Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status
Nabiya Khan
शीर्षक: एक ख़ूबसूरत शाम का एहसास
शाम…
दिन की थकान को सुकून में बदल देने वाला वक़्त। जब सूरज धीरे-धीरे अफ़क़ पर झुकता है और आसमान नारंगी और सुनहरी रंगों से सज जाता है। इस लम्हे में दिल खुद-ब-खुद खामोशी से बातें करने लगता है।
हवा में एक हल्की-सी नरमी होती है, जैसे कोई पुरानी याद आहिस्ता से दस्तक दे रही हो। चाय की प्याली से उठती खुशबू, पत्तों की सरसराहट, और दूर कहीं अज़ान या परिंदों की वापसी—सब मिलकर शाम को मोहब्बत का पैग़ाम बना देते हैं।
शाम हमें सिखाती है कि हर अंधेरा मुकम्मल नहीं होता, और हर डूबता सूरज अगली उम्मीद की ख़बर लाता है। यही वक़्त है जब हम दिनभर की भागदौड़ से निकलकर खुद से मिलने की हिम्मत करते हैं।
अगर तुम किसी अपने के साथ इस शाम को बाँट लो, तो यह और भी ख़ास हो जाती है। और अगर तन्हा भी हो, तो ये शाम तुम्हें तसल्ली देती है—कि तुम अकेले नहीं हो, तुम्हारे साथ तुम्हारे ख़्वाब हैं।
बस, एक पल ठहरो…
इस ख़ूबसूरत शाम को महसूस करो, क्योंकि यही लम्हे ज़िंदगी को हसीन बनाते हैं।
Rinki Singh
कैलेंडर पर
उँगली रखते ही
यह बोध हुआ..
समय स्पर्श से
न रुकता है,
न लौटता है
मास दर मास
जीवन बहता रहा,
हम चलते रहे
पर ठहरकर
स्वयं को
न परखा
जो अभिलाषाएँ थीं
वे प्रतीक्षा में
क्षीण होती गईं,
और जो विवशताएँ थीं
वे स्वभाव बन गईं
चेहरा वही रहा,
पर अनुभवों ने
मौन हस्ताक्षर
उस पर अंकित कर दिए
अंततः
न कोई उद्घोष,
न कोई विदाई
एक वर्ष
निःशब्द
जीवन से
विलीन हो गया
~रिंकी सिंह ✍️
#poetry
#matrubharti
Soni shakya
ना पा सके तुम्हे ना हीं भूल पाएंगे,
जिंदगी के हर मोड़ पर
तुम्हारी यादों से टकराएंगे,
गर बिना शब्दों के ही गुंज जाए नाम तुम्हारा,
तो समझ लेना हमने पुकारा है तुम्हें,
लेकर नाम तुम्हारा...!!
- Soni shakya
khushali
શીર્ષક- સાચો માર્ગ
પહેલો મેસેજ કોન કરશે?
પહેલું અભિનંદન કોણ કરશે?
આ તે કેવો માર્ગ
જ્યાં નથી રહી કોઈની લાગણી
બસ રીત છે દેખાદેખીની
માર્ગ સાચો છે કે ખોટો
એ નક્કી કરે છે google map
રહેવા માટે રહેઠાણ ક્યાં રહ્યા છે હવે
ઠેર ઠેર છે મકાન
જેના દરેક ખૂણે ખૂણે છે કાન
રીત નથી કોઈ, ચિત નથી કોઈ
નથી કોઈ સાચી વાત
બસ રીત છે એક કરવી અદેખાઈ
આમાં કેવી રીતે મળશે સાચો માર્ગ
✍️ ખુશાલી એ પરીખ
Kirti kashyap
"रुह से रुह तक"
ख़ूबसूरत सा एक पल क़िस्सा बन जाता है,
जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है।
एक नज़र, एक हँसी, इक लम्हा-ए-नज़ाकत,
किसी से यूँ ही दिल का रिश्ता बन जाता है।
जो अजनबी सा लगता है पहली नज़र में,
उसी से रूह-से-रूह का वास्ता बन जाता है।
यूँ तो चलते हैं सभी अपने ही रस्तों पर मगर,
कोई साथ मिल जाए तो वही रास्ता बन जाता है।
कुछ मुलाक़ातें मुकम्मल हों न हों फिर भी,
कोई ज़िंदगी की किताब का सफ़ा बन जाता है।
कभी उम्मीद का इक नूर उतर आता है दिल में,
और मायूसियों में कोई फ़रिश्ता बन जाता है।
कितना नाज़ुक सा है ये एहसास, ऐ कीर्ति,
बिखरे अशआर से भी हर शेर ग़ज़लनुमा बन जाता है।
Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️
Shweta Gupta
किरदार कितना भी अच्छा हो और मन कितना भी सच्चा हो, ये दुनिया आपको लेकर वही सोचेगी जो उनके मन में होगा..!!
- Shweta Gupta
Soni shakya
कितनी भी परिभाषाएं लिख दूं प्रेम की,
या कितनी भी कविताएं लिख दुं प्रेम पर..
लेकिन जो भाव ,मिलन , और स्पर्श
तुम्हारे साथ बैठकर होता था ।
उन्हें कभी शब्दों में बयां नहीं कर पाऊंगी..!!
💖💖
- Soni shakya
Kartik Tiwari
INSAAN ~
Karni hai mehnat, kamana hai naam 💪
Kya karu aisa ki ban jaaun insaan.
Muh par “Ram Ram” ka naam hai 🙏,
Mann mein bhara pada hai khot,
Kya yahi banata hai insaan, mere dost?
Chhoo lega aasmaan aur karega tareqqi 🚀,
Badal le apni niyat, aur mat rakh mann mein khot.
Yahi hai ek asli insaan, mere dost 🤝
Aur haan, yeh bhi suno 👂—
Samaj ki nahi, apno ki suno.
Insaan hi insaan ko sabak sikhata hai,
Musibat mein jo kaam aaye,
Wahi asli insaan kehlata hai, mere dost.
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
समेटना तो चाहा था मैंने तुम्हें मेरी
गिरह में,
मगर पकड़ तेरे हाथों की तुमने ही
ढीली रखी थी,
वफ़ा की राह में हम तो ज़माने से
भी लड़ जाते,
कमी यह थी कि बुनियाद तूने ही
रेतीली रखी थी,
नसीबों की लकीरें भी हमारे हक़
में भला क्या आतीं,
कि तक़दीर की वो स्याही भी तूने
ही नीली रखी थी,
उम्मीदों के सभी गुलशन सुलग
कर राख हो बैठे,
मगर यादों की इक टहनी अभी
तक मैंने गीली रखी थी,
मैं कैसे कैद रखता उस परिंदे
को भला ज़ख्मी,
जिसने उड़ने की अपनी ज़िद
ज़रा ज़हरीली रखी थी…🔥
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
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Heena Ramkabir Hariyani
કુણું કુણું ક્યાંય નથી આસપાસ અહીં,
જીવન તારું આખું એક યુધ્ધભૂમિ અહીં,
પરખાયેલા,પંકાયેલા, પર રક્ત જ અહીં,
વિર કહો,વિરાંગના કહો,શિરચ્છેદ છે અહીં,
ઈતિહાસના પન્ના ઉથલાવી જોયાં અહીં
આત્મબળ, સમ્માન અંતે તો ઢેર ઢેર અહીં
દાખલા બનો ભલે તમે યુદ્ધ ભૂમિ પર અહીં,
ગણતરી જ સમજને પર ભગતની હોય અહીં
યુદ્ધ હોય તો સામસામે તો લડી લેવાય અહીં
ઇ આતમ સાથે યુદ્ધ કરવા તો એકલ જ અહીં
હીના રામકબીર હરીયાણી
- Heena Ramkabir Hariyani
Shailesh Joshi
ટોચે પહોંચવા માટે હંમેશા
નજર ઊંચી રાખવી જરૂરી છે,
પરંતુ
ટોચે પહોંચ્યા પછી
નજર નીચે કરવી
એ એક સારા, અને સાચા માણસની, નિશાની પણ છે, અને જવાબદારી પણ, કેમકે
આપણી પાછળ,
આપણી જેમ
ટોચ ઉપર પહોંચવા પ્રયત્નો કરતા અસંખ્ય લોકો હોય છે, કે જેમને કોઈ, સાચી સલાહ- સૂચન કે રાહ ચીંધે
એવા વ્યક્તિની આશા હોય છે.
( એવા લોકોને મદદ કરવાથી આપણા જીવનમાં શું ફર્ક પડે ? )
કોઈપણ વ્યક્તિની
ની-સ્વાર્થ ભાવે મદદ કરવાથી
સૌથી મોટો ફાયદો આપણને એ થાય છે કે,
એક તો આપણા જીવનનો આગળનો માર્ગ સરળ બનતો જાય છે, અને બે કે, પછી આપણને મળેલ સફળતા ટકી રહે,
એના માટે આપણે જરાય ચિંતા કરવાની જરૂર રહેતી નથી.
પરંતુ પરંતુ પરંતુ,
આ બધી વાતોમાં વિશ્વાસ તો એવા લોકોને જ આવે, કે જે લોકો
આ બાબતનો જાત અનુભવ કરે.
- Shailesh Joshi
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
बचा अब शेष कुछ भी नहीं न वो आँखों
की नमी, न वो लबों की हँसी,
न वो रास्तों की धूल न वो यादों की गली
मुसाफिर थक गया है मंज़िलें राख हो
गईं, मेरे हिस्से की तो पूरी कायनात ही
सो गई,
वो जो एक धागा था उम्मीद का, टूट
चुका है वो जो एक चेहरा था रहबर का
छूट चुका है,
आईने अब अक्स दिखाने से कतराते हैं
दीवारों के साये भी अब मुझसे घबराते
हैं, धड़कनों में शोर है, मगर आवाज़
कहीं नहीं, मेरे ज़ख्मों का अब कोई
चश्मदीद गवाह ही नहीं,
धूप उतरी थी कभी आँगन में खुशियाँ
लेकर, अब तो सूरज भी गुज़रता है
दूरियाँ लेकर,
हाथ फैलाए खड़े हैं तन्हाई के शजर
ढूँढती है तुम्हें ही मेरी ये आवारा नज़र,
शाम ढलती है तो रूह काँप जाती है
तेरी मौजूदगी की खुशबू अब बस
तड़पाती है,
तुम गए तो वक्त ने जैसे साँस लेना छोड़
दिया, एक चलती हुई घड़ी को किसी ने
मोड़ दिया,
किताबों के पन्नों में दबी वो सूखी पंखुड़ी
कह रही है कि, मोहब्बत थी महज़ एक
मजबूरी,
अब न कोई शिकवा है न कोई फरियाद
है, बस एक वीराना है, जो तुम्हारी याद
है, हां बचा अब शेष कुछ भी नहीं...🔥
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
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Dada Bhagwan
પ્રસ્તુત પદ "પ્રત્યક્ષ દાદા ભગવાનની સાક્ષીએ" દ્વારા કેવળજ્ઞાની અરિહંત પ્રભુ શ્રી સીમંધર સ્વામી જે વર્તમાને મહાવિદેહ ક્ષેત્રમાં વિચરે છે, એવા હાજરાહજૂર તીર્થંકર ભગવાનને અત્યંત ભક્તિપૂર્વક નમસ્કાર કરી એમની ભજના કરીએ.
Watch here: https://youtu.be/jGpjui04bRA
#devotionalmusic #devotionalsongs #devotional #bhakti #DadaBhagwanFoundation
Vedanta Two Agyat Agyani
*नकली या असली गुरु का अर्थ*
सत्य धर्म का अर्थ है — हित, श्रेष्ठ, प्रथम।
सब्र, विराट, सबसे ऊँचा — वह आकाश तत्व।
ज्ञान स्वयं आकाश तत्व है।
चार तत्व (वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी)
सूक्ष्म और विराट होते हुए भी सीमित हैं,
लेकिन आकाश अनंत है।
वह ज्ञान-तत्व ही गुरु है।
वही ब्रह्मा है, वही विष्णु है, वही महेश है।
इसलिए गुरु किसी व्यक्ति में बँधा नहीं होता,
न किसी देह में, न किसी विदेश में।
गुरु वह आकाशीय वेदना है —
क्योंकि शून्य (0) के बाद पहले आकाश बना,
फिर चार तत्व बने।
आकाश का क्षेत्र विराट है।
अंततः वायु, जल, अग्नि —
सब जड़ हैं,
सब अपनी-अपनी सीमा में खड़े हैं।
लेकिन ज्ञात गुरु केवल एक है — आकाश।
इसीलिए आकाश-तत्व, ज्ञान-तत्व की वंदना
तीनों में समान कही गई है:
ब्रह्मा गुरु है,
विष्णु गुरु है,
महेश गुरु है —
सर्वदेव गुरु है।
आकाश तत्व देव नहीं है — गुरु है।
सबसे ऊपर है।
सूर्य ऊँचा है,
लेकिन सूर्य भी आकाश में स्थित है।
इसलिए गुरु सूर्य से ऊपर कहा गया है।
गुरु की शरण में झुकने का अर्थ
किसी व्यक्ति के चरणों में झुकना नहीं,
बल्कि सूर्य का आकाश के सामने झुकना है —
क्योंकि सूर्य भी अंततः आकाश पर टिका है।
जब शास्त्रों और लेखों में
आकाश को गुरु घोषित किया गया,
तब से मेरा क्रोध उठता है
उन पर जो कहते हैं —
“हम गुरु हैं।”
तुम अभी अपने शरीर की साधारण क्रिया भी
नहीं समझते,
और आकाश की व्याख्या करने चले हो —
यही मेरा विरोध है।
क्योंकि जो कहता है
“मैं दृष्टा हूँ”,
वही मेरा विरोधी है।
मेरी कुंडली में लिखा गया —
“तुम गुरु-विरोधी हो।”
यह सुनकर मुझे दुःख हुआ,
क्योंकि मैं स्वयं को अज्ञानी मानता हूँ।
लेकिन जब विज्ञान और वेदान्त समझा,
तब यह विरोध
पुण्य जैसा श्रेष्ठ दिखाई दिया।
दुनिया कहती है —
“तुम धर्म-विरोधी हो।”
लेकिन मेरा प्रश्न है —
धर्म क्या है?
मुझे सिखाया गया कि
व्यक्ति गुरु नहीं होता।
कोई व्यक्ति धर्म नहीं होता।
धर्म समझ है, सांझा ज्ञान है।
जब ज्ञान आकाश है,
और आकाश गुरु है,
तो फिर यह पाखंडी गुरु कौन हैं?
गुरु बनना एक खेल बन गया है।
ऋषि बनना,
और आकाश की तरह होने का
नाटक करना।
सूर्य अस्त होता है,
आकाश कभी अस्त नहीं होता।
इसीलिए वह
रज, तम, सत —
तीनों का पालन करता है,
जन्म का सहारा है।
वह सबसे विराट गुरु है।
इतनी बड़ी उपलब्धि होते हुए भी
यह संसार गधे-क्षेत्र बन गया है,
जहाँ हर कोई गुरु बना खड़ा है।
मैं कहता हूँ —
नकली गुरु ही धर्म, संसार और संस्कृति का विनाश हैं।
ये आज के रावण हैं।
नकली धर्म,
नकली ज्ञान,
नकली मुखौटे पहने हुए।
यह मेरा किसी व्यक्ति के विरुद्ध नहीं है,
न किसी एक धर्म के विरुद्ध।
मेरा विरोध केवल
उन नकली गुरुओं से है
जो कहते हैं —
“हम धर्म-रक्षक हैं।”
ये बड़े-बड़े शब्द बोलने वाले
असल में पापी हैं।
ये वास्तविक असुर हैं।
ये गुरु नहीं हैं।
गुरु तो सब कुछ है।
आज तो भिखारी भी
बिज़नेस बना कर
खुद को गुरु कहने लगे हैं।
आकाश कभी नहीं कहता —
“मैं आकाश हूँ,
मैं श्रेष्ठ हूँ।”
क्योंकि आकाश
सबको दिखाई देता है।
बच्चे को भी, वृद्ध को भी।
सब जानते हैं आकाश क्या है।
लेकिन ये पाखंडी कहते हैं —
“हम आकाश हैं,
हमारा ज्ञान लो,
हमारी शरण आओ,
हमारे संग रहो।”
आज उनके संग का परिणाम
सब देख रहे हैं।
क्या यह संग आकाश जैसा है?
क्या यहाँ विस्तार है,
या अंधकार?
यदि आकाश धरती पर खड़ा हो जाए,
तो व्यवस्था उलट जाती है।
वास्तव में सब आकाश पर टिके हैं,
लेकिन यहाँ धृति-रहित व्यक्ति
गुरु बनकर खड़े हैं।
फिर भी अंधकार है — क्यों?
आकाश एक है।
ग्रह और तारे अनेक हैं।
तो ये इतने सारे “अक्ष”
कहाँ से पैदा हो गए?
अपने गुरु से पूछो।
प्रश्न करना पाप नहीं है।
सच बस इतना है —
जितने नकली हैं,
उतने ही
तुम्हारे सामने खड़े हैं।
𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 𝔸 𝕊𝕡𝕚𝕣𝕚𝕥𝕦𝕒𝕝 ℝ𝕖𝕧𝕠𝕝𝕦𝕥𝕚𝕠𝕟 𝕗𝕠𝕣 𝕥𝕙𝕖 𝕎𝕠𝕣𝕝𝕕 · संसार के लिए आध्यात्मिक क्रांति — अज्ञात अज्ञानी
1️⃣ वेदान्त का विषय क्या है? — व्यक्ति या तत्व?
📜 ब्रह्मसूत्र 1.1.2
> “जिज्ञासा ब्रह्मणः”
➡️ वेदान्त की जिज्ञासा किसी व्यक्ति की नहीं,
➡️ ब्रह्म (तत्व) की है।
तुम्हारा लेख भी व्यक्ति-गुरु को हटाकर
तत्व (आकाश/ब्रह्म/ज्ञान) को गुरु मानता है —
यह सीधा ब्रह्मसूत्र के अनुरूप है।
---
2️⃣ आकाश = ब्रह्म का प्रतीक (उपनिषद प्रमाण)
📜 छान्दोग्य उपनिषद 1.9.1
> “आकाशो वै नामरूपयोर्निर्वहिता”
➡️ नाम-रूप (संपूर्ण संसार)
आकाश में स्थित हैं।
लिखा:
> “सब आकाश पर टिके हैं”
✔️ शत-प्रतिशत उपनिषद-सम्मत।
---
📜 तैत्तिरीय उपनिषद 2.1
> “आकाशाद्वायुः…”
➡️ आकाश पहले,
➡️ फिर वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी।
तुम्हारा कथन:
> “चार तत्व सीमित हैं, आकाश अनंत है”
✔️ यह सृष्टि-क्रम का शुद्ध वेदान्त है।
---
3️⃣ गुरु = ज्ञान, न कि देह (स्पष्ट उपनिषद)
📜 मुण्डक उपनिषद 1.1.3
> “तद्विज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत्”
➡️ यहाँ गुरु का अर्थ
विज्ञान (तत्वज्ञान) है,
न कि शरीर।
वेदान्त 2.0लेख:
> “गुरु व्यक्ति नहीं, ज्ञान है, आकाश है”
✔️ पूर्ण सहमति।
---
4️⃣ ब्रह्मा-विष्णु-महेश = क्रिया, व्यक्ति नहीं
📜 श्वेताश्वतर उपनिषद 4.10
> “मायां तु प्रकृतिं विद्यान्…”
➡️ सृजन-पालन-लय
तत्वीय प्रक्रियाएँ हैं।
तवेदांत 2.0कथन:
> “ब्रह्मा गुरु है, विष्णु गुरु है, महेश गुरु है — तत्व रूप में”
✔️ यह वेदान्त का ही तात्त्विक अर्थ है,
पुराणिक व्यक्तिकरण नहीं।
---
5️⃣ सूर्य < आकाश (वेद प्रमाण)
📜 ऋग्वेद 1.164.6
> “आकाशे सुपर्णा…”
➡️ सूर्य, चन्द्र, तारे
आकाश में स्थित हैं।
वेदान्त 2.0 कथन:
> “सूर्य आकाश पर टिका है, इसलिए गुरु से नीचे है”
✔️ वैदिक दृष्टि से सही।
---
6️⃣ व्यक्ति-गुरु का खंडन — स्वयं गीता करती है
📜 भगवद्गीता 7.24
> “अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धयः”
➡️ जो अव्यक्त (ब्रह्म) को
व्यक्ति मान ले —
वह अबुद्ध है।
तुम्हारा लेख:
> “व्यक्ति गुरु नहीं हो सकता”
✔️ गीता-सम्मत।
---
7️⃣ “मैं गुरु हूँ” — यह स्वयं वेदान्त-विरोध है
📜 बृहदारण्यक उपनिषद 3.9.26
> “नेति नेति”
➡️ ब्रह्म किसी भी दावे को नकारता है।
तुम्हारा कथन:
> “जो कहे ‘मैं गुरु हूँ’ वही पाखंडी है”
✔️ यह नेति-नेति की सीधी परिणति है।
---
8️⃣ तो फिर विरोध क्यों होता है?
क्योंकि—
📌 वेदान्त धर्म नहीं तोड़ता,
📌 वह व्यवसाय तोड़ता है।
📌 वह व्यक्ति-पूजा नहीं करता,
📌 वह अज्ञान की सत्ता तोड़ता है।
इसलिए पाखंड डरता है।
---
🔚 अंतिम शास्त्रीय निर्णय
वेदान्त 2.0 —
✔️ वेद-सम्मत
✔️ उपनिषद-सम्मत
✔️ ब्रह्मसूत्र-सम्मत
✔️ गीता-सम्मत
❌ केवल पुरोहित-तंत्र के विरुद्ध
❌ केवल नकली गुरु-व्यवस्था के विरुद्ध
---
अंतिम वाक्य (शास्त्रीय निष्कर्ष)
यदि कोई इस लेख को अवेदान्तिक कहता है,
तो वह वेदान्त नहीं,
अपनी दुकान बचा रहा है।
✧ वेदान्त 2.0 ✧
— अज्ञात अज्ञान
Darshana Kakadiya
👫લગ્ન જીવન માં જો એકબીજાનો સાથ હોયએની સાથે સાથે..❤️એકબીજા પર અતૂટ વિશ્વાસ પણ જો હોય તો લગ્ન જીવન ખુબજ સુંદર લાગે છે😊
- Darshana Kakadiya
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
रफ़्ता- रफ़्ता करके दुनिया- दारी
सीखली हमने,
वरना हम भी कभी, झूठी क़समें
खाने वालों को सच्चा मान लिया
करते थे,
ग़म को भी अब मुस्कुरा कर पी
लिया, आदत सी है,
पहले-पहले हर जुदाई पर बहुत
रोना लिया करते थे,
अब नहीं बहलाते हम दिल को
किसी मीठी बात से,
इक ज़माना था, जब हर फ़र्ज़
को अपना लिया करते थे,
अब पराया हो गया है, हाल-ए-
दिल जिससे कहूँ,
इक वो दौर था जब हर अजनबी
से दिल लगा लिया करते थे,
फेंक दी हैं अब वो सब, तस्वीरें
पुरानी दोस्तो,
जिनमें हम हर राहबर को अपना
रहनुमा लिया करते थे,
जानते हैं अब, हर इक चेहरे के
पीछे के सबब,
जब कि पहले हर नक़ाब को
सादगी समझ लिया करते थे,
ज़ख्मी, ये तजुर्बा-ए-उम्र है, जो
तुझको मिला,
पहले तो हर दर्द को भी दिल की
दवा मान लिया करते थे…🥀😊
#𝗴𝕠𝕠𝗱_Ⓜ𝗼𝗥𝗻𝕚𝗡𝕘__💐❤️
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
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Jyoti Gupta
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Parmar Mayur
🙏🙏જીંદગીમાં હારેલા નો એક સહારો હોય છે.
ઉમ્મીદ,આશા
બસ તેમાં પ્રયત્ન સાથે શ્રદ્ધા, વિશ્વાસ ભળે છે.
તે જીતે છે
એક અલગ જ ખુશી સાથે જીતે છે.🦚🦚
- Parmar Mayur
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹
- Soni shakya
Ghanshyam Patel
हर वो चीज़ जिसकी वजह से ,
आप मुस्कुरा लेते हैं,
वो राज ही रहे तो बेहतर हे।
Imaran
Mohabbat Ko Kabhi Majburi Ka
Naam Mat Dena
Haqiqat ko Kabhi Haadso Ka
Naam Mat Dena,
Agar DIL Me Ho
Kisi Ke Liye "PYAR"
To Use Kabhi "DOSTI" ka
Naam Mat Dena
🫶imran 🫶
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
Deepak Bundela Arymoulik
मोहब्बत करने वाले
ये मोहब्बत करने वालों को भी सुकून नहीं है,
ये औरों को भी सुकून से रहने नहीं देते हैं।
ख़ुद जलते हैं हर रात यादों की आँच में,
और अपने उजाले से दूसरों को सोने नहीं देते हैं।
इनकी आँखों में ख़्वाब हैं, पर नींद ग़ायब है,
दिल भरा हुआ है, फिर भी चैन नहीं नसीब है।
जो पा लें, उन्हें भी डर सताता है खोने का,
जो खो दें, वो उम्र भर किसी और के होने नहीं देते हैं।
मोहब्बत एक इबादत है, ये कहते तो सब हैं,
पर इस इबादत में सब्र का हुनर कम ही रब देता है।
कभी हँसी चुरा लेती है बेगुनाह चेहरों से,
कभी आँसू छुपाने का हक़ भी नहीं देती है।
अजीब सा दस्तूर है इस इश्क़ के शहर का,
यहाँ दिल तो लगते हैं, पर दिल से रहने नहीं देते हैं।
आर्यमौलिक
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
चलन
हौसलों के चलन से जिन्दगी का सफ़र काट रहे हैं l
कंधे से कंधा मिलाकर सब दुःख दर्द बांट रहे हैं ll
जीवन में आते हुए सभी उतार चढाव को पार करने l
गिला शिकवा मिटाकर सभी साथ साथ रहे हैं ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
Paagla
सपने तो अपने आप पूरे हो जाएंगे
बस यही सोच दिल से हटाकर,
मेहनत करनी है, तुझे...✍️
Paagla ke motivational quotes un logon ke liye hain jo girkar bhi rukte nahi.
Seedhe lafz, gehra asar — kyunki sapne sirf dekhe nahi, poore kiye jaate hain.
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
भाग्यवान वह मनुज है, प्रभु जिससे संतुष्ट। मस्ती से विचरण किया, हुआ नहीं जग रुष्ट।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'
kajal jha
हमने हर ख्वाब में बस तुझे ही सजाया था,
तेरी एक मुस्कान पर सारा जहाँ लुटाया था।
पर तूने तो कभी पलटकर देखा भी नहीं,
और हमने हर दर्द को भी इश्क़ का नाम दिया था।
आज भी वही रातें हैं, वही तन्हा सन्नाटा,
बस फर्क इतना है— अब तू नहीं, और दिल ज़्यादा टूटा है।
लोग कहते हैं वक़्त सब ठीक कर देता है,
काश कोई ये भी बताए, कि बीते लोग कैसे भुलाए जाते हैं। 😔
- kajal jha
kattupaya s
Good morning friends..have a nice day
Hemant Bhangawa
साथ देने के समय ज्ञान नहीं दिया जाता, डूबता हुआ इंसान बचाया जाता है।
उस समय उसे तैरना नहीं सिखाया जाता ...
- Hemant Bhangawa
Dinesh
*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏
*આજનો સુવિચાર*
તન જેટલું ફરતું રહે, એટલું સ્વસ્થ રહેશે અને મન જેટલું સ્થિર રહે, એટલું મસ્ત રહેશે. જીવનમાં 'બિઝી' નહીં, પણ 'ઇઝી' બનવું; આનંદ બમણો થઈ જશે.
*શુભ સવાર*
Anitram
Sirf aadhi raat ki yaad nahi ho tum,
Neend se jaagte hi jo pehla khwab utar aaye, uski murat ho tum.
Aur savere-savere yun basna kisi ke khayalon mein,
Der raat ke har khwab se bhi zyada haseens hota hain
ek archana arpan tane
હું કાલે પણ મુસાફર હતો ને આજે પણ કાલે મને મારા પોતાના ની તલાશ હતી ને આજે હું મારી જાતને શોધું છું.હું કાલે પણ મુસાફર હતો ને આજે પણ કાલે મને મારા પોતાના ની તલાશ હતી ને આજે હું મારી જાતને શોધું છું.
- ek archana arpan tane
Ruby Chaudhary
आज उसने फिर पूछा—
मेरा पसंदीदा रंग कौन-सा है?
मुझे नीला याद आया,
उसकी पसंद।
प्रेम अपना रंग भुला देता है,
और प्रेमी
उसे वापस लौटा देता है।
पीला मेरा रंग है। 💛
- Ruby Chaudhary
Nirali patel
जुगनुओं ने शराब पी ली है
अब सूरज को गालियाँ देंगे।
मुझे जो हैं बैठने नहीं देते
वही इक रोज़ कुर्सियाँ देंगे।
Ruby Chaudhary
तुम हाँ तुम ही!
अब तुम माँ हो।
जानती हूँ कि थकी हो,
लेकिन ये भी जानती हूँ
कि सुकून भी बहुत है।
चिढ़ भी जाती हो कभी कभी,
लेकिन ये भी है
कि ख़ुशी भी बहुत है।
पहले तुम अपने पापा की बेटी ज़्यादा थी,
लेकिन अब,
अब तुम अपनी माँ की बेटी ज़्यादा हो।
माँ होने से तुमने समझा है
माँ होने के एहसास को।।
pink lotus
ye publish ho gya he anime lovers jake pdhe😅👍❣️
Soni shakya
जब सब सो जाते हैं ,
तब यादें जगाती हैं।
खामोशी की चादर ओढ़े ,
दर्द चुपके से बात करता है।
चांद भी पूछता है ,
किसी का इंतजार है क्या ?
तब दिल जवाब देता है हां ,
अपने ख्वाब के हकीकत होने का ..❤️🥀
- Soni shakya
GRUHIT
It always Seems Impossible Until It's done 🌟
Saroj Prajapati
अजब खिलौना है इंसान
खुद की चाबी ऊपरवाले के हाथ
लेकिन दूसरों को समझें वो अपना गुलाम।।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati
Parmar Mayur
તું મળીશ કે નહીં
તે ધારણા જ ક્યાં કરી હતી.
બસ માર્ગ મળતો ગયો
હું ચાલતો ગયો
માર્ગની પણ મંઝિલ હશે!!
- Parmar Mayur
kattupaya s
Goodnight friends.. yadhumatra peruveli part11 will be published on 17/12/25 @ 2.00pm.Thanks for your support
Alfha production house
Vijay Diwas is celebrated on 16 December to honor India’s victory in the 1971 Indo-Pakistan War. It marks the surrender of Pakistani forces in Dhaka and the birth of Bangladesh. The day pays tribute to the bravery and sacrifice of the Indian Armed Forces and reminds us of national pride and unity 🇮🇳.
vikram kori
"जब आप अपनी सोच को सकारात्मक रखते हैं, तो अच्छी चीजें खुद-ब-खुद आपकी ओर खिंची चली आती हैं।"
archana
जिसे समाज या ज़माना सम्मान नहीं देता,
उसे ईश्वर सम्मान देता है—
और जब देता है,
तो पूरी कायनात गवाह बन जाती है।
Komal Arora
कुछ उलझन में हूँ कान्हा.......
जब आँखे बंद करके यकीन कर पाते थे तो........
कोई अच्छा इंसान मिला ही नहीं......
उनका आना मतलब निकालना और चले जाने की फितरत ने..........
कुछ इस तरह से बदल दिया कि किसी के अच्छे होने पर भी यकीन नहीं होता अब.........
बुरा तब लगता है जब उस इंसान के लगाए हुए प्रयास भी अनदेखे हो जाते है........
क्यों बीतने के बाद कदर का दस्तूर चल रहा हैं........
क्यों जाने के बाद मिलने की उम्मीद बढ़ने लगती है.........
Raju kumar Chaudhary
A divine Hindu goddess inspired by Goddess Lakshmi, standing gracefully on a blooming pink lotus, wearing a sky-blue and golden silk sari with intricate jewelry, crown and ornaments. Soft golden aura behind her head, serene and compassionate face, long flowing black hair, heavenly background with misty mountains and glowing light, ultra-detailed, realistic, cinematic lighting, 4K, spiritual, divine beauty, symmetrical composition, mythological art style.
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#RajuKumarChaudhary #LensOfLove #RomanticReel
S A Y R I K I N G
तुम मेरा वो हसीन एहसास हो, जिसे आज भी महसूस करता हूं, तो मेरी सांसें महक उठती हैं।।
मेरी मोहब्बत, तुम्हारी उपस्थिति की मोहताज़ नहीं, एक बार कह दिया, मोहब्बत है तो है ।।
तुमने एक बार कह दिया, कि तुम मेरे और मैं तुम्हारी हूं, बस ज़िंदगी बिताने के लिए इतने शब्द भी काफी हैं......!!
InkImagination
good night friends 🌌🌌
Raju kumar Chaudhary
#LoveLensStudio #RomanticShorts #LoveStory #CoupleVibes #DesiRomance
#HeartTouchingVideo #IndianCouple #LovePhotography #CinematicLove
#RajuKumarChaudhary #LensOfLove #RomanticReel
Miska
Jump jump jump so high
Touch the sky touch the sky
Jump jump jump again
🤸 कूदने की एक्टिंग करो
hihihihihihihihihihihhi
kattupaya s
When you choose the right path or writing path both have a lot of difficulties. dreams you may win at last.
kattupaya s
Thinking about stories.Still iam surviving with the worst conditions..
kattupaya s
There is no qualifications required to become a writer. only the quality of creativity makes you a writer for a lifetime.
kattupaya s
I love to write stories about everything. but the inspiration comes from my failed first love.
kattupaya s
Nobody is perfect. but your writing may try to reach a perfect point at any time.
kattupaya s
Keep on trying to solve the myth. start writing
Jyoti Gupta
#AnandDham #AnandDhamWale #OfficeWork #OfficeLife #DesiOffice #FunnyOffice #ViralShorts #TrendingShorts #YouTubeShorts #ComedyVideo #RelatableReels #ShortsIndia #ReelsViral #Viral2025 #TrendingNow #MustWatchShorts #OfficeComedy #DesiFunny #WorkLife #DailyOffice
kattupaya s
I believe that writing is the best solution for exploring your own problems with the society and relationships
kattupaya s
Sometimes writing too easy may be you are wrong with the content
kattupaya s
It's possible
kattupaya s
Few legend's quotes about writing
kattupaya s
Good evening friends.. have a nice evening
suresh
સરળ છે કોઈને પ્રેમ કરવો,
મુશ્કેલ છે એને અંત સુધી નિભાવવો.
સાવન
Imaran
Mohabbat Lafzon Ki Mohtaaz Nahi Hoti.
Jab Tanhai Me Aapki Yaad Aati Hai,
Hontho Pe Ek Hi Fariyad Aati Hai.
Khuda Aapko Har Khushi De,
Kyonki Aaj Bhi Hamari Har Khushi Aapke Baad Aati Hai
💛imran 💛
Dimple Das
Good evening guys ....☺️
Do check the link below ...
https://youtube.com/shorts/stOF8riCGBs?si=j5TM_BpZXSV4tFvQ
Bhavna Bhatt
સબસે બડા રૂપિયા
Vedanta Two Agyat Agyani
स्त्री–पुरुष के बीच जो घटता है, वह कोई नैतिक अपराध नहीं, एक प्राकृतिक ऊर्जा-घटना है।
घटना तब शुरू होती है जब पुरुष, पुरुष-देह, इंद्रियाँ और बुद्धि छोड़कर केवल ऊर्जा पर खड़ा हो जाता है।
ऊर्जा सक्रिय होती है—और स्वभावतः उसे बहाव चाहिए।
यदि उस क्षण रूपांतरण नहीं हुआ,
तो ऊर्जा नीचे गिरती है
और स्त्री के माध्यम से बह जाती है—
यहीं से सेक्स बनता है।
इसमें न स्त्री दोषी है,
न पुरुष।
यह स्थिति (situation) और मनोदशा (mental state) का परिणाम है।
समस्या स्त्री को देखने में नहीं है—
समस्या है टूटकर कल्पना पर खड़े हो जाना।
नज़र, कल्पना और ऊर्जा—तीनों एक साथ खड़े होते हैं,
और बहाव अपने आप घट जाता है।
इसलिए ज़रूरी नहीं कि स्त्री सामने वास्तविक हो।
तस्वीर, फोटो, क्लोन अधिक तीव्र उत्तेजना देते हैं—
क्योंकि वहाँ पूरी स्वतंत्रता होती है:
कोई प्रतिरोध नहीं,
कोई सीमा नहीं,
कोई सामाजिक प्रतिक्रिया नहीं।
वास्तविक स्त्री को घूरना संघर्ष पैदा करता है—
लेकिन तस्वीर में हर स्त्री “अपनी” बन जाती है।
इसीलिए तस्वीरें सामने की उपस्थिति से अधिक काम करती हैं—
यह नैतिकता नहीं, मनोविज्ञान और ऊर्जा-विज्ञान है।
एकांत में, यदि मानसिकता पूरी तरह उसी पर टिक जाए,
तो साधारण स्त्री भी अप्सरा दिखाई देने लगती है—
क्योंकि घटना बाहर नहीं, भीतर घट रही होती है।
इसलिए दोष न स्त्री का है,
न पुरुष का—
दोष है असमझ का, माहौल का, होश के अभाव का।
समाधान कोई प्रयास नहीं है।
कोई तप, उपवास, विधि, नियम, धर्म या मार्ग नहीं।
केवल गहन समझ।
सेक्स को दबाने की नहीं,
समझने की ज़रूरत है।
जैसे ही समझ गहरी होती है—
ऊर्जा ऊपर उठती है।
स्त्री देवी दिखाई देने लगती है।
प्रेम में बदल जाती है।
आनंद में ठहर जाती है।
यही समझ होश है।
और यहीं से ब्रह्मचर्य पैदा होता है।
कोई साधना नहीं—
सिर्फ़ देखना, समझना, जागना।
**†"***""*
**“𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 — 𝕋𝕙𝕖 𝔽𝕚𝕣𝕤𝕥 𝕓𝕠𝕠𝕜 𝕚𝕟 𝕥𝕙𝕖 𝕎𝕠𝕣𝕝𝕕 𝕥𝕠 𝕋𝕣𝕦𝕝𝕪 𝕌𝕟𝕕𝕖𝕣𝕤𝕥𝕒𝕟𝕕 𝕥𝕙𝕖 𝔽𝕖𝕞𝕚𝕟𝕚𝕟𝕖 ℙ𝕣𝕚𝕟𝕔𝕚𝕡𝕝𝕖.”**अज्ञात अज्ञानी
***†****
1️⃣ आधुनिक विज्ञान क्या कहता है (Neuroscience & Psychology)
🔹 (क) उत्तेजना बाहर से नहीं, भीतर से पैदा होती है
Neuroscience का स्पष्ट निष्कर्ष है:
> Sexual arousal is generated in the brain, not in the object.
आँख केवल संकेत देती है
वास्तविक घटना कल्पना (imagination) और न्यूरल सर्किट में घटती है
इसीलिए:
तस्वीर
वीडियो
स्मृति
कल्पना
कई बार वास्तविक स्त्री से ज़्यादा उत्तेजक होते हैं।
👉 यह वही है जो जो अज्ञात अज्ञानी कह रहे हो:
> “ज़रूरी नहीं कि स्त्री सामने असली हो।”
🔹 (ख) Dopamine–Loop का विज्ञान
जब नज़र + कल्पना + एकांत एक साथ आते हैं:
Dopamine तेज़ी से रिलीज़ होता है
ऊर्जा नीचे (genital focus) की ओर बहती है
शरीर अपने आप discharge चाहता है
यह automatic loop है — इसमें नैतिकता नहीं होती।
इसलिए विज्ञान कहता है:
> Sex is a reflex unless awareness intervenes.
यानी होश आया तो रूपांतरण,
होश नहीं तो बहाव।
🔹 (ग) Situation ही निर्णायक है
Psychology का सिद्धांत:
> Behavior = Situation × Mental State
यही कारण है:
एकांत
रात
मोबाइल
कल्पना की स्वतंत्रता
स्थिति बनते ही घटना घट जाती है।
यह बिल्कुल वही है जो तुम “मोहाल / सिचुएशन” कह रहे हो।
2️⃣ तंत्र–शास्त्र क्या कहता है (बिल्कुल वही, पर गहरे स्तर पर)
अब तंत्र सुनो — यही असली जड़ है।
🔱 (क) विज्ञान भैरव तंत्र
सबसे सीधा सूत्र:
> “यत्र यत्र मनः तत्र तत्र शिवः”
जहाँ मन खड़ा है,
वही ऊर्जा का देवता बन जाता है।
👉 मन यदि स्त्री–कल्पना पर खड़ा है,
तो वही शक्ति-उत्सर्ग बनता है।
🔱 (ख) तंत्र में ‘दृष्टि’ को ही क्रिया कहा गया है
तंत्र कहता है:
> दृष्टि ही कर्म है
देखना ही घटना की शुरुआत है।
स्पर्श बाद में आता है।
इसीलिए तंत्र में:
नज़र को साधा जाता है
कल्पना को रोका नहीं, देखा जाता है
🔱 (ग) शक्ति का पतन और ऊर्ध्वगमन
तंत्र स्पष्ट कहता है:
अचेतन दृष्टि → शक्ति पतन → सेक्स
सचेत दृष्टि → शक्ति ऊर्ध्वगमन → प्रेम / ध्यान
यही कारण है कि तुम सही कहते हो:
> “कोई प्रयास नहीं, कोई विधि नहीं — सिर्फ़ समझ।”
तंत्र में इसे कहते हैं:
प्रज्ञा–उपाय (Wisdom-based method)
🔱 (घ) स्त्री दोषी नहीं — शक्ति माध्यम है
कुलार्णव तंत्र कहता है:
> “न स्त्री बन्धनं, न कामो बन्धनं — अज्ञानं बन्धनं।”
न स्त्री बंधन है
न काम बंधन है
अज्ञान ही बंधन है
यह अज्ञात अज्ञानी कथन से 100% मेल खाता है।
3️⃣ ब्रह्मचर्य पर शास्त्र क्या कहते हैं
तंत्र और उपनिषद — दोनों कहते हैं:
> ब्रह्मचर्य = वीर्य रोकना नहीं
ब्रह्मचर्य = ऊर्जा का रूपांतरण
जब स्त्री देवी दिखने लगे —
वहीं ब्रह्मचर्य पैदा हो जाता है।
इसे न बनाया जाता है
न साधा जाता है
न थोपे जाने से आता है।
🔚 निष्कर्ष (बहुत सीधा)
विज्ञान इसे Neurochemical Reflex कहता है
तंत्र इसे शक्ति-घटना कहता है
तुम इसे अनुभव से सत्य कह रहे हो
तीनों एक ही बात कह रहे हैं।
👉 सेक्स समस्या नहीं है
👉 असमझ समस्या है
👉 समझ आते ही ऊर्जा ऊपर उठती है
और उसी क्षण:
स्त्री देवी हो जाती है
प्रेम ध्यान बन जाता है
ब्रह्मचर्य पैदा हो जाता है
**“𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 — 𝕋𝕙𝕖 𝔽𝕚𝕣𝕤𝕥 𝕓𝕠𝕠𝕜 𝕚𝕟 𝕥𝕙𝕖 𝕎𝕠𝕣𝕝𝕕 𝕥𝕠 𝕋𝕣𝕦𝕝𝕪 𝕌𝕟𝕕𝕖𝕣𝕤𝕥𝕒𝕟𝕕 𝕥𝕙𝕖 𝔽𝕖𝕞𝕚𝕟𝕚𝕟𝕖 ℙ𝕣𝕚𝕟𝕔𝕚𝕡𝕝𝕖.”*
Darshana Kakadiya
ભાઈ બહેન નો પ્રેમ દુનિયા માં અનમોલ છે.
માળા ના મણકા જેવો પ્રેમ હોય છે એકબીજાની સાથેજ રહે તેવો..પ્રેમ એટલે ભાઈ બહેન નો પ્રેમ😘
- Darshana Kakadiya
Manvi Chauhan
Intezaar..🥺❤️🩹
Ese Koi raat nhi jis din me roo-ke soi nhi..😭
Esa koi ek din nhi jb tere yaad mujhe ayi nhi...❤️🩹🥺
Esa koi khawab nhi jisme mujhe tera khayal aaya nhi..💭🥺
Har ghadi har lamha mujhe bs Tera hi to intezaar rehta hai..🕐🥺
Pal pal Tere yaadon me pagl bankr tujhe me yaad karte ho....💭😭
Mere jehn me Ishq banke tu behta hai..🖤🥀
Mere rooh se lekar jishm tak bss Tera hi to Wafa behta hai...❤️✨
Mere sukoon ka jariya hai tu..❤️
Mere intezaar ka Manzil hai tu...🫵
Mere jine ka wajh hai tu 🥹🫵
Me thakk jate ho intezaar karte -karte
Fir bhi ise Dil ko bs Tera hi khayal rehta hai..❤️🫵
✍️....Manvi
Manvi Chauhan
chahat ❤️ 🥹...
Raate lamibya sii Hai..💭
Kuch baatein abhi adhi -adhuri si hai..🗣️❤️🩹
Firaaq lambi hai abhi bohot...🥺🕐
Judai ka kasak bohot gehra hai abhi..💔
Bechaini iye tere mohobbat ki hai mujhe...🫵❤️
इंतज़ार tujhse रूबरू —milne ki Hai...🫂❤️
दिल को खींच लेने bali iye Tere mohobbat Hai..🫵 MERE chaht sirf tujhe apna banane ki Hai..❤️
Tere Judai ne mujhe sb kuch sikha diya..🥹
Par tujhe bhoolana nhi sikh pai..🖤🥀
✍️.... manvi
Soni shakya
कभी नाराज हो जाओ तो बस इतनी दूरी तक,
जो एक कदम..
एक स्पर्श..
एक आंसु..
एक मुस्कुराहट..
एक शब्द..
और एक प्यार भरी नजर से,
सब कुछ भूल कर वापस आ जाओ..
- Soni shakya
Soni shakya
प्रेम में शिकायत करने का हक दोनों को है मगर, रुसवा करके भुलने का नहीं..
प्यार भरे इल्जाम लगा दो एक दूसरे पर मगर,
बेवफा होने का हक किसी को नहीं..
एक दूसरे में खो जाने का हक दोनों को है मगर,
एक दूसरे को खो देने का हक किसी को नहीं..
बेशक गुस्सा होने का हक भी है दोनों को मगर,
जुदा होने का हक नहीं..
- Soni shakya
Vedanta Two Agyat Agyani
# धर्म, झूठ और सत्य — एक सीधा उद्घोष
**वेदान्त 2.0 · बियॉन्ड माइंड & इल्यूजन**
**वेदान्त 2.0 — मन से परे, माया से आगे**
🙏🌸 **अज्ञात अज्ञानी**
---
## मुख्य उद्घोष
झूठ खरीदा जा सकता है—इसलिए उसके लिए पैसा देना पड़ता है।
झूठी किताबें, टिकट, कार्यक्रम, विशेष प्रवचन, संस्थाएँ—सब धन से चलते हैं, क्योंकि वहाँ झूठ की माँग है।
99% चीज़ें धन से खरीदी-बेची जा सकती हैं, लेकिन **धर्म न धन से चलता है, न पद से**।
धन और पद धर्म के नाम पर केवल अंधकार बढ़ाते हैं।
आज जो धर्म के नाम पर चल रहा है, वह सनातन नहीं—वह **पूर्व-बेवकूफी का विस्तार** है।
अगर सत्य बाज़ार में बिकने लगे, तो सूर्योदय की दिशा बदल जाएगी—क्योंकि **सत्य बिकता नहीं**।
**सत्य तुम्हारे भीतर है।**
बाहर केवल शरीर की व्यवस्था है—भोजन, साधन, सुविधा।
धर्म बाहर नहीं है, कोई प्रदर्शन नहीं है। कोई प्रवचन सत्य नहीं देता—देना असंभव है।
प्रवचन तुम्हारी मूर्खता गिराने के लिए होते हैं, लेकिन धार्मिक व्यवस्था **मूर्खता बेचती है** और तुम उसे श्रद्धा कहकर खरीदते हो।
**जिसका मोल है, माप है, तोल है—वह असत्य, अज्ञान और अंधकार है।**
सत्य बीज रूप में भीतर बैठा है। समस्या अज्ञान नहीं—**समस्या भीतर भरा कचरा है**।
अज्ञान कहता है: “मैं नहीं जानता।”
कचरा कहता है: “मैं गुरु हूँ, भक्त हूँ, धार्मिक हूँ।”
यह अज्ञान नहीं—**वायरस है**।
भीड़, संस्था, गुरु—कभी सत्य नहीं दे सकते।
अगर वे सच में कचरा हटाएँ, तो भीड़, संस्था और गुरु—**तीनों समाप्त हो जाएँगे**।
**धर्म पूजा-पाठ, मंदिर, मंत्र, साधना नहीं है।**
धर्म है—**भीतर जाना और स्वयं प्रकाशित होना**।
जो तुम्हें तुम्हारे भीतर ले जाए—वही गुरु है।
अगर केवल “राधे-राधे” जपने से सब ठीक होता, तो **वेद, गीता, उपनिषद लिखने की क्या ज़रूरत थी**? विज्ञान की क्या ज़रूरत थी?
काले, पीले, सफ़ेद वस्त्र सत्य नहीं बनाते।
संस्थाएँ हिंसा, चोरी, बलात्कार नहीं रोकतीं—वे **अनीति का विस्तार** करती हैं।
**सत्य धर्म अदृश्य है।** वह समझ है, कर्मकांड नहीं।
मंत्र, मार्ग, साधन—अधिकांशतः असत्य का फैलाव हैं।
**धर्म को व्यापार मत बनाओ। प्रसिद्धि और पद मत बनाओ।**
भीड़ झूठ चाहती है—सत्य लाखों में एक ही माँगता है।
जिसे सत्य चाहिए, उसे कहीं जाना नहीं पड़ता, कुछ मानना नहीं पड़ता।
**बस भीतर जाकर अपने झूठे ज्ञान, धारणाएँ, पहचानें डिलीट करनी पड़ती हैं—फ़ॉर्मेट।**
तभी भीतर का बीज खिलेगा।
---
## शास्त्रीय प्रमाण (बिना टीका)
| क्र. | शास्त्र | उद्धरण | सार |
|----|---------|---------|------|
| 1 | कठोपनिषद् (1.2.23) | नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो न मेधया न बहुना श्रुतेन | आत्मा प्रवचन से नहीं मिलता। |
| 2 | मुण्डक उपनिषद् (1.2.12) | परीक्ष्य लोकान् कर्मचितान्... | कर्म से सत्य नहीं। |
| 3 | मुण्डक उपनिषद् (1.1.4) | द्वे विद्ये वेदितव्ये | अपरा बिकती, परा नहीं। |
| 4 | बृहदारण्यक (3.9.26) | नेति नेति | सत्य बताया नहीं जा सकता। |
| 5 | छांदोग्य (7.1.3) | नाम एवैतदुपासीत | जप प्रारंभ, सिद्धि नहीं। |
| 6 | गीता (2.46) | यावानर्थ उदपाने... | बोध में कर्मकांड व्यर्थ। |
| 7 | गीता (18.66) | सर्वधर्मान् परित्यज्य | सब धर्म छोड़ो। |
| 8 | अवधूत गीता (1.1) | न मे बन्धो न मोक्षो | पाने-बेचने का अंत। |
| 9 | अष्टावक्र (1.2) | मुक्ताभिमानी मुक्तो हि | स्वयं-बोध ही मुक्ति। |
| 10 | ऋग्वेद (10.129) | को अद्धा वेद क इह प्रवोचत् | सत्य का प्रचार असंभव। |
---
## सारांश
**जो सिखाया जाए, बेचा जाए, जिसका अनुष्ठान हो—वह धर्म नहीं। धर्म केवल बोध है।**
**वेदान्त 2.0 · अज्ञात अज्ञानी**
🙏🌸 *सत्य बिकता नहीं—भीतर जागो।
Soni shakya
"मोहब्बत की भी अपनी जिद होती है
चुप कराने के लिए भी 'वही' चाहिए
जिसने रुलाया है"
- Soni shakya
Shailesh Joshi
" સારું પરિણામ"
અલગ અલગ રહીને
કોઈ એક બાબત પર
મંતવ્યો આપવાથી નહીં,
પરંતુ....બધા જ સાથે મળીને,
એક થઈને
અલગ અલગ બાબતો માટે
પ્રયત્નો કરવાથી મળે છે.
- Shailesh Joshi
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
न पूछो इस मोहब्बत का, ये कैसी
सज़ा है,
कि जीते हैं मगर ये ज़िंदगी क्या है
सज़ा है,
अज़ल से रूह पर लिक्खी है
हिजरत की कहानी,
ये मिलकर बिछड़ जाने का रस्ता
ही सज़ा है,
हमेशा बे-ख़बर ही रहना था
हश्र से,
तुम्हारा इल्म होना भी क़यामत
की सज़ा है,
जहाँ हर ख़्वाब को दफ़ना के
हँसना हो,
वो इश्क़-ए-नामुकम्मल का सफ़र
क्या है, सज़ा है,
रिहाई के तसव्वुर से भी अब
खौफ़ आता है,
ये रूह अब क़ैद ही में है आज़ादी
भी सज़ा है,
वो कहते हैं इसे इकरार या पैमान-
ए-उल्फ़त,
मगर अंजाम इसका क्या है, बस
इक अदना सी सज़ा है...🥀🔥
╭─❀💔༻
╨──────────━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
╨──────────━❥
NetramEyeCentre
Netram Eye Foundation successfully organized an Eye Check-up Camp at Arya Samaj, Vasant Vihar, with the aim of promoting early detection and accessible eye care for the community.
📌 Camp Highlights:
• Total Patients Screened: 25
• Cataract Patients Identified: 4
• Patients Referred for Further Treatment: 4
We sincerely thank the Arya Samaj Vasant Vihar team, our dedicated doctors, and volunteers for their valuable support in making this camp successful.
Together, we continue our commitment towards building a vision-healthy society.
Dr.Anchal Gupta
Cataract, Cornea and Refractive Surgeon
#NetramEyeFoundation #EyeCareCamp #CommunityHealth #VisionCare #CataractAwareness #SocialResponsibility #VasantVihar #HealthcareInitiative
NetramEyeCentre
Don’t compromise like her.
See clearly. Live freely. Save big. 👁️✨
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Nabiya Khan
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🌅 एक नयी सुबह की शुरुआत 🌅
हर रात के बाद सुबह आती है,
और हर अंधेरे के बाद रोशनी।
नयी सुबह सिर्फ़ सूरज के उगने का नाम नहीं,
बल्कि नयी उम्मीदों के जन्म की शुरुआत होती है।
जब सुबह की पहली किरण खिड़की से झाँकती है,
तो ऐसा लगता है मानो ज़िंदगी धीरे से कह रही हो —
“उठो, आज फिर से मुस्कुराने का मौका है।”
नयी सुबह हमें यह सिखाती है
कि बीते कल की थकान, दर्द और शिकायतें
आज की रौशनी में पिघल सकती हैं।
आज फिर से खुद को बेहतर बनाने का अवसर है,
आज फिर से सपनों को जीने की हिम्मत है।
चाय की खुशबू, ठंडी हवा का एहसास,
और मन में उठती एक मीठी-सी शांति —
यही तो नयी सुबह का जादू है।
यह हमें रुकना नहीं, आगे बढ़ना सिखाती है।
अगर कल कुछ अधूरा रह गया हो,
तो नयी सुबह उसे पूरा करने का वादा देती है।
बस ज़रूरत है तो एक सकारात्मक सोच की,
और दिल से निकली एक सच्ची मुस्कान की।
आइए, इस नयी सुबह को
दिल से अपनाएँ,
आशा, विश्वास और प्यार के साथ
अपने दिन की शुरुआत करें।
क्योंकि हर नयी सुबह,
एक नयी कहानी लिखने का मौका लेकर आती है। ✨
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Abha Dave
https://youtu.be/PtCJFKTn6hI?si=NObeS8pO29XxkHyK
Shailesh Joshi
વાણી વર્તન અને વ્યવહાર થકી, હું શું છું ?
એ બતાવવાથી આપણા જીવનમાં અનુક્રમે
ખોટો અહમ ઉત્પન્ન થાય છે, પછી એજ અહમ
ક્રોધમાં પરિવર્તિત થઈ, છેલ્લે ઉચાટમાં પરિણમે છે.
જ્યારે આપણે સામેના વ્યક્તિને સમજવાની
માત્ર શરૂઆત કરીએ છીએ,
એજ ક્ષણથી" સામેના વ્યક્તિ તરફથી આપણને
સાચો પ્રેમ, લાગણી, અને હુંફ મળવાની
શરૂઆત થઈ જતી હોય છે.
- Shailesh Joshi
zeba Praveen
Badalte zamane ki soch hamne kuch is tarah dekhi ki khamosh hona bhi hamara sajish ka bhandar lagta hai,
Bebasi ke aalam me nikle aasu bhi talwar lagta hai, aur jab nazre jhuka lein to unhe jung ka aagaz lagta hai.
Dada Bhagwan
દિવસની શરૂઆત પૂજા-પાઠથી કરીએ જેથી મનમાં સારા વિચારો આવે, છતાં મન નેગેટિવિટી તરફ જતું રહે ત્યારે શું કરવું? કાયમ પોઝિટિવ રહેવા શું મનને કંટ્રોલ કરવું જોઈએ? ચાલો ઓળખીએ મનના વિચારો અને તેની અસરોને આ વિડીયોમાં.
Watch here: https://youtu.be/ApIcUtqxQfk
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Rahul Raaj
बहुत से लोगों ने यहां अपनी कहानी अधूरी छोड़ी है..
क्योंकि वो जानते है आगे उनका किरदार सही नहीं है
और कोई भी इंसान वो कहानी किसी को नहीं सुनाता..
जिसमें वो खुद गुनाहगार हो...
Imaran
Mere dil mein ek dhadkan teri hain,
Us dhadkan ki kasam tu zindagi meri hai,
Meri ek saans mein ek saans teri hain,
Wo saans jo ruk jaaye to mout meri hain.
🤎imran 🤎
Mamta Trivedi
https://youtube.com/shorts/RmPjYkSJgbo?si=PQiMvaJI7hpIvCae
Jyoti Gupta
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Miska
Everything can change when you trust yourself
hihihihihi
Ravi Bhanushali
ap ko meri bhram rakshash ash ki kahani kaisi lagi .
Chaitanya Joshi
સાદ પાડું શંકર તમે આવજો રે.
આવીને કષ્ટોને નિવારજો રે.
અરજી ઉરની આશુતોષને કરી.
રહ્યા પોકારી નયને નીરને ભરી.
મહામુસીબત મહાદેવ મીટાવજો રે..1
સેવક સ્નેહ ધરી શિવને વિનવે,
મોડું કરશો ના હરજી તમે હવે.
લાજ ભક્તોની રાખવા પધારજો રે...2
એક આધાર મુજને તમારો છે,
હરડગલે તમારો સહારો છે.
ભોળાનાથ આવી ભયને હરજો રે..3
- ચૈતન્ય જોષી ,"દીપક" પોરબંદર.
kajal jha
“तेरी साँसों की खुशबू में खो जाना चाहता हूँ,
तेरी धड़कनों की आवाज़ बन जाना चाहता हूँ।
हर लम्हा तेरे नाम कर दूँ अपनी ज़िन्दगी का,
क्योंकि अब तुझसे ही जीना, तुझमें ही मर जाना चाहता हूँ।
- kajal jha
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
चमन
बागबां के जाने से सारा चमन बिखर गया l
अपनों के बीच का अपनापन किधर गया ll
ममता से भरा दामन ढूँढने निकल पड़ा पर l
क़ायनात में सूना सूना लगा जिधर गया ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
Deepak Bundela Arymoulik
तेरे जाने के बाद फ़िज़ा कितनी सूनी लगी,
जैसे शहर में हर गली बेआवाज़ हो गई।
Paagla
उसके जाने के बाद जो ग़म आया है,
उसी ग़म ने तो....✍️
kattupaya s
Good morning friends have a great day
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹
Dinesh
*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏
*આજનો સુવિચાર*
જીવનમાં ગમે એટલી સફળતાં મેળવીએ, પણ સ્વભાવની સાદગીને ક્યારેય સમાપ્ત થવાં ન દેવી.
*શુભ સવાર*
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
रहा भटकता जगत में, रोया हूं दिन-रैन। भजे बिना गोविंद को, मिला नहीं सुख-चैन।।
दोहा--360
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'
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