े बैल कुल्हण अब नुमाइश का सामान है इस रंग बदलती दुनिया में जीना कितना आसान है भूसा वाला बखारी देखो सजावट का सामान है इस रंग बदलती दुनिया में जीना कितना आसान है सौवे निनाबे पढ़ायेंगा कौन इस हैन्ड्रेड वाली दुनिया में कैप पहना के भेजा था टोपी पहना के भेजा है कुछ मिट गया कुछ मिट जाएगा जरूरत का सिद्धांत है इस रंग बदलती…… जेब काटने वाले पूछें जेब में कुछ है कि नहीं ऐसे बदल रहीं है दुनिया शर्मों-हया है कि नहीं कुछ लुट गया कुछ लुट जाएगा हाथ लगाने का विज्ञान है इस रंग बदलती………. चार दिन का बखेड़ा है फुटपाथ को जिलाना है अगले चार दिनों में ही तय इसका मर जाना है कुछ खप गया कुछ खप जाएगा अतिक्रमण का सिद्धांत है इस रंग बदलती दुनिया में……. - Vikash Kumar

Vikash Kumar

मच्छर मक्खी प्यारे इस दूनिया में जितने है मच्छर मक्खी प्यारे उससे ज्यादा देखो उसको भगाने वाले आये कोई टाई लटकाए कोई बिना लटकाए चूहे,छिपकली की भी देखो शामत आए इस दुनिया में ….. एक ना भागे मच्छर ना एक ना भागे मक्खी चूहे छिपकली की भी बढ़ती जाए सक्खी कंधे पे बैग लटकाये पब्लिक को चूना लगाये देखो गली में आए गले में टाई लटकाये इस दुनिया में….. कोई धूंआ से भगाये कोई लिक्विड से भगाये कोई जाल में फंसाए जंजाल में कोई फसाये कोई फसाए प्यार से कोई बहलाए-फुसलाए टाई-बैग के बीचों-बीच देखो पीसता यौवन जाए इस दुनिया में…… - Vikash Kumar

Vikash Kumar

टूटा बोतल कौन पढ़ेगा किताबे इस भाग दौड़ की दुनिया में टूटा बोतल देकर देखो है भेजे स्कूल में खाके चाहे पी के ना आओ भिड़ जाओ स्कूल में टूटा बचपन छूटा जवानी आपाधापी स्कूल में कहां कहां से घुमा के मंजिल फिर लायी स्कूल में छूट गया सो पाठ पढ़ाया घुमा-घुमा स्कूल में टूटा बोतल… अब ना ढूंढूंगा दुनिया को दुनिया को मुझे ढूंढने दो सीकर कपड़ा करु गुजारा राम नाम में डूबने दो जिसको ढूंढ़ा गली-गली वो अपने ही पास मिली हेरत हेरत हे सखी पांव पंक में धंसी मिली टूटा बोतल…. इतना पड़ों ना चक्कर में इस दुनिया के प्यारे मधुशाला तक को ना पूछा जे प्याला ले के भागे हर कली के भाग में है फूल ही हो जाना महका के इस बगिया को चिर निद्रा सो जाना टूटा बोतल…. चिट्ठा चढ़ा के भुट्टा खिलाना यहां आता सबको खूब है ऐसे धीरे से खिसकना देखो कितना खूब है गिट्टी से ना निकला पर पत्थर से हां निकलेगा ठोक पीट कर गया तराशा मूरत बनके निकलेगा टूटा बोतल…..

Bitu

जब अच्छा बन कर अच्छाई ना मिले तब बुरा बनकर बुराई लेने में क्या बुराई है जनाब... - Bitu....

Bhavna Bhatt

#સ્વરચિત ગીત...

Kirti kashyap

"इश्क़ नहीं, समझ" मुझे चाहिए कोई मेरा ही सरीखा हो, जो मेरे टूटने का भी गवाह हो। जो भीड़ में भी तन्हा समझ सके मुझे, मेरी ख़ामोशियों का भी जिसे पता हो। न पूछे बार-बार वजह उदासी की, मेरे रोने में भी जो हमनवा हो। न समझाए मुझे सब्र के क़ायदे, मेरे बिखरने का भी जो आशनाँ हो। “कीर्ति”, ये इश्क़ की आरज़ू नहीं है, बस यही इल्तिज़ा थी, वो मेरे जैसा हो Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️

Bk swan and lotus translators

The change from "Vanara" to "Vana Veera" is a recent event specifically related to a Telugu film scheduled for release on January 1, 2026. According to the director and producers, the title was changed just days before the release due to objections from the Central Board of Film Certification (Censor Board). Why was the title changed? * Religious Sensitivity: The Censor Board noted that the term Vanara is deeply associated with Lord Hanuman and the sacred monkey warriors of the Ramayana. * Sensitive Themes: The film reportedly deals with sensitive topics like caste and politics. The board felt that using a title with such a strong religious connotation for a film with potentially controversial modern themes might hurt religious sentiments or lead to misunderstandings. * Compromise: To avoid legal hurdles or delays so close to the release date, the makers renamed the film "Vana Veera" (which translates to "Forest Hero" or "Warrior of the Forest"). About the Movie * Lead Role: It marks the debut of Avinash Thiruveedhula as both the hero and the director. * Genre: It is described as a mythological rural drama that combines emotional depth with modern elements (like a bike theft that changes the protagonist's life). * Production: The team expressed disappointment over the last-minute change, noting the financial strain it puts on a small production to update all promotional materials (posters, trailers, and digital assets.

kajal jha

जिसे इंसान से प्यार होगा, वो चेहरे से पहले दिल को जानना चाहेगा। - kajal jha

इंदर भोले नाथ

तुम मिलो और एक नजर का तकाज़ा न हो

pink lotus

nazariya|| "कर्म और भक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं। जब कर्म शुद्ध भाव, साफ़ नीयत और बिना लोभ के किया जाता है, तो वही कर्म भक्ति बन जाता है। और जब भक्ति निष्काम भाव से की जाती है, तो वही स्वयं कर्म का रूप ले लेती है।” by:pinklotus 🌸❣️ om shiv gorksh aadesh 🙏

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

વિષય: નવજીવન શીર્ષક: "કૂંપળનો વિશ્વાસ" પ્રકાર: અછાંદસ કાવ્ય ​ખરી પડ્યાં છે પાનખરના જીર્ણ વસ્ત્રો, હવે ડાળીઓ સાવ નિર્વસ્ત્ર છે, પણ...લાચાર નથી. કારણ કે આ ખાલીપો જ તો આમંત્રણ છે, નવી મોસમનું...! ​નવજીવન એટલે શું? ફક્ત શ્વાસનું ચાલવું? ના. નવજીવન એટલે...! ગઈકાલના કાટમાળ નીચે દબાયેલા હોવા છતાં, સૂરજના કિરણને પકડવા માટે, સિમેન્ટની તિરાડ ચીરીને બહાર આવતી, એક નાનકડી લીલી કૂંપળનો જીદભર્યો પ્રયાસ! ​જૂની ડાયરીનાં પાનાં હવે ભરાઈ ગયાં છે, એને પસ્તીમાં આપી દેવી છે. હવે હાથમાં છે એક કોરો કાગળ, અને કલમમાં છે...અનુભવની નવી શાહી. ​રાખમાંથી બેઠા થવું એ ચમત્કાર નથી, પણ રાખને જ ખાતર બનાવી, એમાં સ્વપ્નનું નવું બીજ રોપવું, અને એના પર ભરોસો કરવો, બસ, એ જ તો છે સાચું "સ્વયમ્'ભૂ" નવજીવન! અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ્'ભૂ"

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

વિષય: "સર્જકને ગમતી રચના" શિર્ષક: "સર્જકના હૃદયનું ઉદબોધન" પ્રકાર: અછાંદસ કાવ્ય ​હું સર્જક છું. મારું હૃદય એ કાવ્ય છે જે ધબકે છે પ્રેમ બની, કરુણાની સરવાણી બની વહે છે જ્યાં સત્યનો સૂર્ય અજવાળે છે પથ, અને સાહિત્યના શબ્દો બને છે વાચા. ​વિશ્વની રગોમાં વહેતું સંગીત મને સંભળાય છે, એક વૃક્ષના પાનખરમાં, એક પક્ષીના કલરવમાં, સાગરના મોજાંના ઉછાળમાં, પ્રકૃતિના ખોળામાં હું શોધતો રહું છું હૂંફ. ​મારી લાગણીઓ, આ ચારણી સાહિત્યના રંગો જેવી છે, જ્યાં જોશ છે, લય છે, અને શબ્દોમાં સમાયેલો ઇતિહાસ. દરેક ઉદબોધન મારું, એક સંદેશ બની ગુંજે છે કાળના અનંત આકાશમાં. ​આ દુનિયા, ભવિષ્યની ચિંતાઓમાં ઘેરાયેલી, ક્યાંક યુદ્ધના ભણકારા, ક્યાંક પર્યાવરણનો પોકાર. મારું સર્જન એ માર્ગદર્શન બને, જે ભયને ભેદીને આશાનો દીપ પ્રગટાવે, અને કહે, હે માનવ! પ્રેમ જ પરમ સત્ય છે, કરુણા જ સર્વશ્રેષ્ઠ માર્ગ છે. ​આપણે સૌ એક છીએ, આ ધરતીના સંતાન. ચાલો, હાથમાં હાથ મિલાવીને એક સુમધુર સંગીત રેલાવીએ, જ્યાં કોઈ ભેદ ન હોય, ફક્ત માનવતાનો જયઘોષ હોય. આ મારું સપનું છે, આ મારું સર્જન છે, અને આ જ મારી વાચા છે, આ પ્રકૃતિને, આ વિશ્વને "સ્વયમ્'ભૂ" તરફથી.. અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ્'ભૂ"

Riddhi Mistry

થીજેલી ઠંડી માં હુંફાળો એક ખ્યાલ આપ.. રેહવાદે શાલ તારી પાસે.. એક ઉષ્મા ભરેલું વ્હાલ આપ..

S A Y R I K I N G

ख्वाइशों के बोझ तले दबा हुआ मैं ज़िम्मेदारियों को उठाते बड़ा हुआ उस चांदी के चम्मच को क्या पता किसके घर ख़ीर बनी, किसके घर फ़ाक़ा हुआ ok Doshto ja Raha hu yaha se ab life main kuch karna hai apne papa jaisa banna hai time milega toh jarur aaunga main my posting is maharashtra Amravati

jetha malde

આમ સાવ ખાનગી નથી પણ થોડી અંગત વાત છે ચોરે ચર્ચાય નહીં,પણ તને કીધા જેવી તો વાત છે ઠીકથી વિખૂટા પડતા પણ ન આવડ્યું શું કહુ એને હવે? ખુદને મુજમાં પૂરેપૂરો છોડી ગયો,એનો આ વલોપાત છે વમળમાંથી માંડ તરીને નિકળ્યો,તો કિનારે એની આંખોમાં ડૂબી ગયો એક જોશીડે હાથ જોઈ કહ્યું હતું આને માથે ડૂબવાની ઘાત છે તિમિર સામે ટકટક ન કર,બસ‌ જૂગનુને મનભરીને જોયા કર અંધકાર ઓગળી જાય અવગણના થી,જેઠા પછી મલકતું પ્રભાત છે

Bhavna Bhatt

નિખિલ મહારાજ ની ભાગવત કથા સાંભળવા જેવી હોય છે

महेश रौतेला

अगाध ममता में विराम लगना था लग गया। घूमती-फिरती ममता को थमना था, थम गयी। स्नेह का विभाजन होना था, हो गया। तुम नहीं हो मैं हूँ, रिक्तता को प्रकट होना था,हुयी। *** महैश रौतेला

Miska

My dream is waiting for me

S A Y R I K I N G

श्मशान तो मैंने उसी दिन देख लिया, जब तुमने मुझे छोड़ किसी ओर का हाथ थाम लिया, ख़ाक भी हो जाता उसी पल, बस कोई जलाने वाला न था.....!!

Roshan baiplawat

arawalli save song short video....!!!!!!

S A Y R I K I N G

हमने रिश्ते बनाए जैसे ताले बिना चाबी के, सुंदर तो बहुत थे पर खुलते किसी से नहीं थे।

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